जैसे जैसे अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं वैसे वैसे हिलेरी क्लिंटन राष्ट्रपति पद के लिए एक सशक्त उम्मीदवार के तौर पर सामने आ रही हैं, साथ ही उन का 40 सालों का वैवाहिक जीवन भी पुन: चर्चा में है.

हिलेरी ने अपने वैवाहिक जीवन में कई उतारचढ़ाव देखे हैं खासकर 1998 में व्हाइटहाउस इंटर्न मोनिका लेविंस्की के साथ बिल क्लिंटन के अफेयर की खबर ने इस शादी की नींव हिला दी थी. लेकिन जल्द ही हिलेरी ने यह कह कर लोगों की जबान पर ताला लगा दिया कि वे पति के साथ अपने गहरे रिश्ते और शादी की हकीकत को जानती हैं और वे पति के साथ हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया कि न तो कोई उन्हें बिल की तरह समझ सकता है और न ही हंसा.

उन के इस वक्तव्य ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे अपने जीवनसाथी से कितनी गहराई से जुड़ी हुई हैं. उन के रिश्ते से दंपती सीख ले सकते हैं कि कैसे अहं को दरकिनार कर कठिन समय में भी जीवनसाथी का साथ दिया जा सकता है.

तब तक रिश्ते को निभाना बहुत आसान है जब तक सब ठीक हो. असली कमिटमैंट तब देखी जाती है जब कठिन हालात में भी व्यक्ति जीवनसाथी के साथ उतनी ही शिद्दत से जुड़ा रहता है. गहरे जुड़ाव से कमिटमैंट स्ट्रौंग होती है, जो सच्चे रिश्ते का आधार है.

एक और सैलिब्रिटी कपल है, जिस की वैवाहिक जिंदगी एक उदाहरण है और वह है मिशेल और बराक ओबामा. दुनिया के सब से शक्तिशाली व्यक्ति से शादी कर तालमेल बैठाए रखना आसान नहीं होता. मगर मिशेल और बराक ओबामा की जोड़ी को देख एहसास होता है कि वाकई वे इस रिश्ते को बेहद खूबसूरती से निभा रहे हैं. वे एकदूसरे को पूरी अहमियत देते हैं.

एक पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू में मिशेल ने कहा था कि उन्होंने अपने पति से सीखा है कि जिंदगी में आने वाले अपडाउन से कभी प्रभावित न हों, बस लंबी सांस लें, जो हुआ उस के अनुरूप जीना सीख लें. वहीं बराक ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने मिशेल से अनुशासन सीखा है. समय की पाबंदी, कपड़ों को सही जगह रखना, बच्चों के साथ समय बिताने के लिए प्लानिंग करना वगैरह मिशेल ने ही उन्हें सिखाया है.

रिश्ता सिर्फ नाम का नहीं होता खासतौर पर विवाह बंधन. यह तो उम्र भर का बंधन होता है. एकदूसरे के साथ हर परिस्थिति में खड़े होना, एकदूसरे की ढाल बनना, आपसी विश्वास, प्रेम व सहयोग को हमेशा बढ़ावा देना और साथी के साथसाथ उस के परिवार का भी सम्मान करना जैसी बातें दांपत्य जीवन की फुलवारी को हमेशा गुलजार रखती हैं.

टिप्स हैप्पी मैरिड लाइफ के

 इन सैलिब्रिटिज के खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने के तरीकों को जान कर आप भी अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते को मजबूती दे सकती हैं.

सकारात्मक रुख जरूरी: इस में कोई शक नहीं कि जितना ही ज्यादा व्यक्ति सकारात्मक सोच वाला होता है, उस की वैवाहिक जिंदगी भी उतनी ही खुशहाल रहती है.

शिकागो यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक जब पति सकारात्मक विचारों वाला होता है, तो दांपत्य जीवन में संघर्ष की संभावना घट जाती है. जीवनसाथी एकदूसरे की जिंदगी में घटी अच्छीबुरी घटनाओं के प्रति किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं, इस बात का भी प्रभाव उन के रिश्ते पर पड़ता है.

जर्नल औफ पर्सनैलिटी ऐंड सोशल साइकोलौजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक पार्टनर एकदूसरे की गुड न्यूज पर किस तरह से रैस्पौंस देते हैं, उत्साहित हो कर, गर्व से या फिर उदासीनता से. इस बात का उन के बीच की घनिष्ठता पर गहरा प्रभाव पड़ता है.

संवाद कायम रखें: पैसों को ले कर तकरार और कमजोर संवाद दोनों एक रिश्ते को तोड़ने या अस्वस्थ बनाने में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.अकसर हम यह ऐक्सपैक्ट करते हैं कि हमारा जीवनसाथी बिना कुछ कहे ही हमारे मनमस्तिष्क में उमड़ रही बातों को समझ लेगा. हम मन की बातें कहते नहीं और अंदर ही अंदर परेशान होते रहते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने जीवनसाथी से दिल की हर बात जाहिर करें.

यदि किसी बात पर विवाद है तो अपना पक्ष जरूर रखें. सिर्फ अहं की खातिर विवाद बढ़ाते जाना उचित नहीं. विवाद जल्द से जल्द खत्म करना जरूरी है.

एकदूसरे के दोस्त बनें: पतिपत्नी बहुत अच्छे दोस्त बन सकते हैं. वे एकदूसरे की आदतों, जरूरतों व विचारों से पूरी तरह वाकिफ होते हैं. रोमांस व फन ऐक्टिविटीज के साथ खुशनुमा लमहे गुजारें. आप जितना ज्यादा फन और फ्रैंडशिप के साथ इन्वैस्टमैंट करेंगे, उतना ही अधिक रिश्ता मजबूत रहेगा.

घर के कामों में सहयोग: यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया, लास एंजिल्स (यूसीएलए) के शोधकर्ताओं ने बहुत से लोगों के रिश्तों का 4 सालों तक अध्ययन कर के यह निष्कर्ष निकाला कि जितना ही ज्यादा घर के कामों को सिस्टेमैटिक हैंडल किया जाता है, कामों का बंटवारा किया जाता है, जिंदगी उतनी ही खुशहाल गुजरती है.

कहीं अनकही दूरी न आ जाए: कई दफा हम वीडियो गेम्स, मोबाइल चैटिंग वगैरह में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने पार्टनर का अकेलापन महसूस ही नहीं कर पाते. इसी तरह कुछ लोगों को कंप्यूटर ऐडिक्शन होता है तो कुछ यारदोस्तों में ही इतने व्यस्त हो जाते हैं कि घर की सुध देर से आती है. रिश्ते में इस दूरी को सदैव दूर रखने का प्रयास करें.

समय दीजिए: अपने रिश्ते को मजबूत रखने के लिए एकदूसरे को समय दीजिए.

कपल्स के लिए यह आवश्यक है कि कम से कम 12 से 15 घंटों का वक्त (इस में नींद व टीवी देखने में व्यतीत समय शामिल नहीं है) हर सप्ताह साथ बिताएं. इस दौरान उन गतिविधियों के लिए समय निकालें, जिन्हें आप दोनों ऐंजौय करते हैं और जो आप को करीब लाती हैं. अपनी वैवाहिक जिंदगी से जुड़े महत्त्वपूर्ण दिनों जैसे सालगिरह आदि उत्साह के साथ मनाएं.

पति ज्यादा सैंसिटिव

यूनिवर्सिटी औफ शिकागो के एक नए अध्ययन के मुताबिक वैवाहिक जिंदगी की सफलता पति की सेहत व ऐटीट्यूड पर निर्भर करती है न कि पत्नी के.

इस अध्ययन में 63 से 90 साल की आयु के कई कपल्स शामिल किए गए. शोधकर्ताओं ने पाया कि जब पति की सेहत खराब रहती है, तो वैवाहिक जिंदगी में अधिक संघर्ष/विवाद पाए जाते हैं, मगर जब परिस्थिति इस के विपरीत हो और पत्नी की तबीयत खराब हो तो ऐसा कोई असर नहीं पाया गया.

दरअसल, पति इन मामलों में ज्यादा संवेदनशील पाए जाते हैं और एक पति के लिए अवसाद में आना या नाखुश होना पत्नी के मुकाबले सहज होता है. भले ही परिस्थितियां पत्नी और पति के लिए समान ही क्यों न हों और फिर जब पति अप्रसन्न रहता है तो रिश्ते के डगमगाने की संभावना अधिक रहती है. इस के विपरीत पत्नी अपनी समस्याएं हल करने में ज्यादा माहिर होती है. मगर इस का मतलब यह नहीं कि वैवाहिक सफलता केवल पति पर ही निर्भर है.

डिवोर्स मीडिएटर नैंसी फैगन कहती हैं कि 85% रिश्ते पत्नियों द्वारा खत्म किए जाते हैं. वे डिवोर्स के लिए आगे बढ़ती हैं, क्योंकि वे पतियों की इस बात से आजिज आ चुकी होती हैं कि वे रिश्ते को बचाने का प्रयास नहीं करते.

एक अध्ययन में पाया गया है कि उम्र बढ़ने के साथसाथ पत्नियों में डिप्रैशन और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है. ज्यादातर पति रिश्ते में कंपिटैंसी व प्रौब्लम सौल्विंग को अहमियत देते हैं जबकि पत्नियां इंटीमेसी व इमोशनल कनैक्शन को महत्त्व देती हैं.

ऐक्सपर्ट की राय

भावना मोंगा, औथर ऐंड रिलेशनशिप वैलनैस ऐक्सपर्ट के अनुसार, ‘‘पति और पत्नी

के बीच रिश्ता मधुर बना रहे, इस के लिए जरूरी है कि वे आपस में बात करें. एकदूसरे से कुछ छिपाएं नहीं. जो सच होता है वह आज नहीं तो कल सामने आ ही जाता है. दंपतियों के लिए जरूरी है कि हमेशा एकदूसरे पर विश्वास करें. यही नहीं एकदूसरे के परिवार को भी समझें. विवाह केवल 2 जनों के बीच नहीं, बल्कि 2 परिवारों के बीच होता है. यह केवल पत्नी की जिम्मेदारी नहीं कि वह पति के परिवार को अपना माने और साथ रहे. पति की भी उतनी ही जिम्मेदारी है कि वह पत्नी के परिवार को समझे.’’

सम्मान जरूरी

‘‘पतिपत्नी का रिश्ता ऐसा होता है, जिस में प्यार के साथसाथ एकदूसरे के प्रति सम्मान होना भी बहुत जरूरी है. एकदूसरे की फैमिली को अहमियत दें. एकदूसरे की भावनाओं को समझें. तभी रिश्ता सदा मजबूत डोर में बंधा रह पाएगा.’’

– दीपिका कक्कर, टीवी कलाकार

 

यदि आप चाहती हैं कि आप को एक बेहतर जीवनसाथी मिले या जानना चाहती हैं कि जिसे आप पसंद करती हैं वह एक बेहतर जीवनसाथी साबित होगा या नहीं, तो सब से अच्छा उपाय है कि आप उस की ईयरबुक फोटोज चैक करें. वर्ष 2009 में किए गए एक अध्ययन में दिलचस्प बात सामने आई. शोधकर्ताओं ने कालेज ईयरबुक की तसवीरों में से कुछ लोगों की मुसकराहटों की गहराई को 1 से 10 नंबरों में बांटा है. उन्होंने पाया कि टौप 10% में आने वाले लोगों में से, जिन के चेहरों पर सब से ज्यादा सहज मुसकराहट थी, किसी ने भी तलाक नहीं लिया, मगर सब से निचले स्तर के 10% वालों में से 25% ने अपनी शादी तोड़ दी…

झिझक से समस्या बढ़ती है

‘‘हर रिश्ते की बुनियाद सचाई, प्यार, विश्वास, आपसी बौंडिंग आदि से मजबूत होती है और शादी तो एक ऐसा बंधन है, जिस में पतिपत्नी अपने जीवन के सारे दुखसुख का सामना एकसाथ करते हैं. वैवाहिक जिंदगी में सब से महत्त्वपूर्ण है प्यार और विश्वास. जब पत्नी अपने जीवन के रोमांटिक पलों में कमी महसूस करती है, तो भी पति से यह बात कहने में हिचकती है. सिर्फ पत्नी ही नहीं, कई बार पति भी बात करने में झिझक महसूस करता है. ऐसे में समस्या कम होने के बजाय बढ़ती जाती है. प्यार तो सब करते हैं पर कभीकभी इसे जताना भी चाहिए. ऐसा करने से एकदूसरे के लिए फीलिंग्स बढ़ने लगती हैं और रिश्ता मजबूत होता है.’’

– डा. संजू गंभीर, मनोवैज्ञानिक, प्राइम्स सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल

 

ईमानदार है बहुमूल्य

‘‘अपने साथी के साथ ईमानदार होने पर आप को रिश्ते में बहुमूल्य विश्वास मिलेगा, जोकि मजबूत, खुश और ताउम्र टिकने वाले रिश्ते के आधार है. याद रखें, झूठ ज्यादा समय तक नहीं चल पाता और एक दिन खुदबखुद सामने आ जाता है. अपने जीवनसाथी से झूठ बोलना निश्चित रूप से एक अच्छा विकल्प नहीं है.’’            

– अनामिका यदुवंशी. लाइफ कोच और ट्रेनर. 

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