जीवन बीमा कराने का सबसे सरल तरीका टर्म इंश्योरेंस होता है. इसे किसी एजेंट से खरीदने की जरूरत नहीं होती है. तमाम जीवन बीमा कंपनियों के टर्म इंश्योरेंस ऑनलाइन उपलब्ध रहते हैं, इसलिए जीवन बीमा प्रोडक्ट की खरीदारी ऑनलाइन करना ज्यादा फायदेमंद रहता है. ऑनलाइन माध्यम के जरिए ग्राहक एक क्लिक में किसी भी समय दुनिया की किसी भी जगह से पॉलिसी खरीद सकते हैं. ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने से पहले प्रोडक्ट को अच्छे से समझ लेना जरूरी होता है. साथ ही आपको पूरी रिसर्च करनी चाहिए कि यह आपकी जरूरतों के अनुरूप है या नहीं.

जानिए टर्म इंश्योनरेंस कंपनियों की वेबसाइट से ही लेना क्यों है फायदेमंद

– ऑनलाइन माध्यम से जीवन बीमा कंपनियों के खर्चे बचते हैं. इससे एजेंट के कमीशन और डिस्ट्रीब्यूशन खर्च की बचत होती है. इस बचत का लाभ कंपनियां ऑनलाइन ग्राहकों को देती है. यह पूरी प्रक्रिया वर्चुअल और पेपरलैस होती है जिस वजह से यह सस्ती हो जाती है. ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि ग्राहकों को किसी पर भी निर्भर रहने की जरूरत नहीं होती है.

– ध्यान रखें कि कोई भी एजेंट कभी भी ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस लेने की सलाह नहीं देगा ऐसा इसलिए क्योंकि उस पर कमीशन सबसे कम होता है. किसी एजेंट के जरिए टर्म इंश्योरेंस खरीदना कम से कम 25 फीसदी महंगा पड़ता है.

– ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदने के लिए निश्चित कंपनी की वेबसाइट पर जाएं जिससे टर्म इंश्योरेंस लेना चाहते हैं. सभी जरूरी जानकारी देने के बाद डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर दें और नेट बैंकिंग, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करें.

– यदि मेडिकल जांच के लिए कहा जाता है तो अपनी सुविधानुसार स्थान का चयन कर सकते हैं. मेडिकल जांच ठीक रहने पर पॉलिसी दस्तावेज कुछ ही दिनों में दिए गए पते पर पहुंचा दिए जाते हैं.

– अधिकांश पोर्टल ग्राहकों को ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम की तुलना करने की भी सुविधा उपलब्ध कराते हैं. इस सुविधा का लाभ जरूर उठाएं.

– तुलना के बाद जिन कंपनियों की पॉलिसी सस्ती लगती हैं उनका क्लेम रेश्यो देखें. क्लेम रेश्यो का मतलब होता है कि कंपनी 100 क्लेेम करने वालों में से कितने लोगों को बीमा के पैसों का भुगतान करती है. इसके बाद वेबसाइट के रिव्यूज और कमेंट्स सेक्शन पर जाकर ग्राहकों के रिव्यूज पढ़ें. इससे इंश्योरर की सर्विसेज के बारे में पता मौजूदा ग्राहकों से पता चलता है.

– इंश्योरेंस कंपनियों की वेबसाइट पर लाइव चैट का भी प्रावधान होता है जहां ग्राहक अपने संदेह दूर कर सकते हैं. साथ ही साइट पर दिए गए टोल फ्री नंबर की मदद से फोन पर भी बात की जा सकती है.

– क्लेम के समय दी गई जानकारी गलत पाए जाने पर कंपनी क्लेम खारिज कर सकती है. यह कंपनी का अधिकार होता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...