जनवरी का महीना आते ही वेतनभोगी कर्मचारियों को इनकम टैक्स की चिंता होनी शुरू हो जाती है. औफिस वालों द्वारा भी कर्मचारियों से साल भर में किए गए निवेश का हिसाबकिताब मांगा जाता है. हिसाबकिताब का ब्योरा न देने पर औफिस वाले जनवरी, फरवरी, मार्च के महीनों में इनकम टैक्स काटना शुरू कर देते हैं. आइए जानें, अपना इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट करें:

सब से पहले यह जान लें कि आप की वेतन से प्राप्त होने वाली आय के अलावा अन्य स्रोतों से होने वाली कौनकौन सी आय इस में जुड़ेगी.

वेतन के अलावा किसी अन्य प्रोफेशन से होने वाली आय.

जमीनजायदाद से होने वाली आय.

शौर्ट टर्मकैपिटल गेन से होने वाली आय.

सेविंग बैंक अकाउंट से मिलने वाला ब्याज.

पोस्ट औफिस सेविंग्स स्कीमों, किसान विकास पत्र, एनएससी आदि से मिलने वाला ब्याज.

न जुड़ने वाली आय

पी.पी.एफ., ई.पी.एफ. पर मिला ब्याज.

पोस्ट औफिस में खुले सेविंग अकाउंट पर मिला ब्याज.

शेयर्स और म्यूचुअल फंड्स के बेचने से हुआ लौंग टर्म कैपिटल गेन.

नजदीकी रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट्स.

खेती से हुई आमदनी.

विरासत में मिली जायदाद (जायदाद से मिलने वाले किराए पर टैक्स लगेगा.)

इनकम टैक्स कैलकुलेट करने के लिए सब से पहले सभी स्रोतों से प्राप्त आमदनी की गणना करें. मान लीजिए आप का सालाना वेतन क्व 3 लाख है. क्व 8,640 प्रौविडेंट फंड कट गया. बाकी बचे क्व 2,91,360. सेविंग बैंक अकाउंट से आप को साल में क्व 1,160 ब्याज मिला, शेयर्स आदि पर शौर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ

4,200 और क्व 3,600 साल भर में आप को पोस्ट आफिस की मंथली सेविंग स्कीम से प्राप्त हुए. अब आप की आय हो गई क्व 2,91,360+

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