पहाड़ों के टेढ़े मेढ़े रास्तों से गुजरते हुए पानी के झरनों की मधुर आवाज किसे उत्साहित नहीं करती? अपने खूबसूरत सफ़र में पानी के इस मधुर आवाज को सुनते हुए, अंत में उस पानी की आवाज को खुद से बनते देखना एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला सुखद अनुभव होगा. खासकर की मॉनसून और मॉनसून के बाद का मौसम ऐसी जगहों की यात्रा करने का असीम सुख आपको देता है.
प्रकृति को हानि पहुंचा कर बनायी गयी बड़ी-बड़ी इमारतों और शहरों के ट्रैफिक की चैं-पौं से दूर, चलिए महाराष्ट्र के कुछ ऐसे खूबसूरत प्राकृतिक झरनों की सैर पर चलते हैं जिनकी पवित्र,प्राकृतिक व अनछुई खूबसूरती आपका मन मोह लेंगी.
1. लिंगमाला जलप्रपात
हरे-भरे चादर से ढका हुआ महाबलेश्वर बारिश के मौसम में खूब शानदार और प्रफ्फुलित लगता है. लिंगमाला जलप्रपात अपनी इसी खूबसूरती के साथ महाबलेश्वर के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है. ऊपर से गिरता हुआ यह झरना नीचे जा वेन्ना झील में मिल जाता है.
लिंगमाला जलप्रपात कैसे पहुंचें?
लिंगमाला जलप्रपात महाराष्ट्र के हिल स्टेशन महाबलेश्वर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां आप महाबलेश्वर-पुणे रोड के जरिये पहुंच सकते हैं.
2. अम्बोली घाट जलप्रपात
अगर आपको बारिश और हरे-भरे प्रकृति से प्रेम है, तो इस मॉनसून के बाद आप अम्बोली घाट पर जाना न भूलें. घाट के आसपास बहती छोटी नदियां, पहाड़ियों से गिरते अस्थायी झरने इसकी घाट की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. अम्बोली घाट महाराष्ट्र की ऐसी खूबसूरती है जिसकी यात्रा करना आप बिल्कुल भी न भूलें.
अम्बोली घाट जलप्रपात कैसे पहुंचें?
अम्बोली घाट, स्वंतनवाड़ी के पास सिंधुदुर्ग में स्थित है. यह गोवा से लगभग 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. महाराष्ट्र के सभी मुख्य शहरों, जैसे मुम्बई, पुणे आदि से कई बसों की सुविधा स्वंतनवाड़ी तक के लिए उपलब्ध हैं. स्वंतनवाड़ी यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भी है.
3. थोसेघर जलप्रपात
निःसंदेह ही शानदार थोसेघर जलप्रपात महाराष्ट्र के सबसे खूबसूरत जलप्रपातों में से एक है. एक खूबसूरत झरनों की श्रृंखला थोसेघर जलप्रपात की रचना करती है, जो सतारा शहर से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. खूबसूरत हरे-भरे पहाड़ियों की ऊंची ढलानों से दूध से सफेद पानी का गिरना एक आनंद भरे दृश्य की रचना करता है, जिसे देख आपको अद्भुत नैन सुख प्राप्ति का अनुभव होगा.
थोसेघर जलप्रपात कैसे पहुँचें?
पुणे से कई सारी बसें सतारा तक के लिए उपलब्ध हैं. आप सतारा पहुंच कर किसी भी ऑटो रिक्शा में सवार हो इस खूबसूरत जलप्रपात के सुन्दर दृश्य के नजारे लेने के लिए पहुंच सकते हैं.
4. पांडव कड़ा जलप्रपात
कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि महाभारत के पांचों पांडव भाइयों ने इसी झरने के निचे स्नान किया था. इसलिए इस झरने का नाम पांडव कड़ा जलप्रपात पड़ गया. यह झरना, नवी मुम्बई के आदर्श पिकनिक स्थलों में से एक है. दुर्भाग्य से इस झरने में कई लोगों की जानें भी गयी हैं. इसलिए आप जब भी कभी इस झरने की यात्रा पर जाएं तो पूरी सावधानी बरतें और इसका भरपूर मजा लें.
पांडव कड़ा जलप्रपात कैसे पहुंचें?
मुंबई और पुणे से कई सारी बस सुविधाएं खारघर तक के लिए उपलब्ध हैं. मुंबई सी.एस.टी स्टेशन से हारबर मार्ग से आने वाली ट्रेन से आप खारघर पहुंच सकते हैं. आप या तो खारघर या नेरुल स्टेशन पर उतर कर यहां तक पहुंच सकते हैं.
5. भिवपुरी जलप्रपात
भिवपुरी जलप्रपात, महाराष्ट्र के करजात में बसे भिवपुरी नगर में स्थित एक दिलचस्प आकर्षण है. यह पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ रोमांचक क्रियाओं का भी स्थल है. यह भारत के सबसे खूबसूरत जलप्रपातों में से भी एक है.
भिवपुरी जलप्रपात कैसे पहुंचें?
भिवपुरी, करजात के निकट ही स्थित है. किसी भी निजी या सरकारी वाहन से यहां आराम से पहुंचा जा सकता है. करजात यहां के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है.
6. कुने जलप्रपात
कुने जलप्रपात लोनावला और खंडाला के बीच में स्थित है. लोनावला बायपास पहुंचने के लिए मुम्बई-पुणे एक्सप्रेसवे से जाएं और उसके बाद इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए खंडाला की ओर बढ़ें.
प्रकृति के ऐसे सौन्दर्यों की यात्रा करना अपने में ही अलग एक अद्वितीय अनुभव होता है. ये जलप्रपात महाराष्ट्र के उन प्रमुख आकर्षणों में से एक हैं, जिनके नजारों के मजे लेना आप बिल्कुल भी न भूलें. हालांकि इनमें से कई प्रपात, मौसमी जलप्रपात हैं और जुलाई से दिसम्बर तक के महीने इनकी यात्रा के लिए सबसे सही समय हैं.