देश की राजधानी दिल्ली में यों तो घूमने के लिए हर मिजाज के पर्यटन के ठिकाने हैं लेकिन कनाट प्लेस, जनपथ और पालिका बाजार आ कर ही दिल्ली की आबोहवा का सही सही अंदाजा लग पाता है. यहां का खानापीना, खरीदारी और आधुनिक माहौल इसे पर्यटन के लिए सब से दिलचस्प जगह बनाता है.

राष्ट्रपति भवन के समीप बना संसद भवन देश की राजनीति का केंद्रबिंदु है. लालकिला का आर्किटैक्चर इतना आकर्षक है कि यह आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

संरचना में ब्रिटिशकाल की याद दिलाता कनाट प्लेस दिल्ली का सब से आधुनिक व आकर्षक बाजार माना जाता है.

जंतरमंतर खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. ऐतिहासिक इमारतों में दिल्ली की कुतुबमीनार विशेष रूप से उल्लेखनीय है. राजस्थान के मकराना संगमरमर से कमल के फूल के आकार में बने लोटस टैंपल की भव्यता देखते ही बनती है.

कनाट प्लेस का अत्याधुनिक वातावरण और ऊंचीऊंची इमारतें पर्यटकों को लुभाती हैं.  पूरी तरह से वातानुकूलित अंडरग्राउंड पालिका बाजार में विदेशी पर्यटक खूब खरीदारी करते हैं. खानपान और खरीदारी के लिए चांदनी चौक का बाजार अति उत्तम है. कनाट प्लेस के भीड़भरे माहौल में खरीदारी के वक्त पौकेटमारों से जरा सावधान रहें.

दिल्ली घूमने आए हैं तो क्या देखेंगे? लालकिला, इंडिया गेट, कुतुबमीनार, पुराना किला, लोटस टैंपल, जंतरमंतर या फिर जामा मसजिद? सब देख सकते हैं, इन सभी जगहों तक जाने के लिए दिल्ली के किसी भी कोने से आटो, कैब या बस आप को मिल जाएंगे. आटो या कैब 100 से 250 रुपए के बजट में आप को घंटे दोघंटे समय के अंतराल में पहुंचा देंगे.

दिल्ली के राजपथ पर स्थित इंडिया गेट को दिल्ली का सिग्नेचर मार्क भी कह सकते हैं. इस का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में मारे गए 90 हजार भारतीय सैनिकों की स्मृति में कराया गया था. 160 फुट ऊंचा इंडिया गेट देखते ही बनता है. जिन सैनिकों की याद में यह बनाया गया था उन के नाम इस इमारत पर अंकित हैं. इस के अंदर अखंड अमर जवान ज्योति भी जलती रहती है.

इस के पास में ही संसद भवन और राष्ट्रपति भवन हैं जहां का मुगल गार्डन उम्दा स्थान है पर्यटन के लिए. राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन कुछ दिनों के लिए खुलता है पर्यटकों के लिए, खासतौर से नएनए किस्म के फूलों की प्रजाति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए. लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर मंडी हाउस है. कलाप्रेमियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शौकीन पर्यटकों के लिए यह माकूल जगह है.

पुराने किले में पुराने खंडहर हैं और बोटक्लब है जहां सैलानी अपने परिवार के साथ नौकायन का आनंद उठाते हैं. इस में प्रवेश करने के 3 दरवाजे हैं. हुमायूं दरवाजा, तलकी दरवाजा और बड़ा दरवाजा. वर्तमान में सिर्फ बड़ा दरवाजा ही प्रयोग में लाया जाता है.

लालकिला यानी रेड फोर्ट पुरानी दिल्ली इलाके में स्थित है. मुगल शासक शाहजहां ने 17वीं सदी में इस लालकिले का निर्माण कराया था. इस का आर्किटैक्चर इतना आकर्षक है कि यह आज भी पुरानी दिल्ली के सब से ज्यादा लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बना हुआ है.

कनाट प्लेस से 5 मिनट की पैदल दूरी पर जंतरमंतर है. जंतरमंतर की बात करें तो यह जंतरमंतर समरकंद की वेधशाला से प्रेरित है. ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए हैं. यहां बना सम्राट यंत्र सूर्य की सहायता से समय और ग्रहों की स्थिति की सूचना देता है. यह राजीव चौक के नजदीक ही है. एक बार देखा जा सकता है. 

दिल्ली में कुतुबमीनार को देख कर पीसा की झुकी हुई मीनार का चित्र उभर कर सामने आ जाता है. यह मीनार मूल रूप से सातमंजिला थी पर अब यह पांचमंजिल की ही रह गई है. इस मीनार की कुल ऊंचाई 72.5 मीटर है और इस में 379 सीढि़यां हैं. परिसर में और भी कई इमारतें हैं जो अपने ऐतिहासिक महत्त्व व वास्तुकला से सैलानियों का मन मोह लेती हैं.

लोटस टैंपल की शानदार व कलाकृत बनावट और यहां का शांतिपूर्ण माहौल इसे एक बार देखने लायक जगह बनाता है. बाहर से आने वाले दिल्ली में इन जगहों का दीदार एक बार तो जरूर करते हैं लेकिन जो बारबार दिल्ली आते हैं और नई जगहों में घूम कर अपना समय बिताना पसंद करते हैं तो उन को कुछ नया आजमाना चाहिए. वैसे भी इन तमाम जगहों में जा कर देखिए, बमुश्किल 2 घंटे में ही बोर हो जाएंगे. देखने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होता जबकि घूमने आए हैं तो कम से कम ऐसी जगह होनी चाहिए जहां पूरा दिन खातेपीते, घूमतेफिरते और खरीदारी करते हुए अच्छे से बिताया जा सके.

दिल्ली में घुमक्कड़ों के लिए सिर्फ स्मारक और म्यूजियम ही नहीं हैं बल्कि मौजमस्ती, शौपिंग, इंटरटेनमैंट के साथ खानाखजाना के बेपनाह विकल्प जहां मौजूद हैं. वे विकल्प हैं कनाट प्लेस, जनपथ, पालिका बाजार और चांदनी चौक आदि.

राजीव चौक की सैर

पहले बात करते हैं दिल्ली के कनाट प्लेस की. कनाट प्लेस में 2 सर्कल हैं. इनर सर्कल और आउटर सर्कल. इनर सर्कल में ए से एफ ब्लौक आते हैं जबकि आउटर सर्कल में जी से पी तक के ब्लौक आते हैं. कोलोनियल आर्किटैक्ट शैली में बना कनाट प्लेस ब्रिटिशकाल की याद दिलाता है.

चहलपहल, भीड़ और फुटपाथ पर बिकते हस्तकला की वस्तुएं, पोस्टर्स, राजस्थानी कारीगरी के पर्स, थैलियां और कारपेट्स, बुद्धा की मूर्तियां मोनैस्ट्री सा माहौल रचती हैं. सरकार द्वारा संचालित सैंट्रल कौटेज एंपोरियम से सोवेनियर ले सकते हैं क्योंकि यहां कीमतें तय होती हैं.

शौपिंग व खानापीना

राजीव चौक मैट्रो स्टेशन के ठीक ऊपर बना सैंट्रल पार्क युवाओं के लिए हैंगआउट करने या किसी वर्कशौप में हिस्सा लेने, डिबेट या म्यूजिकल परफौर्मेंसेज अटैंड करने के लिए बैस्ट औप्शन है. यहां अकसर प्रेमी युगल वक्त बिताते साथसाथ देखे जा सकते हैं. दिल्ली के बीचोंबीच कहीं अगर पिकनिक मनाने की जगह हो सकती है तो वह सैंट्रल पार्क ही है.

बात खरीदारी की करें तो दिल्ली के इस केंद्रबिंदु में सभी देसी विदेशी ब्रैंड्स के शोरूम तो हैं ही साथ ही, अंडरग्राउंड पालिका बाजार भी है जो पूरी तरह से वातानुकूलित है. कनाट प्लेस में हर ब्रैंड तो मिलता है, साथ में खानपान के सब फास्ट फूड चैन्स, कौफी शौप्स और मनोरंजन के लिए सिनेमाहौल (रिवोली, ओडियन, प्लाजा, रीगल) के भी कई औप्शन हैं.

इतना ही नहीं, नई दिल्ली स्टेशन यहां से 5 मिनट की दूरी पर ही है. यहां मैट्रो और आटो

से आसानी से पहुंचा जा सकता है. एम ब्लौक में एचएनएम ब्रैंड का शोरूम भी खुल गया है जो भारत में मुंबई और दिल्ली समेत गिनती की जगहों में ही है. अगर यहां से खरीदारी का इरादा है तो कर लीजिए और फिर एच ब्लौक पर रुक कर निजाम के फेमस काठी कबाब का मजा लीजिए. फिर ब्लौक एफ का चायोस कैफे भी है जहां की कुल्हड़ वाली चाय का मजा ले सकते हैं. पीवीआर रिवोली सिनेमाघर से सटे कौफी हाउस में घंटों बैठिए और कौफी के साथ कलाप्रेमियों के साथ नौस्टाल्जिक हो जाइए. बहुत सस्ती और टाइमपास जगह है यह.

इनर सर्कल पर सस्ते रेस्तरां और होटल भी हैं. मसलन, ओडियन और प्लाजा सिनेमाहौल्स के बीच बने रेस्तरां में नौर्थ इंडियन खाना अच्छा और सस्ता मिलता है. यहां आएं तो दक्षिण भारतीय खाने के शौकीन सवर्णा भवन का खाना जरूर चखें और नौनवेज के शौकीनों के लिए पिंडब्लूची अच्छा विकल्प है. इस के अलावा भी मीडियम बजट के रेस्तरां मसलन हीरा स्वीट, हल्दीराम, बीकानेर जैसे खाने के ठिकाने भी मौजूद हैं.

रंगीन व पौकेटफ्रैंडली 

कनाट प्लेस सिर्फ खानेपीने, पब, बार और शौपिंग के लिए ही नहीं, बल्कि यह जगह कई अहम फाइनैंशियल, बिजनैस और कमर्शियल दफ्तरों के लिए लोगों के विजिट करने का कारण बनती है. विदेशी सैलानियों के रुकने के लिए यह सब से पहली पसंद है क्योंकि यहां टू स्टार्स से ले कर फाइव स्टार्स होटल के तमाम विकल्प मौजूद हैं. 

यहां का माहौल पुरानी दिल्ली से एकदम उलट है. जिन्होंने पुरानी दिल्ली का माहौल देखा है वे जानते हैं कि वहां काफी गंदगी, पुरानी शैली की दुकानें और माहौल काफी स्ट्रैसभरा है जबकि कनाट प्लेस में फैशनेबल क्राउड, ब्रैंडेड रंगीन शोरूम्स, एलीट कैफे और रूफटौप रेस्तरां वैस्टर्न कंट्री के किसी मेनहेटननुमा स्ट्रीट मार्केट की याद दिला देता है. 360 डिगरी पार्किंग सुविधा है यहां. इसलिए चाहे अपनी गाड़ी से आएं या मैट्रो से, ट्रांसपोर्टिंग कनैक्टिविटी यहां सब से बेहतर है.

पालिका बाजार

पालिका बाजार की बात करें तो 70 के दशक में बनी अंडरग्राउंड सैंट्रलाइज्ड एसी से लैस इस मार्केट की बात ही अलग है. युवाओं की बजट शौपिंग का यह मनपसंद अड्डा है. सस्ता सामान जिन में कपड़े, जींस, शर्ट, बैग्स, मोबाइल एक्सेसरीज, पर्स, बैल्ट, जैकेट, जूते, कैमरा, वीडियो गेम्स आदि इफरात से कम से कम दामों में मिल जाते हैं.

हां, याद रखें पालिका बाजार, जनपथ और फुटपाथ में ब्रैंडेड कुछ नहीं मिलता. इसलिए बहकावे में न आएं. पालिका बाजार में तो लाइट इस तरह से लगी होती हैं कि सामान का रंग अच्छा दिखता है लेकिन बाद में कुछ और निकलता है. 

पुरानी दिल्ली की रौनक

दिल्ली में इस के अलावा पुरानी दिल्ली का चांदनी चौक इलाका भी कम आकर्षक नहीं है. असली दिल्ली की तसवीर तो यहीं दिखती है. यह जगह भी खानेपीने और खरीदारी का पुराना अड्डा है.

यहां की परांठे वाली गली में तो जवाहरलाल नेहरू से ले कर अक्षय कुमार जैसी हर हस्ती डेरा डाल चुकी है. दिल्ली के पुराने इलाके को समझने के लिए यह सब से मुफीद जगह है.

दिल्ली के चांदनी चौक से शादी के लिए परफैक्ट शौपिंग की जा सकती है. यहां आप को डिजाइनर साड़ी और लहंगे के अच्छे कलैक्शन मिल जाएंगे. थोक में ड्रैस मैटीरियल भी यहां अच्छे दामों में मिलते हैं. पुरानी दिल्ली मैट्रो स्टेशन से उतर कर यहां पैदल जाया जा सकता है. पास में ही जामा मसजिद, लालकिला, जैन मंदिर और गुरुद्वारे भी हैं. यहां से सदर बाजार भी जाया जा सकता है.

कुल मिला कर दिल्ली दिनबदिन रंगीन और दिलचस्प होती जा रही है. हर मजहब, संस्कृति और मिजाज के दिलचस्प नजारों का लुत्फ अगर आप भी उठाना चाहते हैं तो चले आइए दिलवालों के इस खूबसूरत शहर में.

सस्ती शौपिंग

कनाट प्लेस के इनर सर्किल में लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय ब्रैंड के कपड़ों के शोरूम, बेशुमार रैस्टोरैंट, कैफे और बार हैं. पास में ही जनपथ बाजार भी है जहां कई तरह का हैंडीक्राफ्ट मैटीरियल, एंटीक शोपीस और स्ट्रीट शौपिंग का सामान मिल जाता है. यहां की दुकानें बड़ी व्यवस्थित हैं.

ब्लौक ए की वेंगर्स काफी पुरानी बेकरी शौप है जहां उम्दा गुणवत्ता की पेस्ट्रीज, बेकरीज और ब्रैड लेने के लिए लोग काफी दूर से आते हैं. और हां, ब्लौक ई में यूनाइटेड कौफी हाउस में साउथ इंडियन फिल्टर्ड कौफी न पी, तो क्या पिया.

चांदनी चौक के चटखारे

ज्ञानी की कुल्फी, फालूदा से ले कर परांठे वाली गली के परांठे, नटराज की भल्लेपापड़ी, जलेबी और चाटकचौड़ी के लिए दिल्ली का सब से हौट अड्डा है चांदनी चौक. 

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