इंटरनेट उपयोग में चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश हो गया है. इंटरनेट का बढ़ता इस्तेमाल हर तरह के कारोबार को प्रभावित करेगा. हर क्षेत्र की कंपनियां इस बदलते माहौल के लिए खुद को तैयार कर रही हैं. ग्राहकों को भी इस  माहौल के लिए तैयार रहना चाहिए. इसे सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह कंपनियों के साथ ही ग्राहकों के हितों को भी बढ़ावा देगा.

दरअसल, इंटरनेट का बढ़ता इस्तेमाल ग्राहकों के फैसला लेने के तौर-तरीके को प्रभावित करने लगा है. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का एक अध्ययन बताता है कि 40 फीसद शहरी ग्राहक कोई भी उत्पाद या सेवा खरीदने से पहले उसके बारे में इंटरनेट पर रिसर्च करते हैं. स्मार्टफोन के ग्राहकों की बढ़ती संख्या इसमें नया आयाम जो रहा है. इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते प्रचलन की वजह से ग्राहकों के फैसला लेने का तौर तरीका बदलता जा रहा है.

वर्ष 2017 तक 31-32 करोड़ भारतीयों के पास स्मार्टफोन होगा. यह आने वाले दिनों में कई तरह का बदलाव लाने जा रहा है. बीमा भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां इंटरनेट का बढ़ता दायरा कई बदलाव करेगा. लेकिन सवाल यह है कि क्या देश की बीमा कंपनियां इस बदलाव के लिए तैयार हैं? बीमा कंपनियों की तैयारियों को देख कर लगता है कि उन्होंने इस मुद्दे को समझना शुरू कर दिया है.

बीमा कंपनियों ने भी इंटरनेट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

1. ज्यादा से ज्यादा बीमा कंपनियों ने ग्राहकों के साथ इंटरनेट के जरिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है. यह कंपनियों को भौगोलिकी सीमा की बाधाओं को खत्म कर ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाने का आसान साधन हो गया है. साथ ही ग्राहकों की बदलती हुई जरूरत के मुताबिक उनकी बीमा की मांग में बदलाव करने और इस बारे में उन्हें जानकारी उपलब्ध कराना आसान हो गया है.

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