युवा हो या वयस्क हर कोई सुंदर दिखना चाहता है और सौंदर्य बढ़ाने में फैशन का बड़ा योगदान होता है. फैशन में भी सब से अहम होते हैं परिधान. वस्त्रों का आकर्षक होना बेहद आवश्यक है. पारंपरिक परिधान की बात करें तो साड़ी का नाम सब से ऊपर आता है. यह हमेशा नए ट्रैंड में शामिल रहती है और इसे आकर्षक बनाता है इस का ब्लाउज.
आजकल डिजाइनर ब्लाउज का क्रेज है. कोलकाता के फैशन डिजाइनर देवारुन मुखर्जी पिछले 16 सालों से इस क्षेत्र में हैं और हर साल ब्लाउजों के नएनए कलैक्शन बाजार में उतारते हैं.
बचपन से ही फैशन के क्षेत्र में आने की इच्छा रखने वाले देवारुन ने लंदन कालेज औफ फैशन से अपनी फैशन डिजाइनिंग की शिक्षा पूरी की. इस के बाद मुंबई के एक ऐक्सपोर्ट हाउस में 4 साल काम करने के दौरान विश्व के कई प्रसिद्ध डिजाइनर हाउसों जैसे यूरोपियन, कोरियन, अमेरिकन आदि के साथ काम किया. उस दौरान उन्हें लगा कि सभी परिधान बदलते रहते हैं पर साड़ी का क्रेज कभी खत्म नहीं होता. ब्लाउजों में थोड़ा चेंज कर उसे हमेशा पहना जाता है. तभी विदेशों में रहने वाले भारतीय ब्लाउजों की अधिक खरीदारी करते हैं.
2007 में उन्हें लैक्मे फैशन वीक में पहली बार चुना गया. उसी दौरान उन्होंने अपना ब्रैंड ‘देवारुन’ नाम से स्थापित किया, जिस का प्रमुख उद्देश्य भारतीय परंपरा को नए से नया लुक देने का रहा.
अवसर व मौसम का भी खयाल
देवारुन कहते हैं कि आजकल महिलाएं साड़ी कम पहनती हैं पर खास अवसर या त्योहारों पर वे हमेशा साड़ी पहनती हैं. इस का बाजार कभी खत्म नहीं होता. हालांकि आजकल कंट्रास्ट पहनने का चलन है, लेकिन ब्लाउज के चयन से पहले कुछ बातों पर गौर जरूर फरमाएं:
यदि काले रंग के शिफौन ब्लाउज पर गोल्डन कढ़ाई की गई है, तो उसे किसी भी रंग की साड़ी के साथ पहना जा सकता है.
त्योहारों के समय गहरे रंग का ब्लाउज अधिक पौपुलर होते हैं, जिन में लाल, नीला, औरेंज, हरा, एमरल्ड ग्रीन, बैगनी आदि सभी रंगों के ब्लाउज बाजार में उतारे जाते हैं.
गरमी के मौसम में हलके रंग, जिन में पिंक के ऊपर सिल्वर वर्क, मुक्कैश का काम, सफेद, औफ व्हाइट, टरक्वायज के ऊपर सिल्वर वर्क अधिक पौपुलर है. इन ब्लाउजों को आप सिल्क, शिफौन, जौर्जेट आदि सभी साडि़यों के साथ पहन सकती हैं.
अधिकतर ब्लाउज पारंपरिक और ऐथनिक लुक लिए होते हैं जिन्हें तैयार करने में समय लगता है. इन का मूल्य क्व4 हजार से ले कर क्व लाखों में होता है. अगर कढ़ाई अधिक है तो मूल्य अधिक और अगर कढ़ाई कम है तो मूल्य भी कम होता है. इस के अलावा ब्लाउज में प्रयोग किए गए कपड़े के आधार पर भी मूल्य निर्धारित किया जाता है.
देवारुन के अनुसार इन कीमती ब्लाउजों का रखरखाव भी बड़ी सावधानी से करना पड़ता है. उन के अनुसार-
इन्हें मलमल के कपड़े में लपेट कर अलमारी में रखें.
अगर ब्लाउज पसीने से गीला हो जाए तो हवा में सुखा कर ही स्टोर करें.
डिजाइनर ब्लाउज को हमेशा ड्राईवाश कराएं.