आप गर्भकाल के दौरान अपनी मनपसंद पोशाक पहन सकें. इस से बढि़या क्या हो सकता है. जब समय ने करवट ली है, तो हमारे यहां भी बहुत से फैशन डिजाइनर केवल मां और शिशु के लिए विशेष तौर पर ड्रैसेज बनाते हैं.

स्टाइल, फैशन, ट्रैंड चलन के लिए विश्वविख्यात चंडीगढ़ भी मैटरनिटी वार्डरोब के लिए काफी प्रसिद्ध है. ‘‘मदरहुड ब्रांड की अच्छीखासी वैरायटी यहां मिलती है. यहां महिलाएं चाहे वे संभ्रांत परिवार से हों या मध्यवर्गीयकामकाजी या नवविवाहित युवतियां, वे ब्रांड के नाम पर खरीदारी करना खूब समझती हैं. फैशन और स्टाइल में जीना उन की पहली पसंद है. पैसे का मूल्य वे जानती हैं और पैसे की कीमत वसूल करना भी,’’ ऐसा कहा मन्नत मान ने, जो अपने मातृत्व काल में सैक्टर-9 के मम्स मौल तथा सैक्टर-8 के मौम ऐंड मी से शौर्ट स्लीव प्लीटेड ड्रैस, पेट का उभार छिपाने के लिए फौक्स रैप ड्रैस तथा रफल्ड मैटरनिटी ड्रैस लाना नहीं भूली थीं. वहां पोशाकों की विविधता तो देखते ही बनती थी. साथ में, योगा सीडीज, किताबें तथा और भी बहुत कुछ उपलब्ध हो जाता था.

 

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आरामदेह व स्टाइलिश भी

पिछले 18-19 बरसों से इसी शहर में फैशन बुटीक चला रहीं डौली गर्ग का मानना है, कि आजकल की युवा पीढ़ी यदि वैडिंग ड्रैस, वैडिंग गाउन में लाखों रुपए खर्च करना जानती है, तो प्रैग्नैंसी के समय आरामदेह, स्टाइलिश कपड़ों पर खर्च करने में भी संकोच नहीं करती. उन्होंने बताया, ‘‘समय के साथ सोच बदली है. पुरुष भी साथ आते हैं. मेरे पास जो भी महिला आती है, सब से पहले कहती है, ‘मैडम, ऐसी ड्रैस सिल दो, जिस में सांस भी आए, पेट न दिखे और मैं आकर्षक लगूं.’ इस में किसी को लूज कुरता चाहिए, किसी को एथनिक वियर तो किसी को घेरेदार ड्रैस जो टौप फिटेड हो यानी जो चिपकी न हो, हवादार भी रहे, भले ही अम्ब्रेला कट हो. कुछ ग्राहक ऐसी भी हैं, जो सिर्फ गाउन चाहती हैं. वे काफ्तान मांगती हैं. बाकी रहे युवा पीढ़ी के लोग, जो सिलनेसिलाने के झंझट में नहीं पड़ते, वे मौम ऐंड मी जैसे नामीगिरामी स्टोर्स से अपना मैटरनिटी वार्डरोब तैयार कर लेते हैं.’’

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