आज बदलते समय के साथ खानपान को ले कर हमारी आदतें भी बहुत बदली हैं. शारीरिक मेहनत कम हुई है, दिमागी कसरतें बढ़ी हैं. ऐसे में हृदयरोग, उच्चरक्तचाप, डायबिटीज जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं जो सीधे तौर पर हमारी जीवनचर्या से जुड़ी हुई हैं. नतीजा यह कि बीते जमाने में जो दूध और घी सेहत की निशानी माना जाता था, आज हम उसी से परहेज करने को बाध्य हो रहे हैं.

सेहत की खातिर हमें उस स्वाद, सुगंध और शुद्धता से वंचित होना पड़ रहा है जो कभी हमारी दादी और मां के हाथ के बने खाने में हुआ करता था. आज सहेत को ले कर लोग इतने सजग हैं और खाने का उद्देश्य सिर्फ भूख शांत करने तक सीमित रह गया है. फिर भी सेहत की बात कोई कितनी भी कर ले, ट्रैडिशनल भारतीय खाने को चखने की चाह तो हर दिल में दबी ही रहती है.

तपन गु्रप ने आम भारतीयों की इस मुश्किल को महसूस किया और एक ऐसा विकल्प तैयार करने की ठानी जो आम भारतीयों को भोजन से जुड़ी इस दहशत और शंकाआशंका से मुक्ति दिला सके. फूड टैक्नोलौजी की पढ़ाई कर लौटे तपन ग्रुप के युवा प्रबंध निदेशक सुदीप गर्ग ने अपने पिता एवं चेयरमैन सुरेशचंद्र गर्ग के निर्देशन में एक ऐसा उत्पाद तैयार किया जो सुगंध और स्वाद के मामले में पारंपरिक देशी घी जैसा ही है, लेकिन सेहतमंद भोजन के मौजूदा मानकों के अनुरूप भी है. अनुसंधानों की शृंखला तपन कुकिंग मीडियम से शुरू हुई और ऐश, दाऊजी, दीप जैसे ब्रांडों से होती हुई प्रीत लाइट पर आई. प्रीत लाइट कुकिंग मीडियम ने भारतीय भोजन के क्षेत्र में धूम मचा दी है. आज प्रीत लाइट लाखों भारतीय परिवारों की पहली पसंद बन चुका है.

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