हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये ….और सारे शहर में आपसा कोई नहीं….. कहने को तो हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गीत हैं पर ये फ्लर्टिंग का एक अच्छा उदाहरण हैं. इस दुनिया का हर व्यक्ति चाहता है कि लोग उसे नोटिस करें उस से आकर्षित हों और इसके लिए वो तमाम तरीके अपनाता है. दुनिया भर की सभी सभ्यताओं और संस्कृतियों में स्त्री पुरुष एक दूसरे को रिझाने का प्रयास करते आए हैं इसे सामान्य भाषा में हम फ्लर्टिंग कहते हैं.

लड़के लड़कियों का आपस मे फ्लर्ट करना एक आम बात है सबसे अच्छी बात ये है कि ये एक स्वस्थ्य तरीका है जिस से हम किसी मे अपने प्रति रुचि जगा सकते हैं. ये सेक्सुअल हैरासमेंट से एकदम अलग है. इसके लिए आपमे सेंस ऑफ ह्यूमर और बातचीत करने की कलात्मकता होनी चाहिए. कई लोग फ्लर्टिंग को खराब मानते हैं पर सच तो ये है कि इस से व्यक्ति का न सिर्फ़ मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है बल्कि अवसाद से बाहर आने में ही इस से मदद मिल सकती है. फ्लर्टिंग भी एक कला है और ये कहीं भी काम आ सकती है चाहे आपको कोई साथी ढूँढना हो या अपने साथी के साथ अपने रिश्ते में गर्माहट बनाये रखनी हो.

फ्लर्टिंग पर शोध

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में एक शोध में अध्ययन के दौरान ये देखा गया कि ऑफिस में काम करने वाले लोगों में फ्लर्टिंग से क्या असर होता है? क्या इस से काम करने वाले लोग तनाव मुक्त हो सकते हैं. इस शोध में सैकड़ों लोगों को शामिल किया गया मजे की बात ये थी कि शोध  स्वस्थ्य फ्लर्टिंग पर किया गया था न कि ऐसी फ्लर्टिंग पर जो सेक्सुअल हो क्योंकि वो फ्लर्टिंग जो सेक्सुअल हो वो लोगों में तनाव का कारण बनती है जबकि स्वस्थ्य फ्लर्टिंग लोगों को तनावमुक्त करती है.

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अलग हैं फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट

स्वस्थ्य फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट में ज़मीन आसमान का अंतर होता है. एक शोध के दौरान जब लोगों से सेक्सुअल हैरासमेंट के बारे में पूछा गया तो वो तनावग्रस्त हो गए और चुप्पी छा गई पर जब फ्लर्टिंग के बारे में पूछा गया तो सब के चेहरे पर हँसी और मुस्कुराहट आ गई और लोगों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिक्रियाएँ दीं.

फ्लर्ट करने वाले होते हैं पोसेटिव

अक्सर फ्लर्ट करने में माहिर लोग बहुत ही हँसमुख और सुलझे स्वभाव के होते हैं. ये लोग अपने बारे में स्पष्ट होते हैं और जहाँ कहीं भी जाते हैं अपने आस पास लोगों की भीड़ जमा करने का माद्दा रखते हैं. हर कोई इनसे बात करना चाहता है कुल मिलाकर ये स्वयं तो सकारात्मक होते ही हैं आस पास के माहौल को भी सकारात्मक बनाये रखते हैं.

रिश्ते में नयापन बनाये रखती है फ्लर्टिंग

ऐसा नहीं है कि सिर्फ दोस्तों या सहकर्मियों में ही फ्लर्टिंग की जाती है. अगर आप अपने साथी से भी फ्लर्टिंग करते रहते हैं तो आपके रिश्ते में खुशहाली बरक़रार राहती है. एक दूसरे की अहमियत जताने का ये एक अच्छा तरीका साबित होता है. इस से रिश्ते में नयापन बना रहता है और एक दूसरे के प्रति प्यार का अहसास भी मिलता रहता है. इस से शरीर में एड्रिनिलिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है जो हमे खुश रखता है. कुल मिलाकर फ्लर्टिंग आपके रिश्ते में गर्माहट बनाये रखने में मददगार होती है.

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फ्लर्टिंग करने के कुछ और लाभ

ये आपको तनाव से दूर रखती है और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ाती है. आपकी स्वयं के प्रति सोच भी बनाती है. फ्लर्टिंग करने से आप लोगों की आदतों के बारे में बेहतर जान पाते हैं. इस से हम एक दूसरे को ये बता पाते हैं कि हमारे उसके बारे में क्या विचार हैं. इस से आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं.

तो सीधी सी बात है फ़्लर्ट करिए और खुश  रहिए.

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