राजस्थान के बेराच नदी के किनारे बसा, चित्तौड़गढ़ अपनी ऐतिहासिक भव्यता को लिए शालीनता से खड़ा है. यह किला पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है और राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. यह भारत के सबसे बड़े परिसर वाले किलों में से भी एक है.

चलिए आज हम आपको इसी किले से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं, जो राजसी राज्य राजस्थान का गर्व है.

भारत का सबसे बड़ा किला

चित्तौड़गढ़ किले को भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है. यह लंबाई में लगभग 3 किलोमीटर है व परिधि में लगभग 13 किलोमीटर लंबा. लगभग 700 एकड़ की जमीन में फैला हुआ है यह किला.

चित्तौड़गढ़ का प्रवेश द्वार

इस किले में लगभग 7 प्रवेश द्वार हैं. ये हैं राम पोल, लक्ष्मण पोल, पडल पोल, गणेश पोल, जोरला पोल, भैरों पोल और हनुमान पोल. इस किले तक पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको इन 7 प्रवेश द्वारों को पार करना होगा और उनके बाद किले के मुख्य द्वार सूर्य पोल को भी.

किले के अंदर के महल

किले के अंदर ही कई महल व अन्य रचनाएं स्थापित हैं. इन अद्भुत रचनाओं में शामिल हैं, रानी पद्मिनी महल, राणा कुंभा महल और फतेह प्रकाश महल.

किले के अंदर स्थापित मंदिर

किले के अंदर कई सारे मंदिर स्थापित हैं, जिनमें कलिका मंदिर, जैन मंदिर, गणेश मंदिर, मीराबाई मंदिर ,सम्मिदेश्वरा मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर और कुंभ श्याम मंदिर सम्मिलित हैं. यहां स्थित ये सारे मंदिर इनमें हुए बारीक नक्काशीदार कामों के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्द हैं.

किले की मीनारें

किले में स्थित दो मीनारें, किले के और राजपूत वंश के गौरवशाली अतीत को दर्शाती हैं. इन मीनारों के नाम हैं, विजय स्तम्भ और कृति स्तम्भ.

किले का आकार

अगर इस किले को विहंगम दृश्य से देखा जाए तो, यह मछली के आकार का लगता है.

विश्व धरोहर विरासत

चित्तौड़गढ़ किला यूनेस्को द्वारा राजस्थान के पहाड़ी किलों के तौर पर वैश्विक धरोहर की सूचि में शामिल है.

इसके मूल्य का चित्रण

यह किला राजपूतों जो एक समय राजस्थान के शासक हुआ करते थे, उनके साहस, बड़प्पन, शौर्य और त्याग का प्रतीक है.

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