‘आय’ और ‘कर’ दोनों एक साथ बड़े ही मजाकिया लगते हैं. ‘आय’ हो न हो पर ‘कर’ तो देना ही पड़ता है, कई बार खुशी से तो कई बार जबरदस्ती पर चुकाना तो सबको पड़ता है. टैक्स का बोझ झेलना किसी को पसंद नहीं है. जिन कर्मचारियों की ‘इन-हैंड’ सैलेरी ही टैक्स कटने के बाद आती है, उनके गमों का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. माना की कर चुकाना देश की उन्नति के लिए बहुत जरूरी है. पर टैक्स चुकाने वालों की संख्या को देखकर तो ऐसा लगता है जैसे देश की उन्नति का भार केवल कुछ लोगों पर ही है. जिन्हें जबरदस्ती टैक्स चुकाना पड़ता है, उनके दर्द को टैक्स से बचने वाले कभी नहीं समझ सकते.

 जिस देश में ‘100 बुलाने पर पुलिस आ जाती है और 100 देने पर पुलिस चली जाती है’ वाले हालात हों उस देश के टैक्स स्ट्रकचर का होना और न होना भी बराबर है. कई बार कुछ लाइमलाइट में रहने वाले लोग टैक्स के चक्कर में फंस जाते हैं. पर देश का मध्यम वर्ग पर इनकम टैक्स की मार सबसे तेज पड़ती है.

लोग आयकर से बचने के अलग अलग, गलत सही सभी तरह के तरीके खोजते हैं. कई बार इस चक्कर में पकड़े भी जाते है. पर ऐसे कुछ रोजगार और बिजनेस हैं जहां आपको इनकम टैक्स नहीं चुकाना पड़ता. तो बाकि चक्करों को छोड़कर सही चक्कर लगाइए और इन तरीकों को अपनाइए.

1. खेती-बाड़ी

खेती-बाड़ी को कुछ लोग तुच्छ और बेकार समझते हैं. कोई काम छोटा और बड़ा नहीं होता और जो खेती को तुच्छ समझते हैं, उनके मगज की जितनी दाद दी जाए कम है. खेती एक ऐसा ‘बिजनेस’ है जिस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. इंडियन इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 के तहत कृषि संबंधी काम काज को आयकर के घेरे से दूर कर दिया था.

2. एचयुएफ (HUF) से मिले पैसे

अगर व्यक्ति किसी एचयुएफ (हिन्दू अनडीवाइडेड फैमिली) से है, और उसे परिवार द्वारा कुछ राशि दी गई है तो यह राशि भी आयकर के दायरे में नहीं आएगी. अगर यह राशि पर भी टैक्स लगते तो न जाने बेरोजगारों का क्या होता.

3. बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज

आईटी ऐक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत किसी भी बचत खाते में मौजूद पैसों पर अधिकतम 10,000 तक का इंट्रेस्ट टैक्स फ्री है.

4. ऐंप्लॉयर से मिला एलटीए

अगर आपका ऐंप्लॉयर आपको परिवार या दोस्तों के साथ घूमने के लिए एलटीए (लीव ट्रेवल अलांउस) देता है, तो ये पैसे भी टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. बशर्ते घूमने-फिरने में लगने वाले असल अमांउट से एलटीए किसी भी कीमत पर ज्यादा न हो.

5. तोहफे के तौर पर मिले पैसे या सामान

अगर आपको तोहफे में 50,000 से कम के सामान या पैसे मिलते हैं, तो यह रकम टैक्स फ्री रहेगी. मौजूदा नियमों के अनुसार 50,000 से ज्यादा के तोहफों या कैश के लेन-देन पर आयकर विभाग की नजर रहती है.

6. पार्टनरशिप फर्म के शेयर

अगर आपने फर्म से हुए लाभ को अपने किसी पार्टनर के साथ शेयर किया है तो यह पैसे भी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. इसे पार्टनरशिप पर प्रोफिट शेयरिंग कहते हैं. इस आय पर टैक्स इसलिए नहीं लगता क्योंकि कोई भी फर्म पहले ही टैक्स भर देती है. 

7. हाउस रेंटिंग अलाउंस या एचआरए

कई ऐंप्लॉयर अपने कर्मचारियों को घर के किराए चुकाने के लिए सैलेरी के द्वारा ही कुछ सहायता देते हैं. इस अलाउंस को हाउस रेंटिंग अलाउंस कहते हैं. यह रकम भी आयकर के दायरे में नहीं आती.

8. जीवन बीमा से होने वाली आय

जीवन बीमा कवर पर मिलने वाली रकम भी टैक्स के दायरे में नहीं आती. जीवन बीमा करवाना आपके जीवन और पैसे, दोनों को सुरक्षित रखता है.

9. स्कॉलरशिप

स्कॉलरशिप के तौर पर मिली रकम भी टैक्स के दायरे में नहीं आती. यह मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए दी जाती है. गौरतलब है कि बहुत से लोग इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं.

10. पुरस्कार

अगर किसी व्यक्ति ने पुरस्कार के तौर पर कोई रकम जीती है या उसे किसी पुरस्कार से नवाजा गया है तो उसमें मिलने वाले पैसों पर भी टैक्स नहीं लगता.

11. विरासत में मिली संपत्ति

विरासत में मिली चल-अचल संपत्ति भी टैक्स के दायरे में नहीं आती. यह किसी भी व्यक्ति की पैतृक संपत्ति है, इसलिए इस पर कोई कर नहीं देना पड़ता.

12. स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति

कई बार कर्मचारी अपनी मर्जी से सेवानिवृत्ति ले लेते हैं. रिटायरमेंट के बाद कंपनी द्वारा दी गई ग्रेच्युटी की रकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता.

इन तरीकों से आप कुछ हद तक अपनी ‘आय’ पर लगने वाले ‘कर’ से बच सकते हैं. टैक्स से गलत तरीके से बचना गलत है, पर कुछ सही तरीके भी हैं जिससे आप टैक्स से बच सकते हैं.

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