मां बेटी का रिश्ता बहुत प्यारा रिश्ता है. हर मां दिल से चाहती है कि उस की बेटी अपनी ससुराल में बहुत खुश रहे, इसलिए वह बचपन से ही अच्छे संस्कार देती है परंतु समय के साथ इस सीख में बहुत फर्क आ गया है. आधुनिक परिवेश में विवाह के माने बदल गए हैं. जहां पहले समस्या लड़की के एक नए व अनजाने ससुराल के माहौल को समझने और तालमेल बैठाने में आती थी, वहीं अब लड़केलड़की की आपस में ही बन जाए तो शादी सफल मानी जाती है.

आजकल नई पीढ़ी के पास किताबी ज्ञान और डिगरियां तो बहुत हैं परंतु व्यावहारिक बुद्धि का अभाव है. शादी के बाद पतिपत्नी दोनों को ही काफी जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं, इस के लिए दोनों का आपसी सहयोग बेहद आवश्यक है, परंतु देखा यह जा रहा है कि लड़कियां पतिपत्नी के पवित्र रिश्ते को भूल कर बातबात पर एकदूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लग जाती हैं.

शादी को सफल बनाने में जहां पतिपत्नी दोनों की समझदारी काम देती है वहीं घर वालों का सकारात्मक रवैया भी काफी मददगार होता है.

मतभेद बढ़ाता है मोबाइल

पतिपत्नी के रिश्ते में फोन के कारण अकसर कड़वाहट आ जाती है. आजकल फोन के माध्यम से लड़की के मायके वाले, दोस्त आदि लगातार संपर्क में रहते हैं. हर समय बेटी का फोन बजता ही रहता.

न्यायाधिकारी मालिनी शुक्ला का कहना है कि आजकल बेटी ससुराल पक्ष की हर छोटीछोटी बात अपनी फ्रैंड या दूसरों से डिस्कस करती है और फिर वे अपनी राय भी थोपते है, अपनी सलाह भी देते हैं कि तुम्हें जरा भी दबने की जरूरत नहीं है. तुम घूमने चली जाया करो.

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