समय के साथ-साथ देश में इंश्योरेंस सेक्टर का दायरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में गलत पौलिसी बेचने या खरीदने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. अधिकांश बार इंश्योरेंस एजेंट या एडवाइजर ज्यादा कमीशन कमाने के चलते ग्राहकों को गलत पौलिसी बेच देते हैं. ऐसे में लोगों के लिए किसी भी बीमा पौलिसी की खरीद से पहले दो चीजों पर गौर करना जरूरी हो जाता है.

क्या वास्तव में यह आपके लिए जरूरी है?

कहीं एजेंट ने कमीशन के चक्कर में तो आपको गलत पौलिसी तो नहीं बेच दी है?

हाल ही में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने ऐसी कंपनी का पता लगाया है जो कई वर्षों से दर्जनों भर एजेंट्स के जरिए देशभर में हजारों लोगों को नकली पौलिसी बेच रही थी. लखनऊ की यह कंपनी औनलाइन नकली पौलिसी बेच रही थी जो कि देखने में किसी भी सामान्य बीमा कंपनी की पौलिसी जैसी ही लगती थी. पुलिस ने पता लगाया है कि आई मैक्स नाम की इस कंपनी का संचालन जितेंद्र प्रताप सिंह कर रहा था. जितेंद्र अब तक इसके जरिए करोड़ों रुपये कमा चुका है. पौलिसी एजेंट्स का इस पर कहना है कि उन्हें पता ही नहीं था कि वे नकली पौलिसी बेच रहे हैं.

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अगर आप ऐसे ही किसी गलत पौलिसी के चक्कर में पड़ गए हैं तो इस स्थिति में फ्री लुक पीरियड आपकी निश्चित तौर पर मदद कर सकता है.

एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आपको फेक या नकली पौलिसी बेच दी गई है तो इंश्योरेंस कंपनी की शाखा में जाकर शिकायत दर्ज कराएं. अगर कंपनी आपकी शिकायत पर कोई जवाब नहीं देती है तो ओम्बड्समैन या कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत लेकर जाएं. वहीं एक्सपर्टस् बताते हैं कि अगर आप फेक या गलत पौलिसी खरीद से बचना चाहतें है तो कोशिश करें कि फिजिकल फौर्म को अपने हाथ से भरें. यह एजेंट को न भरने दें. अधिकांश समय जल्दबाजी में एजेंट पौलिसीधारक की मेडिकल हिस्ट्री छुपा देते हैं. ऐसे में जब भविष्य में आप क्लेम करने जाते हैं तो पौलिसीधारक को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दूसरा इस बात का ध्यान रखें कि पौलिसी खरीदते समय एक ही एजेंट की बातों में न आएं. फाइनेंशियल एडवाइजर से पौलिसी के लाभ के बार में पता करें और उसके बाद ही पौलिसी खरीद का फैसला करें.

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