विवाहेतर संबंध कई युगों से चले आ रहे हैं और हर वर्ग व समाज के लोग इस वर्जित फल को पाने के लिए लालायित रहते हैं. उन के सामाजिक व आर्थिक स्टेटस, पारिवारिक बैकग्राउंड, शिक्षादीक्षा और धर्म व संस्कार में अंतर हो सकता है, लेकिन इस सुख को पाने के लिए सभी विवेकहीन हो कर अपनी बांहें पसार आगे बढ़ जाते हैं. इस के परिणाम अकसर सुखद नहीं होते. भई, 2 नावों को सवारी कर कौन पार उतर पाया है? और फिर दांव पर बहुत कुछ लग जाता है, कैरियर, इज्जत, मानसम्मान, रिश्तों का टूटना, आर्थिक परेशानी, मानसिक तनाव, बच्चों का भविष्य वगैरह. फिर भी समझदार, परिपक्व वयस्क व्यक्ति (मर्द/औरत) क्यों रखते हैं विवाहेतर संबंध? कभीकभी तो ऐसे कपल के बीच इस अफेयर का बम फूटता है जो परफैक्ट कपल नजर आ रहे होते हैं. समझ नहीं आता कि आखिर क्यों, कैसे? यहां तो सब कुछ सही था. लेकिन नहीं, निश्चित तौर पर कहीं न कहीं कुछ न कुछ गलत था जिसे दोनों ही नहीं देख पाए.

यहां बताए जा रहे हैं कुछ संभावित मुख्य कारण, जिन्हें आप विवाहेतर संबंध यानी ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के लिए उत्तरदायी मान सकते हैं:

कम उम्र में शादी

जिन की शादी कम उम्र में यानी 20-22 वर्ष तक की उम्र में हो जाती है उस वक्त उन में न तो अधिक समझ होती है, न ही उन के कैरियर व जिंदगी में स्थायित्व आया होता है. ऐसे लोग जब 30-32 की उम्र में पहुंचते हैं तभी उन के विचारों में परिपक्वता आती है या कहिए उन्हें जिंदगी जीने का सलीका आता है. और इन सब के साथ ही उन्हें यह महसूस होता है कि उन्होंने अपनी जवानी के दिन यों ही गुजार दिए. मौजमस्ती, फ्लर्टिंग जैसी अवस्थाओं से वे गुजरे ही नहीं. जिंदगी के उस हसीन हिस्से को वे अब जीना चाहते हैं, अनुभव करना चाहते हैं. अपनी लाइफ में थ्रिल, ऐक्साइटमैंट को महसूस करने के लिए वे मुड़ते हैं ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की खतरनाक, फिसलन भरी मगर बेहद हसीन, दिलफरेब गलियों में.

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