जिस निवेश योजना के बारे में हम चर्चा करने जा रहे हैं वह उन पतियों के लिए एक सपने के सच होने जैसी है, जो अपनी-अपनी पत्नी से प्रत्येक महीने के घर के बजट के बारे में बातचीत करने से घबराते हैं.

प्रत्येक महीने का घर का बजट बनाते हुए जरूरी है आवश्यकता या उस से जुड़ी परेशानियों पर लगातार ध्यान देने की. पुराने समय से ही औरतों को घर के खर्चों को सही ढंग से संभालने के लिए जाना जाता है. उन के पास हमेशा आपात स्थिति के लिए पैसा संगृहीत होता है. पर जरा सोचिए कि अगर बिना किसी नौकरी के भी उन्हें हर महीने एक नियमित आय मिले तो कैसा लगे. जी हां, सिस्टेमैटिक विथड्रावल प्लान (एसडब्ल्यूपी) के आसान रास्ते के द्वारा यह मुमकिन है.

क्या है एसडब्ल्यूपी ?

जिस तरह से हर महीने निश्चित तारीख पर वेतन मिलता है, ठीक उसी प्रकार एसडब्ल्यूपी बैंक खाते में एक फिक्स्ड पैसा आना सुनिश्चित कर सकता है. बस आवश्यकता है तो निवेशक को एक खास योजना में शुरुआत में कुछ पैसा निवेश करने की. म्यूचुअल फंड स्कीम को एक बार एसडब्ल्यूपी निर्देश दिए जाते हैं. उदाहरण के लिए लगभग क्व15 लाख के निवेश के द्वारा एक निवेशक म्यूचुअल फंड को यह निर्देश दे सकता है कि हर महीने के 5वें दिन क्व6,500 दिसंबर, 2020 तक उस के बैंक अकाउंट में स्थानांतरित किए जाएं. यह सिर्फ एक उदाहरण था कि किस तरह से एक एसडब्ल्यूपी निर्धारित की जाए.

कई बार मासिक एसडब्ल्यूपी की राशि से अधिक राशि की आप को आवश्यकता हो सकती है. एसडब्ल्यूपी म्यूचुअल फंड्स की एक खुली योजना है, जिस में निवेशक बची राशि किसी भी समय एक आसान से रिडेंपशन निर्देश के द्वारा निकाल सकता है. एसडब्ल्यूपी निर्देश किसी भी समय रोका या बदला जा सकता है. अगर आप को ऐसा लगता है कि अब खर्चे बढ़ चुके हैं तो आप उसी योजना में अधिक निवेश कर सकते हैं और एसडब्ल्यूपी की राशि बढ़ा सकते हैं.

एसडब्ल्यूपी के फायदे

एसडब्ल्यूपी का एक अन्य फायदा यह है कि यह टैक्स रिटर्न्स के लिए बहुत कुशल या प्रभावशाली है. कल्पना करते हैं कि श्रीमान ए ने 15 लाख की म्यूचुअल फंड्स की एसडब्ल्यूपी में एक मासिक आय योजना (एमआईपी) में निवेश किया और श्रीमान बी ने बौंड/डिपौजिट योजना में 8% की ब्याज दर पर निवेश किया. केवल गणना के उद्देश्य से हम यह कल्पना करें कि प्रत्येक महीने 10 हजार एसडब्ल्यूपी के लिए रखे गए या फिर 1 लाख 20 हजार प्रति साल या निवेशित राशि का 8% केवल गणना के उद्देश्य के लिए यह भी मानिए कि एमआईपी में 8% रिटर्न मिला. श्रीमान ए और बी दोनों ही 30% के टैक्स स्लैब में हैं और क्रमानुसार दोनों को 10 वर्षों के लिए एसडब्ल्यूपी से और ब्याज से आय प्राप्त हुई.

ऊपर दिए गए उदाहरण में श्रीमान ए ने कैपिटल गेन टैक्स के तौर पर 37 हजार 537 का भुगतान किया, जबकि श्रीमान बी ब्याज की आय पर कर (टैक्स) के रूप में 3 लाख 60 हजार का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे. 10 वर्षों के समय के उपरांत वे 12 लाख की राशि एसडब्ल्यूपी या ब्याज की राशि के तौर पर प्राप्त कर चुके होंगे.

अगर फंड्स को 10 वर्षों के बाद भी निकाला नहीं जाता है, तब 12 लाख पर श्रीमान ए 3.12% जबकि श्रीमान बी 30% कर (टैक्स) का भुगतान कर चुके होंगे (6% प्रति वर्ष इन्फ्लेशन दर की कल्पना के साथ). ये गणनाएं बिना किसी सरचार्ज के की गई हैं या खातों को आयकर से मुक्त कर के और इस अनुमान के साथ कि 10 सालों के बाद भी कोई फंड नहीं लिया गया है.

ध्यान रखें

अधिकतर सभी म्यूचुअल फंड्स योजनाओं के वर्ग में एसडब्ल्यूपी योजना की सुविधा उपलब्ध होती है. फिर भी यह सुझाव दिया जाता है कि एक निवेशक को अपने रिस्क की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए ही इस का चुनाव करना चाहिए. ऊपर दिया गया उदाहरण डैब्ट औरिऐंटेड फंड्स के संबद्ध में भी सत्य है, जिस में एमआईपी भी सम्मिलित है. जबकि इक्विटी औरिऐंटेड फंड्स अधिक कर लाभ पहुंचाते हैं, लेकिन ये निवेश के बाजार मूल्य में भारी उतारचढ़ाव लाते हैं.

यह योजना सेवानिवृत्त लोगों के लिए भी बहुत अच्छी है. उन की सेवानिवृत्ति के संग्रह को नियमित मासिक प्रवाह के लिए प्रयोग कर सकते हैं. कुछ निवेशक अपने बच्चों की मासिक फीस या जिन के बच्चे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हैं उन की पौकेट मनी के लिए भी इस का प्रयोग कर सकते हैं.

तो अब आप के लिए यह समय है एसडब्ल्यूपी के साथ एक नए निवेश का जो महीने के अधिकतर खर्चों को कवर करे. अपनी पत्नी को अर्थात गृहिणी को उस बैंक खाते का डैबिट कार्ड देना न भूलें ताकि वह आप के खर्चों के पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से संभाल सके.

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