वे कौन से हालात हैं जो लड़की को घर छोड़ने को मजबूर कर देते हैं. आमतौर पर सारा दोष लड़की पर मढ़ दिया जाता है, जबकि ऐसे अनेक कारण होते हैं, जो लड़की को खुद के साथ इतना बड़ा अन्याय करने पर मजबूर कर देते हैं. जिन लड़कियों में हालात का सामना करने का साहस नहीं होता वे आत्महत्या तक कर लेती हैं. मगर जो जीना चाहती हैं, स्वतंत्र हो कर कुछ करना चाहती हैं वे ही हालात से बचने का उपाय घर से भागने को समझती हैं. यह उन की मजबूरी है. इस का एक कारण आज का बदलता परिवेश है. आज होता यह है कि पहले मातापिता लड़कियों को आजादी तो दे देते हैं, लेकिन जब लड़की परिवेश के साथ खुद को बदलने लगती है, तो यह उन्हें यानी मातापिता को रास नहीं आता है.

कुछ ऊंचनीच होने पर मध्यवर्गीय लड़कियों को समझाने की जगह उन्हें मारापीटा जाता है. तरहतरह के ताने दिए जाते हैं, जिस से लड़की की कोमल भावनाएं आहत होती हैं और वह विद्रोही बन जाती है. घर के आए दिन के प्रताड़ना भरे माहौल से त्रस्त हो कर वह घर से भागने जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाती है. यह जरूरी नहीं है कि लड़की यह कदम किसी के साथ गलत संबंध स्थापित करने के लिए उठाती है. दरअसल, जब घरेलू माहौल से मानसिक रूप से उसे बहुत परेशानी होने लगती है तो उस समय उसे कोई और रास्ता नजर नहीं आता. तब बाहरी परिवेश उसे आकर्षित करता है. मातापिता का उस के साथ किया जाने वाला उपेक्षित व्यवहार बाहरी माहौल के आगोश में खुद को छिपाने के लिए उसे बाध्य कर देता है.

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