सभी मातापिता अपने बच्चों को सब से आगे और सफलता की ऊंचाइयों पर देखना चाहते हैं. इस के लिए वे क्याक्या नहीं करते. सुखसुविधाओं के साधन जुटाते हैं, पौष्टिक आहार खिलाते हैं, फिर भी ऐसा क्यों होता है कि कुछ बच्चे बेहद विलक्षण बुद्धि के होते हैं तो कुछ सामान्य व औसत बुद्धि के? दरअसल, जन्म के समय बच्चे के दिमाग के सैल्स सांस लेने, दिल की धड़कन जैसी कुछ खास क्रियाओं से ही जुड़े होते हैं. मस्तिष्क का बाकी हिस्सा जन्म के 5 साल के भीतर विकसित होता है. न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के चाइल्ड स्टडी सैंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर पी. ल्यूकास के अनुसार, ‘‘जन्म के शुरुआती 5 सालों में शिशु के जीवन में घटने वाली घटनाएं न सिर्फ उस के मस्तिष्क का तत्कालीन विकास निर्धारित करती हैं, बल्कि यह भी निर्धारित करती हैं कि आने वाले जीवन में उस का मस्तिष्क कितना विकसित होगा.’’

यद्यपि शिशु के मस्तिष्क विकास के रहस्य को विशेषज्ञ अभी भी पूरी तरह सुलझा नहीं पाए हैं, लेकिन फिर भी यह तो तय है कि अभिभावकों द्वारा किए गए प्रयास बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

बनें स्मार्ट पेरैंट्स

यदि आप को लगता है कि बाजार में उपलब्ध बेबी डेवलपमेंट सीडी से या जल्द से जल्द उसे प्ले स्कूल में भेजने से आप के बच्चे का दिमाग तेजी से चलने लगेगा तो आप का सोचना गलत है. विशेषज्ञों की राय में बच्चे के मस्तिष्क का विकास इस पर निर्भर करता है कि आप ने उस के साथ कितना वक्त बिताया है. जी हां, बेशक यह बच्चे पालने का पारंपरिक तरीका हो, लेकिन यह बात सही है कि कंप्यूटर, वैबसाइट्स और टीवी की तुलना में बच्चे के साथ खेले गए छोटेमोटे सरल खेल, अभिभावकों का सान्निध्य बच्चे को ज्यादा ऐक्टिव और स्मार्ट बनाता है, क्योंकि इस दौरान शिशु को जो आत्मीयता और स्नेह मिलता है उस की बराबरी कोई नहीं कर सकता.यदि आप भी अपने शिशु को स्मार्ट बेबी बनाना चाहती हैं तो पहले स्मार्ट मदर बनें और उस की स्मार्ट टीचर भी. आप के द्वारा कही गई हर बात और किया गया हर कार्य आप का नन्हामुन्ना गौर से देखसुन रहा है और उस पर उस का प्रभाव भी पड़ र हा है. इसलिए उस के सर्वश्रेष्ठ विकास के लिए निम्न बातों पर गौर करें:

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