‘जो मुझे दीवाना कर दे’ से सिंगर तुलसी कुमार भी हुई ग्लैमरस

मशहूर पाश्र्व सिंगर तुलसी कुमार अपनी पीढ़ी की बेहतरीन और सबसे सफल कलाकारों में से एक हैं. उनकी परवरिश संगीत के माहौल में ही हुई है. इसके अलावा वह हमेशा मेलोडियस गानों को स्वरबद्ध करने के साथ ही हर म्यूजिक वीडियो में देशी अवतार में ही नजर आती हैं. मगर उनकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह सदैव विभिन्न संगीत शैलियों में प्रयोग करती रहती हैं. लेकिन अब तुलसी कुमार ने अपने एकल गीत ‘जो मुझे दीवाना कर दे‘ में तो अपना ‘देशी चोला’ उतारकर ग्लैमरस अवतार धारण करने के साथ ही इसमें वह पहली बार नृत्य करते हुए नजर आती हैं. इतना ही नहीं इस बार सिर्फ रोमांटिक गाना नही बल्कि फन पेपी डांस नंबर को उन्होने अपनी आवाज दी है. जी हॉ! इस फन पेपी नंबर में तुलसी कुमार ने नृत्य निर्देशक गणेश हेगड़े के निर्देशन में रोहित खंडेलवाल के साथ नृत्य किया है. दिलचस्प बात यह है कि तुलसी कुमार ने डांस का कोई प्रशिक्षण नही लिया है,मगर उनकी रूचि नृत्य में है. इस गाने में तुलसी कुमार के साथ संगीतकार मनन भारद्वाज ने भी अपनी आवाज दी है.

पेपी डांस नंबर ‘‘जो मुझे दीवाना कर दे’’ की दूसरी खासियत यह है कि तुलसी कुमार इसमें मार्डन पोशाक पहने हुए ग्लैमरस अवतार में नजर आ रही हैं,जबकि तुलसी कुमार अब तक अपने हर म्यूजिक वीडियो में पूर्णरूपेण भारतीय व देशी लुक में ही नजर आती रही हैं. वह कहती हैं-‘‘यह सच है कि मैं परदे पर हमेशा देशी पोशाक में ही नजर आती रही हॅंू. मगर निजी जीवन में मैं ज्यादातर ग्लैमरस पोशाकें ही पहनती हॅूं. इसलिए पहली बार मैने इस गाने में भी ग्लैमरस पोशाक पहन कर एक नया प्रयोग किया है. ’’

तुलसी कुमार इसे पार्टी सॉंग बताते हुए कहती हैं-‘‘ देखिए मुझे पेपी सांग ‘जो मुझे दीवाना कर दे‘  पर काम करने में बड़ा आनंद आया. इस गाने की कोरियोग्राफी मेरे व्यक्तित्व और मेरे द्वारा निभाए गए किरदार के अनुरूप की गई है. यह मेरा पहला अॉफिशियल डांस वीडियो है. जिसमें मुझे पहली बार नृत्य निर्देशक गणेश हेगड़े के साथ काम करने का मौका मिला. वह पहले दिन से ही वीडियो के पूरे विजुअलाइजेशन में शामिल थे और इस वीडियो की शूटिंग की प्रक्रिया के माध्यम से मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला.   मैं एक ट्रेंड डांसर नही हूं लेकिन मैंने अपने मूव्ज को सही रखने के लिए खूब रिहर्सल किया. ’’

जबकि निर्देशक गणेश हेगड़े कहते हैं-‘‘तुलसी कुमार के साथ इस गाने पर काम करने का अनुभव बहुत ही शानदार रहा. वह अपने गाने  और डांस दोनों में एक मासूमियत और चंचलता लाती हैं,जिसे हमने इस गाने में अपनी कोरिओग्राफी के माध्यम से कैप्चर किया है. वह बहुत जल्दी डांस स्टेप्स को सीखने की इच्छा रखती हैं. ’’

गायक व संगीतकार मनन भारद्वाज कहते हैं, ‘‘मैंने पहले भी तुलसी के  कई कंपोजिशन पर काम किया है, लेकिन ‘जो मुझे दीवाना कर दे‘ यह मेरे लिए बहुत ही खास है. क्योंकि मुझे इस बार उनके साथ गाने का मौका मिला है. इस गाने पर एक साथ काम करते हुए हमने बहुत अच्छा समय बिताया और दर्शकों के समक्ष कुछ अलग और नया लाने का प्रयास किया.  मुझे लगता है कि इस ट्रैक में हमारी आवाज बहुत अच्छी है. ’’

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वैधव्य से मुक्ति: भाग 3- खूशबू ने क्या किया था

कहानी- लक्ष्मी प्रिया टांडि

‘बेटी, तब मैं तुम्हारी मदद कर दिया करूंगी. पहले भी तो मैं रसोई का काम किया करती थी,’ मैं ने उसे समझाने की गरज से कहा.

‘न…बाबा…न. मेरे पापा को पता चलेगा तो मुझे बहुत डांट पड़ेगी कि मैं आप से काम करवाती हूं. फिर जब मैं आप से ही मदद नहीं ले सकती तो बूआजी और बड़ी मां से कैसे लूं? वे तो आप से भी बड़ी हैं. एक काम किया जा सकता है. सभी के लिए एक जैसा भोजन बनाया जा सकता है. इस से मुझे भी दिक्कत नहीं होगी और सभी लोग एक जैसे भोजन का आनंद ले सकेंगे.’

‘क्यों न कल से मां के लिए सभी के जैसा खाना बनाया जाए? क्योंकि सिर्फ मां को ही मांसाहारी भोजन से परहेज है, पर बाकी लोग तो खुशी से शाकाहारी भोजन खा सकते हैं,’ खुशबू ने कहा तो सब के चेहरों की मुसकान गायब हो गई.

करीबकरीब हर रोज मांसाहारी भोजन का स्वाद लेने वाली जेठानी और ननद की जबान यह सुन कर अकुला उठी. ननद ने कहा, ‘अरे, ऐसा कैसे हो सकता है. हम रोज घासफूस नहीं खा सकते.’

‘क्यों नहीं खा सकते?’ खुशबू ने जोर दे कर कहा, ‘जिस भोजन की कल्पना से आप लोग घबरा उठी हैं वही खाना मां इतने सालों से खाती आ रही हैं, यह विचार भी कभी आप लोगों के दिलों में आया है?’

खुशबू के इस तर्क पर जेठानी ने होशियारी दिखाते हुए बात संभालने की गरज से कहा, ‘तू ठीक कहती है, बहू, खानेपीने में क्या रखा है, यह तो लता ही कहती है कि तामसिक भोजन से मन में विकार उत्पन्न होता है. इसलिए विधवा को सात्विक भोजन करना चाहिए,’ फिर मेरी तरफ देखती हुई ठसक से बोलीं, ‘देख लता, अब तेरी यह जिद नहीं चलने वाली. तुझे भी वही खाना पड़ेगा जो हम सब खाते हैं. बहू ठीक ही तो कहती है.’

इस पर ननद ने भी अनिच्छा से समर्थन जताया क्योंकि उन की चटोरी जबान सागसब्जी खा कर तृप्त नहीं हो सकती थी. सालों बाद मैं ने अपना पसंदीदा भोजन किया. मेरा दिल खुशबू को लाखलाख दुआएं देता रहा था.

मेरे साथ प्रतिबंध और नियमकानून का आखिरी दौर निशा की शादी में खत्म हुआ. शादी से एक दिन पहले निशा जोरजोर से रोए जा रही थी. पहले तो सब ने यह समझा कि मायके से बिछुड़ने का गम उसे सता रहा है पर बात कुछ और थी. खुशबू के बहुत पूछने पर निशा ने बताया कि उसे इस बात का दुख है कि मां चाहते हुए भी उस की शादी नहीं देख पाएंगी. पिता तो थे नहीं, मां भी शादी के मंडप में मौजूद नहीं होंगी.

जब खुशबू ने घर में ऐलान किया कि निशा की शादी के मंडप में मां भी बैठेंगी तो घर में मौजूद स्त्रियां भड़क उठीं कि विधवा की मौजूदगी से शुभ काम में अमंगल होगा.

ननद ने कहा, ‘बहू, तुम्हारी हर उलटीसीधी बात मैं अब तक मानती रही हूं पर इस बार तुम चुप ही रहो तो अच्छा है क्योंकि तुम्हें इस घर के रीतिरिवाजों का पता नहीं है. अपनी मर्यादा में रहा करो और मुझे अपने एस.पी. पापा के ओहदे की धौंस मत दिखाओ. हद हो गई…’

बस, यह चिनगारी काफी थी. निशा को बैठा छोड़ खुशबू तन कर खड़ी हो गई और जो बोलना शुरू किया तो सभी को काठ मार गया. बोली, ‘आप ने सही कहा, बूआजी. आज तो सच में हद हो गई. यह सही है कि मैं ठीक से आप के रस्मोरिवाजों को नहीं जानती पर मैं खुद एक औरत हूं. इसलिए एक औरत की भावना को अच्छी तरह समझ सकती हूं.

‘छोटा मुंह बड़ी बात कह रही हूं. इसलिए माफ कीजिएगा. मैं यह कहे बिना नहीं रह सकती कि जो नियम और कायदेकानून मां पर लागू होते हैं वे सब आप पर भी लागू होते तो ज्यादा बेहतर होता. मां विधवा होने का जो कष्ट भोगती  आ रही हैं, उस में उन की कहीं कोई गलती नहीं है क्योंकि यह कुदरत का नियम है कि जो जन्मा है उसे मरना है. पर आप तो जीतेजी फूफाजी और अपने बच्चों को छोड़ आई हैं. आप न तो अच्छी मां साबित हुईं न ही एक अच्छी पत्नी. फिर भी आप के लिए संसार की हर सुखसुविधा, साजशृंगार, खानपान और आमोदप्रमोद वर्जित नहीं हैं, क्यों? सिर्फ इसलिए कि आप की मांग में सुहागन होने का लाइसेंस चमक रहा है.’

सभी जड़ हो कर खुशबू के तर्क को सुन रहे थे. यद्यपि मेरे हितों के लिए वह सब को चुनौती दे रही थी फिर भी मैं ने उसे चुप होने के लिए कहा, ‘खुशबू, बेटी, बस कर, तू भी…’

इशारे से मुझे खामोश करते हुए खुशबू बोली,  ‘मां, बस, आज भर मुझे कहने से मत रोको. आज के बाद मैं इन से कुछ नहीं कहूंगी. बड़ी मां और बड़े पापा, आप लोगों ने भी बूआजी को सही रास्ता न दिखा कर उलटे उन्हीं का पक्ष  लिया. दुख तो इस बात का है कि हम यह समझ ही नहीं पाते कि पति के गुजरने के बाद तो वैसे भी औरत जीतेजी मर जाती है. जो थोड़ाबहुत सुख उसे मिल सकता है उस से भी हम धर्म और परंपरा के नाम पर यह कह कर उसे वंचित कर देते हैं कि यह सब विधवाओं के लिए नहीं है.’

फिर ननद की ओर देखती हुई बोली, ‘बूआजी, मैं ने अपनी मर्यादा और हदों को कभी पार नहीं किया और न ही कभी करूंगी परंतु इस का उल्लंघन भी अपनी ससुराल को छोड़ कर आप ही ने किया है. मेरे लिए यह खुशी की बात हो सकती है कि मेरे पापा एक नामी एस.पी. हैं पर न तो इस वजह से मैं ने किसी पर रौब गांठा है अगर मेरी कही बातें आप लोगों को गलत लगी हों तो मैं हाथ जोड़ कर आप सभी से माफी मांगती हूं.’

सहसा तालियों की आवाज से मैं वर्तमान में आ गई, मैं ने देखा कि समधीजी हमारे बीच खड़े हुए थे. उन्होंने आगे बढ़ कर खुशबू के सिर पर हाथ रखा, ‘‘बेटी, तू धन्य है. मुझे गर्व है कि ऐसे परिवार से हमारा रिश्ता जुड़ गया है जहां इतने अच्छे विचारों वाली लड़की रहती है. मैं ने सब सुन लिया है और यह मेरा वादा है कि आज से तुम्हारी सास इस घर में होने वाले हर मांगलिक कार्य में सब से पहले भाग लेंगी और यथायोग्य आशीर्वाद भी देंगी.’’

इस तरह उस दिन के बाद से मैं विधवा तो थी पर वैधव्य के कष्ट से मुझे मुक्ति मिल गई. मेरी ननद पर खुशबू की बातों  का ऐसा असर हुआ कि वह अगले दिन ही पहली गाड़ी से अपनी ससुराल रवाना हो गईं.

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Sonam Kapoor के घर में हुई करोड़ों की चोरी

बौलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर (Sonam Kapoor) की पर्सनल लाइफ आए दिन सुर्खियों में रहती है. जहां बीते दिनों एक्ट्रेस की प्रैग्नेंसी ने फैंस को हैरान कर दिया था तो वहीं अब खबर है कि एक्ट्रेस और उनके पति आनंद आहूजा (Anand Ahuja) के घर में चोरी हो गई है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर….

दिल्ली वाले घर में हुई चोरी

 

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इन दिनों मुंबई में रह रही एक्ट्रेस सोनम कपूर के दिल्ली वाले घर में चोरी हो गई है. दरअसल, खबरों की मानें तो सोनम कपूर के सास ससुर ने पुलिस कंपलेंट करवाई है. वहीं हाई प्रोफाइल केस के चलते कार्रवाई भी शुरु हो गई है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि सोनम कपूर और आनंद आहूजा के घर में करीब 1.41 करोड़ रुपये की चोरी हुई है, जिसके कारण घर के 25 कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई है.

घर में रहते थे सास ससुर

 

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दरअसल, सोनम कपूर और आनंद आहूजा के दिल्ली वाले घर में  उनके सास-ससुर और आनंद आहूजा की दादी सरला आहूजा रहती हैं. वहीं चोरी की भनक 11 फरवरी को परिवार को लगी थी, जिसके बाद ये केस फाइल किया गया. वहीं इससे पहले खबरें थीं कि सोनम कपूर के ससुर धोखा धड़ी के शिकार हुए थे. दरअसल, बताया गया था कि 27 करोड़ की धोखाधड़ी में 10 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.

प्रैग्नेंसी को लेकर सुर्खियों में हैं एक्ट्रेस

एक्ट्रेस सोनम कपूर ने बीते दिनों अपनी प्रैग्नेंसी का खुलासा किया था, जिसके बाद वह मुंबई की एक पार्टी में बेबी बंप फ्लौंट करती नजर आईं थीं. वहीं फैंस और सेलेब्स ने भी उन्हें बधाई दी थी. हालांकि वह कई बार ट्रोलिंग का शिकार भी हो चुकी हैं. लेकिन वह ट्रोलर्स को करारा जवाब देते हुए नजर आती हैं.

बता दें, साल 2018 में सोनम कपूर ने शादी की थी, जिसके बाद उन्होंने कई बार अपनी बीमारी पीसीओस होने की बात भी फैंस के साथ शेयर की थी. वहीं अब साल 2022 में एक्ट्रेस ने अपनी प्रैग्नेंसी की खबर से फैंस को खुश कर दिया है.

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Kapil Sharma को बेटी अनायरा ने किया Birthday विश, देखें Cute वीडियो

कौमेडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) आए दिन सुर्खियों में रहते हैं. वहीं इसी बीच बीते दिनों उन्होंने पेड़ लगाकर अपना 41वां बर्थडे सेलिब्रेट किया. हालांकि अब कपिल शर्मा के बर्थडे (Kapil Sharma Birthday) पार्टी की वीडियो सामने आ गई है, जिसमें उनकी बेटी अनायरा (Anayra Sharma)क्यूट अंदाज में पापा को विश करती नजर आ रही है. आइए आपको दिखाते हैं वायरल वीडियो की झलक…

बेटी ने ऐसे किया पापा कपिल शर्मा को विश

 

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बीते दिनों 2 अप्रैल 2022 को अपना 41वां बर्थडे सेलिब्रेट करने वाले कपिल शर्मा ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर वीडियो शेयर किया है. दरअसल, वीडियो में कपिल शर्मा फैमिली और दोस्तों संग बर्थडे सेलिब्रेट करते नजर आ रहे हैं. वहीं वीडियो में बेटी अनायरा अपने पापा को क्यूट वौइस में विश करते हुए केक काटती हुई दिख रही है. इस दौरान अनायरा अपनी मां गिन्नी चथरथ की गोद में तो कपिल शर्मा की गोद बेटा त्रिशान दिखाई दे रहा है. फैंस को अनायरा और कपिल शर्मा का ये वीडियो काफी पसंद आ रहा है.

हिमाचल में हैं कपिल शर्मा

 

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बीते कुछ दिनों से कपिल शर्मा अपनी फैमिली संग हिमाचल प्रदेश पहुंचे हुए हैं, जिसकी फोटोज और वीडियो वह फैंस के साथ शेयर कर रहे हैं. दरअसल, एक फोटो में बर्थडे के मौके पर कपिल शर्मा पेड़ लगाते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि फैंस त्रिशान और अनायरा की फोटो और वीडियो देखने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं और कपिल शर्मा से लेटेस्ट फोटोज और वीडियोज शेयर करने की बात कहते दिख रहे हैं.

 

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बता दें, कपिल शर्मा की बेटी अनायरा की वीडियो और फोटोज अक्सर सोशलमीडिया पर वायरल होती रहती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं. बीते दिनों वायरल हुई एक वीडियो में अनायरा, शाहरुख खान के गाने लुंगी डांस पर थिरकती नजर आई थीं. वहीं बेटी को देखकर कपिल शर्मा खुश होते हुए दिखे थे.

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Summer Special: घर में ही बनाएं काजू-पिस्ता Ice Cream

गर्मियां आ गई हैं ऐसे में ठंडी ठंडी आइसक्रीम आपको राहत दिला सकती है. घर में आप आसानी से काजू पिस्ता आइसक्रीम बना सकती हैं. ये हेल्दी होने के साथ-आपके बच्चों को भी खूब पसंद आएगी.

साम्रगी

फूल क्रीम दूध

पाउडर चीनी -70 ग्राम

काजू – 15

छोटी इलायची – 3

पिस्ता – 14

विधि

आइसक्रीम बनाने के लिए सबसे पहले दूध को गर्म करें. दूध को तब तक गर्म करें जब तक कि वह गाढ़ा न हो जाए. अब इसमें पिसे हुए अखरोट, काजू और पिस्ता डाल दें. इसके बाद इलायची और चीनी को इसमें डालकर इस मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं.

इसके बाद जब मिश्रण गाढ़ा हो जाए तो इसे ठंडा होने दें औरइसके बाद आइसक्रीम कंटेनर में रखकर फ्रीजर में रख दें. काजू और पिस्ता के साथ सर्व करें.

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Cancer से सुरक्षि‍त रखेंगे ये सुपरफूड

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है. दावे तो बहुत से किए जा चुके हैं लेकिन सच्चाई यही है कि अभी तक इसकी कोई सच्ची और अचूक दवा नहीं बनायी जा सकी है. हालांकि शुरुआती चरण में इसका पता चल जाए तो इसकी रोकथाम की जा सकती है लेकिन एक स्टेज के बाद इसका इलाज संभव नहीं है.

कुछ उपाय हैं लेकिन वो इतने महंगे हैं कि हर कोई उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता. कैंसर भी कई प्रकार के होते हैं और हर तरह के कैंसर के अपने खतरे होते हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 10-15 सालों में कैंसर मौजूदा समय से 70 फीसदी तक बढ़ जाएगा.

कैंसर होने के बहुत से कारण होते हैं लेकिन आप चाहें तो अपनी डाइट में कुछ सुधार और बदलाव करके कैंसर के खतरे को काफी कम कर सकते हैं.

1. ब्रोकली

ब्रोकली खाने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है. इसे माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लीवर कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है. सप्ताह में दो से तीन बार ब्रोकली खाना फायदेमंद होता है. यूं तो ब्रोकली को सब्जी के रूप में या फिर सूप के रूप में लिया जा सकता है लेकिन ब्रोकली को उबालकर हल्के नमक के साथ लेना सबसे अधि‍क फायदेमंद है.

2. ग्रीन टी

ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा कम होता है. ये ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से सुरक्षित रखने में मददगार है. नियमित रूप से 2-3 कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद है.

3. टमाटर

टमाटर में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करते हैं. टमाटर, विटामिन A, C और E का भी बेहतरीन स्त्रोत है. इसके साथ ही ये ब्रेस्ट कैंसर से भी बचाव का अच्छा उपाय है. टमाटर का जूस पीने या फिर इसे सलाद के रूप में लेना फायदेमंद होता है.

4. ब्लू बैरी

ब्लू बैरी कैंसर से बचाव का अचूक उपाय है. ब्लू बैरी स्किन, ब्रेस्ट और लीवर कैंसर से सुरक्षित रखने में मददगार है. ब्लू बेरी का रस पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है.

5. अदरक

अदरक भी कई तरह के कैंसर से बचाव में सहायक है. अदरक शरीर में मौजूद टॉक्स‍िन्स को दूर करने का काम करता है. इसके सेवन से स्किन, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बहुत कम हो जाती है.

6. लहसुन

लहसुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से सुरक्षित रखते हैं. रोजाना एक या दो कली कच्चा लहसुन खाने से कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है.

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शादी की 7 नई परिभाषाएं

शादी जिंदगी का सब से महत्त्वपूर्ण रिश्ता है. हर रिश्ते में कुछ उसूल, सिद्धांत और नियम होते हैं. मगर यह जरूरी नहीं कि जो नियम एक रिश्ते पर सही साबित हों वे दूसरे पर भी लागू हो जाएं. समय के साथ हर चीज बदलती है तो फिर पतिपत्नी के रिश्ते में भी बदलाव लाजिम है. कुछ वर्षों से दांपत्य के रिश्ते में भी बदलाव आए हैं. कुछ मान्यताएं पुरानी मानी जाने लगी हैं और उन की जगह नई मान्यताएं लेने लगी हैं. वे अच्छी हैं या बुरी इस का फैसला हर दंपती अपने हिसाब से करता है.

जानिए, किस तरह बदल रहे हैं आज के दंपती शादी की पुरानी परिभाषाओं को:

1. पार्टनर की इच्छा

पुरानी परिभाषा: शादी में पार्टनर की इच्छा को महत्त्व देना जरूरी है.

नई परिभाषा: वैसे तो नया नियम इस पुराने नियम को खारिज नहीं करता, पर यह जरूर कहता है कि शादी में इतना समर्पित होना भी अच्छा नहीं कि अपना वजूद ही खत्म हो जाए. अपनी इच्छाओं और जरूरतों को समझना जरूरी है. तभी रिश्ते खुश रह सकेंगे. अगर रिश्ते खुश नहीं रहेंगे तो जीवन में किसी मोड़ पर शिकायतें जन्म लेने लगेंगी. इसलिए अपनी इच्छाओं व जरूरतों में फर्क करना और उन्हें समझना जरूरी है. खुद की खुशी नहीं चाहेंगे तो दूसरे को भी खुश नहीं रख सकेंगे.

2. संबंधों में पहल

पुरानी परिभाषा: सैक्स संबंधों में पहल पुरुष को करनी चाहिए.

नई परिभाषा: नए दंपती मानते हैं कि सैक्स संबंधों में पहल कोई भी कर सकता है. स्त्रियां भी अब ऐक्टिव पार्टनर हैं. वे अपनी सैक्सुअल संतुष्टि को ले कर खुल कर बात करती हैं. पुरुष भी फीमेल पार्टनर की इच्छा, पसंदनापसंद का खयाल रखते हैं. सैक्स पर खुल कर बात करना अब टैबू नहीं रहा. ये कपल्स फैमिली प्लानिंग, सैक्सुअल हैल्थ पर कोर्टशिप के दौरान ही बात करना ठीक समझते हैं. नई व्यस्त दिनचर्या में तो वे डेट प्लानिंग भी करने लगे हैं. सैक्स संबंधों को वे ऐंजौय करते हैं. साथ ही लंबे समय तक सैक्सुअली ऐक्टिव रहने के लिए अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने लगे हैं. पतिपत्नी के रिश्ते में सबकुछ अच्छा चले, इस के लिए प्यार ही नहीं, सैक्सुअल कंपैटिबिलिटी भी जरूरी है. इस सैक्सुअल कैमिस्ट्री में कई पहलू शामिल हैं जैसे चाह, अभिव्यक्ति का तरीका, सैक्स वैल्यूज और सैक्सुअल पर्सनैलिटी.

कई कपल्स के बीच मानसिक, भावनात्मक अनुकूलता तो होती है, लेकिन सैक्सुअल स्तर पर सोच एकजैसी नहीं होती. इस से रिश्ते का एक पहलू उपेक्षित होता है. नतीजा होता है असंतुष्टि, सैक्सुअल कुंठाएं, अवसाद, बेचैनी, भावनात्मक दूरी, गुस्सा और कई बार नपुंसकता भी. दोनों पार्टनर्स को सैक्स में संतुष्टि नहीं मिलती तो धीरेधीरे एक पार्टनर सैक्स से भागने लगता है. इस से कम कामेच्छा (लो लिबिडो) की भावना पनपने लगती है, जो समय के साथ जीरो लिबिडो में बदल सकती है. इस से रिश्ते के बाकी पहलू भी प्रभावित होने लगते हैं.

रश्मि और मानस शादी के 3 साल बाद काउंसलर से मिलने पहुंचे. पत्नी की लो डिजायर्स और पति की अधिक इच्छा के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा था. बातचीत में दोनों ने माना कि उन्होंने कभी एकदूसरे से अपनी सैक्स डिजायर्स नहीं बांटीं. सैक्स सिर्फ शारीरिक ही नहीं भावनात्मक क्रिया भी है. हर कपल के लिए जरूरी है कि वे इस पर बात करें. इंटरकोर्स के बाद उन्हें कैसा महसूस होता है? वे अंतरंग रिश्ते से क्या चाहते हैं? इसे वे करीब आने का जरीया मानते हैं या शारीरिक रसायनों को रिलीज करने का माध्यम? उन्हें सैक्स में ऐक्स्प्लोर करना अच्छा लगता है या वे सिर्फ इसे निभाते हैं? यदि एक के लिए सैक्स का अर्थ प्यार और इंटीमेसी है और दूसरे के लिए केवल रिलैक्स होने का तरीका तो उन के बीच सैक्सुअल कैमिस्ट्री मुश्किल हो सकती है.

3. झगड़ा और दांपत्य

पुरानी परिभाषा: झगड़ों से रिश्तों में दरार पड़ती है.

नई परिभाषा: झगड़ों से रिश्ते में प्यार बढ़ता है. बशर्ते उन्हें सही समय पर सुलझा लिया जाए और तार्किक ढंग से उन पर सोचा जाए. नए जोडे़ मानते हैं कि पतिपत्नी होने का अर्थ यह नहीं कि हर बात पर समान ढंग से सोचा जाए. मतभिन्नता हो सकती है और कई बार छोटीछोटी बातों पर बहस हो सकती है. बहस हो भी क्यों नहीं. आखिर अपनी बात रखने का यह सब से प्रभावशाली तरीका है.

4. अलगाव

पुरानी परिभाषा: शादी 7 जन्मों का बंधन है. इस में तलाक की बात नहीं करनी चाहिए.

नई परिभाषा: शादी इसी जन्म में निभाया जाने वाला रिश्ता है. यह बंधन नहीं. कई बार ऐसी स्थितियां आ जाती हैं जब पतिपत्नी का साथ चलना असंभव हो जाता है. पुरजोर कोशिशों के बावजूद यदि मुद्दे नहीं सुलझते तो रिश्तों को ढोते रहने के बजाय नए कपल समझदारी से अलग हो जाते हैं. कई कपल्स ऐसे भी हैं जिन के बच्चे हैं और अलग होने के बावजूद वे परवरिश से जुड़ी जिम्मेदारियां मिलजुल कर निभा रहे हैं.

5. जब न सुलझे विवाद

पुरानी परिभाषा: घर की बात घर में रहे, बाहर न जाए.

नई परिभाषा: पतिपत्नी को आपसी मामले खुद सुलझाने चाहिए. उन्हें किसी से शेयर नहीं किया जाना चाहिए. इस पुरानी धारणा को नए दंपती एक सीमा के भीतर ही स्वीकार करते हैं. जब तक उन्हें लगता है कि वे खुद समस्या को सुलझा सकते हैं, तब तक वे मुद्दों को तीसरे तक नहीं पहुंचने देते. लेकिन जैसे ही उन्हें लगने लगता है कि कुछ बातें ऐसी हैं, जिन्हें दोनों मिल कर नहीं सुलझा पा रहे हैं तो वे किसी तीसरे की मदद लेने से नहीं हिचकिचाते.

6. किस का ज्यादा महत्त्व

पुरानी परिभाषा: घर में मेल (पति) मैंबर का महत्त्व ज्यादा है. वह जो कहे उसे मानना होगा.

नई परिभाषा: शादी एक कंपैनियनशिप है, जिस में दोनों की बातों, राय या विचारों का बराबर महत्त्व है. इसीलिए दूसरे को सुनना और उदारता से प्रतिक्रिया करना जरूरी है. नए दंपती पार्टनर की बातों को सुनना, स्वीकारना जानते हैं, मगर उन्हें आदेशमान कर उन का अनुकरण नहीं करते. पार्टनर से सहमत नहीं हैं तो गुस्सा या तुरंत प्रतिक्रिया करने के बजाय वे शांति से अपनी राय व्यक्त करना जानते हैं.

7. औपचारिकता की सीमा

पुरानी परिभाषा: औपचारिकता की क्या जरूरत है? पतिपत्नी प्रेमीप्रेमिका नहीं.

नई परिभाषा: दांपत्य जीवन के शुरुआती दिनों में पतिपत्नी एकदूसरे के लिए नई किताब की तरह होते हैं, जिस का हर चैप्टर अपने में रहस्य और रोमांच समेटे होता है. लेकिन पूरी किताब पढ़ लेने के बाद उन में यह सोच पैदा हो जाती है कि अब तो वे एकदूसरे को अच्छी तरह जान चुके हैं. अब उन्हें एकदूसरे से किसी भी तरह की औपचारिकता की जरूरत क्यों? इसी के चलते वे एकदूसरे को कई बातें बताना या पूछना जरूरी नहीं समझते. यह विचार उन के रिश्ते को प्रभावित करना शुरू कर देता है. कोई भी काम करने से पहले एकदूसरे को उस की जानकारी देने, गलती हो जाने पर माफी मांगने और कुछ खास मौकों पर एकदूसरे की तारीफ करने जैसी औपचारिकताएं इस रिश्ते की गरमाहट को बरकरार रखने के लिए जरूरी होती हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी और घरपरिवार की बढ़ती जिम्मेदारियों के बीच पतिपत्नी भूल जाते हैं कि उन का एकदूसरे के प्रति भी कुछ दायित्व बनता है.

लंबा समय साथ बिताने के बाद कई बार पतिपत्नी एकदूसरे को फौर ग्रांटेड लेने लगते हैं. लेकिन नए कपल्स पुरानी पीढ़ी की इस धारणा को खारिज करते हैं. रिश्तों का नया फौर्मूला कहता है कि शादी में भी थोड़ी औपचारिकता जरूरी है. खास मौकों पर गिफ्ट्स का आदानप्रदान, नाइट आउट, डिनर प्लान करना और कभीकभी प्रेमीप्रेमिका की तरह अपने लिए कुछ क्षण चुराना जरूरी है. यों भी महानगरीय नौकरीपेशा दंपती बहुत कम समय साथ बिता पाते हैं. ऐसे में एकदूसरे को यह एहसास कराना जरूरी है कि उन्हें पार्टनर का खयाल है और व्यस्त दिनचर्या में भी वे पार्टनर को कभी नहीं भूलते. शादी एक लौंगटर्म इन्वैस्टमैंट की तरह है. जितना प्यार डालेंगे, भविष्य में दोगुना वापस मिलेगा. ज्यादातर झगड़ों का तार्किक आधार नहीं होता. वे किसी भी बात पर हो सकते हैं, लेकिन उन्हें सुलझाने के लिए तार्किक होने की जरूरत पड़ती है. शादी को निभाने के लिए त्याग, समर्पण, परस्पर भरोसा, समझौता, तालमेल आदि जरूरी है. मगर इन में से किसी भी एक पर अति से रिश्ते में खटास पैदा हो सकती है.

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Summer Special: स्प्रिंग समर सेल्फ स्टाइलिंग लुक्स

गर्मियों में रंग बिरंगे कपड़ों के साथ अगर आपका मन भी काफी नए नए तरह के हेयर स्टाइल ट्राई करने को करता है तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. अगर आप एक अच्छी हेयर स्टाइलिस्ट भी नहीं हैं और आपसे बहुत बेसिक लुक तैयार होते हैं तो भी आप यह लुक क्रिएट कर सकती हैं. आइए जानते हैं गर्मियों में ट्राई करने वाले सेल्फ स्टाइलिंग लुक्स के बारे में. यह हेयर स्टाइल प्रियंका बोरकर जोकि एक सेलिब्रिटी हेयर स्टाइलिस्ट हैं, द्वारा डिजाइन किए गए हैं जो हर हेयर टाइप की महिला ट्राई कर सकती है.

सॉफ्ट अप डू :

अगर आपके बाल थोड़े थोड़े वेवी हैं तो आप ट्रेडिशनल बन बनाने की बजाए यह स्टाइल ट्राई कर सकती हैं. शुरुआत में अपने बालों को ब्लो ड्राई कर लें. ब्लो ड्राई करने के बाद बालों को आधे आधे भाग में बांट लें. अब बालों के आधे हिस्से को लें और एयर रैप से लपेट दें ताकि बाल थोड़े थोड़े कर्ल हो सकें. बालों के हर सेक्शन को 5 सेकंड्स तक हीट दें. इसके बाद तीन सेकंड्स तक बालों को कोल्ड शॉट सेटिंग पर रखें. अब बालों की एक लो पोनी टेल बना लें. अब पोनी टेल को आधे हिस्से में करें और घुमा दें, इसके बाद पिंस से सिक्योर कर लें. ऐसा ही दूसरे भाग के साथ भी करें.

कैजुअल एलिगेंट :

अगर आप किसी फेंसी डेट पर जा रही हैं और थोड़ा एलिगेंट लुक पाना चाहती हैं तो यह हेयर स्टाइल जरूर ट्राई करें. सबसे पहले बालों को ब्लो ड्राई कर लें. इसके बाद बालों को दो भागों में बांट लें और एक सेंटर पार्ट बना लें. अब बालों का एक हॉफ लें और इस भाग को हाई एयर फ्लो सेटिंग पर एयर रैप में हीट कर लें. पहले 5 सैकंड्स तक नॉर्मल हीट सेटिंग रखें उसके तीन सेकंड बाद कर्ल बनाने के लिए कोल्ड शॉट सेटिंग पर रखें. सारे बालों के साथ ऐसा ही रिपीट करें. जब बाल पूरी तरह से कर्ल हो जाएं तो एक स्मूदनिंग ब्रश लें और कर्ल्स को थोड़ा थोड़ा लूज कर लें.

थोड़ा मैसी लुक भी करें ट्राई :

अगर आप बहुत कैजुअल रहना पसंद करती हैं और कॉलेज या किसी सामान्य जगह पर थोड़ा मैसी लुक चाहती हैं तो यह हेयर स्टाइल ट्राई करना तो बनता है. सबसे पहले बालों को ब्लो ड्राई कर लें. इसके बाद बालों को दो भागों में बांट लें और एक सेंटर पार्ट बना लें. अब बालों का एक हॉफ लें और इस भाग को हाई एयर फ्लो सेटिंग पर एयर रैप में हीट कर लें. पहले 5 सैकंड्स तक नॉर्मल हीट सेटिंग रखें उसके तीन सेकंड बाद कर्ल बनाने के लिए कोल्ड शॉट सेटिंग पर रखें. सारे बालों के साथ ऐसा ही रिपीट करें. जब सारे बाल कर्ल हो जाते हैं तो बालों के थोड़े थोड़े सेक्शन में उंगलियां फिरा लें ताकि आपके कर्ल प्राकृतिक रूप से थोड़े मैस्ड अप या थोड़े लूज हुए लगें.

70s कर्ल :

अगर आप थोड़ा पुराना स्टाइल ट्राई करने में रुचि रखती हैं तो यह लुक आप पर खूब खिलने वाला है. सिर को अच्छे से धोने के बाद बालों में मीडियम होल्ड मोसे लगा लें. अब अपने बालों की सारी नमी को हटाने के लिए बालों को ब्लो ड्राई कर दें ताकि बाल 80% तक सूख जाएं. अब एयर रैप ले और उसे अपने चेहरे की ओर से स्टाइलिंग करना शुरू करें. यह ध्यान रखें कि उसके एरो चेहरे से दूर रहें. टूल को फुल हीट पर सेट कर दें. अब बालों का एक सेक्शन लें और बैरल में उसे लगभग 30 सेकंड्स तक रहने दें. इसके बाद 5 से 10 सेकंड्स के लिए कोल्ड शॉट सेटिंग पर भी रख सकते हैं. आपके सारे कर्ल्स चेहरे से दूसरी ओर जाते हुए नजर आने चाहिए. जब सारे बाल कर्ल हो जाएं तो बालों को थोड़ा शेक कर लें और उनमें अपनी उंगलियां चला लें ताकि सॉफ्ट कर्ल प्राप्त हो सकें.

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4 Tips: घर के अंदर ही बनाएं गार्डन

अब वो समय गया जब गार्डन घर के बाहर आउटडोर में हुआ करता था. अब तो गार्डन ने हमारे अपार्टमेंट के अंदर ही जगह बना ली है. इंडोर गार्डन का यह ट्रेंड धीरे-धीरे काफी फेमस होता जा रहा है. ऐसे में अगर आपके घर में भी बालकनी की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो निराश होने की जरुरत नहीं. आप चाहें तो कई तरीकों से अपने घर के अंदर ही एक छोटा सा गार्डन बना सकती हैं. अपनी जरुरत और घर के अंदर की जगह को देखते हुए गार्डन बनाने का विचार करें. आप अपने घर में इस तरह के गार्डन बना सकती हैं.

1. वर्टिकल या लंबा गार्डन

इस तरह के गार्डन में पौधों को पैनल्स में लगाया जाता है और ये पैनल्स घर के अंदर या घर के बाहर की दीवारों पर लगे होते हैं. इसके अलावा बाजार में हरी दीवारों के गतिशील ढांचे भी मिलते हैं जिसे किसी भी हार्ड सरफेस पर आसानी से स्लाइड किया जा सकता है. आप चाहें तो इन गतिशील ढांचों को किसी दीवार के सहारे या फिर कमरे के बीचों बीच रख सकती हैं. इन हरी दीवारों को इंस्टाल करना और मेनटेन रखना दोनों ही बेहद आसान है.

2. इंडोर गार्डन

इंडोर गार्डन में आप अपनी पसंद के हिसाब से कई तरह से एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं. अगर आपके पास थोड़ी ज्यादा जगह है तो आप अपने इंडोर गार्डन में झूला, फव्वारा, लाइट, पत्थर की फ्लोरिंग आदि कई चीजों का इस्तेमाल कर सकती हैं.

3. मेडिटेरेनियन गार्डन

अगर आप अपने घर के आंगन के किसी हिस्से को हाइलाइट करना चाहती हैं तो इस तरह का गार्डन आपके लिए परफेक्ट च्वाइस है. मेडिटेरियन स्टाइल गार्डन बनाने के लिए सबसे पहले टेरेकोटा के पौट्स यानी गमलों से शुरूआत करें. आप चाहें तो छोटे पौधे, झाड़ी, साइट्रस प्लांट्स, हर्ब्स और फूल पत्तियों से शुरूआत कर सकती हैं.

4. कंटेनर गार्डन

इन दिनों तो गार्डन में कंटेनर्स को भी पौट्स के तौर पर रीसाइकल किया जा रहा है. पौट के साइज के हिसाब से अब अलग-अलग तरह के पौधे और जड़ी बूटियों को भी घर पर आसानी से उगा सकती हैं.

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पलटवार : भाग 1- जब स्वरा को दिया बहन और पति ने धोखा

‘‘दीदी.’’ स्वरा चौंक उठी, अरे, यह तो श्रेया की आवाज है. वह उल्लसित मन से छोटी बहन की ओर लपकी, ‘‘अरे तू, आने की सूचना भी नहीं दी, अचानक  कैसे आना हुआ?’’

‘‘कुछ न पूछो दीदी, कंपनी का एक सर्वे है, उसी के लिए मुझे 2 माह तक यहीं रहना है. बस, मैं तो बहुत ही खुश हुई, आखिर इतने दिन मुझे अपनी बहन के साथ रहने को मिलेगा,’’ कह कर श्रेया अपनी दीदी स्वरा के गले में झूल गई. स्वरा को भी खूब खुशी हो रही थी, आखिर श्रेया उस की दुलारी बहन जो थी.

‘‘स्वरा, एक कप चाय देना,’’ अमित ने गुहार लगाई.

जी, अभी लाई, कह कर स्वरा चाय ले जाने को तत्पर हो गई.

‘‘लाओ दीदी, मैं जीजू को चाय दे आती हूं,’’ कह कर श्रेया ने बहन के हाथ से चाय की ट्रे ले ली और अमित के कमरे की ओर बढ़ी. कमरा खुला था, परदे पड़े थे. उस ने झांक कर देखा, अमित की पीठ दरवाजे की ओर थी. वह अपना कोई प्रोजैक्ट तैयार कर रहा था. श्रेया ने चाय साइड टेबल पर रख दी और अमित की आंखों को अपने हाथों से बंद कर दिया. अमित हड़बड़ा गया, ‘‘क्या है स्वरा, आज बड़ा प्यार आ रहा है. क्या दिल रंगीन हो रहा है. अरे भई, दरवाजा तो बंद कर लो.’’ अमित ने श्रेया को स्वरा समझ कर अपनी ओर खींच लिया, श्रेया भरभरा कर अमित की गोद में आ गिरी.

‘‘हाय, जीजू क्या करते हैं, मैं आप की पत्नी नहीं, बल्कि श्रेया हूं, आप की इकलौती साली. क्यों, चौंक गए न,’’ श्रेया संभलती हुई बोली.

‘‘हां, चौंक तो गया ही, चलो कोई बात नहीं, आखिर साली भी तो आधी घरवाली होती है,’’ अमित ने ठहाका लगाया.

‘‘क्या बात है, बड़े खुश हो रहे हो,’’ स्वरा भी वहीं आ गई.

‘‘हां भई, खुशी तो होगी ही. अब इतनी सुंदर साली को पा कर मन पर काबू कैसे रखा जा सकता है. दिल ही तो है, मचल गया,’’ अमित ने शोखी से कहा.

‘‘हुं, ज्यादा न मचलें, थोड़ा काबू रखो. मेरी बहन कोई सेंतमेत की नहीं है, जो किसी का भी दिल मचल जाए,’’ स्वरा ने अमित को छेड़ा और दोनों बहनें हंसती हुई कमरे से बाहर आ गईं.

दिन के साढ़े 10 बजे रहे थे. श्रेया को सर्वे के लिए निकलना था. वह तैयार होने चली गई. अमित भी औफिस के लिए तैयार होने चला गया. दोनों साथ ही निकले. श्रेया आटो के लिए सड़क की ओर बढ़ने लगी कि तभी अमित ने पीछे से आवाज दी, ‘‘रुको साली साहिबा, तुम्हारी प्रोजैक्ट साइट मेरे औफिस के रास्ते में ही है, मैं तुम्हें ड्रौप कर दूंगा.’’ स्वरा ने भी हां में हां मिलाई और श्रेया लपक कर अमित की बगल वाली सीट पर बैठ गई.

अमित ने कहा, ‘‘बैल्ट लगा लो श्रेया, यहां ट्रैफिक रूल्स बहुत सख्त हैं.’’

श्रेया ने बैल्ट लगाने की कोशिश की लेकिन वह लग नहीं रही थी. शायद कहीं फंसी हुई थी. उस ने बेबसी से अमित की ओर देखा. अमित समझ गया और थोड़ा झुक कर बैल्ट को खींचने लगा कि अचानक बैल्ट खुल गई. श्रेया झटका खा कर अमित की ओर लुढ़क गई. ‘‘सौरी,’’ उस ने धीरे से कहा. ‘‘ओके, जरा ध्यान रखा करो.’’ अमित ने गाड़ी बढ़ाते हुए कहा.

अब यह प्रतिदिन का नियम बन गया था. अमित श्रेया को उस की साइट पर छोड़ता और शाम को लौटते हुए उसे साथ में ले भी लेता था. वैसे तो यह एक सामान्य बात थी. जब दोनों का समय और रास्ता भी एक ही था तो साथ आनेजाने में कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन यह प्रतिदिन का जो साथ था, वह बिना किसी रिश्ते के एक अनजाने रिश्ते की ओर बढ़ रहा था.

अमित युवा था और उस का दिल सदैव उन्मत्त रहता था. रूपसी पत्नी के साहचर्य ने उसे और भी अधिक शोख बना दिया था. सुंदर स्त्रियों के साथ उसे आनंद आता था. अब हर समय उसे स्वरा का साथ तो उपलब्ध नहीं होता था तो वह अकस्मात ही अन्य स्त्रियों की ओर आकर्षित होने लगता था. वह सोचता भी था कि यह गलत है, किंतु आंखें? उन का क्या, उन्हें बंद तो नहीं किया जा सकता था. उन्हें देखने से कोई कैसे रोक सकता था.

श्रेया भी युवा थी, अपरिमित सौंदर्य की स्वामिनी थी. उस का हृदय जबतब मचलता रहता था. पुरुषों की सौंदर्यलोलुप दृष्टि का वह आनंद उठाती थी. पुरुष साहचर्य की कामना भी करती थी परंतु अपनी मर्यादाओं को समझते हुए. एक बार उस की किसी नवविवाहिता सहेली ने उसे बताया था, ‘पुरुष का प्रथम स्पर्श बहुत ही मधुर होता है.’ यह सुन कर वह रोमांचित हो उठी थी.

उसे अमित का साथ अच्छा लगने लगा था. यद्यपि कि उसे अपने पर शर्म भी आती थी कि वह जो कुछ भी कर रही है, वह गलत है. अमित उस की ही बहन का सुहाग है. जिस की ओर देखना भी उचित नहीं है, किंतु मन, उस का क्या, उस पर तो किसी का वश नहीं चलता है.

श्रेया यौवन के नशे में चूर थी और पुरुष साहचर्य की कामना करती रहती थी जो विवाह से पूर्व संभव न था. लेकिन अमित के साथ सट कर बैठना, उस के साथ घूमनाफिरना सब बहुत लुभावना लगता था.

उसे अपनी बहन की आंखों में देखते हुए भय लगता था क्योंकि उन आंखों में अनेक संशयभरे प्रश्न होते थे जिन का उस के पास कोईर् जवाब नहीं होता था. वह कभी भी अपनी दीदी से आंख मिला कर बात नहीं कर पाती थी.

स्वरा सब देख, समझ रही थी. उसे आश्चर्य भी होता था और दुख भी. आश्चर्य अमित के रवैए पर था, वह पत्नी को कम से कम समय देता, खानेपीने में अरुचि दिखाता, उस के व्यवहार में आए इस परिवर्तन से स्वरा अनभिज्ञ नहीं थी. दुख इस बात का था कि उस की प्यारी छोटी बहन उसे ही धोखा दे रही थी.

दिनप्रतिदिन श्रेया और अमित की नजदीकियां बढ़ती जा रहीं थी. अब उन्हें इस बात की कोई भी चिंता नहीं होती थी कि स्वरा शाम की चाय पर उन की प्रतीक्षा कर रही होगी. वे दोनों तो घूमतेफिरते रात्रि के 8 बजे से पूर्व कभी भी घर नहीं पहुंचते थे. स्वरा जब भी अमित से देरी का कारण पूछती तो उत्तर श्रेया देती, ‘‘हां दीदी, जीजू तो समय पर लेने के लिए आ गए थे किंतु मेरा मन कुल्फी खाने का कर रहा था और मार्केट वहां से दूर भी बहुत है. अब समय तो लगता ही है न.’’ और कभी कौफी का बहाना, कभी ट्रैफिक का बहाना. स्वरा इन सब बातों का मतलब समझती थी. ‘‘और चाय,’’ वह धीमे से पूछती.

‘‘अब चाय क्या पिएंगे, सीधे खाना ही खिला देना, क्यों जीजू.’’

‘‘हां, और क्या, वैसे भी बहुत थक गया हूं. जल्दी ही सोना चाहूंगा,’’ अमित उबासी लेने लगता.

इधर सुबह दोनों जल्दी ही उठ कर कंपनीबाग सैर करने जाते थे. कभी भी स्वरा से चलने के लिए नहीं कहते थे. स्वरा मन ही मन कुढ़ती थी और समस्या के निराकरण का उपाय भी सोचती थी जो उसे जल्दी ही मिल गया. वह भी अकेली ही सैर पर निकल पड़ी और जौगिंग करते हुए अमित तथा श्रेया की बगल से हाय करते हुए मुसकरा कर आगे बढ़ गई. दोनों भौचक्के से उस की ओर देखने लगे. स्वरा को ट्रैक सूट में देख कर अमित अपनी आंखें मलने लगा, यह स्वरा का कौन सा अनोखा रूप था जिस से वह अपरिचित था.

घर आ कर स्वरा ने टेबल पर नाश्ता लगा दिया और उन दोनों का इंतजार किए बिना स्वयं नाश्ता करने लगी. तभी अमित भी आ गया, ‘‘यह क्या मैडम, आज मेरा इंतजार नहीं किया, अकेले ही नाश्ता करने बैठ गई.’’

‘‘तो क्या करती? जौगिंग कर के आई हूं. भूख भी कस कर लग आई है, फिर खाने के लिए किस का इंतजार करना.’’ स्वरा ने टोस्ट में औमलेट रख कर खाते हुए कहा. अमित तथा श्रेया दोनों ने ही स्वरा में आए इस बदलाव को महसूस किया. दोनों ने अपनाअपना नाश्ता खत्म किया और तैयार होने कमरे में चले गए.

‘‘स्वरा, मेरा टिफिन लगा दिया?’’ अमित ने हांक लगाई.

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