वित्त वर्ष 2017-18 के लिए (आंकलन वर्ष 2018-19) इनकम टैक्स रिटर्न (आयकर रिटर्न) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है. ऐसे में करदाताओं के पास सिर्फ दो महीनों का समय बचा है. समय पर आईटीआर दाखिल करना करदाताओं के लिए फायदेमंद होता है. अगर आप इसमें देरी करते हैं तो आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है. हाल ही में आयकर रिटर्न से जुड़े सातों फार्म को उपलब्ध कराया गया है. ऐसे में अगर आप भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. हम अपनी इस खबर में आपको जानकारी दे रहे हैं कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के दौरान आपको किन दस्तावेंजों की जरूरत होती है जिन्हें आपको इस प्रक्रिया के दौरान अपने पास रखना चाहिए.

फार्म-16: अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आईटीआर के दौरान फार्म-16 होना बहुत जरूरी है. यह आपको आपके इम्प्लौयर की तरफ से मिलता है. इसमें कर्मचारी की सैलरी, एचआरए, मेडिकल रिंबर्समेंट और सेक्शन 80 सी के तहत किए गए निवेश की पूरी जानकारी रहती है. इस फार्म में किसी वित्तीय वर्ष में आपको दी गई पूरी सैलरी और टीडीएस की जानकारी होती है.

सैलरी स्लिप: आपकी सैलरी स्लिप में कंपनी की तरफ से प्रति माह मिले पैसे का लेखा जोखा रहता है. सैलरी स्लिप में कई हेड्स के तहत आपको मिले पैसों को ब्यौरा शामिल होता है. जैसे कि बेसिक सैलरी, एचआरए, डियरनेस अलाउंस, मेडिकल अलाउंस, कन्वेएन्स अलाउंस इत्यादि. आपकी सैलरी स्लिप में आपको मिले पैसों के साथ-साथ हुए डिडक्शन्स भी दर्ज रहते हैं.

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फार्म-16A/फार्म-16B/फार्म-16C: अगर सैलरी के अलावा किसी अन्य स्रोतों से भी आपको आमदनी हुई हो और उस पर टीडीएस कटा है तो उस कंपनी के द्वारा आपको फार्म-16A दिया जाता है. अगर आपके द्वारा प्रापर्टी बेची गई है तो आपको खरीददार फार्म-16B देता है, उस पर कितना टीडीएस कटा है जैसी सारी जानकारी दी जाती है. अगर आप मकान मालिक के तौर पर किराए से कमाई अर्जित कर रहे हैं तो किराए पर कटौती की गई टीडीएस के विवरण प्रदान करने के लिए किरायेदार से फार्म -16 सी देने के लिए कहा जाना चाहिए.

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