अगर आप घर बदलना चाहती हैं तो सबसे पहले आप प्लानिंग कर लें, ताकि बाद में आपके पछताना न पड़े. इसका सबसे बेहतर तरीका ये है कि कौन सा सामान कहां होना चाहिए या किस चीज पर कितना खर्च आएगा, इसकी पहले ही प्लानिंग कर लें.

इससे समय और पैसे, दोनों की बचत होगी. फर्नीचर लेते वक्त अगर आप अपने घर का साइज भूल रहे हैं तो यहां आप बड़ी गलती कर रहे हैं. शोरूम में रखा फर्नीचर देखने में अच्छा लग रहा है, इससे अधिक जरूरी है कि वह आपके घर के कमरों के हिसाब से कितना फिट है.

दीवारें, फर्नीचर और पर्दों का चयन करते वक्त अगर आप इनके रंग पर ध्यान नहीं देते हैं तो यह भी गलत है. एक साथ कई लाउड रंगों या बिना किसी कौंबिनेशन के फर्नीचर जुटाने से बचना समझदारी है. जिन चीजों की जरूरत नहीं है, शौकिया तौर पर उन्हें खरीदना आपके बजट और घर के लुक, दोनों पर भारी पड़ सकता है.

घर सजाने के लिहाज से ध्यान रखें कि चीजें उतनी ही हों जितनी जरूरत है. पुराने फर्नीचर को पूरी तरह हटा देते हैं? दरअसल, इसकी‌ कोई जरूरत नहीं. पुरानी फर्नीचर आपके घर के किसी भी कोने को विंटेज लुक देने में मददगार हो सकते हैं बशर्ते दिमाग के साथ इनका उपयोग करें.

अगर घर की सजावट के नाम पर आप कमरे को भर देने की कोशिश में लगे हैं तो यकीनन गलती कर रहे हैं. बहुत अधिक भरे हुए कमरे दिखने में छोटे तो लगते ही हैं, साथ ही इनमें आराम महसूस ही नहीं हो पाता है. सोफे या दीवान पर ढेर सारे कुशन का प्रयोग भी कई बार घर की सजावट का मजा फीका कर देता है. इससे बैठने की जगह भी कम होती है ‌और दिखने में भी अच्छा नहीं लगता. कम कुशन का इस्तेमाल स्टाइलिश अंदाज में करें.

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