कुछ समय पूर्व ही उज्जैन निवासी सीमा का नया घर बनकर तैयार हुआ.. अभी उसे शिफ्ट हुए 2 वर्ष ही हुए थे कि पति का ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गया. जब दूसरे शहर में उसे किराए पर वैल फर्निश्ड घर मिल गया तो उसने उज्जैन स्थित अपने घर में थोड़े से चेंजेज करवाये और होम स्टे के रूप में उज्जैन में आने वाले पर्यटकों को देने का फैसला किया. कुछ समय तक तो सब ठीक था परन्तु एक बार जब एक परिवार के जाने के बाद वह घर में गयी तो घर की दुर्दशा देखकर उसकी आंखों में आसूं ही आ गए और उस दिन से उसने अपने घर को होम स्टे में देने के बजाए ताला लगाना ही उचित समझा. क्योंकि घर की दीवारों और बेड के सिरहाने पर लगे कपड़े  को बच्चों ने भांति भांति के रंगों से रंग दिया था, बाथरूम के जेट को तोड़ दिया गया था यही नहीं घर के कामगारों से भी उस परिवार ने बुरा व्यवहार किया था.

बच्चों की परीक्षाएं अब लगभग समाप्ति की ओर हैं , अथवा समाप्त हो चुकीं हैं और बच्चों की परीक्षा समाप्त होते ही अभिभावक घूमने जाने का प्लान बनाना प्रारम्भ कर देते हैं. घूमने कहीं भी जाना हो सबसे मुख्य प्रश्न होता है वहां रुकने का. कुछ वर्षों पूर्व तक रुकने के लिए आमतौर पर होटल, मोटल और रिजॉर्ट को ही जाना जाता था परन्तु 2020 में कोरोना के आगमन के बाद से पर्यटन के दौरान होम स्टे को बहुत पसन्द किया जा रहा है.

क्या है होम स्टे

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