"जिस तरह बुरी आदतें हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं, उसी तरह कुछ बुरी आदतें हमारे मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं.  उदाहरण के लिए ये आदतें हमारे डिप्रेशन के खतरे को बढ़ा सकती हैं, या आपको ज्यादा चिंतित या तनावग्रस्त महसूस करा सकती हैं.  कहना है डॉ ज्योति कपूर, सीनियर साइकेट्रिस्ट एवं फाउंडर, मन:स्थली का.

यहां कुछ आदतें बताई गई हैं जिनसे हमें नए साल की शुरुआत करने से पहले छुटकारा पाने की जरूरत है.

1- खराब मुद्रा

जर्नल ऑफ बिहेवियर थेरेपी एंड एक्सपेरिमेंटल साइकियाट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सीधे बैठने से डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है.

 2- दोषी मानना

किसी भी चीज़ के लिए ख़ुद को ज़िम्मेदार मानना, किसी भी समस्या के पैदा होने या हल करने के लिए खुद को जिम्मेदार मानना, जिनका आपसे बहुत कम या कोई लेना-देना नहीं था, खुद को छोटे-मोटे अपराध करने के लिए एक बुरा व्यक्ति मानना, और खुद को माफ न करना आदि ऐसी आदतें हैं जो आपको मानसिक रूप से नुक़सान पहुंचा जा सकती है.

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 3- एक्सरसाइज की कमी

नियमित एक्सरसाइज से एंडोर्फिन और अन्य "फील गुड" केमिकल को रिलीज करके डिप्रेशन को कम कर सकते है, डिप्रेशन को बदतर करने वाले इम्यूनिटी सिस्टम के के केमिकल्स को दबा सकते है, और शरीर के तापमान को बढ़ाकर एक शांत प्रभाव पैदा कर सकते है जिससे दिमागी सन्तुलन बना रह सकता है.

4- बिना सोचे-समझे खाना -

चटपटा खाना कोई बुराई नहीं है लेकिन चिप्स से लेकर कुकीज तक कुछ भी इस तरह की चीज़ें खाना कर स्वास्थ्य समस्याओं का प्रमुख कारण है. अक्सर तनावपूर्ण स्थितियों में देखा जाता है कि जब हम टीवी देखते हुए या मोबाइल चलाते हुए खाते हैं तो हमें भूख-प्यास है या नही, इसको जानें बिना ही हम खाते हैं.  इसलिए सोच-समझकर खाएं ताकि खाने का हर टुकड़ा जायकेदार हो और स्वस्थ हो.

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