फिगर भी बर्गर भी…

ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ता है और एक्सरसाइज करने व सेहतमंद भोजन से अच्छी फिगर बनती है, यह ठीक है पर आखिर ये फिगर और फूड का संबंध इतना अच्छा नहीं है जितना हम सभी चाहते हैं. फिगर भी बनानी है और बर्गर दिन में 3 बार खाना भी है. उसके बाद पछताना भी है लेकिन खाना नहीं छोड़ना.

इस पर या तो अपने खाने की आदतों में सुधार करने की जरूरत है या फिगर पाना भूलने की. अब फिगर पाने की चाह को मारना आसान नहीं है. आखिर होगा भी कैसे, जब टीवी देखो तो एक से एक जीरो साइज फिगर की अभिनेत्रियां नजर आती हैं. इंस्टाग्राम खोलो तो सुडौल शरीर की मौडल. फैशन में ड्रैसेज ऐसी बनने लगी हैं जिन में यदि पेट एक इंच भी बाहर दिख जाए तो ड्रैस का लुक खराब हो जाता है और पैर जरा मोटे हों तो शौर्ट्स पहनना बेकार.

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1 अपनी पसंद के डिजाइन वाले कपड़ों का साइज न आना

कितनी बार तो होता यों है कि अपनी पसंद के डिजाइन वाले कपड़ों का साइज इतना ज्यादा छोटा होता है कि जीरो साइज से एक साइज ज्यादा वाला भी उन्हें नहीं पहन सकता. सो, फिगर को भूल पाना तो नामुमकिन ही है क्योंकि फिगर भूल कर आप आगे बढ़ने की कोशिश करें भी तो आप के आसपास वाले आप के रास्ते में रोड़े बन कर खड़े हो जाएंगे.

सेहत भी शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति की ही अच्छी होती है तो फिगर में रहने की जरूरत भी है. लेकिन फिगर की जो समझ हमें दी जा रही है, असल में वह ठीक नहीं है. ऐसे भी तरीके हैं जिन से आप फिगर में बने भी रह सकती हैं और आप को अपने बर्गर का त्याग भी नहीं करना पड़ेगा.

2 फिगर की गलत परिभाषा से निकलना

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हम सभी के लिए सही फिगर वह है जिसे हम फिल्मों और अखबारों में आए दिन देखते हैं. वर्तमान समय में आप जितनी पतली दिख सकती हैं उतनी दिखें क्योंकि अच्छी फिगर की परिभाषा ही यह बन गई है, पतला दिखना. पेट अंदर होना चाहिए, कमर पतली होनी चाहिए, वक्ष और नितंब का आकार जितना ज्यादा बाहर की तरफ हो उतना अच्छा और न भी हो तब भी ठीक है. बस, पतली दिखनी चाहिए.

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यह ज्यादातर लड़कियों में है. पर ऐसी फिगर को पाने के लिए वह अपने खाने को लेकर इतनी गंभीर हो जाती हैं कि आसानी से ईटिंग डिस्और्डर की चपेट में आ जाती हैं.

3 ईटिंग डिस्और्डर का हो सकते हैं शिकार

इस ईटिंग डिस्और्डर में एक डिस्और्डर है बुलिमिया नर्वोसा जिसे हम बुलिमिया के नाम से भी जानते हैं. बुलिमिया की सही परिभाषा देते हुए बौलीवुड अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने बताया कि बौलीवुड में आ कर उन्होंने अपने आत्मविश्वास को किस तरह खो दिया और कैसे एक सही फिगर की चाह ने उन्हें बुलिमिया की गोद में ढकेल दिया. वे बताती हैं, ‘‘मुझे कहा गया कि मुझे वजन बढ़ाना चाहिए, फिर कहा गया कि वजन घटाना चाहिए, अपनी नाक ठीक, होंठ मोटे, फैट घटाना, अपने बाल बढ़ाना या काट लेना, हाईलाइट, फेक आईलैश एक्सटैंशन कराना चाहिए और बड़े नितंब के लिए स्क्वैट करना चाहिए.’’

उन्होंने बताया कि किस तरह अपने फिगर को सही करने के लिए उन्होंने खाना खाते ही उलटी कर देना और बारबार खाना शुरू कर दिया, वह कुछ भी खातीं तो यह सोच कर परेशान हो जातीं कि कहीं उन का वजन न बढ़ जाए. वे बुलिमिया की शिकार हो गईं. साथ ही, डिप्रैशन, एंग्जायटी और इनसोमिनिया की भी.

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रिचा की तरह ऐसी कितनी ही लड़कियां हैं जो केवल इसीलिए अपनी फिगर को ले कर फिक्रमंद रहती हैं. जबकि यूएस नैशनल रिसर्च कौंसिल की एक स्टडी के अनुसार, स्वास्थ्य का असली मतलब शरीर के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना है. सही फिगर के रूप में आवरग्लास और पीअर शेप को सही बताया गया है. यानी, जीरो साइज होना ही स्वस्थ और सही फिगर में होना नहीं है.

किसी भी तरह से फिगर की प्रवृत्ति को किसी लड़की पर थोप कर उसे बौडीशेम करना सही नहीं है, लड़की चाहे किसी भी शेप की हो, उस का स्वस्थ होना आवश्यक है. स्वस्थ होने के लिए सही खानपान और व्यायाम करना ही पर्याप्त है. पेट अंदर होना जरूरी इसलिए है क्योंकि इस से सिद्ध होता है कि शरीर में कोलैस्ट्रौल और वसा की मात्रा सही है और वह ओबेसिटी, ब्लडप्रैशर और मधुमेह का कारण नहीं बनेगी.

4 खानपान की आदतों में बदलाव जरूरी

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लड़कियों में अकसर फिगर को ले कर चिंता रहती है लेकिन मन खाने की ओर भी लगा रहता है. इस के परिणामस्वरूप ग्लानि में ही वे रोज वसा और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्यपदार्थों का सेवन करने लगती हैं. इसी तरह फूड मैमोरी के कारण वे रोज ही अपने स्वास्थ्य में बाधा उत्पन्न करती हैं. फूड मैमोरी का अर्थ है, मान लीजिए आप रोज शाम 4 बजे चाय पीती हैं तो इस से होता यह है कि आप के दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि आप को शाम 4 बजे चाय पीनी है.

4 बजते ही आप को चाय की तलब लगनी शुरू हो जाती है. इसी तरह यदि आप रोज रात में खाने के बाद भी चौकलेट या चिप्स खाने के लिए आतुर होती हैं तो यह सब आप की फूड मैमोरी का कियाधरा है. इसे खत्म करने के लिए आप को लगातार कुछ दिन अपनी असमय खाने की आदतों को बंद करना होगा.

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इसी तरह एक और खाने से जुड़ी आदत है जिसे नौन हंगरी ईटिंग कहा जाता है. नौन हंगरी ईटिंग में लड़कियां अपनी क्रेविंग्स के चलते कुछ न कुछ खाती रहती हैं. यह क्रेविंग्स भूख के कारण नहीं होती बल्कि खाने के स्वाद के लालच की होती है. अचानक से केक, चौकलेट या कुछ चटपटा खाने का मन करना फूड क्रेविंग है.

बिना भूख के खाने से आप के पाचनतंत्र पर असर पड़ता है जिस से शरीर में फैट जमा होने लगता है. इस नौन हंगरी ईटिंग से बचने के लिए अपनी क्रेविंग्स को दूर करें लेकिन केवल टेस्ट करें और बाकी भूख लगने पर ही खाएं.

5 कोशिश करें कि हैल्दी फूड खाएं …

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गिल्ट ईटिंग भी खाने का एक प्रकार है जिसमें लड़कियां अच्छे फिगर की चाह के साथ-साथ खाने की चाह भी कम नहीं करतीं और परिणामस्वरूप गिल्ट ईटिंग करने लगती हैं. मतलब जंकफूड खाती भी हैं और पछताती भी हैं. इस से शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के साथसाथ वे अपना मानसिक स्वास्थ्य भी बिगाड़ लेती हैं.

जो सैलिब्रिटीज जैसा फिगर पाना चाहती हैं उन्हें उस फिगर को पाने के लिए साधारण खाने का त्याग करना पड़ता है. वे अपने घर का खाना तक नहीं खा पातीं और इतनी स्ट्रिक्ट डाइट फौलो करती हैं कि उन का मानसिक स्वास्थ्य भी उस से अत्यधिक प्रभावित होता है. आम लड़कियों व महिलाओं का ऐसी फिगर को पाने की चाह रखने से बेहतर स्वस्थ शरीर की चाह रखना ज्यादा जरूरी होना चाहिए.

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फिगर और बर्गर में से एक को चुनने के बजाय आप दोनों चुन सकती हैं. बस, करना यह है कि खाने की बाकी सभी बुरी आदतों को हटा दिया जाए और हफ्ते में एक बार खुशी से थोड़ाबहुत खा लिया जाए. व्यायाम करना बेहद जरूरी है पर उतना जितना आवश्यक हो.

फिगर की धारणा जो इस समय सोसाइटी में मौजूद है वह गलत है. इस से प्रभावित हो कर अपनी सेहत से खिलवाड़ करने के बजाय एक्सपर्ट से सलाह लें. लड़कियों का बड़ी मात्रा में परफैक्ट फिगर के पीछे भागना सचमुच ही चिंता का विषय है, जिस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.

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रोज ड्रिंक

गरमी में आप कुछ ठंडा पीने के लिए बाहर कैफे या रेस्टोरेंट जाते हैं. जो महंगी होने के साथ-साथ कभी बेस्वाद भी होती और जिससे आपके मुंह का टेस्ट बिगाड़ देती है. इसीलिए आज हम आपको घर पर ही एक रिफ्रेशिंग ड्रिंक की रेसिपी बताएंगे. जिसे आप अपने टेस्ट के साथ भी एडजस्ट कर सकते हैं…

हमें चाहिए

500 मिली. दूध

2 बड़े चम्मच रोज सिरप

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चीनी स्वादानुसार

थोड़ी सी गुलाब की पंखुडि़यां गार्निशिंग के लिए.

बनाने का तरीका

सारी सामग्री को एक बाउल में अच्छी तरह मिक्स कर ठंडा होने के लिए फ्रिज में रखें.

फिर गिलास में डाल कर गुलाब की पंखुडि़यों से गार्निश कर सर्व करें. ठंडे दूध में सारी सामग्री डाल कर मिक्स कर के भी सर्व कर सकती हैं.

यह भी पढ़ें- रिफ्रैशिंग समर ड्रिंक्स: वाटरमैलन चुसकी

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4 टिप्स: पुरानी चीजों से दें अपने घर को नया लुक

अक्सर हम घर को सजाने के लिए मोटे पैसे खर्च करते हैं, वहीं जो काम की चीजें होती है उसे बाहर फेंक देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि खराब चीजों को कैसे दोबारा इस्तेमाल किया जाए. घर को सजाने के लिए और नया लुक देने के लिए आप पुरानी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं. आज हम आपको घर को सजाने के लिए टिप्स के बारे में बताएंगे…

1. पुराने बैग का करें इस्तेमाल

अक्सर हम फैशन चेंज करने के साथ ही पुराने और हो चुके बैग फेंके देते है. लेकिन अब ऐसा न करें. पुराने बैग पर आप घर को नया लुक देने के लिए अपनी मनपसंद फोटो लगाकर दीवार पर सजाएं. आप चाहें तो इसे डेकोरेट करने के लिए आर्टिफिशि‍यल फूलों का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं. आप चाहें तो ढेर सारे बैग लेकर इनकी मदद से वर्टिकल गार्डन भी तैयार कर सकते हैं.

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2. पुरानी कांच की बोतलों का करें इस्तेमाल…

पुरानी कांच की बोतलों को हम अक्सर फेंक देते हैं. पर आप चाहें तो इनका इस्तेमाल घर सजाने के लिए कर सकते हैं. पुराने पड़े ऊन और फेवीकोल से आप इन बोतलों को नया रूप दे सकते हैं और इनका इस्‍तेमाल फ्लावर पौट की तरह कर सकते हैं.

3. पुरानी अलमारी को दोबारा करें इस्तेमाल…

अगर आपके घर में कोई पुरानी अलमारी है जो स्टोर रूप में बेकार पड़ी हुई उस बेकार अलमारी को बाहर निकालने का समय आ गया है. आप चाहें तो उसका इस्तेमाल कौर्नर के रूप में कर सकते हैं. बेकार पड़े फ्लावर पौट और एंटीक पीसेज को साफ करके और थोड़ा सा डेकोरेट करके आप इन्‍हें इन दराजों पर सजा सकते हैं.

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4. घर सजाने के लिए पुराने टायरों का करें इस्तेमाल

गाड़ि‍यों के पुराने टायर जब भी चेंज कराएं तो उन्हें कहीं फेंकने के बजाय अपने साथ घर लेते आएं. इसका इस्तेमाल आप अपने गार्डन को खूबसूरत बनाने के लिए कर सकते हैं. इन टायरों को गाढ़े और चटक रंगों से रंग दें और इनके बीच में मिट्टी भरकर इनमें फूलों वाले पौधे लगाएं. आप इन्हें कवर कराकर सोफे की तरह लौबी या बैकयार्ड में भी रख सकते हैं.

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5 टिप्स: गरमियों में भी पाएं कूल और ब्यूटीफुल लुक

गरमियों में स्किन का ख्याल रखना जरूरी है लेकिन बिजी लाइफस्टाइल में अक्सर हम नही कर पाते. रोजाना औफिस के लिए मेकअप आपकी स्किन को डैमेज कर देता है, इसीलिए आज हम आपको छोटे-छोटे टिप्स और ट्रिक्स बताएंगे, जिससे चढ़ते तापमान में भी आप मेकअप और स्किन का ध्यान रख सकेंगे…

1. टैनिंग हटाएं

सर्दियों में तो हम स्किन को कपड़ों से छिपा लेते हैं, लेकिन गरमी के मौसम में यह संभव नहीं होता है. गरमियों में हम खुले कपड़े पहनना ज्यादा पसंद करते हैं, जिससे टैनिंग की दिक्कत हो जाती है. टैनिंग की समस्या तब होती है जब हमारी सिकन सूरज की रोशनी में अधिक समय तक रहती है. सूरज की हानिकारक किरणें स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं. टैनिंग से राहत पाने के लिए आप इन नुसखों को अपना सकती हैं

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2. हफ्ते में 3 बार जरूर करें स्क्रब.

घर से बाहर निकलने से 15 मिनट पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं. हल्दी में नीबू का रस और दूध मिला कर पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को टैनिंग वाली जगह लगाकर छोड़ दें. जब यह सूख जाए तब हल्के गीले हाथों से 5 मिनट इसे रब करें.

– पपीते को मैश कर त्वचा पर लगा लें. इस से टैनिंग भी हटेगी और त्वचा को पोषण भी मिलेगा.

– चेहरे की टैनिंग हटाने के लिए बर्फ का भी इस्तेमाल कर सकती है. चेहरे पर बर्फ से 5 मिनट मसाज करें. इस से चेहरे की टैनिंग तो हटेगी ही  चेहरा भी खिलाखिला नजर आएगा.

– नीबू भी चेहरे की टैनिंग हटाने के लिए काफी लाभदायक रहता है. नीबू को 2 हिस्से में काट कर उस से चेहरे पर मसाज करें.

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3. समर मेकअप टिप्स

गरमी के मौसम में पसीने की वजह से मेकअप जल्दी से बिगड़ जाता है. इसलिए पेश हैं कुछ टिप्स जिन की मदद से गरमी में भी मेकअप लंबे समय तक टिका रह सकता है.

गरमी में स्किन काफी औयली हो जाती है, जिसकी वजह से मेकअप परफैक्ट नही हो पाता. इसके लिए औयल कंट्रोल फेसवौश का इस्तेमाल करें. मेकअप करने से पहले चेहरे की बर्फ से मसाज करें.

4. किसी भी औयली प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें...

लिक्विड फाउंडेशन के इस्तेमाल से बचें. यदि फाउंडेशन का इस्तेमाल करना ही है तो फाउंडेशन अपनी स्किन टोन के हिसाब से चुनें. फाउंडेशन लगाते वक्त उस में सनस्क्रीन जरूर मिलाएं.

– आंखों के लिए काजल हमेशा स्मज फ्री ही चुनें. काजल लगाने के बाद आंखों के नीचे हलका पाउडर लगा लें. इस से काजल फैलेगा नहीं.

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5. मसकारा हमेशा वाटरप्रूफ या ट्रांसपेरैंट ही लगाएं...

ब्लश के लिए मैट लिपस्टिक के पीच या पिंक शेड का इस्तेमाल कर सकती हैं. यह गालों पर सैट हो जाएगा और नैचुरल लुक देगा.

लिपस्टिक लगाने से पहले होठों की वैसलीन से मसाज करें. इसके बाद लिपस्टिक लगाएं. गरमी के मौमस में मैट लिपिस्टक सब से अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह जल्दी स्मज नहीं होती है.

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कूल औरेंज डिलाइट

अक्सर गरमियों में खाना खाने का मन नहीं करता, लेकिन दिनभर की भागदौड़ के लिए हम फ्रूट्स का सहारा लेते हैं. पर जरूरी नही की फ्रूटस को हम काटकर ही खाएं. हम अलग-अलग और नई चीजें ट्राई करके भी गरमी से बच व खुद को रिफ्रेश महसूस करा सकते हैं. और आज आपको गरमी में रिफ्रैश महसूस कराने के लिए आज हम आपको कूल औरेंज डिलाइट की रेसिपी बताएंगे.

हमें चाहिए…

1 लिटर दूध फुलक्रीम

1 कप औरेंज जूस

1 बड़ा चम्मच काजू व बादाम

1 छोटा चम्मच टूटी फ्रूटी

1/2 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

औरेंज जेस्ट गार्निशिंग के लिए.

बनाने का तरीका

-दूध में काजूबादाम डाल कर दूध के आधा रह जाने तक उबालें.

-ठंडा होने पर ग्राइंडर में फेंट कर फ्रिज में रखें. ठंडा हो जाए तो इस में इलायची पाउडर, टूटी फ्रूटी, औरेंज जूस मिला कर गिलास में डालें. ऊपर से ठंडा दूध डाल कर औरेंज जेस्ट से गार्निश करें.

रिफ्रैशिंग समर ड्रिंक्स: वाटरमैलन चुसकी

गरमी में जितना पानी पीएं कम होता है. चाहे हम उसे किसी भी रूप में लें, लेकिन अगर उसे किसी फ्रूट या जूस के रूप में ले तों उसके फायदे बढ़ जाते हैं. इसीलिए आज हम आपको तेज गरमी में कौसे रिफ्रैश रहें इसके लिए घर में एक रिफ्रैशिंग ड्रिंक के बारे में बताएंगे. जिससे आपकी प्यास भी बुझेगी और आपको ताजा भी महसूस होगा.

हमें चाहिए…

1 बाउल तरबूज के टुकड़े

थोड़ी सी पुदीनापत्ती

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1 बड़ा चम्मच नीबू का रस

1 छोटा चम्मच चीनी पिसी

1 कप बर्फ का चूरा.

बनाने का तरीका

-तरबूज को मिक्सर में पुदीनापत्ती के साथ ग्राइंड कर रस निकाल लें.

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-फिर उसे कांच के गिलास में भर कर इस में नीबू का रस व चीनी डाल कर मिक्स करें. ऊपर से बर्फ का चूरा भर ठंडी चुसकी सर्व करें.

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समर ड्रिंक: स्ट्रौबेरी रोज लैमोनेड

अक्सर लोग तेज धूप और गरमी में नींबू पानी और छाछ पीते हैं, लेकिन जरूरी नहीं की हम ये ही पुरानी चीजें ही पीयें. अगर आफ भी इस गरमी कुछ नया ट्राई करना चाहतें हैं तो पढ़िए हमारी स्ट्रौबेरी रोज लैमोनेड की रेसिपी…

हमें चाहिए

4 स्ट्रौबेरी

2-3 बड़े चम्मच नीबू का रस

1 छोटा चम्मच शहद

यह भी पढ़ें– गरमी में इन टिप्स से घर पर बनाएं मैंगो आइस्क्रीम

4 बड़े चम्मच स्ट्रौबेरी स्क्वैश

8-10 बूंदें रोज वौटर

2 छोटे चम्मच रोज स्क्वैश

चीनी स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

-ठंडे पानी में शहद, चीनी, गुलाबजल व नीबू का रस डाल कर मिक्स करें.

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-स्ट्रौबेरी धोकर उस का पेस्ट बना लें. अब छलनी से छान कर लें. सर्व करते समय स्ट्रौबेरी और रोज स्क्वैश डालें.

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गरमियों में ट्राई करें लैमन मिंट आइस टी

अक्सर लोग गरमियों में भी चाय पीना पसंद करते हैं, लेकिन किसी ने यह नही कहा है कि चाय गर्म ही पीयें. आज हम आपको ठंडी चाय यानी लैमन मिंट आइस्ड टी की रेसिपी के बारे में बताएंगें, जिससे आप गरमी में भी टेस्टी चाय का मजा ले सकेंगें..

हमें चाहिए…

1 नीबू

थोड़ी सी पुदीनापत्ती

5-6 छोटे चम्मच चीनी

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1/4 छोटा चम्मच चायपत्ती

11/2 गिलास पानी.

बनाने का तरीका

-एक सौसपेन में पानी व चीनी डाल कर आंच पर पकने दें. जब पानी में उबाल आ जाए तो चायपत्ती व पुदीनापत्ती डाल कर 2-3 मिनट और पकने दें.

-फिर आंच बंद कर थोड़ी देर के लिए ढक कर रख दें. अब इस पानी को छान कर इस में नीबू रस मिलाएं.

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थोड़ा पानी अलग निकाल कर ठंडा करें और बाकी पानी को आइस ट्रे में भर कर आइस बना लें.

कांच के गिलास में पहले तैयार आइस, फिर नीबू स्लाइस और ठंडा लैमन मिंट टी पानी डाल कर सर्व करें.

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जानें… क्यों है ग्रीन कौफी हेल्थ के लिए फायदेमंद

आजकल हर चीज में काफी वैराइटी आ गई हैं. रिफ्रेशिंग माने जाने वाली चाय-कौफी की बात करें तो पहले के मुकाबले इनमें भी अब कई वैराइटी आप को मिल जाएंगी, कभी स्वाद को ले कर तो कभी हेल्थ बेनिफिट्स के बेस पर. ग्रीन टी के हैल्दी बेनिफिट्स देखते हुए आज काफी लोग इसे पीने लगे हैं, लेकिन ग्रीन कौफी भी हेल्थ के लिए कम लाभकारी नहीं है. असल में ग्रीन कौफी सामान्य कौफी का एक नैचुरल रूप है.

यह ग्रीन कौफी के फायदे…

इसे बनाने में कौफी के नार्मल बीजों का ही प्रयोग किया जाता है. कौफी के बीजों को अगर भूना नहीं जाए तो वे बीज हरे रंग के ही बने रहते हैं. इन्हीं बीजों से ग्रीन कौफी तैयार की जाती है. कौफी सीड्स में एक खास तत्त्व क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो कौफी के बीज भूने जाने से खत्म हो जाता है. वैज्ञानिक मानते हैं कि ग्रीन कौफी में यह तत्त्व बना रहता है और यह हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है.

1. वजन कम करने में है मददगार

ग्रीन कौफी में मौजूद घटक के बौडी में होने से वेट लौस में मदद मिलती है. एंटीऔक्सिडेंट गुणों से भरपूर ग्रीन कौफी मेटोबोलिजम की प्रक्रिया को तेज करती है. इसलिए इसे पीने से वजन नहीं बढ़ता और साथ ही जमा हुआ फैट भी घटना शुरू होता है. उपापचय तेज रहने से एनर्जी का स्तर भी लगातार बना रहता है.

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2. ब्लड शुगर करें कंट्रोल

डायबिटीज के मरीजों के लिए ग्रीन कौफी को फायदेमंद माना जाता है. इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल नार्मल रहता है.

3. हार्ट के लिए फायदेमंद

ग्रीन कौफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड हार्ट के लिए बेनिफिशियल है. इसमें मौजूद एंटीऔक्सीडेंट्स रक्त नलिकाओं को फैलने में मदद करते हैं और इससे नेचुरल तरीके से ब्लडप्रेशर कम होता है. ब्लडप्रेशर कम होने पर हृदय की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसके कारण हृदय लंबे समय तक सेहतमंद बना रहता है.

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4. सिरदर्द में दे राहत

ग्रीन कौफी में मौजूद कैफीन सिर के दर्द को तेजी से कम करने के लिए बेहतर उपाय है.

5. कैंसर में कारगर

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ग्रीन कौफी में उपस्थित तत्त्व शरीर में होने वाले चार तरह के कैंसर को रोकने में शरीर की मदद करता है. अत: अपनी दिनचर्या में इसके नियमित सेवन से कैंसर जैसी जान लेने वाली बीमारी से बच सकते हैं.

6. डिमेन्शिया से मिलेगी राहत

ग्रीन कौफी में मौजूद क्लोरोजनिक एसिड दिमागी सेहत के लिए बहुत प्रभावी है. यह संज्ञानात्मक क्रियाओं को बेहर करने के साथ-साथ मानसिक समस्याओं को भी ठीक करने में सहायक होता है. बढ़ती उम्र के साथ-साथ डिमेन्शिया या मतिभ्रम की स्थिति में इसका इस्तेमाल करना बहुत लाभदायक माना जाता है.

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7. बढ़ती उम्र छिपाए

बढ़ती उम्र के निशान हमारी त्वचा पर साफ नजर आने लगते हैं. ग्रीन कौफी में मौजूद एंटीऔक्सिडेंट इन सभी निशानों को कम करने में मदद करते हैं और स्किन को नया जीवन देते हैं. इसके नियमित सेवन से झाइयां, पतली लाइन्स, डार्क सर्कल्स आदि जल्दी ही दूर होने लगते हैं.

8. मूड बनाए बेहतर

ग्रीन कौफी का सीधा असर आपकी मनोदशा पर पड़ता है. यह हमारे दिमाग पर असर डालती है और हमारे मूड को बेहतर बनाती है. यह नींद या आलस को दूर कर हमें एक्टिव बनाए रखती है.

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3 टिप्स: गरमी में इन टिप्स से बचाएं आंखें

कुदरत का खूबसूरत तोहफा है आंखें. किसी भी काम को करने के लिए सबसे जरूरी हमारी आंखें होती है, लेकिन गरमियों में सूरज से निकलने वाली नुकसानदायक अल्ट्रावायलट किरणें बौडी के साथ-साथ आंखों पर भी बुरा असर डालती है. दरअसल, आंखों को दिमाग से जोड़ने वाली बारीक शिराएं आंखों की स्किन के बहुत नजदीक होती हैं, इसलिए ज्यादा देर धूप में रहने से आंखों को नुकसान पहुंचता है. वहीं पौल्यूशन का भी असर आपकी आंखों पर पड़ता होगा. जिन्हें बचाना बेहद जरूरी है…

1. आंखों में परेशानियों को पहचानें

अगर आपकी आंखों में जलन, आंखें लाल होना, आंखों से पानी आना, आंखों में चुभन, कंजंक्टिवाइटिस की बिमारी होती है.

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2. ठंडे पानी से आंखों को धोएं

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धूप से लौटने के बाद बौडी का तापमान बढ़ जाता है इसलिए पहले बौडी को धीरे-धीरे नार्मल टैम्प्रेचर पर आने दें. इसके लिए पंखे के नीचे पांच मिनट तक बैठ जाएं. इसके बाद ठंडे पानी से चेहरे और आंखों को अच्छी तरह धोएं. आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें और फिर मुलायम टावल से फेस को पोछें. अगर आंखों में जलन ज्यादा है और आंखें लाल हैं तो बर्फ से आंखों की सिंकाई करें.

3. आंखों को बार-बार न रगड़ें

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आंखों में चुभन, जलन हो या कोई धूल कण चला जाए तो कुछ लोग फौरन ही आंखों को रगड़ने लगते हैं. ऐसा करने से आंखों को कई तरह के नुकसान होते हैं लिहाजा, ऐसा कभी न करें. अगर आंखों में किसी तरह की दिक्कत हो तो साफ रुमाल या कपड़े से इसे हल्के हाथों से सहलाएं और ठंडे पानी से धोएं.

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4. धूप में निकलें तो जरूर पहनें सनग्लासेज

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धूप के सनग्लासेज सूरज से निकलने वाली घातक यूवी किरणों से आंखों की रेटीना को बचाने का काम करता है. तेज धूप की वजह से आंखों की रोशनी पर प्रतिकूल असर पड़ने के साथ ही धूल के कण रेटिना को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा तेज धूप में यूवी किरणों से आंखों के ऊपर बनी टीयर सेल यानी आंसूओं की परत टूटने लगती है. यह स्थिति कौर्निया के लिए हानिकारक हो सकती है. आंखों के कौर्निया को भी यूवी किरणों से उतना ही नुकसान पहुंचता है जितना रेटीना को. लिहाजा धूप में निकलते वक्त सनग्लासेज पहनने से इस परेशानी से बचा जा सकता है.

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