आज के समय पर ये बात कहना गलत नहीं होगा कि महिलाएं पुरूषों से ज्यादा मल्टी टास्किंग हैं और कामकाजी महिलाएं इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं. अगर आप भी कामकाजी हैं तो ये बात तो आप बहुत अच्छी तरह समझती होंगी कि, महिलाएं घर और ऑफिस, कितनी अच्छी तरह से संभालती हैं. पर आज भी महिलाओं का सशक्तिकरण को मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है, जिनमें लड़कियों को शिक्षित करना और महिलाओं का वित्तीय रूप से सशक्त होना.

ये बात तो सभी मानते हैं कि महिलाओं को वित्तीय रूप से मजबूत करने से समाज को बहुत फायदा होगा. अधिकतर देखा गया है कि ज्यादातर परिवारों के वित्तीय फैसले पुरूष ही करते हैं और जहां आवश्यक होता है वहां महिलाएं केवल दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करती हैं. कार खरीदने या घर खरीदने जैसे फायनेन्शियल फैसलों में महिलाएं पीछे क्यों रहती हैं. इसके लिए आपको थोड़ा सा प्रयास करना होगा..

धीरे-धीरे शुरूआत करें : क्या इसमें बदलाव लाया जा सकता है? क्यों नहीं. बिल्कुल बदलाव लाया जा सकता है. इसके लिए हमें निवेश और फाइनेंशियल प्लानिंग के कुछ बेसिक समझने होंगे.

छोटी-छोटी चीजों पर दें ध्यान : आप अपनी बैंक ब्रांच जाकर चेक, कैश डिपॉजिट करवा सकती हैं. अपनी पासबुक अपडेट करवा सकती हैं. आप घर के बिल ऑनलाइन पे कर सकती हैं. इसके अलावा आप ट्रेन, बस के टिकट बुक करवा सकती हैं. बेहतर होगा अगर आप अपने खर्च का पूरा हिसाब खुद रखेंगी.

इंश्योरेंस के बारे में जाने : जैसे-जैसे आप आगे बढ़ें, आपको इंश्योरेंस के बारे में जानना चाहिए. आप अपने परिवार के लिए लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस करवाएं. इसके अलावा आपका मकान, दुकान भी दूसरे खतरों से सुरक्षित रहें इसके लिए इंश्योरेंस करवाएं.

वित्तीय सलाहकार की सहायता लें : इसके लिए अगला कदम हैं वित्तीय सलाहकार की सहायता लें. अपने निवेश से संबंधित सवाल पूछें. वित्तीय सलाहकार से समझें कि महंगाई कैसे आपके निवेश पर असर डालती है. म्युचुअल फंड के रिटर्न कैसे महंगाई के मुकाबले ज्यादा होते हैं. अपने पोर्टफोलियो और लक्ष्य को समय-समय पर ट्रैक करना सीखें.

निवेश की शुरूआत जल्दी करें : याद रखें आप जितना जल्दी निवेश की शुरूआत करेंगे उतनी ही जल्दी अपने जीवन के विभिन्न लक्ष्यों को पा सकेंगी. अपनी रिटायरमेंट की रकम का भी इंतजाम कर सकेंगे.

नियमों की जानकारी रखने की कोशिश करें : आप इनकम टैक्स रिटर्न भरने में भी सहयोग कर सकती हैं. रिटर्न की प्रक्रिया समझने में कोई बुराई नहीं है. समय-समय पर ऐसे प्रोडक्ट्स और नियमों की जानकारी रखें जो आपके निवेश को प्रभावित करते हैं. जैसे कि रिजर्व बैंक का दरें बढ़ाना या घटाना.

ऐसा सब करने के लिए आपको शुरूआत में कुछ कठिनाई होगी. लेकिन आप जैसे-जैसे इसमें शामिल होने लगेंगी, आपको अच्छा लगने लगेगा और ये आपके लिए जरुरी भी है.

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