Period Problems : हाउस वाइफ हो या वर्किंग वुमन, इनकी सेहत में परिवार की खुशियां छिपी होती है. घर के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक की रूटीन लाइफ का सीधा संबंध वुमन हेल्थ से है. महिलाओं का सेहतमंद होना उनके लिए भी जरूरी है क्योंकि 12 से 13 साल की उम्र से ही पीरियड्स शुरू हो जाता है. इस वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं.

पीरियड्स के दिनों में पेट में दर्द, आलस महसूस होना, जल्दी थकान और कमजोरी का अनुभव करना, बातबात में चिड़चिड़ापन होना और वाइट डिस्चार्ज की दिक्कतें आम होती है. लाइफस्टाइल में होने वाले बदलाव और गलत फूड हैबिटस की वजह से इरेगुलर पीरियड्स, ‘पीसीओएस’, ‘पीसीओडी’ जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं. डाबर का दशमूलारिष्ट, हर उम्र की महिला के लिए एक संपूर्ण टॉनिक है. यह केवल पीरियड्स से जुड़ी शिकायतों को ही दूर नहीं करता बल्कि प्रजनन संबंधी सेहत को भी दुरुस्त रखता है.

दो चम्मच दशमूलारिष्ट पीने के एक से बढ़ कर एक फायदे
- पीरियड्स के समय होने वाली दिक्कतों में राहत देता है.
- इरेगुलर पीरियड्स को ठीक करने का अचूक नुस्खा है.
- महिला शरीर के हारमोन्स को संतुलन में रखता है.
- डाइजेशन से जुड़ी परेशानियों को पास फटकने नहीं देता है .
- वाइट डिस्चार्ज की तकलीफ में बेहद असरदार है.
- प्रेग्नेंसी से जुड़ी दिक्कतों जैसे प्रेग्नेंट नहीं होना, बारबार गर्भपात होना को दूर करता है.
- यूटेरस की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है.
- शिशु जन्म के बाद मां के यूटेरस को पहले जैसा बनाने में मददगार है.
- चाइल्ड बर्थ के बाद मां की थकान दूर करने के साथ ही उनको ताकत देने का काम करता है.
- महिलाओं की शरीर की हड्डियों को मजबूती देता है.
कितनी मात्रा में लें
70 से अधिक जड़ीबूटियों से तैयार डाबर का दशमूलारिष्ट का 15 मिली से 30 मिली (2 से 4 चम्मच) बराबर मात्रा में पानी के साथ लें, इस बारे में डॉक्टर की राय लें.