कुछ लोग एलर्जी के आसान शिकार होते हैं क्योंकि उन में एलर्जन के प्रति संवदेनशीलता जन्मजात होती है. लड़कों में लड़कियों के मुकाबले आनुवंशिक रूप से एलर्जी होने की आशंका अधिक होती है. जन्म के समय जिन बच्चों का भार कम होता है उन्हें भी एलर्जी होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर मातापिता दोनों में से एक को या दोनों को एलर्जी होती है तो उनके बच्चे एलर्जी के आसान शिकार होते हैं. वैसे, आनुवंशिक कारण ही एलर्जी होने का एकमात्र कारण नहीं है. एलर्जी होने के कई और कारण भी हो सकते हैं. वे बच्चे, जिन के मातापिता या परिवार में किसी को एलर्जी नहीं है, भी एलर्जी के शिकार हो सकते हैं.

एलर्जी एक मैडिकल कंडीशन है जो आप को बीमार अनुभव कराती है. जब आप किसी चीज को खाते हैं या उस के संपर्क में आते हैं तब एलर्जी होती है. जब इम्यून तंत्र यह विश्वास कर लेता है कि किसी व्यक्ति ने जो चीज खाई है या उस के संपर्क में आया है, वह शरीर के लिए हानिकारक है. शरीर की रक्षा के लिए इम्यून तंत्र एंटीबौडीज उत्पन्न करता है. एंटीबौडीज मास्ट सेल (शरीर के एलर्जी सैल्स) को ट्रिगर करते हैं कि वे रक्त में रसायनों को रिलीज करें.

इन रसायनों में से एक है हिस्टामिन. हिस्टामिन आंख, नाक, गले, फेफड़े, त्वचा या पाचन मार्ग पर कार्य करता है और एलर्जिक रिऐक्शन के लक्षण उत्पन्न करता है. एक बार जब शरीर किसी निश्चित एलर्जन के विरुद्घ एंटीबौडीज का निर्माण कर लेती है, तो ये एंटीबौडीज आसानी से उन एलर्जन को पहचान लेते हैं, शरीर फिर से हिस्टामिन को रक्त में रिलीज कर देता है, जिस से एलर्जी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

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