जब सताने लगे बेवफाई

लास एंजिल्स में छपी एक खबर के अनुसार पीटरसन नामक एक पति ने अपनी 8 माह से गर्भवती पत्नी लकी की हत्या कर दी. कई दिनों तक उस के न दिखने पर लकी के सौतेले पिता ने पुलिस में रिपोर्ट कराई. उस के तहत एक लड़की से पता चला कि पीटरसन का उस लड़की के साथ अफेयर था. वह उस लड़की के साथ शादी करना चाहता था. और वह लड़की पीटरसन को अभी तक अविवाहित सम?ा रही थी.

पीटरसन की सास रोचा कहती है कि अपनी बेटी के कत्ल के बावजूद उसे अपने दामाद से तब तक हमदर्दी थी जब तक उसे यह पता नहीं था कि पीटरसन का किसी अन्य लड़की के साथ अफेयर है. लेकिन जब से उसे पीटरसन के अपनी बेटी से बेवफाई के बारे में पता चला है उस ने अदालत में चीखचीख कर यह गुहार की कि उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. पीटरसन के मातापिता को भी उस के शादीशुदा अफेयर के बारे में सुन कर अच्छा नहीं लगा.

राजामहाराजाओं के जमाने में पुरुषों को बेवफाई का जन्मसिद्ध अधिकार था, जबकि किसी स्त्री के ऐसा करने पर गांव, महल्ले, सगेसंबंधी कुलटा आदि कह कर सभी उस का जीना हराम कर देते थे.

रामायण की धोबन का हश्र याद होगा जिस के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने भी सारी मर्यादाओं को लांघ कर सीता को वन में छुड़वा दिया था. धोबी को उस धोबन पर शक केवल इसलिए हुआ कि वह रात को घर पर नहीं थी. भले ही बेवफाई हुई हो या न हुई हो. राम ने धोबन को बचाने की या उस की सुनने की भी कोशिश की हो, ऐसा रामायण में कहीं जिक्र नहीं है. धोबन और सीता दोनों ही अकारण घर से निकाल दी गईं.

मगर जब से स्त्री के अधिकारों की बात शुरू हुई तब से पुरुषों के इस अधिकार पर थोड़ा सा अंकुश लगा तो दूसरी तरफ स्त्रियों ने इस तरह के रिलेशंस बनाने शुरू कर दिए. अमेरिका में हुई एक रिसर्च के अनुसार 70% शादीशुदा पुरुष और 50% शादीशुदा महिलाएं विवाहेतर संबंध बनाती हैं, जिन में कुछ बन नाइट स्टैंड होते हैं यानी एक रात भर सोए और फिर भूल गए.

यहां भावनाओं का कोई मतलब नहीं. वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो बनाए ही भावनात्मक सुरक्षा के लिए जाते हैं जोकि घनिष्ठ और लंबे समय तक चलते हैेें. बहरहाल चाहे लंबे समय के लिए हो या 1-2 घंटों के लिए ही सही बेवफाई बेवफाई होती है.

सगेसंबंधियों पर प्रभाव: हमारे देश में इस संबंध का न सिर्फ पतिपत्नी, बच्चों पर बल्कि आप के मातापिता, सगेसंबंधी, अविवाहित भाईबहनों आदि पर भी पड़ता है. उन्हें व्यर्थ सजा मिलती है.

  •   बाहर वालों के तानों की शर्मिंदगी परिवार में सभी को उठानी पड़ती है.
  • अगर बेवफाई स्त्री ने की है तो अविवाहित बहन या भतीजी की तुलना उस के साथ की जाने लगती है और शादीविवाह में कठिनाई पैदा हो जाती है.
  • बच्चों को मातापिता के बीच चल रहे मनमुटाव के साथसाथ बाहर वालों की अजीब नजरों का भी सामना करना पड़ता है जिस के काफी गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ते हैं.

बेवफाई करने वाले पर प्रभाव

  •  बेवफा व्यक्ति घर वालों और बाहर वालों की नजरों में गिर जाता है.
  • घर वालों के सहयोग की उम्मीद इस मामले में कभी नहीं कर सकते.
  • हर वक्त अनुचित रिश्ते को छिपाने के लिए नएनए झूठ बोलने पड़ेंगे.
  • इन अवैध संबंधों में अगर बच्चे भी हैं तो जायज के साथसाथ नाजायज बच्चे भी इज्जत से नहीं देखेंगे.

दूर से देखनेसुनने में भले ही लगे कि पश्चिमी देशों में इस तरह के रिश्तों पर कोई आपत्ति नहीं होती जबकि सचाई यह है कि विवाहेतर संबंध कहीं भी किसी भी समाज में उचित नहीं माने गए हैं. इस का बहुत बड़ा उदाहरण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और मोनिका लेवेंस्की के संबंध जिन की आलोचना दुनियाभर में की गई.

भले ही कितनी ही स्त्रियों के साथ क्लिंटन के संबंध रहे हों लेकिन देश और समाज में सिर उठा कर चलने के लिए उन्हें अपनी पत्नी हिलेरी क्लिंटन की ही जरूरत थी. हिलेरी क्लिंटन को भी इस जहर को पीना पड़ा पर उन्हें राष्ट्रपति पद जनता ने नहीं दिया. वे राष्ट्रपति का चुनाव हार गई थीं.

थेरैपिस्ट या काउंसलर भी विवाहेतर संबंधों के बारे में यही राय देते हैं कि अगर इन के बिना नहीं रह सकते तो तलाक ले लें.

असलियत में कोई भी बेवफा व्यक्ति न तो अपनी शादी को तोड़ना चाहता है क्योंकि सगेसंबंधी इस की इजाजत कभी नहीं देते और न ही इस विवाहेत्तर रिश्ते को खत्म करना चाहता है. दूसरा घर बसाना और सगेसंबंधियों को छोड़ना कोई आसान काम नहीं. फिर यह भी जरूरी नहीं कि जिस के साथ आप के संबंध हैं वह आप से विवाह के लिए राजी ही हो क्योंकि उस के लिए भी घर तोड़ना, सगेसंबंधियों के खिलाफ जाना आसान नहीं. इस तरह के रिश्ते आमतौर पर खतरनाक साबित होते हैं. बेवफाई खतरनाक होती है. इस समस्या का मैसेज एक वैबसाइट पर एक काउंसलर के पास आया-

डियर आंट वैबी मैं जानती हूं कि इस शर्मनाक गलती के लिए मुझे चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए, फिर भी आप की राय चाहती हूं. मैं ने अपनी 6 साल की शादीशुदा जिंदगी में पहली बार एकदूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाए हैं और उस के प्रेम में बेहद पागल हूं. मेरे पति जोकि मुझे बेहद प्यार करने वाले, अच्छे और आदर्श पुरुष हैं, उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता. मैं जानती हूं कि जिस दिन उन्हें इस बात का पता चलेगा उन का विश्वास टूट जाएगा.

इस दूसरे पुरुष के लिए मैं अपने बेहद अच्छे पति को छोड़ने के लिए भी तैयार हूं. लेकिन यह नहीं जानती कि वह भी मुझ से शादी करेगा या नहीं. वह एक बहुत अच्छे, भरेपूरे परिवार से है और 4 बच्चों का बाप है. मेरे अपना कोई बच्चा नहीं है. मैं यह भी जानती हूं कि एक बेहद अच्छा पति होने के बावजूद किसी दूसरे शादीशुदा मर्द के चक्कर में पड़ना समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा. प्लीज, आप मुझे इस अफेयर को खत्म करने की सलाह न दें बल्कि यह बताएं कि मैं इस अफेयर को कंटीन्यू क्यों रखना चाहती हूं.

वोदका गर्ल इस अजीब समस्या का अंजाम परिवार के टूटनेबिखरने के अलावा कुछ नहीं हो सकता क्योंकि बीवी परपुरुष के साथ अपने संबंधों को खत्म नहीं करना चाहती और ऐडवाइजर को भी यही कह रही है कि इस रिश्ते को खत्म करने की सलाह न दें. यानी जानबू?ा कर आग से खेलने का शौक है मैडम को.

इन्हीं मैडम की तरह कुछ लोग पति या पत्नी की बेवफाई के बावजूद अपने पजैसिव नेचर की वजह से छोड़ना नहीं चाहते और बेवफाई से भी बाज नहीं आते यानी उन्हें दोनों हाथों में लड्डू चाहिए.

हौंगकौंग में लिऊयांग नामक एक व्यक्ति ने अपनी सास का सिर काट डाला और उसे ले कर पुलिस स्टेशन पहुंच गया. चीन के स्थानीय समाचारपत्र साउथ मौर्निंग पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इस व्यक्ति ने अपनी सास की हत्या इसलिए की क्योंकि पतिपत्नी के बीच चल रही बेवफाई के कारण सास अपनी बेटी को तलाक के लिए भड़का रही थी.

बेवफा व्यक्ति अपने विवाहित जीवन के साथ विवाहेतर संबंधों को सहेजने की लाख कोशिश करे लेकिन इन सब का एक ही अंत होता है, जो कभी सुखद नहीं होता. इस तरह के संबंधों से बेवफा व्यक्ति थोड़े समय के लिए भले ही मानसिक या शारीरिक सुख प्राप्त कर ले लेकिन बोनस में जीवन भर की टैंशन भी ले लेता है.

मैं अपने रिलेशनशिप को एक लेवल आगे बढ़ाना चाहता हूं, मैं क्या करुं?

सवाल-

गलफ्रैंड के साथ मेरी फ्रैंडशिप हुए अभी  6 महीने हुए हैं. हम आपस में खूब मिलते हैं, बातें करते हैं. वह मु झ से और मैं उस से सैक्सी बातें भी करता हूं. लेकिन मैं पता नहीं लगा पा रहा कि वह मेरे साथ सैक्स करने में कितनी इंट्रैस्टैड है. मैं उस से सैक्स के लिए पूछूं और वह मना कर दे, ऐसा मैं हरगिज नहीं चाहता. ऐसा क्या करूं कि वह मेरी फीलिंग्स सम झे,  मु झे गलत न सम झे और फिजिकल होने में उस की रजामंदी शामिल हो?  उस की रजामंदी मेरे लिए बहुत माने रखती है.

जवाब-

यह अच्छी बात है कि आप अपने पार्टनर की फीलिंग्स का ध्यान रखते हैं और सैक्स के लिए उस की रजामंदी आप के लिए उतनी ही माने रखती है जितनी खुद की.

फिलहाल कुछ तरीके अपना कर देखें जिन के जरिए आप अपनी गर्लफ्रैंड से अपनी ख्वाहिश जाहिर कर सकते हैं, जैसे कि साथसाथ चलते हुए, बातें करते हुए आप उस का हाथ अपने हाथ में ले सकते हैं. उंगलियों को आपस में उल झा सकते हैं. इस से वह महसूस करेगी कि आप ज्यादा नजदीकी चाहते हैं.

उस की तारीफ करते हुए आंखों में आंखें डाल कर उस के हावभाव देखें. उस की कमर पर हाथ रख कर देखें कि उस का क्या रिऐक्शन है. उस का अच्छा मूड देखते हुए एसएमएस या व्हाट्सऐप  भेजें, ‘आई वांट यू.’ इंतजार कीजिए वह क्या जवाब देती है या कोई उत्तर देती है भी या नहीं.

सरप्राइज में इनरवियर सैट गिफ्ट में दें लेकिन उस से कह दें कि अकेले में खोल कर देखे. गर्लफ्रैंड आप की इच्छा जरूर समझ जाएगी.

ये भी पढ़ें- 

प्यार, रोमांस फिर शादी ये चलन सदियों से चला आ रहा है. दो युगलों के बीच प्यार एक पराकाष्ठा को पार तब करता है जब दोनों का मिलन आत्मा से होता है. प्यार का समागम आत्मा और शरीर दोनों से ही होता है. जब नवविवाहिता आती है तो धारणा यह बनती है कि अब दोनों का शारीरिक मिलन तय है, पर यह गलत है. हालांकि, शारीरिक मिलन यानि कि सेक्स जीवन का एक आधार है एक नई पीढ़ी को तैयार करने का. पर नवविवाहित जोड़ों को सेक्स से संबंधी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है. या यूं कहें कि कुछ मतभेद जो उनके दिलों में कई सवाल बनकर खड़े हो जाते हैं. सेक्स से जुड़े वो कौन-से मतभेद हैं जो उनको एक-दूसरे के करीब नहीं आने देते –

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं अपने पति के साथसाथ प्रेमी को नहीं खोना चाहती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 28 साल की महिला हूं. मैं और मेरे पति एकदूसरे का बहुत खयाल रखते हैं, मगर इधर कुछ दिनों से मैं किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं. हमारे बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं. मुझे इस में बेहद आनंद आता है. मैं अब पति के साथसाथ प्रेमी को भी नहीं खोना चाहती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप के बारे में यही कहा जा सकता है कि दूसरे के बगीचे का फूल तभी अच्छा लगता है जब हम अपने बगीचे के फूल पर ध्यान नहीं देते. आप के लिए बेहतर यही होगा कि आप अपने ही बगीचे के फूल तक सीमित रहें. फिर सचाई यह भी है कि यदि पति बेहतर प्रेमी साबित नहीं हो पाता तो प्रेमी भी पति के रहते दूसरा पति नहीं बन सकता. विवाहेतर संबंध आग में खेलने जैसा है जो कभी भी आप के दांपत्य को झुलस सकता है.ऐसे में बेहतर यही होगा कि आग से न खेल कर इस संबंध को जितनी जल्दी हो सके खत्मकर लें. अपने साथी के प्रति वफादार रहें. अगर आप अपनी खुशियां अपने पति के साथ बांटेंगी तो इस से विवाह संबंध और मजबूत होगा.

ये भी पढ़ें…

मैं 26 साल की हूं. विवाह को डेढ़ साल हुए हैं. परिवार संयुक्त और बड़ा है. यों तो सभी एकदूसरे का खयाल रखते हैं पर बड़ी समस्या वैवाहिक जीवन जीने को ले कर है. सासससुर पुराने खयालात वाले हैं, जिस वजह से घर में इतना परदा है कि 9-10 दिन में पति से सिर्फ हांहूं में भी बात हो जाए तो काफी है. रात को भी हम खुल कर सैक्स का आनंद नहीं उठा पाते. कभीकभी मन बहुत बेचैन हो जाता है. दूसरी जगह घर भी नहीं ले सकते. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

सैक्स संबंध हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. स्वस्थ व जोशीली सैक्स लाइफ हमारे संबंधों को मजबूत बनाती है एवं जीवन को खुशियों से भरती है. संयुक्त परिवारों में जानबूझ कर औरतों को दबाने के लिए उन्हें पति से दूर रखा जाता है और वे पति के साथ खुल कर सैक्स ऐंजौय नहीं कर पातीं. इस के लिए आप को पति से खुल कर बात करनी होगी. सिर्फ आप ही नहीं आप के पति भी आप की चाह रखते होंगे.बेहतर होगा कि इस के लिए कभी किसी रिश्तेदार के या कभी मायके जाने के बहाने पति के साथ बाहर घूमने जाएं. इस तरह के संबंधों को तो झेलना ही होता है. कोई उपाय नहीं मिलता.

मैं 34 साल की हूं. सैक्स के दौरान चरम पर नहीं पहुंच पाती. इस से मन बेचैन रहने लगा है. बताएं मैं क्या करूं?

यह महिलाओं में एक आम समस्या है, जिसे दवा से ज्यादा आप खुद ही दूर कर सकती हैं.इस बारे में आप पति से बात करें. सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं और हलका भोजन करें. सैक्स के दौरान जल्दबाजी दिखाने से भी यह समस्या होती है. इसलिए बेहतर होगा कि सैक्स से पहले फोरप्ले की प्रक्रिया अपनाएं, जो लंबी हो. इस मामले में गलती पुरुषों की भी होती है. सैक्स को निबटाने की सोच रखने वाले ऐसे पुरुषों की संख्या ज्यादा है, जो खुद की संतुष्टि को ही ज्यादा तवज्जो देते हैं और सैक्स के तुरंत बाद करवट बदल कर सो जाते हैं.बेहतर होगा कि सैक्स से पहले ऐसा माहौल बनाएं जो सैक्स प्रक्रिया को उबाऊ न बना कर प्यारभरा व रोमांचक बनाए.

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

स्रूस्, व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.       

 

5 टिप्स से पहचानें सच्चा रिश्ता

पारिवारिक रिश्तों के साथसाथ कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम अपने लिए खुद चुनते हैं. लेकिन कई बार जिन रिश्तों पर हम आंख बंद कर के भरोसा करते हैं वे ही समय पर हमारे काम नहीं आते.

जानिए, सच्चे और झूठे रिश्ते की पहचान करने के कुछ सुझाव:

  1. आप को हमेशा उन के बचाव में आना होता है

यदि परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के आगे अकसर आप को उन के बचाव के लिए आगे आना पड़ता है और वादों की जमानत देनी पड़ती हो तो यह एक संकेत है कि सामने वाला आप का इस्तेमाल कर रहा है. कुछ लोग किसी रिश्ते में इसलिए बंधे होने का ढोंग करते हैं क्योंकि उन्हें अपनी गलतियों को छिपाने के लिए ढाल के रूप में आप का इस्तेमाल करना होता है. इस तरह ढाल बनने से इनकार कीजिए और फिर देखिए सामने वाले का रिएक्शन.

2. वे कभी धन्यवाद नहीं कहते

चाहे आप उन का काम निबटाएं, अच्छा खाना खिलाएं, उन के मातापिता की देखभाल करें, उन के दोस्तों के साथ अच्छा रिश्ता बनाएं, सरप्राइज गिफ्ट ले कर आएं. आप उन के लिए लगातार अच्छा करने का प्रयास करती रहें और बदले में सराहना की उम्मीद करें मगर उन की जबान से तारीफ का एक शब्द भी न निकले तो यह स्थिति स्पष्ट करती है कि आप का साथी कृतज्ञता व्यक्त नहीं करता. जाहिर है उस के मन में आप के प्रयासों की कोई इज्जत नहीं. वह केवल रिश्ता ढो रहा है ताकि आप का जितना हो सके इस्तेमाल कर सके.

3. वे हमेशा एहसान मांग रहे हैं

अगर कोई आप से लगातार एहसान मांगता रहता है और जब आप को उस की मदद की जरूरत होती है तो वह मदद करने को तैयार नहीं होता. यह एक स्पष्ट संकेत है कि सामने वाला आप का उपयोग कर रहा है. रिश्तों में एकदूसरे की सहायता करना बहुत स्वाभाविक होता है, मगर यह दोतरफा होना चाहिए. एक हाथ से कभी ताली बजती.

4. नाराजगी

ध्यान दें कि क्या सामने वाला बेवजह आप से मुंह फुला लेता है? डा. किम क्रोनिस्टर के मुताबिक नाराजगी एकतरफा रिश्तों के साथ आ सकती है. यदि आप दोनों समानरूप से रिश्ते के प्रति सीरियस हैं तो किसी एक व्यक्ति को दूसरे के प्रति बहुत अधिक या लंबे समय तक नाराजगी महसूस नहीं करनी चाहिए.

5. भावनात्मक सपोर्ट

एक ऐसे रिश्ते में जो संतुलित और स्वस्थ हो (और जिस में 2 इंसान वास्तव में एकदूसरे को पसंद करते हैं), दोनों की भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जाता है. यदि आप जिस रिश्ते में हैं उस में आप की भावनात्मक जरूरतें कभी पूरी नहीं की जातीं तो यह एक संकेत है कि वह व्यक्ति आप का महज इस्तेमाल कर रहा है, उस का आप से कोई जुड़ाव नहीं है.

2 कदम तुम चलो, 2 कदम हम

पति पत्नी का संबंध बेहद संवेदनशील होता है, जिस में अपने साथी के साथ प्यार होने के साथसाथ एकदूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के निर्वाह का भाव भी होना जरूरी है. जब हम अपने साथी के प्रति अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वाह करते हैं, तो हमें अपने अधिकारों को मांगने की जरूरत नहीं पड़ती. वे स्वत: मिल जाते हैं. लेकिन जब हम अपने कर्तव्यों को तिलांजलि दे देते हैं और अधिकारों की मांग करते हैं, तो फिर यहीं से शुरुआत होती है प्रेमपूर्ण संबंधों में टकराव की. जैसाकि अनिल और रोमा के साथ हुआ.

‘‘यह क्या है, सारे कपड़े बिखरे पड़े हैं. जरा सी भी तमीज नहीं है,’’ घर को अस्तव्यस्त देख कर औफिस से आते ही अनिल का पारा चढ़ गया.

किचन में खाना बनाती रोमा उस की बात सुन कर एकदम से बोल पड़ी, ‘‘सामान बिखरा पड़ा है, तो ठीक कर दो न, क्या मेरी ही जिम्मेदारी है कि मैं ही घर के सारे काम करूं? मैं भी तो औफिस जाती हूं. लेकिन घर आने के बाद सारा काम मुझे ही करना पड़ता है. तुम तो सब्जी तक नहीं लाना चाहते. औफिस से आते ही खाना बनाऊं या घर समेटूं? खाने में देर होने पर भी तुम्हारा पारा चढ़ जाता है. खाना भी समय पर मिलना चाहिए और घर भी सजासंवरा. मैं भी इनसान हूं कोई मशीन नहीं.’’

रोमा की बात सही थी, लेकिन उस का कहने का तरीका तीखा था, जो अनिल को चुभ गया. फिर क्या था छोटी सी बात झगड़े में बदल गई और 3 दिनों तक दोनों में बोलचाल बंद रही.

एकदूसरे को समझें

आमतौर पर ऐसी स्थिति हर उस घर में होती है, जहां पतिपत्नी दोनों वर्किंग होते हैं. वहां काम को ले कर आपस में चिकचिक होती रहती है. इस का कारण यह है कि पति को पत्नी का पैसा तो चाहिए, लेकिन उस के काम में हाथ बंटाना उसे गंवारा नहीं. ऐसा नहीं है कि इस तरह की खटपट सिर्फ कामकाजी पतिपत्नी के बीच ही होती है. जो पत्नियां हाउसवाइफ हैं, उन के पति उन के बारे में यही सोचते हैं कि वे दिन भर औफिस में काम करते हैं और बीवी घर पर आराम करती है. जबकि सच यह है कि हाउसवाइफ भी दिन भर घरपरिवार की जिम्मेदारियों में आराम करने की फुरसत नहीं पाती है. सच तो यह है कि पतिपत्नी के बीच तकरार का कारण उन का एकदूसरे को न समझना और एकदूसरे के काम को कम आंकना है.

जब तक हम अपने साथी के प्रति प्रेम और आदर का भाव नहीं रखेंगे और उसे और उस के परिवार के सदस्यों को अपना नहीं समझेंगे, तब तक हम सुखमय पारिवारिक जीवन की कल्पना चाह कर भी नहीं कर सकते.

प्यार दो प्यार लो

प्यार कभी भी एकतरफा नहीं हो सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आप का साथी आप को सराहे, तो इस के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप भी उसे उसी शिद्दत से प्यार करें, जिस तरह से वह करता है. सच तो यह है कि एकतरफा संबंधों की उम्र ज्यादा लंबी नहीं होती है. जब आप किसी के साथ वैवाहिक बंधन में बंध जाते हैं, तो यह बात बहुत ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो जाती है कि आप अपने साथी को उसी रूप में चाहें जैसा वह है. अगर आप उसे बदलने की कवायद में लग जाएंगे, तो आप दोनों के बीच कभी भी सहज प्रेमसंबंध नहीं बन पाएंगे. खुश रहने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरे से बिना शर्त प्यार करें.

थोड़ा आदर थोड़ा सम्मान

प्यार भरे संबंधों के लिए एकदूसरे को प्यार करने और एकदूसरे की भावनाओं की कद्र करने के साथसाथ यह भी बेहद जरूरी है कि आप अपने साथी को वही आदरसम्मान दें, जिस की आप उस से अपेक्षा करते हैं. अगर आप को अपने साथी की कोई बात अच्छी नहीं लगती है या आप को उस से शिकायत है, तो उसे चार लोगों के सामने बुराभला कहने के बजाय अकेले में बात करना उचित होता है.

माना कि आप की पत्नी ने खाना बनाया और उस में थोड़ा सा नमक ज्यादा हो गया, मगर आप ने उसे परिवार के सभी सदस्यों के सामने खरीखोटी सुना दी. इस से आप की पत्नी की भावनाएं ही आहत नहीं होती हैं उस का सम्मान भी खंडित होता है.

इसी तरह से आप के पति कोई सामान लाएं और उस में कुछ खराब निकल गया और आप ने उन्हें सुना दिया कि आप को तो कोई भी सामान खरीदने का तरीका नहीं आता है. इस से उन की भावनाएं आहत होंगी और आप दोनों के संबंध में न चाहते हुए भी दूरी आने लगेगी. ऐसी स्थिति से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरे की कमियों को दूसरों के सामने जाहिर कर के अपने साथी को अपमानित करने के बजाय एकदूसरे की कमियों को दूर कर के उसे पूरा करने की कोशिश करें. पतिपत्नी एकदूसरे के पूरक होते हैं, आप को अपने जीवन में इस भावना को भरने की जरूरत है. तभी आप अपने जीवनसाथी को पूरा आदरसम्मान दे पाएंगे.

दायित्वों का निर्वाह

कोई भी काम किसी एक का नहीं है. अगर आप अपने मन में यह भावना रखेंगे तो कभी आप दोनों के बीच तकरार नहीं होगी. पतिपत्नी दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे किसी काम को किसी एक पर थोपने के बजाय उसे मिलजुल कर करें. ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में जब पतिपत्नी दोनों ही कामकाजी हैं, तो ऐसे में पत्नी से यह अपेक्षा करना कि औफिस से आने के बाद घर समेटना, खाना बनाना, बच्चों को होमवर्क कराना सारी उस की जिम्मेदारी है, गलत बात है. घर आप दोनों का है, इसलिए जिम्मेदारियां भी आप दोनों की हैं. अगर आप दोनों एकसाथ मिल कर दायित्वों का निर्वाह करेंगे, तो आप को जीवन में खुशियों का समावेश स्वत: हो जाएगा. अगर आप ने अपनी पत्नी के साथ मिल कर घरेलू कामों को पूरा कर दिया, तो आप छोटे नहीं हो जाएंगे, उलटे इस से आप दोनों के संबंधों में प्रगाढ़ता ही आएगी. पतिपत्नी का संबंध साझेदारी का है, जिस में एकदूसरे के साथ अपना सुखदुख साझा करने के साथसाथ घरबाहर की जिम्मेदारियों में भी साझेदारी निभाने की जरूरत है. तभी आप अपने घर का माहौल हंसीखुशी से परिपूर्ण बना सकते हैं.

बहस है बेकार

यह सच है कि पतिपत्नी के संबंध में प्यार के साथ तकरार भी होती है, लेकिन छोटीछोटी बातों पर एकदूसरे से झगड़ना अच्छी बात नहीं है. अगर आप को अपने साथी की कोई बात अच्छी नहीं लगती है, तो उसे ले कर बेकार की बहस करना अच्छा नहीं है, क्योंकि कब छोटी सी बात भयंकर झगड़े का रूप ले लेती है, पता ही नहीं चलता है. अगर आप दोनों के बीच किसी बात को ले कर मनमुटाव हो गया है, तो एकदूसरे से माफी मांगने में झिझकें नहीं. सुखमय दांपत्य जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने संबंधों के बीच अपने अहं को न आने दें.

एकदूसरे की केयर करते हैं

‘‘आज की बिजी लाइफ में लोग अपना ही खयाल नहीं रख पाते, तो दूसरे का क्या रखेंगे. लेकिन पतिपत्नी के रिश्ते में यह लागू नहीं होता. भले ही वे अपना खुद का ध्यान न रख पाते हों, लेकिन अपने पार्टनर का ध्यान जरूर रखते हैं. यहीं से भावनात्मक जुड़ाव की शुरुआत होती है. वैसे रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए दांपत्य जीवन के पुराने ढर्रों से बाहर निकल कर उसे रोमांचित बनाने का भी प्रयास करना चाहिए. इस से बौंडिंग और भी मजबूत होती है.’’

– स्मिता व पोरस चड्ढा, शादी को 5 वर्ष बीत चुके हैं

इन बातों का रखें ध्यान

– सुखमय दांपत्य जीवन के लिए यह जरूरी है कि आप अपने साथी को उस की अच्छाईबुराई के साथ स्वीकार करें. उसे बदलने की कोशिश करने के बजाय उसे समझने की कोशिश करें.

– अपनेआप को अपने साथी से ज्यादा समझदार और महत्त्वपूर्ण समझने के बजाय उस का पूरक बनने की कोशिश करें. इस बात को समझें कि जिस तरह से साइकिल 1 पहिए से नहीं चल सकती है, उसी तरह पतिपत्नी रूपी साइकिल भी 1 पहिए से नहीं चल सकती. जब तक पतिपत्नी दोनों के बीच तालमेल नहीं होगा आप के जीवन में खुशियों का समावेश नहीं होगा.

– अपने जीवनसाथी के साथसाथ उस से जुड़े लोगों को भी पूरा आदरसम्मान दें.

– घर के काम को किसी एक की जिम्मेदारी समझने के बजाय उसे मिलबांट कर निबटाने की कोशिश करें.

– इस बात को समझें कि कोई भी संबंध एकतरफा नहीं चल सकता. अगर आप चाहते हैं कि आप का साथी आप को प्यार करे और आप का सम्मान करे, तो आप को भी ऐसा ही करना होगा.

– अपने जीवनसाथी की भावनाओं का खयाल रखें और महत्त्वपूर्ण दिनों पर उस का मनपसंद उपहार दें.

अच्छे दोस्त भी हैं

‘‘पतिपत्नी का रिश्ता ताउम्र हंसीखुशी निभाने के लिए आपस में दोस्ती का संबंध होना बहुत जरूरी है. यदि दोनों दोस्ती का रिश्ता रखेंगे, तो कभी भी दोनों के मध्य अहंकार का कोई स्थान नहीं होगा. यह सच है कि किसी महिला के लिए एक नए परिवार से जुड़ना, नए रिश्ते निभाना आसान नहीं होता. मगर यह चंद दिनों की बात होती है. बाद में यही अटपटी चीजें प्यारी लगने लग जाती हैं.’’

– डा. मीनाक्षी ओमर व रवि ओमर, शादी को 10 वर्ष बीत चुके हैं

साथी साथ निभाना

– अपने प्रेम को प्रगाढ़ करने के लिए एकदूसरे की भावनाओं को समझें.

– सरप्राइज उपहार दें. पत्नी अगर कामकाजी है और पति औफिस से पहले घर आए तो घर को सजासंवरा कर पत्नी को तारीफ करने का मौका दें.

– पत्नी अस्वस्थ है, तो पति घर पर रह कर पत्नी का खयाल रखे.

– एकसाथ घूमने जाएं. नए प्रेमी की तरह हाथ में हाथ डाले चलें.

– कभीकभी एकदूसरे को फूल उपहार में दें. इस से रिश्ते में गरमाहट बनी रहती है.

– हमेशा खुश रहने की कोशिश करें और संबंधों के बीच कभी भी स्वार्थ, अहं को न आने दें.

8 लव मेकिंग मिस्टेक्स

क्या  औफिस से घर पहुंचने पर आप थक कर चूर हो जाते हैं और आप के पार्टनर का प्यार भरा स्पर्श भी आप में उत्तेजना पैदा नहीं करता? क्या उस के साथ प्यार करना आप को पहाड़ खोदने जैसा लगता है?

जी हां, शाम को थक कर चूर हुए कई कपल्स अकसर घर आ कर अपने पार्टनर से मुंह बिचकाते नजर आते हैं. अगर आप के साथ भी ऐसा होता है तो मुंह बिचकाने से पहले सोचें कि शादी का मतलब यह कतई नहीं है कि रोमांटिक फीलिंग्स ही हवा हो जाएं. प्यार का एहसास उस समय कंप्लीट होता है, जब 2 जिस्म 1 जान बन जाते हैं. तब उन के बीच लव की फीलिंग इतनी होती है कि उन की बौडी भी एकदूसरे को ऐक्सैप्ट कर लेती है और तब वे लव मेकिंग करने लगते हैं.

इस दौरान कपल्स ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जिस से वे सैक्स को पूरी तरह ऐंजौय नहीं कर पाते. जानिए कैसे इन गलतियों से बचा जाए और लव मेकिंग से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाए, ताकि जोड़ा दुनिया की सब से प्यारी फीलिंग को सम झ पाए और उसे दिल से अपना सके.

डिस्कस करने में हिचकिचाहट

कभीकभी एक पार्टनर अपनी लव मेकिंग को स्पाइसी तो बनाना चाहता है, लेकिन वह अपने पार्टनर से कुछ कहने में हिचकिचाता है. हो सकता है आप के साथ भी ऐसा होता हो. आप मानें या न मानें 90प्रतिशत केसेज में आप का पार्टनर भी नई चीजें करना पसंद करता है, लेकिन आप की ही तरह उसे भी बात करने में हिचकिचाहट या घबराहट होती है.

डिस्कस करने से घबराएं नहीं और यह कोई रूल नहीं है कि मेल पार्टनर ही पहल करे. दोनों में से कोई भी पहल कर सकता है और दर्जनों तरीकों में से किसी एक तरीके को चुन कर पूरे जोश से उसे ट्राई कर सकता है. सैक्स के बारे में डिस्कशन से जोड़े लव मेकिंग तो ऐंजौय करेंगे ही, अपने रिश्तों में मिठास भी लाएंगे.

कनविंस करना न आना

अगर एक पार्टनर थका हुआ है और सैक्स के मूड में नहीं है तो दूसरा कई बार उसे रेडी करने में असफल हो जाता है. एक सच यह भी है कि सैक्स के लिए जब कोई रेडी होता है, तो उस समय उस की बौडी से ऐड्रीनलीन कैमिकल रिलीज होता है, जो प्यार या सैक्स करने की भरपूर ऐनर्जी देता है.

पार्टनर को शाम को मूड में लाने के लिए सुबह 9 से 10 बजे के बीच उसे मैनुअली कई बार बेमतलब छुएं. दिन भर में इस समय टैस्टोस्टेरौन अपने हाई लैवल पर होता है. शाम को बैटर रिजल्ट के लिए आप सैक्सी गारमैंट्स पहनना भी न भूलें. यह उन्हें जरूर पसंद आएगा. ऐसा कर के आप अपनी लव मेकिंग को हमेशा के लिए स्ट्रौंग बना सकेंगे और पार्टनर में दिन भर के काम में थकान के बावजूद सैक्स की इच्छा बनी रहेगी.

जल्दबाजी का चक्कर

तुरंत मजे के चक्कर में कई पुरुष फोरप्ले अवौइड कर देते हैं. उन की कोशिश होती है कि वे जल्द से एक ही बाइट में पूरा सेब खा लें. लेकिन क्या आप को पता है कि फोरप्ले और्गेज्म की ओर बढ़ने में बहुत मदद करता है? अपने पार्टनर के साथ किसिंग, लव बाइट और टच करना आप की लव मेकिंग को ज्यादा मजेदार बनाता है, इसलिए स्पीड कम करिए, पूरा टाइम दीजिए और अपने पार्टनर को छेडि़ए. यह फौर्मूला शर्तिया ही काम करेगा और दोनों का मजा दोगुना हो जाएगा.

अगर आप को लगे कि किसी खास भूमिका में आप के पार्टनर को ज्यादा मजा आ रहा है, तो रुकें और उसे दोबारा करें. जितना ज्यादा आप उसे करेंगे, उतना ज्यादा मजा उसे आएगा और यह आप को भी अच्छा लगेगा. इस ढंग से आप यह गेम खेल कर पार्टनर को पूरे तौर पर सैटिस्फाई कर सकते हैं. इस से प्यार का मजा दोगुना भी हो जाएगा.

पोर्न मूवीज या टौय इस्तेमाल करना

सैक्स के दौरान कई लोगों को लगता है कि पोर्न मूवीज, वीडियो या फिर प्लास्टिक या रबर के टौय से मजा चरम पर पहुंचेगा. ऐसा सोचना या ऐसा करना गलत है. हालांकि टौयज का लव मेकिंग में खास महत्त्व है, लेकिन उन पर निर्भर होना खतरनाक हो सकता है. प्लेजर के लिए बाहरी सोर्स आप को कम मजा देंगे क्योंकि यह तो आप भी नहीं चाहेंगे कि आप के पार्टनर को आप के बजाय किसी सैक्स टौय से प्लेजर मिले.

कपल्स को अपने पार्टनर को सैटिस्फाई करने के लिए बाहरी चीजों के बजाय अपनी बौडी की मदद लेनी चाहिए. सैक्स टौयज को महज स्पाइस के तौर पर इस्तेमाल करें.

और्गेज्म के बारे में गलतफहमी

फीमेल पार्टनर को सैक्स से सैटिस्फाई न कर पाना, कई मेल पार्टनर्स को अपनी तौहीन लगती है, लेकिन उन को सम झने की जरूरत है कि ज्यादातर औरतें सिंपल या नौर्मल सैक्स से और्गेज्म हासिल नहीं कर पाती हैं. अगर पुरुष यह बात सम झ लें तो उन का यह प्रैशर जरूर कम हो जाएगा. अगर स्त्री और्गेज्म तक नहीं पहुंचती है, तो इस से परेशान होने की जरूरत नहीं है. इस के बजाय पुरुष को बड़ी चतुराई के साथ स्त्री को डाउन पोस्चर में ला कर सैटिस्फाई करना चाहिए.

एकसाथ फिनिश करने की कोशिश

पार्टनर्स की एकसाथ फिनिश करने की कोशिश जैसी बातें हवाहवाई हैं. ऐसा होता नहीं है. इस के बजाय एक पार्टनर को पहले सैटिस्फाई करने की कोशिश होनी चहिए. इस में फीमेल पार्टनर पहले सैटिस्फाई हो तो बेहतर. ऐसे में दोनों को खूब मजा आएगा.

हर बार सैट रूटीन से चलना

अगर आप की सारी कसरत कपड़े उतारने और ‘प्लग’ को ‘सौकेट’ में फिट करने की कुछ मिनट की मेहनत तक है, तो यह काफी बासी और सैट रूटीन है. ऐसे में आप की लव मेकिंग चाहे कितनी भी फैंटास्टिक हो कुछ सालों के बाद बोरिंग हो ही जाती है, जिस का आप के रिश्ते पर भी असर पड़ सकता है. आप की लव लाइफ को बचाने का तरीका नए आइडियाज में छिपा है. अगर आप नए टिप्स और नई तकनीकें अपनाते हैं, तो इसे दोनों ऐंजौय करेंगे और आप हर बार प्यार में खो जाना चाहेंगे.

बेमतलब की बातें करना

अगर आप बिस्तर पर रोजाना लड़ाई झगड़े की या नैगेटिव बातें करेंगे, तो उस समय हो सकता है कि आप का मूड सैक्स से हट कर फ्यूचर प्लानिंग या लड़ाई झगड़े की बातें सुनने में रह जाए. अगर ऐसा कुछ करना हो तो बिस्तर

पर जाने के करीब 1 घंटा पहले कर लें. इस के लिए दोनों को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए. दोनों पार्टनर्स की यही कोशिश हो कि वे एकदूसरे के मूड को स्पाइसअप करें और दोनों को चिल रखें, ताकि आप के बीच का प्यार बढ़ता

मेरे पति किसी दूसरी औरत से बात करते है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैंने शादी के 4 साल बाद एक दिन अपने पति को एक औरत से फोन पर बात करते सुना. औरत उन की पहले की परिचित थी और इस के बारे में उन्होंने स्वयं मुझे बताया था कि इस ने उन्हें प्रपोज किया था पर उन्होंने उस का प्रपोजल ठुकरा दिया था. इस के बाद दोनों में कोई संपर्क नहीं रहा. पर अपने कानों से उस से बातें करते सुन कर मुझे बहुत दुख हुआ. तब मैं ने उन से बात करना बंद कर दिया और उदास रहने लगी. फिर मैं ने भी एक युवक से जो विवाह से पहले मुझे चाहता था, से संपर्क स्थापित कर लिया. पति को जलाने के लिए मैं जानबूझ कर उन के सामने उस युवक से बातचीत करने लगी, जिस का असर यह हुआ कि पति ने अपनी परिचिता से बात करना बंद कर दिया और मुझ पर खूब प्यार लुटाने लगे. ज्यादा से ज्यादा समय घर पर बिताने लगे. तब परिणामस्वरूप मैं ने भी अपने मित्र को गुडबाय कह दिया. मैं पति से बहुत प्यार करती हूं और उन्हें खोना नहीं चाहती. रहरह कर मेरे मन में संदेह उपजता है कि कहीं पति दोबारा पुराना सिलसिला न शुरू कर दें. बताएं, मैं क्या करूं?

जवाब-

पतिपत्नी का रिश्ता आपसी विश्वास पर टिका होता है. आप के पति ने यदि आप के विश्वास को ठेस पहुंचाई थी, तो आप ने क्या किया? आप ने भी उन्हीं की तरह आचरण किया जो ठीक नहीं था. आप उन्हें वैसे भी समझा सकती थीं. पर जो हुआ सो हुआ. हालात सामान्य हो गए, यही खुशी की बात है. आप के पति आप का पूरा ध्यान रखते हैं, आप से प्यार करते हैं, तो आप भी उन्हें दिल खोल कर प्यार करें. इस से उन्हें कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. सब से अहम बात यह कि आप अपने दिमाग में शक का कीड़ा न कुलबुलाने दें. पति पर भरोसा करें. सतर्कता बरतें पर जासूसी न करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

शादी का बंधन प्यार का बंधन

जो लोग वैलेंटाइन डे को केवल प्यार के इजहार से जोड़ कर देखते हैं, वे इस का सही अर्थ नहीं समझते. वैलेंटाइन डे प्यार के साथसाथ शादी से भी जुड़ा है. रोम में तीसरी शताब्दी के सम्राट क्लाडियस का अपने शासनकाल में यह मानना था कि शादी करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है. इसलिए उस ने अपने सैनिकों और अफसरों के लिए शादी न करने का फरमान जारी कर दिया. संत वैलेंटाइन ने इस बात का विरोध किया और सैनिकों और अफसरों को शादी करने का आदेश दिया. इस से नाराज हो कर क्लाडियस ने 14 फरवरी, 269 को उसे मौत की सजा दे दी. उसी की याद में लोगों ने वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत की.

वैलेंटाइन डे और शादी के बीच रिश्ते को समझ कर अब भारत में भी युवाओं ने वैलेंटाइन डे को मैरिज डे के रूप में मनाने की शुरुआत कर दी है. इस से कट्टरवादी सोच को करारा जवाब मिला है.

कट्टरवादी लोग वैलेंटाइन डे की कितनी ही आलोचना कर लें, पर प्यार करने वालों के लिए इस दिन का महत्त्व कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. 2015 में होने वाली शादियों की तारीखों को देखा जाए तो सब से अधिक शादियां वैलेंटाइन डे के ही दिन हो रही हैं. होटलों, मैरिज हौलों, ब्यूटीपार्लरों और मैरिज गार्डनों की बुकिंग में सब से ज्यादा मारामारी इसी दिन की है. इस की वजह यह है कि हम सामान्य व्यवहार में उदार होने लगे हैं. हम हर उस त्योहार को मनाने लगे हैं जिसे बहुत सारे लोग मनाते हैं. इस से साफ पता चलता है कि त्योहार अब किसी खास धर्म की बपौती नहीं रह गए हैं. वैलेंटाइन डे, चीनी नया साल, क्रिसमस, ईद, दीवाली आदि सभी लोग मिल कर मनाने लगे हैं. इसी वजह से सामान्य रीतिरिवाज वाले दिनों को पीछे छोड़ कर लोगों ने वैलेंटाइन डे के दिन शादी करने की शुरुआत कर दी है.

स्पैशल दिन बनाने की चाहत

रीतिका कहती हैं, ‘‘मैं अपनी शादी के दिन को स्पैशल दिन बनाना चाहती थी. मुझे लगा कि अगर हम शादी के दिन को पूरी जिंदगी स्पैशल फील करना चाहते हैं, तो क्यों न वैलेंटाइन डे के दिन ही शादी करें. इस से हमें हर साल एक अलग तरह का एहसास अनुभव होता रहेगा. शादी की सफलता में प्यार और रोमांस का सब से अहम रोल होता है. वैलेंटाइन डे के दिन शादी करने से यह हमेशा अनुभव होता रहेगा. हम जब भी अपनी शादी की सालगिरह मनाएंगे एक स्पैशल फीलिंग आती रहेगी.’’

खुशियों का बाजार

हाल के कुछ सालों से वैलेंटाइन डे के दिन प्यार का इजहार करने के लिए बाजार में तरहतरह के ऐसे उत्पाद आने लगे हैं, जो रिश्तों को रोमानी बनाने का पूरा काम करते हैं. होटलों में रुकने, घूमने या खाने जाएं तो वहां की सजावट अलग किस्म की होती है. इस से रोमांस की फीलिंग आती है. पत्रिकाएं, अखबार और टीवी से ले कर दूसरी तमाम जगहों पर केवल और केवल प्यार और रोमांस का माहौल रहता है. सब से खास बात यह कि ज्वैलरी से ले कर कपड़े तक कुछ भी खरीदने के लिए जाएं तो वैलेंटाइन डे औफर की भरमार रहती है. कुल मिला कर इस दिन खुशियों से बाजार भरा रहता है.

मैरिज डे बन गया वैलेंटाइन डे

वैलेंटाइन डे के दिन अपनी शादी की छठी सालगिरह मना रहे अर्पित और पारुल श्रीवास्तव कहते हैं, ‘‘वैलेंटाइन डे के दिन शादी कर के हम ने प्यार के बंधन को शादी के बंधन में बांधने का काम किया है. हमें इस दिन शादी की सालगिरह मना कर बहुत अच्छा अनुभव होता है. प्यार को शादी के बंधन में बांधने का इस से अच्छा दूसरा दिन नहीं हो सकता है. इस दिन हमारे साथ पूरी दुनिया प्यार के इस प्रतीक को मनाती है.’’  लैक्मे ब्यूटी सैलून की संचालक रिचा शर्मा कहती हैं, ‘‘शादी के लिए दुलहन को तैयार करने की सब से अधिक बुकिंग हमारे पास वैलेंटाइन डे के दिन की ही आ रही है. हाल के कुछ सालों से यह चलन धीरेधीरे बढ़ता ही जा रहा है. शादीशुदा कपल्स भी वैलेंटाइन डे के दिन थीम पार्टियों का आयोजन करने लगे हैं, जिस से इस दिन मेकअप कराने वालों की तादाद बढ़ जाती है,’’

समाज में अब रूढियां टूट रही हैं. लोग अपनी जिंदगी को अपनी तरह से जीना चाहते हैं. वे अपनी जिंदगी में किसी भी तरह के धर्म या आडंबर को जगह नहीं देना चाहते हैं.

टूटते आडंबर

वैलेंटाइन डे को पश्चिमी सभ्यता का दिन मान कर जिस तरह से इस का विरोध किया गया था वह गलत था. वैलेंटाइन डे को अपनी शादी का दिन बना कर लोगों ने इस बात को साबित कर दिया है. इन लोगों ने कट्टरवादी लोगों और उन की सोच को करारा जवाब भी दिया है. समय के साथ चलना आज की जरूरत है. ऐसे में जिस दिन पूरी दुनिया खुशी मनाती हो हमें भी उस में शामिल हो जाना चाहिए. हमें धर्म के आडंबरों को इस से दूर रखना चाहिए ताकि हर तरह के लोग एकसाथ मिल कर खुशियां मना सकें.

कुछ साल पहले तक इस दिन सड़कों, पार्कों, सिनेमाहौलों और दूसरी जगहों पर लड़कालड़की का साथ खड़े होना मुश्किल होता था. कुछ कट्टरवादी लोग इस दिन ग्रीटिंग कार्ड तक बिकने नहीं देते थे. शहर और समाज को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को अलग से सुरक्षा इंतजाम करने पड़ते थे. मगर अब समाज ने कट्टरवादी विचारधारा को दरकिनार कर वैलेंटाइन डे को शादी का दिन बना कर सामाजिक स्वीकृति दे दी है. इस बारे में लखनऊ की अनिता मिश्रा कहती हैं, ‘‘कई देशों में हमारी सोच को दकियानूसी माना जाता है. वैलेंटाइन डे को जिस तरह से हमारे देश ने अपनाया है, उसे एक नई सोच दी है. इस से साफ पता चलता है कि हमारा देश और हमारी सोच दकियानूसी नहीं है. वैलेंटाइन डे को हमारे समाज ने प्यार के दायरे से बाहर निकाल कर परिवार और प्यार दिवस के रूप में मनाने का बड़ा काम किया है. यह बताता है कि हम रूढिवादी ताकतों और सोच को पछाड़ कर आगे बढ़ रहे हैं.’’

परिवार दिवस के रूप में नई पहचान

समाजशास्त्री डाक्टर दीपमाला सचान कहती हैं, ‘‘शादी और प्यार का रिश्ता एकदूसरे का पूरक होता है. ऐसे में प्यार को परिभाषित करने वाले दिन को शादी का दिन बना कर युवाओं ने जो शुरुआत की है वह बहुत सार्थक है. समाज भी इसे स्वीकार रहा है. आने वाले दिनों में यह और प्रचलित होगा. इस से कट्टरता के नाम पर वैलेंटाइन डे का विरोध करने वालों को करारा जवाब मिल रहा है. लोगों ने बता दिया है कि समाज में कट्टरता फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं रह गई है.’’

वैलेंटाइन डे को जिस तरह से प्यार के साथ जोड़ कर पहले प्रचारप्रसार किया गया था, उस से एक अलग तरह का संदेश युवाओं में गया. इसे उन्होंने लड़कियों को प्रभावित करने का जरीया समझ लिया था. अब इसे परिवार दिवस के रूप में जगह मिल गई है. वैलेंटाइन डे के दिन शादी कर के युवाओं ने इस दिन को परिवार दिवस के रूप में मान्यता देने का काम किया है. इस से समाज में वैलेंटाइन डे की नई पहचान बनी है. इस का विरोध करने वालों को भी अब यह समझ में आने लगा है. यही वजह है कि साल दर साल वैलेंटाइन डे के विरोध की घटनाएं कम होने लगी हैं. वैलेंटाइन डे का विरोध करने वाले केवल प्रतीकात्मक विरोध करने के लिए विरोध प्रदर्शन करने भर तक सीमित रहने लगे हैं.

मेरी शादी होने वाली है शादी के बाद ससुराल में मेरी लाइफ कैसी रहेगी इसको लेकर मुझे चिंता हो रही है.

सवाल

मैं 25 साल की हूं और जल्द ही मेरी शादी होने वाली है. शादी के बाद ससुराल में मेरी जिंदगी कैसी होगी, यह सवाल मुझे बहुत परेशान करता है. ऊपर से खुश हूं लेकिन अंदर ही अंदर यह डर खाए जा रहा है. इस तनाव को कैसे दूर करूं?

जवाब

शादी के बाद विशेषकर एक लड़की की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है. नई जिम्मेदारियों का खयाल अकसर तनाव का कारण बनता है. लेकिन यह आप को मानसिक रूप के साथसाथ शारीरिक रूप से भी बीमार कर सकता है. शादी जैसे माहौल में विशेषकर दूल्हादुलहन का पौजिटिव रहना बेहद जरूरी है. इस के लिए सब से पहले खुद को इन सब सवालों से मुक्त कर दें. रोज हैल्दी नाश्ता करें क्योंकि यह आप को पूरे दिन ऐक्टिव रहने में मदद करता है. फाइबर, हरी सब्जियां, फलों और ड्राई फ्रूट्स का सेवन अवश्य करें. दिनभर ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. दोस्तों के साथ समय बिताएं और हंसीमजाक में शामिल हों. इस से आप को तनाव से मुक्ति मिलेगी.

ये भी पढे़ं..

जल्द ही मेरा निकाह होने वाला है. घर में तरहतरह के लोग आ कर मुझे तरहतरह की सीख दे कर जाते हैं. यह माहौल मेरे तनाव का कारण बन गया है. इस कारण मैं अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकलती हूं, तो मम्मी चिल्लाने लगती हैं. मैं ये सब बातें और बरदाश्त नहीं कर सकती. इस तनाव को कैसे दूर करूं?

आप का परेशान होना स्वभाविक है लेकिन यदि आप अपने परिवार वालों के सामने अपनी बात रखेंगी तो वे इसे जरूर समझेंगे. उन्हें बताएं कि कैसे लोगों की बातें आप को परेशान कर रही हैं. वे कोई न कोई हल जरूर निकालेंगे. इस के अलावा आप लोगों की बातों से बचने के लिए काम का बहाना बना सकती हैं. यदि कोई अच्छी सीख दे रहा है तो अवश्य लें लेकिन यदि आप को लगता है कि इस से आप सिर्फ तनावग्रस्त हो रही हैं तो उन्हें प्यार से यह बात समझएं. तनाव से बचने के लिए दिनभर अच्छी गतिविधियों में शामिल हों. अच्छा खाएं, अच्छा पीएं. सुबह उठ कर व्यायाम करें.

डाक्टर गौरव गुप्ता
साइकोलौजिस्ट, डाइरैक्टर,
तुलसी हैल्थकेयर

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.
व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.

 

शादीशुदा होने के बावजूद मैं कुछ दिनों से किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं?

सवाल

मैं 28 साल की महिला हूं. मैं और मेरे पति एक दूसरे का बहुत खयाल रखते हैं, मगर इधर कुछ दिनों से मैं किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं. हमारे बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं. मुझे इस में बेहद आनंद आता है. मैं अब पति के साथसाथ प्रेमी को भी नहीं खोना चाहती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप के बारे में यही कहा जा सकता है कि दूसरे के बगीचे का फूल तभी अच्छा लगता है जब हम अपने बगीचे के फूल पर ध्यान नहीं देते. आप के लिए बेहतर यही होगा कि आप अपने ही बगीचे के फूल तक ही सीमित रहें. फिर सच्चाई यह भी है कि यदि पति बेहतर प्रेमी साबित नहीं हो पाता तो प्रेमी भी पति के रहते दूसरा पति नहीं बन सकता. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर आग में खेलने जैसा है जो कभी भी आप के दांपत्य को झुलस सकती है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आग से न खेल कर इस संबंध को जितनी जल्दी हो सके खत्म कर लें. अपने साथी के प्रति वफादार रहें. अगर आप अपनी खुशियां अपने पति के साथ बांटेंगी तो इस से विवाह संबंध और मजबूत होगा.

ये भी पढ़ें…

आखिर क्यों अपनी पार्टनर को धोखा देते हैं आदमी, जानें ये 4 वजह

एक रिलेशनशिप में एक-दूसरे के प्रति ईमानदार होना जरुरी होता है, तभी एक रिश्ता सही रहता है. एक-दूसरे की भावनाओं को समझना रिश्ते को मजबूत बनाता है. लेकिन आज के समय में बहुत से पुरूष अपने रिश्ते के प्रति वफादार नहीं रहते हैं और अपने पार्टनर को धोखा देते हैं. जो पुरूष अपनी साथी को धोखा देने के बारे में सोचते हैं उन्हें इस बात का बिल्कुल आभास नहीं होता है कि वे कुछ गलत कर रहें हैं. पुरूषों की अपेक्षा महिलाएं अपने साथी को कम धोखा देती हैं.

  1. साथी के प्रति वफादार नहीं होते हैं…

कुछ ऐसे पुरूष होते हैं जो अपने साथी के लिए वफादार होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें किसी की भावनाओं की कद्र नहीं होती. इस तरह के पुरूष सिर्फ अपनी महिला साथी का इस्तेमाल करते हैं. वे उन्हें स्पेशल महसूस कराते हैं. लेकिन वास्तव में वह अपनी साथी के लिए बिल्कुल भी ईमानदार नहीं होते हैं.

  1. असुरक्षित महसूस करते हैं…

हर व्यक्ति धोखा दे ऐसा जरुरी नहीं होता है. लेकिन कुछ ऐसे पुरुष होते हैं जो अपने रिश्ते को लेकर थोड़े असुरक्षित होते हैं. जिसके कारण ना चाहते हुए भी वह अपने पार्टनर के साथ गलत कर बैठते हैं. उन्हें इस बात का डर होता है कि कहीं वे अपने साथी को खो तो नहीं देंगे. इस डर की वजह से वे अपने रिश्ते के प्रति ईमानदार नहीं रह पाते हैं और अपने पार्टनर को धोखा दे बैठते हैं.

  1. रिश्ते की कद्र नहीं…

हमेशा लोगों को जितना मिलता है उससे अधिक पाने कि इच्छा होती है. और इनके पास जो होता है वह उसकी कद्र नहीं करते हैं. ऐसा पुरूषों के साथ भी होता है कि उन्हें जैसी पार्टनर मिली होती है वह उन्हें कम ही लगता है. उनके दिमाग में हमेशा यह बात होती है कि जो मिला है उन्हें उससे और बेहतर मिल सकता है. ऐसे पुरूषों में अपने पार्टनर को धोखा देने की प्रवृत्ति अधिक होती है क्योंकि इन्हें जितना मिलता है उसमें उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती है.

  1. भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं…

पुरूष भावनात्मक और मानसिक रूप से कमजोर होते हैं इसलिए उन्हें उन्हें बेवकूफ बनाना आसान होता है. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण उनमें सेल्फ कंट्रोल की कमी होती है इस वजह से उनके लिए अपने पार्टनर को धोखा देना ज्यादा मुश्किल नहीं होता है. ऐसे लोग बहुत जल्दी लोगों से प्रभावित हो जाते हैं और कभी-कभी दूसरे की बातें सुनकर अपने पार्टनर की भावनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें