लेखिका -स्नेहा सिंह

अब उस से मिलने के लिए मन बेचैन नहीं होता. सबकुछ छोड़ कर उस के पास जाने की इच्छा की धार कुंद हो गई है. बातों के विषय खत्म हो गए हैं. भावनाएं फर्ज बन कर रह गई हैं. शरीर का आकर्षण मर चुका है. जो स्पर्श पतिंगे उड़ा सकता था, अब वह शरीर पर कांटे की तरह चुभता है. संस्कार कमिटमैंट, संबंध और समाज ने अभी एकदूसरे के साथ जोड़ रखा है. पर सचाई और कही न जा सके वास्तविकता यह है कि अब उस के साथ पहले जैसा अच्छा नहीं लगता.

जब आप किसी के साथ संबंध में होती हैं तो उस संबंध को बनाए रखने के लिए उस का जमाउधार नियमित जांचते रहना चाहिए. धंधे में संबंध का उसूल और संबंध में धंधे का उसूल रखने और पालन करने की कोशिश करेंगी तो दोनों ओर से कोई दिक्कत नहीं आएगी. आप महिला हैं. आप को मनपसंद पुरुष के लिए हमेशा इंटरैस्टिंग बने रहना जरूरी होगा.

आप को इंटरैस्टिंग बने रहना होगा

सामाजिक जिम्मेदारियों और बच्चों के बीच महिलाएं इस तरह खो जाती हैं कि पति के प्रति इंटरैस्टिंग बन कर रहना भूल जाती हैं. ऐसा ही पति के साथ भी होता है. पैसा और नाम कमाने में व्यस्त रहना पतिपत्नी को ‘अच्छा’ लगने की कोशिश नहीं कराता. प्रेम संबंध में भी ऐसा ही होता है. इंटरैस्टिंग बन कर रहना यानी आप अपने पसंद के व्यक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह से रुचिकर रहें.

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मानसिक अपग्रेडेशन

एक घर अच्छी तरह चले, इस में गृहिणी की बहुत बड़ी भूमिका होती है पर घर संभालने के चक्कर में गृहिणियां संबंध संभालने में चूक जाती हैं. आप हाउसवाइफ हैं तो क्या हो गया. मानसिक रूप से अपग्रेडेड रह सकती हैं और रहना भी चाहिए. हाउसवाइफ को पढ़ना चाहिए, अच्छी फिल्में देखनी चाहिए, अच्छे गाने सुनने चाहिए और देशविदेश के समाचार जानने चाहिए.

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