ओल्ड इज गोल्ड यानी पुरानी चीज़ तो सोना होती है, ऐसा अकसर कहा जाता है. सोना वाकई सोना होता है. अगर आप के पास सोना बहुत पहले से है और वह पुराना होता जा रहा है तो उस की कीमत कम नहीं हो रही, बल्कि बढ़ती जा रही है. हालांकि, दूसरी चीजें पुरानी होती जाती हैं तो उन की कीमतें घटती जाती हैं.

सोने की कीमत पर नजर डालेंगे तो वह औसतन साल दर साल बढ़ती ही रहती है. यह सभी जानते हैं कि सोना रखना या खरीदना घाटे का सौदा नहीं है.

डिजिटाइजेशन के मौजूदा दौर में सोना अब डिजिटल सोना (डिजिटल गोल्ड) भी बन गया है. इसे अब डिजिटल प्लेटफार्म पर खरीदा व बेचा जा रहा है. भारत में सोने के डिजिटल कारोबार को शुरू हुए अभी 2 वर्ष ही हुए हैं. इस दौरान भारतीयों ने सोने के डिजिटल सौदे में खासी दिलचस्पी दिखाई है.

सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच सेफगोल्ड और एमएमटीसी-पीएएमजी जैसी डिजिटल गोल्ड कंपनियों की बिक्री बढ़ रही है क्योंकि डिजिटल प्लेटफार्म से सोना खरीदने वाले भारतीय कंज्यूमर्स की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है.

सेफगोल्ड के प्रवक्ता का कहना है कि सोने का डिजिटल कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, सोने की हाथोंहाथ खरीदबिकरी के मुकाबले यह अभी काफी छोटा है. सेफगोल्ड एक डिजिटल प्लेटफार्म है जो ग्राहक को सोना खरीदने व बेचने की सुविधा देता है.

गौरतलब है कि देश में डिजिटल गोल्ड इंडस्ट्री को अभी मुश्किल से 2 साल भी नहीं हुए हैं और तकरीबन 70 लाख ग्राहक सोना खरीदने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रवक्ता के अनुसार, पिछले एक साल में डिजिटल गोल्ड का कुल टर्नओवर लगभग 700 करोड़ रुपए था.

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