नवजात शिशु और छोटे बच्चे तो रात में भी 1-2 पेशाब करते हैं, क्योंकि इनमें मस्तिष्क और ब्लैडर (मूत्राश्य) के मध्य संबंध पूरी तरह से निर्मित नहीं होता है. लेकिन जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, यह संबंध विकसित हो जाता है और मस्तिष्क, ब्लैडर को नियंत्रित करने लगता है, जिससे यूरीन पास करने की जरूरत होने पर मस्तिष्क अलर्ट हो जाता है और नींद खुल जाती है. लेकिन बहुत से बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता है, किशोर उम्र में भी नींद में अक्सर ब्लैडर पर उनका नियंत्रण नहीं रहता और वो बिस्तर पर ही पेशाब कर देते हैं. जो जानिए क्यों होती है यह प्रौब्लम और कैसे इससे निपटा जाए.
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