कोरोना का कहर पूरी दुनिया में छाया हुआ है.कोरोना पीडितो की संख्या में दिन पर दिन लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है.व्यस्क से लेकर बच्चों तक कोई भी इसके संक्रमण से बच नहीं पा रहा है.हालांकि इन सभी मामलों में बच्चो की संख्या काफी कम है.

'मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टिट्यूट' (MCRI) की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा उम्र के लोगों की तुलना में बच्चे इस बीमारी का कम शिकार हो रहे हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे COVID-19 से उतने गंभीर रूप से प्रभावित नहीं हो सकते हैं,जितना व्यसक हो सकते हैं क्योंकि बच्चो को अक्सर आम सर्दी खांसी जैसी बीमारियाँ बनी रहती है जिससे इनके शरीर में एंटीबाडी बन जाती है. जो उन्हें कोरोना से उतना ज्यादा नुक्सान नहीं पहुचने देती और वो जल्दी रिकवर कर लेते है
हालाँकि जिन बच्चों को जन्मजात हृदय रोग,ब्लड सुगर ,या ब्लड कैंसर जैसी बीमारियाँ है ,उनमें कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

देश के covid हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले संक्रमित बच्चो के स्वस्थ्य होने का प्रतिशत व्यस्क मरीजों की तुलना में काफी बेहतर है.जहाँ एक तरफ संक्रमित बच्चो में 92% बच्चे स्वस्थ्य हुए है और 95% बच्चे तेज़ी से रिकवर भी कर रहे है..वही दूसरी तरफ बच्चो के मौत का आंकड़ा 0.5 % से भी कम है.

लेकिन ये तभी मुमकिन है जब उन्हें वक़्त पर इलाज मिल सके है.जिन बच्चो में कोरोना का लक्षण जल्दी ही नहीं दिख रहा या जिन बच्चो को हॉस्पिटल ले जाने में देरी हो रही है.उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
अगर आपके घर में बच्चे है और उनकी उम्र 10 साल से कम है तो आपको इस वायरस से काफी सावधान रहना पड़ेगा क्योंकि अब तक ये माना जा रहा था की बुखार या खासी होने पर ही कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है.पर अब परेशान करने वाली खबर ये है की अगर आपके बच्चे को पेट दर्द या दस्त की शिकायत हो रही है तो ये कोई मामूली इन्फेक्शन न होकर कोरोना वायरस के लक्षण हो सकते है.केंद्र सरकार और WHO की guideline के मुताबिक 10 साल से कम उम्र के बच्चो में कोरोना का खतरा ज्यादा है इसलिए उन्हें गंभीर श्रेणी में रखा गया है.
10 साल से कम उम्र के बच्चो में व्यसक मरीजो की तुलना में चौकाने वाले लक्षण देखने को मिले हैं.40% बच्चे जो कोरोना से संक्रमित है ,इनमे लक्षण के तौर पर पेट में इन्फेक्शन पाया गया .ऐसा इसलिए ही क्योंकि छोटे बच्चे खेलते वक़्त हाथ धोने या हाथों को sanatize करने की एहतियात नहीं बरत पाते.जिससे उनमे खेल कूद के दौरान मिटटी या ज़मीन के संपर्क में आने से कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है.
MCRI के डॉक्टर कर्स्टन पैरेट का कहना है कि बच्चों में नजर आने वाले सामान्य से लक्षणों को इग्नोर न करें.अब तक कोरोना से संक्रमित बच्चो में 5 तरह के लक्षण ज्यादा देखने को मिले हैं.

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