‘‘फरवरी में मेरी बहन की शादी है और फिट होने के लिए मेरे पास केवल एक महीना है,’’ या फिर ‘‘आने वाली छुट्टियां मुझे मियामी में बितानी हैं और मुझे उस के लिए वजन कम करना है,’’ ऐसे संकल्प हम अपने दोस्तों, परिजनों और परिचितों से किसी न किसी समय आमतौर पर सुनते रहते हैं. अपने इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लोग कई तरह की क्रैश डाइट्स और तेजी से वजन घटाने वाले व्यायाम करते हैं. जबकि ये सभी प्रयास लंबी अवधि में प्रभावी नहीं होते. इसलिए बहुत से जागरूक और समझदार लोग वजन घटाने के ऐसे प्रयास करते हैं, जिन में वजन का घटना लगातार जारी रहता है. वे फिटनैस के लिए पूरे शरीर पर असर करने वाले जुंबा और शरीर को मजबूती देने वाली वेट लिफ्टिंग का सहारा लेते हैं. इस की वजह मांसपेशियों की स्थायी मजबूती और फैट बर्निंग के प्रति बढ़ती जागरूकता है.

फिटनैस के दीवाने लोगों के बीच जुंबा और शरीर को मजबूती देने वाली वेट लिफ्टिंग बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं. हालांकि, जुंबा के लिए भी कई लोग जिम जाना पसंद करते हैं, लेकिन जिम के उपकरणों और मशीनों पर वही परंपरागत तरीके से वर्कआउट बड़ी संख्या में फिटनैस प्रेमियों के लिए नीरस हो जाता है. अब वे अपने फिटनैस लक्ष्य हासिल करने के लिए कुछ विविधता, उत्साह और मनोरंजन से भरपूर तकनीक चाहते हैं.

जुंबा का आविष्कार 90 के दशक में एक फिटनैस प्रशिक्षक अल्बर्टो बेटो पेरेज के हाथों हुआ. यह एक मस्ती और ऊर्जा से भरपूर ऐरोबिक फिटनैस प्रोग्राम है, जो दक्षिणी अमेरिकी डांस की विभिन्न शैलियों से प्रेरित है. यह वर्कआउट शैली तेजी से कैलोरी बर्न करने के लिए कारगर है. दरअसल, इस में अपने पंजों पर खड़े रह कर हिपहौप और सालसा की चुस्त बीट्स पर अपनी बौडी को मूव कराना होता है. मुख्य रूप से गु्रप में किया जाने वाला वर्कआउट जुंबा उत्साही बने रहने और फिटनैस लक्ष्यों पर केंद्रित है. चूंकि जुंबा तेज गति से होने वाला डांस है, इसलिए यह अन्य वर्कआउट्स जैसे ट्रेडमिल पर दौड़ने या क्रौसट्रेनर पर समय बिताने के मुकाबले तेजी से फैट बर्न करता है.

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बढ़ाएं लचीलापन

जुंबा एक बेहतरीन कार्डियोवैस्क्युलर ऐक्सरसाइज है, जो तेज और मध्यम गति से की जाती है और इंटरवेल ट्रेनिंग की तरह काम करती है, इसलिए हर मांसपेशी खासतौर पर पीठ और पेट पर असरकारक है. जुंबा में होने वाले पेचीदा मूव मसल्स में लचीलापन बढ़ाते हैं और शरीर को संतुलित बनाते हैं. जुंबा के परिणाम यहीं तक सीमित नहीं हैं, ताकत से भरपूर इस वर्कआउट का दूसरा फायदा यह है कि यह सभी मांसपेशियों को सक्रिय करता है और पूरे शरीर को फिट करने में मदद करता है. सब से अच्छी बात यह है कि जुंबा में उम्र कोई रुकावट नहीं है, क्योंकि इस का जोड़ों पर बहुत कम असर पड़ता है. फिट रहने के लिए 5 से 65 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति जुंबा कर सकता है.

वेट ट्रेनिंग

वेट ट्रेनिंग भी वजन घटाने के लिए एक अन्य प्रभावी वर्कआउट है, जो परंपरागत रूप से बौडीबिल्डर्स के बीच लोकप्रिय रहा है. आश्चर्य हो रहा है? हम में से बहुत से लोग सोचते हैं कि वेट ट्रेनिंग केवल मसल्स बनाने के लिए है. यही वजह है कि वजन घटाने की कोशिश करने वाले वेट लिफ्टिंग को प्राथमिकता नहीं देते और इस के बजाय कार्डियो और कैलीस्थैनिक्स को अपनाते हैं.

वेट लिफ्टिंग शरीर की मजबूती के साथ ही वजन घटाने के लिए भी महत्त्वपूर्ण व्यायाम है. परंपरागत रूप से स्ट्रैंथ ट्रेनिंग में सहनशक्ति और मांसपेशियां बढ़ाने के लिए फ्री वेट या वेट मशीनों का उपयोग किया जाता रहा है. मैटाबोलिक स्ट्रैंथ ट्रेनिंग में उच्च तीव्रता वाले इंटरवेल सर्किट्स और चेंजिंग कौंबिनेशंस के साथ फ्री वेट्स, कैटलबेल्स, डंबल्स आदि का उपयोग करते हुए दोहराना होता है.

वर्कआउट के दौरान रैजिस्टैंस बैंड्स मैटाबोलिज्म रेट को बढ़ा देते हैं. कार्डियो ट्रेनिंग में केवल वर्कआउट के दौरान हृदय की गति एवं फेफड़ों की क्षमता बढ़ने से कैलोरीज बर्न होती हैं, इस के उलट वेट ट्रेनिंग में व्यायाम खत्म होने के 72 घंटे बाद तक कैलोरी बर्निंग जारी रहती है. यह शरीर की मैटाबोलिक दर को भी बढ़ाता है, जो दिन भर कैलोरी को तेजी से बर्न करने में मदद करता है.

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वेट लिफ्टिंग के फायदे केवल वजन घटाने तक ही सीमित नहीं हैं, वेट ट्रेनिंग बौडी मसल्स बनाने और हड्डियों की सघनता बढ़ाने में भी कारगर है, जिस से औस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है. रोजाना वेट लिफ्टिंग करने से डायबिटीज का खतरा कम होता है और इस से पीठ दर्द में भी आराम मिलता है. मानसिक मजबूती बढ़ती है और फिटनैस के दीवाने लोगों को काम के दौरान उत्साही बनाए रखती है.

इसलिए शरीर की मजबूती के लिए फिटनैस की धुन में भले ही जुंबा को चुनें या वेट ट्रेनिंग को, ये दोनों ही वर्कआउट्स आप के फिटनैस लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सकते हैं, चाहे आप वजन कम करना चाहें या मांसपेशियों की मजबूती. जुंबा और वेट लिफ्टिंग दोनों ही बेहतरीन रास्ते हैं. तो क्या आप पसीना बहाने के लिए तैयार हैं?

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