मुंबई की एक पॉश एरिया मे रहने वाली सुनीता और सर्वेश के घर पहला बच्चा होने पर दोनों बहुत खुश हुए, लेकिन अस्पताल से आने के 10 दिन बाद सुनीता ने देखा कि उनके बेटे के मुंह से स्तनपान कराने के बाद उल्टी हो जाती है. कई बार ये उल्टी बाद मे भी होती रहती थी. सुनीता घबरा कर डॉक्टर के पास गई, डॉक्टर ने इसे साधारण प्रक्रिया बताया और कहा कि उन्हे इसे लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. थोड़े दिनों बाद शिशु ठीक हो जाएगा. ये बिल्कुल सही था आज सुनीता का बेटा 2 महीने का हो चुका है और उसे उल्टी की शिकायत नहीं है.

असल में आज अधिकतर वर्किंग युवा दंपति शहरों मे अकेले रहते है और उनका बच्चा भी उसी शहर मे जन्म लेता है, जहां वे काम करते है, इससे माता – पिता दोनों ही नवजात की देखभाल कर सकते है. पहले की तरह लड़कियां अपने पेरेंट्स के पास जाना नहीं चाहती, क्योंकि बच्चे के पालन – पोषण मे वे खुद की जिम्मेदारी मानती है. ऐसे मे न्यू मॉम शिशु के कुछ भी होने पर डर जाती है और भागकर डॉक्टर के पास चली जाती है. असल मे नवजात शिशु का बार – बार दस्त करना, दूध पीने के बाद उल्टी करना, बार - बार हिचकी लेना आदि सबकुछ आम बात होती है, जो बच्चे के बड़े होने के साथ – साथ ठीक हो जाती है.

है नैसर्गिक प्रक्रिया

इस बारें नवी मुंबई की हेड सीनियर कन्सल्टन्ट और पेडियाट्रिशन डॉ. विजय येवाले कहते है कि बच्चों में उल्टी रिगर्जिटेशन की वजह से होता है, ये नैसर्गिक होता है, क्योंकि नवजात बहुत जल्दी में दूध पीते वक़्त हवा को भी निगल जाते है, साथ ही कई बार वे अधिक मात्रा मे दूध पी लेते है, जिससे उन्हें उल्टी होती है. बच्चे का वजन सही ढंग से बढ़ रहा है, बीमार नहीं हो रहा है, सो रहा है, दिन में 5 से 6 बार पेशाब करता है, एक्टिव रहता है तो इसके लिए कोई दवा करने की जरुरत नहीं होती. ये नार्मल होती है.

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