होली आने से कुछ दिनों पहले से ही होली की खरीदारी होने लगती है. सब से बड़ी परेशानी यह है कि होली पर ऐसा क्या पहना जाए जो स्टाइलिश हो पर कम कीमत का हो. एक दौर वह था जब लोग अपने पुराने, खराब हुए कपड़े इसलिए संभाल कर रखते थे कि इन का प्रयोग होली के दिन रंग खेलने में करेंगे. आज के समय में होली खेलने के लिए सभी स्टाइलिश ड्रैस की तलाश करने लगे हैं.

होली के दिन अब सिर्फ होली ही नहीं खेली जाती बल्कि प्रौपर फोटोशूट भी होता है. लड़केलड़कियों में इस बात की होड़ लगी होती है कि कौन किस तरह के और कितने फैशनेबल कपड़े पहन कर आएगा और सभी फोटोज में छा जाएगा. फिर ये तसवीरें इत्मीनान से बैठ कर देखी जाती हैं, पोस्ट की जाती हैं और होली के यादगार कैप्शंस लिखे जाते हैं. वैसे आजकल तो होली खेलने से ज्यादा होली खेलने का दिखावा कर फोटोशूट और वीडियोशूट करवाने वाले युवा ज्यादा दिखाई पड़ते हैं.

लखनऊ में नजीराबाद बाजार है. यहां चिकनकारी कपड़ों की सब से ज्यादा दुकानें हैं. हर रेंज में यहां कपड़े मिल जाते हैं. फैशन डिजाइनर नेहा सिंह भी यहां पर एक दुकान से दूसरी दुकान में सस्ते मगर स्टाइलिश कपड़े देख रही थी.

नजीराबाद बाजार कैसरबाग से अमीनाबाद जाने वाली सड़क के दोनों किनारे बना हुआ है. सड़क के दोनों तरफ दुकानों में चिकनकारी के कुरतेपाजामे से ले कर साड़ी और दूसरे परिधान टंगे दिखने लगते हैं. करीब 300 मीटर लंबी इस सड़क पर चिकनकारी के साथ ही साथ स्टाइलिश फुटवियर भी मिल जाते हैं. लखनऊ का चिकन पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां सब से अधिक चिकनकारी का काम चौक बाजार में होता है. वहां थोक का काम ज्यादा है. नजीराबाद में रिटेल की दुकानें हैं. ऐसे में यहां लोगों को सब से अधिक वैराइटियों की चीजें मिल जाती हैं. यहां ऐसी नौवल्टी शौप है जहां पर ऐसी चीजें मिल जाती हैं जिन से चिकनकारी के कपड़ों को फैशन के अलग रंग दिए जा सकते हैं.

नेहा भी इसी कारण यहां होली के लिए कपड़े देखने आई थी. नेहा अपना एक बुटीक चलाती है. उस का फोकस है कि इस होली पर वह ज्यादा से ज्यादा स्टाइलिश कपड़े तैयार करेगी जिसे लोग होली में पहन सकें. इस के लिए चिकनकारी वाले कुछ ऐसे कपड़े भी वह देख रही थी जो आउट औफ सेल हों, वे सस्ते मिल जाएंगे. अपने बुटीक में ले जा कर वह इन को और भी सुंदर और स्टाइलिश बना लेगी. वह कहती है कि इस तरह वह बजट में लोगों की होली को और भी कलरफुल बना देगी.

इलाहाबाद की रहने वाली फैशन डिजाइनर प्रतिभा यादव कहती है, ‘‘होली के फैशन में लोग अच्छे और सस्ते कपड़े चाहते हैं जिस से वे रंग पड़ने से बेकार हो जाएं तो भी कोई ज्यादा फर्क न पड़े. यूथ इस में सब से पहले अपने लिए स्टाइलिश और फैशनेबल कपड़े तलाशने लगता है. आज ज्यादातर युवावर्ग औनलाइन शौपिंग करने लगा है. ऐसे में वे होली से बहुत पहले इस तरह के कपड़े तलाश करने लगे हैं जो पुराने भी न हों और ज्यादा कीमती भी न हों. होली का क्रेज रंगों की वजह से होता है. सोशल मीडिया के दौर में रंग खेलने से पहले रंग को दिखाना जरूरी होता है. लड़के तो सफेद कुरतापाजामा या पैंटटीशर्ट के साथ खुश हो जाते हैं लेकिन लड़कियां हैं जो होली के रंगों में भी फैशन के ट्रैंड को तलाश करती रहती हैं.

सब से आगे हैं लड़कियां

अनारकली का क्रेज होली पर सब से ज्यादा है और इस की डिमांड भी खूब है. लखनवी प्रिंट और लखनवी वर्क के कुरतों की डिमांड होली में सब से ज्यादा होती है. लखनवी प्रिंट वाले अनारकली सूट को पहन कर सभी लड़कियां होली में नए लुक के साथ दिखना चाहती हैं. होली के खास मौके पर सफेद व पीले रंग का अनारकली कुरता सब से ज्यादा पसंद किया जा रहा है. अनारकली कुरते की खास बात यह भी होती है कि इस को वनपीस के रूप में भी पहना जा सकता है. अनारकली कुरते के साथ ट्रेडिशनल झुमके होली में फैशन का अलग ही रंग घोल देते हैं.

कुछ लड़कियों को लगता है कि अनारकली कुरता उन की फिगर को सूट नहीं करता. वे इस होली पर लैगिंग के साथ सामान्य सा शौर्ट लखनवी कुरता या टौप पहन सकती हैं. इस के साथ कलरफुल फुल स्लीव्स वाला जैकेट पहनें. होली पर पारंपरिक सफेद कुरते के साथ जींस पहनी जा सकती है. इस की वजह यह है कि सफेद कुरते पर होली के सारे रंग नजर आ जाते हैं. आजकल लेडीज ही नहीं, टीनएज लड़कियां भी होली पार्टी में साड़ी पहन सकती हैं.

साड़ी होली पर पहनने वाला सब से बेहतरीन परिधान है. साड़ी से ट्रेडिशनल लुक भी आता है. फिल्मी होली में साड़ी सब से ज्यादा प्रयोग की जाती है. इस को पहन कर हीरोइन वाले लुक की फीलिंग आती है. साड़ी पहनने से पहले इस को सलीके के साथ पहनना सीखना जरूरी होता है. खासकर होली में क्योंकि एक बार भीगने के बाद यह शरीर से चिपकने लगती है, होली में इनरवियर कपड़े ऐसे हों जो शरीर को पूरी तरह से ढक सकें.

कालेज में होली के लिए युवाओं में एक अलग ही उत्साह होता है क्योंकि कालेज की होली ही असल फैशन रैंप वाली होली होती है. लड़कियां शौर्ट्स, ट्राउजर्स और स्टाइलिश टीशर्ट्स पहन कालेज पहुंचती हैं. कुछ कालेजों में होली के दिन रेन डांस थीम भी रखा जाता है जिस का मजा लेने से युवा नहीं चूकते. वे फैशन का पूरापूरा ध्यान रखते हैं ताकि कुछ हो न हो, इंस्टाग्राम के लिए तसवीरें तो आ ही जाएं.

डिजाइनर नेहा सिंह कहती है कि होली में 2 तरह के कपड़े प्रयोग करने होते हैं, एक जिन को पहन कर होली खेल सकें और दूसरे जिन को पहन कर होली मिलन कर सकें. दोनों ही तरह के कपड़े स्टाइलिश और फैशनेबल होने चाहिए. रंग खेलने वाले कपड़े सस्ते होने चाहिए. ऐसे में होली के रंगों पर भी अब फैशन का रंग चढ़ गया है. होली केवल रंगों से भरा त्योहार नहीं रह गया अब यह बाजार बन गया है.

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