लेखिका- पम्मी सिंह ‘तृप्ति’

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और मौजूदा करोना काल की अवधि में ऑनलाइन शॉपिंग हम सभी के लिए जरूरत बन पड़ी है. करोना के खतरे को देख यह प्रक्रिया सुविधाजनक से जादा आवश्यकता बन गई है. घर बैठे सेवा प्रदान करते ऑनलाइन शॉपिंग अपने वैश्विक आकार के कारण गहरी पैंठ बना रही है जिसके कारण हमारी खरीदारी करने का तरीका भी बदल गया है. मौजूदा वैश्विक बाजार के समतुल्य कदम बढ़ाने के लिए खास एहतियात बरतने की जरूरी है।

दिल्ली के 25 वर्षीय आमोल बहुत खुश था अपनी नई बाईक लेकर उसके के लिए कुछ एसेसरीज ऑनलाइन शॉपिंग से मंगाई, समय पर डिलीवरी और पेमेंट भी हो गई पर समान स्तरीय न होने के कारण वह पुनः लौटने की आवेदन फार्म को भरा और पिक अप ऐजेंट के मेसेज की भी प्राप्ति हुई पर कोई डिलीवरी, पिक अप के लिए नहीं आया पर मोबाइल पर attempt to do but there is no one to receive की मैसेज आयी अब समय सीमा समाप्त होने की वजह से वो समान बेकार साबित हो गई.
भोपाल की रीता को इस बात का भरोसा था कि माँ को जन्मदिन पर ऑनलाइन शॉपिंग द्वारा एयर फ्रायर गीफ्ट कर सरप्राइज देगीं पर डिलीवरी तय समय पर नहीं हो सकी जिससे उसके उत्साह पर पानी फिर गया।
कई मामलों में  ऐसा भी समाचार सामने आया कि ग्राहकों से लौटाए जाने वाले समान को बुक कराने तक सब कुछ सही होता  रहा पर संबंधित कम्पनी, विक्रेता तक पहुंचने में गड़बड़ी हो गई या सामान नहीं पहुंच पाया. इस तरह के घटनाओं व नफा नुकसान से बचने के लिए  आवश्यकता है बदलते समय के बढ़ने के साथ कुछ सावधानियों की जिससे धोखाधड़ी से बचा जा सकें.

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