रिश्ते में एक दूसरे की केयर करना, उसे जताना, पार्टनर के पास मौजूद न होने पर भी उसे महसूस करना आदि आपके प्यार को बढ़ाता है.लेकिन अगर ये केयर और प्यार जुनून बन जाए तो ये रिश्ते की खुशियों के लिए सबसे घातक स्थिति है.ओवरथिंकिंग भी ऐसा ही जुनून है.जो आपको आज में नहीं जीने देती.या तो आप अतीत के अंधेरे में घूमते रहते हैं या फिर आने वाले कल की चिंता में घुटते रहते हैं.ओवरथिंकिंग किसी भी रिश्ते को टॉक्सिक बना सकती है.यह आपको इतना इनसिक्योर बना देती है कि आप सही और गलत का अंतर ही नहीं कर पाते.इससे शक, शंका, संदेह पैदा होने लगते हैं और ये सभी मिलकर आपके रिश्ते को अंधेरे में धकेल देते हैं.शायद यही कारण है कि हमारे बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि अति हर बात की बुरी होती है.किसी भी शख्स या रिश्ते के बारे में ज्यादा सोचना आपके लिए हानिकारक हो सकती है.

आपके रिश्ते को ऐसे प्रभावित करती है ओवर थिंकिंग

कहते हैं गुजरा हुआ समय लौटकर नहीं आता.अगर आप भी अपने रिश्ते को लेकर ओवर थिंक कर रहे हैं तो याद रखिए आपका अच्छा समय निकल सकता है, जो फिर वापस लौटकर कभी नहीं आएगा.ओवरथिंकिंग आपके रिश्ते को खोखला कर सकती है.

1. बात कम, झगड़े ज्यादा : जब आप अपने रिश्ते को लेकर ओवरथिंक करने लगते हैं तो आप दिमाग में उसकी एक छवि बना लेते हैं.आप उसी के अनुसार सोचने लगते हैं.सामने वाले की हर बात आपको गलत लगने लगती है.या फिर आप उसका गलत अर्थ निकालने लगते हैं.पार्टनर की हर बात में आप नेगेटिव एंगल खोजने लगते हैं, जिससे रिश्ता कमजोर हो जाता है.

2. बढ़ती है टेंशन : जब आप लगातार बातों और घटनाओं को तोलने में लगते हैं तो ये टेंशन का कारण बन जाता है.यह आपको मेंटली और फिजिकली दोनों तरीकों से प्रभावित करता है.ऐसे में आप हमेशा चिड़चिड़े, उदास या गुस्से में रहने लगते हैं.ये सभी बातें आपके रिश्ते के लिए घातक हो जाती हैं.

3. बेवजह बात बढ़ाना : ये बात सही है कि किसी भी परेशानी या समस्या का हल निकाला जा सकता है, लेकिन हर वक्त सिर्फ उसी के बारे में सोचने से आप परेशान हो जाएंगे और सही हल भी नहीं खोज पाएंगे.जब आप किसी बात पर ओवरथिंक करते हैं तो मुख्य बात से भटक जाते हैं और उससे कनेक्ट दूसरी बातों के बारे में ज्यादा सोचने लगते हैं.ऐसे में समस्या वहीं की वहीं खड़ी रहती है.

4. अविश्वास : किसी भी रिश्ते या व्यक्ति के बारे में बहुत ज्यादा सोचने का मतलब है रिश्ते की नींव को कमजोर करना.ओवरथिंकिंग के कारण आप किसी पर पूरा विश्वास नहीं कर पाते.आप हर किसी को संदेह की नजरों से देखने लगते हैं.आप सही काम के पीछे भी गलत उद्देश्य को खोजने में जुट जाते हैं.पार्टनर अगर आपको कुछ गिफ्ट दे तो खुश होने की जगह उसके पीछे के कारण खोजना, आपके अविश्वास को दिखाता है.

5. खत्म हो जाता है अपनापन : ओवर थिंकिंग को अपनेपन का दुश्मन कह सकते हैं.जब आप हमेशा पार्टनर की हर बात और एक्शन को लेकर ओवरथिंक करेंगे तो आपस में अविश्वास पैदा होने लगता है.ऐसे में आप न ही फिजिकली साथ रह पाते हैं और न ही मेंटली.धीरे-धीरे रिश्ते में नजदीकियां, अपनापन, प्यार, सहानुभूति, खुशियां सब कम होने लगती हैं.क्योंकि इन सभी की जगह ओवर थिंकिंग के कारण संदेह और नेगेटिव विचार ले लेते हैं.ऐसे में रिश्ते की नाजुक डोर बोझिल होकर टूटने लगती है.

6. फैसला लेने में परेशानी : आपने देखा होगा कि कुछ लोग बहुत छोटे-छोटे फैसले भी बहुत ही मुश्किल से कर पाते हैं.ये ओवरथिंकिंग का नतीजा भी हो सकता है.ओवरथिंकर अक्सर आसानी से फैसले नहीं ले पाते.वे हमेशा इसी कन्फ्यूजन में रहते हैं कि हमने ऐसा किया तो क्या होगा.या फिर हमने ऐसा नहीं किया तो क्या होगा.इसी फेर में वे आज को ठीक से जी ही नहीं पाते।

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