लोगों के मन में ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर कई तरह की आशंकाएं रहती हैं. ये आशंकाएं ऑनलाइन फ्रॉड को लेकर होती हैं और होनी भी चाहिए, आजकल ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में जबरदस्त उछाल जो आया है.

वैसे भी आप जिस व्यक्ति या वेबसाइट पर भरोसा करके प्रोडक्ट खरीद रहे हैं, उसे सीधे तौर पर तो जानते नहीं हैं. उसकी एक वर्चुअल पहचान है, जिससे आप वाकिफ हैं.

ऐसे में आप सोचेंगे कि ‘कैश ऑन डिलीवरी’ बेहतर विकल्प है. लेकिन ‘कैश ऑन डिलीवरी’ के मामले में भी आप अपने खरीदे गए प्रोडक्ट को देखे बिना ही उसकी कीमत चुकाते हैं. यानी आप उसकी पैंकिंग देखकर पैसे दे देते हैं. ऐसे में आप ऑनलाइन शॉपिंग में कैसे अपने रिस्क को कम से कम कर सकते हैं और कैसे इस तरह के फ्रॉड से बच सकते हैं. यहां जानिए कुछ उपाय…

1. ऑफिशियल सेलर से खरीदें सामान

अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स दुनियाभर के विक्रेताओं को मार्केट प्लेस मुहैया कराती हैं, ये वेबसाइट स्वयं कोई प्रोडक्ट नहीं बेचती हैं. हालांकि इन वेबसाइट्स पर सभी विक्रेता एक सामान नहीं होते, कुछ विक्रेता ऐसे भी होते हैं जिन्हें इन ई-कॉमर्स वेबसाइट्स का लगभग ‘आधिकारिक विक्रेता’ माना जा सकता है.

फ्लिपकार्ट के मामले में यह दर्जा ‘डब्ल्यूएस रिटेल’ को हासिल है. यानी फ्लिपकार्ट पर इस विक्रेता से खरीदारी करना 100 फीसदी सुरक्ष‍ित है. हालांकि इसी वेबसाइट पर मौजूद अन्य विक्रेताओं के मुकाबले ‘डब्ल्यूएस रिटेल’ पर कीमतें थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं, लेकिन लालच ना करें. यही नहीं ‘डब्ल्यूएस रिटेल’ ही फ्लिपकार्ट पर इकलौता विक्रेता है जो 30 दिन की मनी बैक गारंटी देता है, जबकि बाकी विक्रेता 7 से 10 दिन की रिटर्न गारंटी देते हैं.

अमेजन पर यह दर्जा ‘क्लाउडटेल’ को हासिल है. जबॉन्ग और मिंत्रा पर ज्यादातर प्रोडक्ट आधिकारिक विक्रेताओं द्वारा ही बेचे जाते हैं.

2. ऐसे ही प्रोडक्ट खरीदें जो गोदाम में हों

अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के अपने गोदाम होते हैं, जहां थर्ड पार्टी विक्रेता का भी सामान रखा होता है. पहले से गोदाम में मौजूद सामान को अगर आप खरीदते हैं तो फिर इनकी शिपिंग थर्ड पार्टी विक्रेता नहीं बल्कि वह वेबसाइट स्वयं करती है, जिससे आपने खरीदा है. अगर आपको जानना हो कि जो प्रोडक्ट आप खरीद रहे हैं वो गोदाम में मौजूद है या नहीं तो बता दें कि अमेजन पर ऐसे प्रोडक्ट्स के साथ ‘अमेजन फुलफिल्ड’, फ्लिपकार्ट पर ‘फ्लिपकार्ट एडवांटेज’ व स्नैपडी पर ‘सेफशिप’ का टैग लगा रहता है.

3. विक्रेता की रेटिंग पर भी नजर डालें

इससे पहले कि आप अपनी मनपसंद का प्रोडक्ट खरीदने के लिए Buy का बटन दबाएं, विक्रेता की रेटिंग जरूर देख लें. खासतौर पर ईबे और स्नैपडील जैसी वेबसाइटों के मामले में यह जरूर करें. ध्यान रखें कि ऐसे विक्रेताओं से ही सामान खरीदें जो जिन्होंने कम से कम 50 या इससे ज्यादा ट्रांजेक्शन किए हों और उनकी रेटिंग भी 90 फीसदी या कम से कम 4 स्टार हो. जितनी ज्यादा रेटिंग होगी उतना ही ज्यादा आप उस विक्रेता पर भरोसा कर सकते हैं.

4. सस्ते और डिस्काउंट के चक्कर में ना पड़ें

अगर आपको कोई महंगा प्रोडक्ट किसी शॉपिंग वेबसाइट पर बहुत सस्ता मिल रहा है और आप उसे खरीदने का मन बना रहे हैं तो ठहरें. क्योंकि इस तरह से आपको सस्ते का झांसा देकर आपकी मेहनत की कमाई उड़ाने वालों की भी कोई कमी नहीं है. कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि ग्राहकों को महंगी चीज सस्ते में देने का लालच देकर गिफ्टपैक में पत्थर, प्लास्टिक या साबुन जैसी चीजें पहुंचा दी जाती हैं. ऐसा भी नहीं है कि ऑनलाइन शॉपिंग में महंगी चीजों पर डिस्काउंट देकर उन्हें सस्ते में नहीं बेचा जाता, लेकिन जब भी ऐसी डील पर क्लिक करें तो हमेशा ध्यान रखें कि आप आधिकारिक विक्रेता से ही खरीददारी करें. कई बार आप देखेंगे कि विक्रेता को रेटिंग तो अच्छी मिली हैं, लेकिन उसने अब तक केवल 18-20 ट्रांजेक्शन ही किए हैं तो ऐसे विक्रेता पर भरोसा करने से बचें.

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