कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में फैलता जा रहा है. रोज कोरोना पीडि़तों और मृतकों की संख्या में हो रही वृद्धि ने डर का माहौल पैदा कर दिया है. औफिस बंद हो रहे हैं, स्कूलकालेज भी बंद हो गए हैं, पूरा परिवार घर में है. ऐसे में महिलाओं की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. उन्हें परिवार की सुरक्षा का खास खयाल रखना पड़ रहा है.

कैसे रखें बच्चों का खयाल

बच्चों को भरोसा दें: छोटे बच्चे अकसर चीजें छूतें हैं और खानेपीने की चीजें दूसरों से शेयर करते हैं. यानी वे संक्रमण फैलाने का बहुत बड़ा जरिया होते हैं. ऐसे में आप को अपने बच्चे को बताना होगा कि कोरोना क्या है और इस से बचने की जरूरत क्यों है. अपने बच्चों के साथ इस मुद्दे पर खुल कर बात करें. उन्हें जरूरी एहतियात बरतने को कहें.

कोरोना वायरस जैसे बड़े मसले पर बच्चों से बात कैसे करनी है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन की उम्र कितनी है. छोटे बच्चे खासतौर से 6-7 साल से कम उम्र के बच्चे इस तरह के विषयों पर बात नहीं करना चाहते. ध्यान से बात नहीं सुनते. उन्हें प्यार से गोद में बैठा कर इस बीमारी की बेसिक जानकारी दें. इस के प्रति सावधान करें. बड़े बच्चों को भी हाथ धोने और मास्क पहनने का महत्त्व समझाएं. उन्हें बताएं कि कुछ लोग बीमार होंगे पर सावधानी रखी जाए तो ज्यादातर लोगों को इस से कुछ नहीं होगा. उन्हें समझाएं कि ऐसे कौन से कदम उठाने चाहिए ताकि वे संक्रमित होने के खतरे को टाल सकें, साथ ही उन्हें यह एहसास भी हो कि चीजें उन के अपने हाथ में हैं.

आप से सीखते हैं बच्चे:

छोटे बच्चे अकसर अपने मांबाप से प्रभावित होते हैं और उन से सीखते हैं. वैसा ही करने का प्रयास करते हैं जैसा अभिभावक करते हैं. आप बाहर निकलते समय मास्क पहनेंगे. समयसमयपर हाथ धोएंगे अैर सैनिटाइजर लगाएंगे तो बच्चे भी ऐसा करना सीखेंगे. किशोर उम्र के बच्चों का तरीका अलग होता है. वे दुनिया की खबरों के लिए अपने मांबाप पर कम निर्भर होते हैं. उन्हें ज्यादातर जानकारी अपने दोस्तों से मिलती है. किसी 14 साल के बच्चे को यह कहने से काम नहीं चलेगा कि सब ठीकठाक है, परेशान होने की बात नहीं, क्योंकि जब आप उस से ऐसा कहेंगे तो वह पलट कर कहेगा कि आप को कुछ पता ही नहीं है, आप को बच्चों को इतना खुलापन देना चाहिए जिस में उन्हें अपने मन की हर बात खुल कर कहने की आजादी हो. आप उन्हें सवाल पूछने और जानकारी जुटाने को प्रोत्साहित करें.

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किस को ज्यादा खतरा:

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं और बच्चों में कोरोना वायरस का असर कम दिख रहा है. मृतकों के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों की संख्या कम है. लेकिन इस का अर्थ यह नहीं कि आप को सावधान रहने की जरूरत नहीं है.

उम्र की बात करें तो जहां वायरस से संक्रमित 0.2 फीसदी बच्चे और किशोरों की मौत हुई है वहीं 80 साल से ज्यादा उम्र के 15 फीसदी लोगों की मौत हुई है. उम्र बढ़ने पर लोग वैसे भी ज्यादा बीमार हो जाते हैं, क्योंकि उन की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. उम्रदराज लोगों में या पहले से ही कमजोर प्रतिरोधक क्षमता व गंभीर अस्थमा जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में ज्यादा संक्रमण पाया गया है. इसलिए बुजुर्गों और बीमारों की सेहत का खास खयाल रखें. उन्हें बाहर जाने से रोकें.

गर्भावस्था में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और इस से शरीर भ्रूण को गर्भाशय में स्वीकार नहीं कर पाता है. इस से महिलाओं को संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है. समान उम्र की अन्य महिलाओं के मुकाबले गर्भवती महिलाओं की फ्लू आदि से मौत होने की आशंका ज्यादा होती है.

कोरोना वायरस से कैसे करें बचाव

मुलाकात से बचें: बीमार लोगों से मिलने से परहेज करें, यदि खुद बीमार हैं तो डाक्टर से मिलने के अलावा बाहर निकलने से बचें. खांसी और जुकाम होने पर टिशू का इस्तेमाल करें. परिवार वालों के साथ कम बैठें. सोशल डिस्टैंसिंग अपनाएं. दरवाजों के हैंडल, स्विचबोर्ड, हैंड रेलिंग को बारबार छूने से बचें.

घर की सफाई की ध्यान रखें: घर पर जिन वस्तुओं का रोजाना इस्तेमाल हो रहा है उन की सफाई रोजाना करें. कुरसी, मेज, लाइट के स्विच, दरवाजे आदि को घर के सभी लोग इस्तेमाल करते हैं. अत: इन्हें दिन में 2 बार साफ करें.

20 सैकंड्स तक साफ करें हाथ: पानी और साबुन या हैंड वाश का इस्तेमाल करते हुए हाथों को 20 सैकंड्स तक रगड़रगड़ कर साफ करें. खाना खाने के पहले और बाद, टौयलेट के इस्तेमाल के बाद साबुन से हाथों को धोएं. ऐसे सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, जिस में 60 फीसदी अल्कोहल हो.

मास्क का इस्तेमाल: अपने मुंह को मास्क से ढक कर रखें. खांसते आर छींकते समय टिशू का इस्तेमाल करें और फिर उसे कूड़ेदान में फेंक दें. बाहर निकलते समय भी मास्क का इस्तेमाल करें. यदि आप के संपर्क में कोई वायरस आता भी है तो मुंह और नाक ढकी होने के कारण आप को संक्रमित नहीं कर पाएगा और आप सुरक्षित रहेंगे.

कैसी हो डाइट: कोई भी एक खाद्यपदार्थ आप को कोरोना से नहीं बचा सकता, बल्कि पौष्टिक और बैलेंस्ड डाइट आप की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकती है, जिस से कोरोना से लड़ने के लिए आप का शरीर मजबूत बन पाएगा. खाने में विविधता होनी चाहिए. विभिन्न फल, स्प्राउट्स, मेवे और हरी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें.

फलसब्जी: रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में विटामिन सी का महत्त्वपूर्ण स्थान है. संतरा, मौसमी, आंवला, लाल या पीली शिमलामिर्च, कीवी, पपीता, गाजर, नींबू आदि से आप को आसानी से विटामिन सी मिल सकता है.

अंडा और दालें: यदि शरीर में जिंक की कमी हो तो आप आसानी से बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. संपूर्ण अनाज, बींस, मटर, दालें आदि जिंक का बेहतर स्रोत हैं.

अदरक वाली चाय: यदि आप को सर्दी या खांसी हो तो खाने में अदरक को जरूरत शामिल करें. सब से अच्छा है कि अदरक वाली चाय पीएं. अदरक में आयरन, जिंक, कैल्सियम और मैग्निशियम भरपूर मात्रा में होता है, जिस से खांसी या बुखार जैसी बीमारियों से लड़ने में अधिक शक्ति प्राप्त होगी.

नारियल का तेल: घर में खाना बनाते समय सरसों के तेल या रिफाइंड की जगह नारियल के तेल का इस्तेमल करना ज्यादा बेहतर होगा. इस में लौरिक ऐसिड आर कैप्रिलिक ऐसिड होता है, जो आप के इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट कर वायरस से सुरक्षा करता है.

विटामिन ए: आप की सेहत और रोगप्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन ए बेहद महत्त्वपूर्ण है. मछली, अंडे का पीला भाग, चीज, दालें और मेथीपालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों से आप को पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए मिल सकता है.

लहसुन: इस में एलिसिन पाया जाता है, जिस के सेवन से शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. लहसुन की दो कलियां रोजाना गरम पानी के साथ लें या फिर इस का सूप बना कर भी पी सकते हैं. इस के सेवन से तमाम तरह के वायरल इन्फैक्शन और संक्रमण से बच सकते हैं.

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विटामिन डी: सूरज की किरणों से प्राकृतिक रूप से विटामिन डी मिलता है. सुरमई, फिश, अंडों, चीज, मशरूम से भी विटामिन डी प्राप्त होता है.

पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं. कुनकुना पानी पीएं, खुद को हाइड्रेटेड रखें.

आराम और व्यायाम: पर्याप्त मात्रा में नींद लें, साथ ही सुबहसुबह की सैर और ऐक्सरसाइज जरूर करें. ऐक्सरसाइज से शरीर अंदर से मजबूत बनता है और इन्फैक्शन का खतरा कम रहता है.

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