फिटनेस पर ध्यान देना हमेशा जरुरी है और ये हर उम्र के व्यक्ति में होने की जरुरत है, कोविड के बाद से लोगों में फिटनेस को लेकर काफी जागरुकता बढ़ी है. फिटनेस ट्रेनर ‘महेश म्हात्रे’ कहते है कि अभी जिम में जाना लोग अधिक पसंद करते है, कोविड की लॉकडाउन वजह से पर्सनल ट्रेनर को हायर करना लोगों ने बंद कर दिया है. अब वे बड़े-बड़े जिम, लोकल जिम या फिटनेस क्लब में जाते है.

सप्लीमेंट लेना भी लोगों ने कम किया है, इसकी वजह आजकल अधिकतर लोगों में कार्डिएक अरेस्ट का खबरों में आना है. असल में लॉकडाउन से लोगों की एक्टिविटी में कमी आई है, डाइट सही नहीं है, क्योंकि घर पर रहकर लोगों ने  खाया अधिक और फिजिकल एक्टिविटीज कम किया.

इसके आगे ट्रेनर ‘महेश म्हात्रे’ कहते है कि जिम जाना अच्छी बात है, लेकिन वहां पर रखे वजन को कितना पकड़ना है, कैसे पकड़ना है, आदि की जानकारी होना जरुरत है. डम्बल को कैसे और किस एंगल में पकड़ना है, साँस कैसे लेनी या कैसे छोडनी है आदि की जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि व्यायाम से शरीर में पम्पिंग होती है, इससे मसल्स बनते है. इसके अलावा सही समय में पानी पीना, रेस्ट करना आदि सब देखना पड़ता है. कुछ लोग किसी का सुनकर जिम चले जाते है और अपनी पैक बनाने की कोशिश करते है, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण, सही डाइट और एक्सरसाइज होता है, इससे ही मसल्स बनते है.

इसके अलावा व्यक्ति की लाइफस्टाइल भी बहुत महत्वपूर्ण होती है, एक व्यक्ति एसी में बैठकर काम करता है और व्यायाम करता है. जबकि दूसरा दिनभर मेहनत से काम करने के बाद एक्सरसाइज करता है. जिम जाने के बाद वेट उठाना भी जरुरी होता है. मैंने इन सब चीजों की कोर्स और ट्रेनिंग ली है. मेरे पास कुछ क्लाइंट है, जिनका मैं पर्सनल ट्रेनर हूँ. इसमें अधिकतर महिलाएं है, इसके अलावा मैंने कई मराठी इंडस्ट्री के सेलेब्रिटी का भी फिटनेस ट्रेनर रह चुका हूँ. परुलेकर्स और बोवलेकर  दो जिम में मैं काम करता हूँ. नियमित फिटनेस के लिए जिम सही है, लेकिन बॉडी बिल्डिंग स्पोर्ट्स के लिए या मसल्स पाने के लिए लोकल जिम सबसे सही होता है. वहां पर वेट अलग होता है. नामचीन जिम में बॉडी बिल्डर तैयार नहीं हो पाता, वहां पर फिटनेस और सीधी-साधी बॉडी मिल सकती है, थोड़े हाई-फाई फील होता है, क्योंकि अधिक उपकरण , एसी और लाइट बहुत होता है.

1.हो जाती है हाथापाई

अभिनेता अक्षय कुमार जैसी फिट बॉडी जिसमे ड्रेस फिट बैठे, पेट पर थोड़ी एब्स दिखे और व्यक्ति स्मार्ट दिखे आदि के लिए एक इंस्ट्रक्टर की आवश्यकता होती है. इंस्ट्रक्टर की फीस लगभग 10 से 15 हज़ार तक होती है. सप्लीमेंट से केवल व्यक्ति को थोडा पुश मिलता है. असल में फिटनेस पूरी तरह से ‘माइंड गेम’ है. इसमें सप्लीमेंट से अधिक, साथ में डाइट होता है और  उसका रिजल्ट भी देखने को मिलता है. जो नैचुरल डाइट व्यक्ति लेता है, वही उसके फिटनेस को बनाए रखता है. कई बार सप्लीमेंट के साइड इफ़ेक्ट भी होते है मसलन सप्लीमेंट से किसी-किसी में सिरदर्द या चिडचिडापन की शिकायत हो सकती है, जिससे जिम में मारपीट तक हो जाया करती है. इसलिए जितना संभव हो नैचुरल डाइट पर ही व्यक्ति को निर्भर होना सही होता है.

2.अलग-अलग शरीर की अलग जरूरतें  

महेश कहते है कि एक साधारण व्यक्ति की कैलरी की नाप उसकी वेट और एज के हिसाब से निर्भर करता है. 30 से 40 तक के उम्र के व्यक्ति का 60 किलोग्राम से अधिक वजन होना ठीक नहीं, लेकिन इसमें उसकी हाइट भी देखना जरुरी होता है.

3.काम के हिसाब से चुने इंस्ट्रक्टर

पिछले दिनों कई सेलेब्स जिम करते वक़्त कार्डिएक अरेस्ट में मारे गए, इसकी वजह के बारें में पूछने पर महेश कहते है कि हमेशा सही बॉडी के लिए एक इंस्ट्रक्टर का होना आवशयक है, जिसे गुरु कहा जा सकता है. खासकर अगर व्यक्ति का काम काफी स्ट्रेस और मेहनत वाला है, तो इंस्ट्रक्टर उसे सही मात्रा में व्यायाम करने के तरीके बता सकता है.

4.सही डाइट सही व्यायाम

डाइट एक्सरसाइज का सबसे बड़ा पार्ट होता है. किसी भी व्यक्ति को मौसम के हिसाब से पाए जाने वाले फल और सब्जियां खाने की जरुरत होती है, अभी गर्मी में रस वाले फल जैसे संतरा, तरबूज, खरबूजा, मोसंबी, नारियल पानी, नीबू पानी आदि अपने बजट के हिसाब से ले सकते है, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. इसके अलावा सुबह में ब्रेकफास्ट अच्छा और हैवी लेना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति पूरे दिन एक्टिव रहता है, दोपहर को थोडा कम बाजरी, नाचनी, आदि की दो रोटी, सब्जी, अंडा या केला आदि काफी होते है. 2 घंटे बाद थोड़ी ड्राईफ्रूट्स लिया जा सकता है. ड्राई फ्रूट्स दिन में 3 बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लें. सुबह 10 बजे, दोपहर 2 बजे और शाम को 6 बजे तक. 6 से 6.30 के बीच रात का भोजन ले लेना चाहिये. शाम के बाद बॉडी की एक्टिविटी कम हो जाती है. इसलिए भोजन भी उसी हिसाब से लें.

कभी भी वजन को जल्दी घटाने की कोशिश न करें, इसका प्रभाव डायरेक्टली और इनडायरेक्टली शरीर पर पड़ता है. दो से 3 किलोग्राम तक का वजन महीने में कम करना सही होता है. इसके अलावा चलना, तैरना, साइकलिंग करना आदि से भी शरीर फिट रहता है, आधे घंटे से 45 मिनट तक चलना हमेशा अच्छा होता है, सिंपल वाक सबके लिए सही होता है.

5.कुछ सावधानियां

महेश कहते है कि सही तरह से व्यायाम न करने पर शरीर में दर्द होता है, जिससे कई लोग डर कर जिम छोड़ देते है. व्यायाम से पहले स्ट्रेचिंग करना बहुत जरुरी होता है. इसके अलावा 16 साल की उम्र में वजन कभी न उठाये, पहले मसल्स को ओपन करने के बाद ही वजन, इंस्ट्रक्टर के अनुसार उठाएं. नहीं तो मसल्स में चोट लगने के अलावा हाइट में कमी आती है. वैसे तो हर मौसम में फिट रहना जरुरी है, लेकिन गर्मी का महिना अधिक गर्म होने से हर व्यक्ति को अधिक असहजता होती है, इसलिए इस मौसम में सेहत को फिट रखने के कुछ टिप्स इस प्रकार है,

  • गर्मी के मौसम में नींबू पानी, नारियल पानी, दही और छाछ का सेवन अच्छी मात्रा में करें,
  • बहुत ज्यादा ठंडे पेय पदार्थ पीने से बचें,
  • चाट-पकौड़ी या अन्य तेल व मसालेदार खाद्य पदार्थ खाने से बचें,
  • कैफीन युक्त चीजें और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन कम-से-कम करें,
  • घर में हर समय ग्लूकोज, इलेक्ट्रॉल के अलावा पुदीना, आम पना अवश्य रखें,
  • मीठा खाने कीइच्छा हो, तो बाजार की मिठाइयों के बजाय सेब, आंवले या बेल का मुरब्बा, गुलकंद या पेठा खाएं.
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