भारत जैसे बढ़ती आबादी वाले देश में जीवन बीमा को उतना महत्त्व नहीं दिया जाता, जितना दिया जाना चाहिए. जबकि जीवन बीमा सिर्फ आप के पैसों को ही सुरक्षा प्रदान नहीं करता, बल्कि आप का भविष्य भी सुरक्षित करता है.

आज आमदनी के नए स्रोत की आवश्यकता है. यही वजह है कि सरकारी और निजी कंपनियों ने इस ओर दिलचस्पी दिखाई है. फलस्वरूप आज बैंकों की करीब 90 हजार शाखाएं भारत में हैं, जिन में से 15 से 20% बीमा का व्यवसाय भी कर रही हैं. इसलिए बैंक बीमा पौलिसी का सरल माध्यम बन गए हैं. समझना यह है कि आप अपने बैंक से बीमा पौलिसी कैसे लें :

हर बैंक का बीमा अधिकारी ग्राहक को पूरी जानकारी के साथ सभी कागजात व फार्म भी उपलब्ध करवाता है. बीमा राशि अधिक होने पर बैंक अधिकारी बीमा कंपनी की सहायता से मैडिकल परीक्षण का भी प्रबंध करवाता है. ग्राहकों का बैंक के साथ लंबा संबंध रहता है. सभी सहकारी क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के कई बड़े बैंक भी इंश्योरैंस का काम कर रहे हैं. बस, समझना यह है कि आप बैंक से बीमा कैसे लें. आईआरडीए के अनुसार बैंक की शाखाओं में एक बीमा अधिकारी होता है, जिसे ‘स्पेसिफइडपर्सन’ भी कहते हैं. वह व्यक्ति बैंक की शाखाओं में ग्राहक की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाता है. बीमा कराने से पहले उस के सभी पहलुओं पर अच्छी तरह गौर कर लें.

अब जानिए एक खास पौलिसी के बारे में

रिवर्स मौडगेज

5 साल पहले रिवर्स मौडगेज स्कीम बैंकों द्वारा बाजार में लाई गई, लेकिन यह अधिक लोकप्रिय नहीं हो पाई. 3 साल पहले सैंट्रल बैंक औफ इंडिया के चेयरमैन और नैशनल हाउसिंग बैंक के चेयरमैन के साथ स्टार यूनियन दाईची लाइफ इंश्योरैंस के मैनेजिंग डायरैक्टर और सीईओ के. सहाय की बैठक हुई. इस बैठक में रिवर्स मौडगेज विषय पर चर्चा हुई.

के. सहाय ने सुझाव दिया कि रिवर्स मौडगेज लोन स्कीम को बीमा कंपनी के लाइफ एन्यूनिटी स्कीम के साथ जोड़ दिया जाए तो ग्राहकों के लिए यह अधिक आकर्षक होने के साथसाथ बैंक के द्वारा दिया गया पैसा सुरक्षित रहेगा. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए जनवरी 2009 में एक रिवर्स मौडगेज लोन एनेवल एन्वीटी प्लान को लौंच किया गया. इस के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं :

कोई भी व्यक्ति जिस के पास अच्छा मकान है, पर उस की बुढ़ापे में कोई नियमित आय नहीं है. वह इस मकान के मूल्यांकन के आधार पर नियमित मासिक आय प्राप्त कर सकता है.

रिवर्स मौडगेज लोन के तहत मकान का स्वामित्व आजीवन पति या पत्नी के पास रहता है. किसी भी स्थिति में वे मकान से बाहर नहीं होते.

एन्यूनिटी की रकम व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करती है. 60 साल की उम्र वाले व्यक्ति के मकान की कीमत अगर 50 लाख है जिस में से 30 लाख इंश्यारैंस कंपनी को मिला है, तो आज के हिसाब से उस रकम में से करीब 20 हजार रुपए प्रति महीने तक उस व्यक्ति को मिलते हैं. इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए स्टार यूनियन दाईची इंश्योरैंस कंपनी ने आसान शर्तें रखी हैं.

धन सुरक्षा प्लैटिनम

इस बारे में के. सहाय आगे कहते हैं कि यह सिंगल प्रीमियम पौलिसी है, जिस के अंतर्गत बीमा राशि पूरी तरह गारंटीड होती है. ग्राहक को इस पौलिसी को खरीदते समय पूरी सूचना लिखित रूप में दी जाती है. 1 लाख रुपए तक की रकम पर इनकम टैक्स की छूट है. 5 करोड़ तक का रिस्क इस में कवर किया जा सकता है. ये रिस्क फ्री है. अगर बीच में पैसे की आवश्यकता है तो सरेंडर करने की आवश्यकता नहीं पड़ती. लोन लेने की भी इस में व्यवस्था है.

फरवरी में स्टार यूनियन दाइची लाइफ इंश्योरैंस 3 साल पूरे करेगी, 3 साल में कपंनी ने साढ़े 3 लाख लोगों को बीमा पौलिसी बेची है. पिछले साल 933 करोड़ प्रीमियम हासिल कर कंपनी को इस साल 15 सौ करोड़ प्रीमियम प्राप्त करने की संभावना है. 34 साल से इस क्षेत्र में काम कर रहे के. सहाय का मानना है कि बीमा योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी कम है, इसलिए वे महिलाओं के लिए छोटे पैमानों पर एजेंसी चैनल बनाने वाले हैं.

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