पेरैंट्स बनने का सपना हर किसी का होता है. जिस के लिए वे काफी ऐक्साइटेड रहते हैं और जैसे ही घर में पहले बच्चे की किलकारियां गूंजती हैं तो मेहमान, फ्रैंड्स यही बोल कर उन्हें और ब्लैस्सिंग्स देते हैं कि जल्द ही दूसरे बच्चे की भी खुशखबरी सुना कर अपनी फैमिली को कंपलीट कर लें, जिस के लिए कुछ पेरैंट्स तो पहले बच्चे के 2 से 3 साल के अंदर ही दूसरा बच्चा प्लान कर लेते हैं, तो कुछ पेरैंट्स सालों तक इस बारे में सोचते ही नहीं है.

वैसे तो दूसरा बच्चा चाहिए या नहीं, यह हर पेरैंट्स की अपनी चौइस पर निर्भर करता है, लेकिन अगर आप के मन में सैकंड बेबी का प्लान है तो ऐसे में सवाल यह है कि दोनों बच्चों के बीच में सही में कितना गैप होना चाहिए, आइए जानते हैं इस बारे में:

पहला बच्चा लेट होने पर चौइस नहीं

आज सब अपना कैरियर बनाने में इतने अधिक बिजी हो गए हैं कि न तो शादी को अधिक प्राथमिकता देते हैं और न ही बच्चों को, जिस कारण एक तो लेट मैरिज करते हैं और दूसरा फिर बच्चे भी लेट होते हैं. ऐसे में अगर आपका पहला बच्चा 32 या फिर 33 साल की उम्र में हो रहा है तो आप के पास सैकंड बच्चे की प्लानिंग के लिए ज्यादा चौइस या फिर सोचने का समय नहीं होता है क्योंकि ज्यादा लेट होने पर शारीरिक चैलेंजेज होने के साथसाथ जरूरी नहीं कि जब आप बच्चा प्लान करें, तब हो ही जाए क्योंकि बढ़ती उम्र में महिलाओं की ओवरीज में अंडे बहुत कम हो जाते हैं, जिस के कारण कंसीव करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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