दर्द की जटिलताओं की सच्चाई यही है कि सर्जरी या गोलियां लंबे समय तक सभी तरह के दर्द से निजात नहीं दिला सकतीं. हालांकि बिना जांच कराए या बिना इलाज कराए असह्य दर्द में जी रहे कुछ लोगों में अविश्वसनीय रूप से दर्द की वापसी होती है, जिसका हमारे शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ता है. दर्द को जीवन और ढलती उम्र का हिस्सा मान लेने से लोग इलाज के आधुनिक तौर—तरीकों की जानकारी भी नहीं रखते और इसका नकारात्मक असर जीवन की गुणवत्ता पर पड़ता है. कुछ लोगों में दर्द का स्तर बहुत ज्यादा होता है और सच तो यह है कि दर्द में जीते पांच में से एक व्यक्ति सही इलाज कराए बिना लंबे समय तक इसे झेलते रहते हैं.

जागरूकता, जानकारी का अभाव और गलत जानकारी के कारण कई लोगों के लिए दर्द उस स्थिति में पहुंच जाता है जो इससे जुड़ी असली बीमारी से भी बदतर हो जाती है. सितंबर में अंतरराष्ट्रीय दर्द जागरूकता माह मनाया जाता है जिसका उद्देश्य सभी लोगों में इसे लेकर जागरूकता बढ़ाना है. वैश्विक स्तर पर  उम्रदराज लोगों की आबादी और बदलती जीवनशैली के कारण आज के समय में इन दो दशकों की अहमियत बढ़ गई है. अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञ प्रशिक्षण की मदद से दुनिया के पेन मैनेजमेंट से जुड़े चिकित्सक हर तरह के दर्द से निजात दिलाने का प्रयास कर रहे हैं. चूंकि हर किसी के दर्द का अनुभव और स्तर अलग—अलग होता है इसलिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें व्यक्तिग आधारित, बहु—आयामी और कई मॉडल आधारित दर्द प्रबंधन इलाज की जरूरत पड़ती है.  मैक्स हॉस्पिटल में पेन मैनेजमेंट सर्विसेज के प्रमुख , डॉ. आमोद मनोचा, बताते हैं कि

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