रोमांटिक पलों के 15 एनर्जी बूस्टर

नेहा की शादी को अभी सिर्फ 5 साल ही हुए और अभी से अपने लाइफ पार्टनर के साथ रोमांस में इतनी उदासी. हालांकि उन का रिश्ता उतना पुराना नहीं हुआ जितनी उदासी उन दोनों ने ओढ़ रखी है. बेडरूम में घुसते ही उन्हें बोरियत महसूस होती है ऐसा क्या हुआ जो उन के रिलेशन में वो गरमाहट, वो रोमांस और वो प्यार नहीं रहा जो शादी के तुरंत बाद का था.

एक रिसर्च के मुताबिक मस्तिष्क में मौजूद लव केमिकल डोपामाइन, नोपाइनफ्रिन और फिलेथाइलामान कुछ सालों तक के लिए बहुत एक्टिव रहते हैं पर उम्र के साथसाथ ये कैमिकल थोड़े धीमे पड़ने लगते हैं. जब पतिपत्नी अपने रूटीन शेड्यूल में बिजी हो जाते हैं तब रिलेशन में धीरेधीरे प्रेम की मिठास और उसे पाने की ललक की रफ्तार धीमी पड़ जाती है. ऐसे समय में दोनों पार्टनर को सैक्स लाइफ में फिर से रोमांस भरने के लिए कुछ अलग और अनूठा करने की सलाह दी जाती है.

रिलेशन को बनाएं रोमांटिक

इस बारे में मशहूर साइकोलौजिस्ट अनुजा कपूर का कहना है कि पतिपत्नी के बिजी शेड्यूल और समय की कमी के कारण सैक्स और रोमांस करने में वो बात नहीं रही. बेडरूम में घुसते ही अपने पार्टनर के साथ वही बोरिंग टच, वही घिसीपिटी बातें, वही संतुष्टि और वही अहसास, सैक्स लाइफ का कब स्विच औफ कर देता है, पता ही नहीं चलता, पर चिंता की बात नहीं रिलेशन को रोमांटिक बनाने के लिए दोनों तरफ से पहल की जरूरत होती है. दो लोगों की थिंकिंग, फीलिंग ही किसी रिश्ते को खास बनाती है, कहते हैं न खुशियां हमारे आसपास ही होती हैं बस उसे ढूंढ़ने की जरूरत होती है, तो देर किस बात की, उम्र का कोई भी दौर हो, हर दौर में बौडी की जरूरत को समझते हुए आप अपनी सैक्सुअल लाइफ को उम्रभर रोमांटिक बनाए रखने के लिए कुछ रोमांटिक टिप्स फालो करें. क्योंकि ये ही आप की बोरिंग लाइफ में एनर्जी बूस्ट का काम करेंगे.

रोमांटिक पलों को खास बनाए रोमांटिक एनर्जी बूस्ट

सैक्स भी एक वर्कआउट की तरह होता है. जिस में ढेर सारी कैलोरीज बर्न होती है ऐसे में प्रत्येक महिला को 30 की उम्र के बाद ऐसे ऐनर्जी बूस्ट सप्लीमैंट्स लेने चाहिए जो आप का एनर्जी लेवल बढ़ाए इस के साथ ही एक्सरसाइज, योगा, ऐरोबिक्स आदि करें जिस से बौडी फ्लैक्सीबल बने.

1. खुद को करें ब्यूटीफाई

बढ़ती उम्र के साथ आप की बौडी में भी काफी चेंजेज आते हैं जैसे चेहरे पर फाइन लाइंस, ढलती स्किन आदि ऐसे में अपने को अपटूडेट रखने के लिए अपना ब्यूटी ट्रीटमैंट हर महीने करवाइए जिस से आप की खूबसूरती में और भी निखार आ सके और आप के पार्टनर आप की खूबसूरती में ही खो जाए.

2. फ्लर्टिंग है जरूरी

रोमांटिक पलों को खास बनाने के लिए आप को अपनी लाईफ में फ्लर्टिंग जरूर करनी चाहिए और वो भी हैल्दी फ्लर्टिंग. अब आप अपने पार्टनर के अलावा किसी और से हैल्दी फ्लर्टिंग करती हैं तो बौडी में एक्साइटमैंट और एनर्जी आती है और यही एनर्जी आप को अपने पार्टनर के साथ सैक्स के समय गुड फील कराती है कि पार्टनर के अलावा और भी कोई आप को औब्जर्व करता है जिस में, आप के लुक, ड्रेस की तारीफ या आप की पर्सनाल्टी की तारीफ भी हो सकती है, एक औरत को आप बांध नहीं सकते अगर आप किसी लड़के के साथ हैल्दी रिलेशनशिप नहीं रखेंगी तो अपने पार्टनर के साथ भी उदासीन रहेंगी.

3. पार्टनर की गर्लफ्रैंड बनें

रोमांस के समय अपने लाइफ पार्टनर की वाइफ न बन कर गर्लफ्रैंड बनने की कोशिश करें उस की आंखों में प्यार से देखें और उसे अपनी सैक्सी बातों और अदाओं से फील गुड कराना बहुत जरूरी है तभी आप अपनी सैक्स लाइफ में रोमांस का रंग भर सकती हैं.

4. ओपननैस बहुत जरूरी

अपनी सैक्स लाइफ में रोमांच भरने के लिए ओपननैस बहुत जरूरी है ऐसे समय में आप अपने पार्टनर से हर तरह की बात कर सकती हैं, उस के साथ पार्न मूवी देखें, जिस से आप अपने अंदर ऐक्साइटमेंट महसूस करें, नौनवेज जोक्स का मजा लें. हफ्ते में एक बार रोमांटिक कैंडल लाइट डिनर पर जरूर जाएं. अगर घर में लाइफ बोरिंग हो रही हो तो सैक्स और रोमांस का मजा लेने के लिए आप दोनों किसी होटल व रिसौर्ट को भी चुन सकते हैं.

5. लव एंड टच का तड़का

अपने प्यार का प्रदर्शन करने के लिए एकदूसरे को समयसमय पर टच करना, हग करना और किस करने, प्यार की थपकी देना और पब्लिक प्लेस पर हाथ पकड़ने का अहसास ही काफी रोमांटिक होता है.

6. रूम को करें डेकोरेट

रोमांस में डूबने के लिए अगर मूड नहीं बन रहा है तो कुछ सुझाव आजमाएं. सेंटेड कैंडल और फूलों से कमरा सजाए. असैंसिशयल औयल की कुछ बूंदें चादर और तकिए पर भी छिड़क सकती हैं. इस से प्यार का असर दोगुना होगा.

म्यूजिक थेरेपी से अपनी लव लाइफ को बेहतर बनाने के लिए दोनों गीतसंगीत का आनंद लं. संगीत आप के अंदर छाई उदासीनता को एनर्जी से भर देता है, रोमांटिक संगीत सेक्स और रोमांस में फील गुड साबित होता है, तनाव के स्तर को कम करता है और मन को खुश रखता है. इस से मूड क्रिएट होता है.

7. यादें संजोए

पुरानी यादों को ताजा करें पुरानी पिक्चर व विडियो देख कर, पुरानी बातों को फिर से दोहराएं. इस से आप का प्यार और गहरा होगा.

8. कैद करें प्यार के पलों को

जब आप अपने पार्टनर के साथ हों तो उस खूबसूरत अहसास को कैमरे में कैद कर अपनी व अपने पार्टनर की शानदार तस्वीरें लें. इन पलों के कुछ विडियो बनाएं और सयसमय पर इस का आनंद लें.

9. सैक्सी लांजरी का चुनाव करें

अपनी लव लाइफ को और सैक्सी बनाने के लिए ऐसी लौंजरी का चुनाव करें जो ज्यादा कौंप्लीकेटेड न हो अगर आप की लौंजरी बड़ी सरता से पाट्रनर के हाथों से उतरती तो उस रोमांचित एहसास के कहने ही क्या.

एक नैटवर्किंग साइट के सर्वे के अनुसार 100 में से 80 पुरुष अपने पार्टनर को सैक्सी लौंजरी में देखना पसंद करते हैं, कोई अपने साथी को स्विमसूट में देखना चाहता है तो कोई नैट वाली बिकनी में तो कोई केवल हाफ कप वाली लौंजरी में इस के अलावा रंग भी बहुत मैटर करता है. रेड, ब्लैक जैसे कलर पुरुषों को बहुत पसंद आते हैं तो अगली बार जब भी लौंजरी की शौपिंग पर जाएं तो उन प्यार भरे एहसासों की छवि अपने जेहन में जरूर बना लें. जब यह सैक्सी लौंजरी पहन कर आप अपने पार्टनर के सामने जाएंगी तो आप का यह रूप आप की सैक्स लाइफ को बूस्ट करेगा.

10. फुल अटैंशन दें

रोमांस के समय एकदूसरे को फुल अटैंशन देना ही एक प्यारा एहसास है. अपने पार्टनर को यह एहसास दिलाएं कि सिर्फ आप की उस का सब कुछ हो उन के अलावा आप कुछ भी नहीं. ऐसे समय पर और कोई बात न कर के सिर्फ और सिर्फ सैक्स रोमांस की बातें करें.

11. सेक्सुअल प्लेजर दें

अपने पार्टनर को रोमांस के हर पहलू को समझाएं, उसे हर पौसिबल सैक्सुअल प्लेजर दें. सैक्स के बारे में कम्यूनिकेशन करें, यह जानने के लिए कि आप की रोमांटिक बातों का आप के पार्टनर पर क्या इफैक्ट पड़ता है.

12. गेम खेलें

अपनी लाइफ में रोमांस को बरकरार रखने के लिए सैक्स गेम्स खेले पर ये मस्ती भरे और एक्साइटमैंट वाले होने चाहिए, ये गेम्स नई चीजें ट्राई करने की नर्वसनेस से पीछा छुड़ाते हैं और आप अपने पार्टनर के साथ खुल कर मजा लेते हैं.

13. लव नोट्स लिखें

अपने पाट्रनर के लिए दिल की बातें कागज पर लिखें, लव नोट्स बहुत प्रभाव डालते हैं. आप के पार्टनर ने आप के लिए कुछ लिखा है यही सोच कर आप को एक अलग सी फीलिंग्स होगी जो आप के प्यार के पलों को और रोमांटिक बनाएगी.

14. मूड को करें फ्रेश

मूड को फ्रेश करने के लिए आप सैक्सी अंदाज में चौकलेट केक एक दूसरे को खिलाएं. ये अंदाज सामान्य मूड को भी सैक्सी मूड बना देगा और आप का मूड भी फ्रेश हो जाएगा.

15. हाइजीन जरूरी

मूड को फ्रेश करने के लिए आप दोनों एकसाथ हर्बल बाथ लें, एकदूसरे की मसाज एसेंशियल औयल करें. ये ही पल खुशनुमा पल आप को और ज्यादा एक्साइटमेंट देंगे. सैक्स और रोमांस के एंजौयमेंट के लिए जरूरी है बौडी पर किस का मजा उठाने के लिए ब्रश करें, माउथवाश से क्लीन करें, महकती साफसुथरी बौडी को किस करना आप का पार्टनर कभी नहीं भूलेगा.

प्यार और रोमांस सिर्फ फिजिकल नहीं होना चाहिए. प्यार में इमोशनल फीलिंग ही रिलेशन को स्ट्रांग बनाती है और अगर इस से आप सैक्स और रोमांस का तड़का लगा देंगी तो लाइफ बनेगी स्ट्रांग से भी स्ट्रांग. तो क्यों ना इन बातों का पालन अभी से किया जाए.

मेरे पति नौकरी करने के पीछे पड़े हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं 30 वर्षीय विवाहिता हूं. पति की आयु 38 वर्ष है. मेरी शादी 2 वर्ष पूर्व हुई थी. मैं संतानोत्पत्ति के लिए उत्सुक हूं जबकि पति चाहते हैं कि मैं फिलहाल नौकरी करूं. पति की उम्र अधिक है, इसलिए मैं उन से कहती हूं कि पहले हम परिवार पूरा कर लेते हैं उस के बाद नौकरी कर लूंगी. पर उन्हें पता नहीं क्यों मेरी बात समझ में नहीं आ रही?

जवाब-

पति की ही नहीं आप की भी उम्र हो गई है, इसलिए आप को संतानोत्पत्ति के विषय में सोचना ही चाहिए. उम्र बढ़ने के साथ गर्भधारण करने और संतानोत्पत्ति के समय दिक्कत आती है, इसलिए पति को समझाएं.

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निर्देशक गुलजार की 1975 में आई फिल्म ‘आंधी’ ने सफलता के तमाम रिकौर्ड तोड़ डाले थे. इस फिल्म पर तब तो विवाद हुए ही थे, यदाकदा आज भी सुनने में आते हैं, क्योंकि यह दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जिंदगी पर बनी थी. संजीव कुमार इस फिल्म में नायक और सुचित्रा सेन नायिका की भूमिका में थीं, जिन का 2014 में निधन हुआ था. ‘आंधी’ का केंद्रीय विषय हालांकि राजनीति था. लेकिन यह चली दरकते दांपत्य के सटीक चित्रण के कारण थी, जिस के हर फ्रेम में इंदिरा गांधी साफ दिखती थीं, साथ ही दिखती थीं एक प्रतिभाशाली पत्नी की महत्त्वाकांक्षाएं, जिन्हें पूरा करने के लिए वह पति को भी त्याग देती है और बेटी को भी. लेकिन उन्हें भूल नहीं पाती. पति से अलग हो कर अरसे बाद जब वह एक हिल स्टेशन पर कुछ राजनीतिक दिन गुजारने आती है, तो जिस होटल में ठहरती है, उस का मैनेजर पति निकलता है.

दोबारा पति को नजदीक पा कर अधेड़ हो चली नायिका कमजोर पड़ने लगती है. उसे समझ आता है कि असली सुख पति की बांहों, रसोई, घरगृहस्थी, आपसी नोकझोंक और बच्चों की परवरिश में है न कि कीचड़ व कालिख उछालू राजनीति में. लेकिन हर बार उसे यही एहसास होता है कि अब राजनीति की दलदल से निकलना मुश्किल है, जिसे पति नापसंद करता है. राजनीति और पति में से किसी एक को चुनने की शर्त अकसर उसे द्वंद्व में डाल देती है. ऐसे में उस का पिता उसे आगे बढ़ने के लिए उकसाता रहता है. इस कशमकश को चेहरे के हावभावों और संवादअदायगी के जरीए सुचित्रा सेन ने इतना सशक्त बना दिया था कि शायद असल किरदार भी चाह कर ऐसा न कर पाता.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- घर टूटने की वजह, महत्त्वाकांक्षी पति या पत्नी

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शादी से पहले यह प्लानिंग की क्या

बदलती सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों ने लोगों के जीवन को बहुत प्रभावित किया है. आधुनिकता के इस युग में ऐसी सभी सामाजिक मान्यताएं जो व्यक्ति की इच्छाओं और हितों के खिलाफ हैं, अपना औचित्य खो चुकी हैं. बदलावों की इस सूची में विवाह की प्रक्रिया को भी शामिल किया जा चुका है. जहां पहले मातापिता ही अपनी संतान के लिए हमसफर चुनते थे, वहीं अब जीवनसाथी का चुनाव युवा खुद करने लगे हैं.  प्यार के नशे में चूर युवाओं को अपने साथी के साथ के अलावा कुछ नहीं सूझता. अपने रिश्ते पर सामाजिक मुहर लगवाने के लिए शादी के बंधन में युवा बंध तो जाते हैं, लेकिन प्यार का हैंगओवर तब उतर जाता है जब पारिवारिक और आर्थिक समस्याओं से सामना होता है.

इस स्थिति में कई बार रिश्ते टूटने के कगार पर पहुंच जाते हैं.

ऐसा ही हुआ दिल्ली की दिव्या के साथ. वह अपने प्रेमी अमित को पति के रूप में पा कर बेहद खुश थी. दिव्या का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत था, लेकिन अमित अपने घर में इकलौता कमाने वाला था. अत: मातापिता की जिम्मेदारी के साथसाथ छोटे भाई की पढ़ाईलिखाई का खर्च भी उसे ही उठाना पड़ता था. पहले से अमित के परिवार की आर्थिक स्थिति से अवगत दिव्या को उस के जिम्मेदाराना  स्वभाव ने ही आकर्षित किया था. लेकिन यह आकर्षण तब फीका पड़ने लगा जब दिव्या को ससुराल जा कर घरेलू कामकाज में खटना पड़ा. आमदनी अच्छी होने के बावजूद अमित दिव्या को नौकरचाकर की सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकता था, क्योंकि उस की सैलरी का आधे से अधिक हिस्सा घर की ही जिम्मेदारियों को पूरा करने में खर्च हो जाता था.

दिव्या ने भी शादी से पहले अमित से इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने की कोई बात नहीं की थी. अमित दिव्या को इसीलिए ऐडजस्टिंग स्वभाव का समझता था. लेकिन यहां गलती दिव्या की है. गलती यह नहीं कि सुविधाओं के अभाव में वह ऐडजस्ट नहीं कर पा रही, बल्कि गलती यह है कि दिव्या ने शादी से पूर्व अपनी जरूरतों का जिक्र अमित से नहीं किया जो उस की सब से बड़ी भूल थी. दिव्या की ही तरह कई लड़कियां हैं, जो अपनी उम्मीदों को अपने प्रेमी पर शादी से पहले कभी जाहिर नहीं करतीं और बाद में उम्मीद के विपरीत परिस्थितियों में उन्हें इस बात का पछतावा होता है कि आखिर अपनी इच्छाओं को पहले जाहिर कर देते तो ये दिन न देखने पड़ते.  इसलिए बहुत जरूरी है कि शादी से पहले अपनी और अपने प्रेमी की इन बातों का खयाल कर लिया जाए:

आप का प्रेमी किराए के मकान में रहता है, मगर आप अपना घर चाहती हैं, इस बात को अपने प्रेमी के आगे रखने में कोई हरज नहीं है. यदि उस की आर्थिक स्थिति उसे शादी से पहले नया घर खरीदने की मंजूरी देगी तो वह शायद ऐसा कर सकेगा वरना शादी के बाद जल्दी से जल्दी अपना घर खरीदने का प्रयास करेगा. इस के अलावा आप खुद भी अपना घर खरीदने में अपने पति की आर्थिक सहायता करने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगी.

आजकल कामकाजी लड़कियों के पास रसोई में परिवार के लिए खाना बनाने का समय नहीं होता, लेकिन विवाह बाद रसोई के काम के अलावा घर के बाकी काम भी करने पड़ते हैं. मगर सहयोग के लिए एक नौकर हो तो बात बन जाती है. अपने प्रेमी को शादी से पहले ही इस बात का संकेत दे दें कि आप पूरा दिन रसोई में नहीं खट सकतीं और आप को बेसिक होम ऐप्लायंस और एक नौकर की आवश्यकता पड़ेगी. यदि आप के प्रेमी के घर में पहले से ये सब चीजें उपलब्ध नहीं होगीं, तो वह कोशिश करे आप की मदद के लिए कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराने की या फिर वह आप को साफ कह दे कि घर के काम के लिए सहयोग की उम्मीद न रखें. इस से आप अपने लिए सुविधा का सामान खुद भी जुटा सकती हैं.

घर में वाहन होने के बाद भी उस के सुख से आप वंचित हैं, क्योंकि वाहन पति नहीं पति के पिता का है. जाहिर है आप का उस वाहन पर हक नहीं है. लेकिन यदि वाहन आप के लाइफस्टाइल के लिए बहुत जरूरी है, तो इस की व्यवस्था करने के लिए प्रेमी को कहें या फिर खुद प्रयास करें.

प्रेमी की दादी, बहन या भाई की जिम्मेदारी उठाना.

प्रेमी यदि संयुक्त परिवार से है तो भाभी/देवरानी आदि की समस्याएं.

नौकरी है तो ठीक वरना अपने व्यवसाय के लंबे घंटे.

कैरियर प्लानिंग पर भी चर्चा जरूरी

आज की लड़कियां शिक्षित, आत्मनिर्भर और महत्त्वाकांक्षी हैं. घर बैठ कर रोटियां बेलने के बजाय उन्हें लैपटौप पर उंगलियां दौड़ाना पसंद है. मगर शादी के बाद पति चाहता है कि वह हाउसवाइफ बन जाए. अब यहां निर्णय आप को लेना है कि पति चाहिए या कैरियर अथवा दोनों. इस के लिए आप को विवाह का निर्णय लेने के पूर्व ही बौयफ्रैंड से इन बिंदुओं पर बात कर लेनी चाहिए:  शादी के बाद भी आप अपने कैरियर के लिए उतनी ही फिक्रमंद रहना चाहती हैं जितनी अभी हैं. हो सकता है आप का बौयफ्रैंड इस के विपरीत आप को नौकरी छोड़ घर की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए कहे. इस परिस्थिति में यदि आप अपने कैरियर से खुशीखुशी समझौता कर लेती हैं तो ठीक है वरना रिश्ते से समझौता करना ही बेहतर विकल्प होगा.

शादी के बाद प्रेमी किस शहर में शिफ्ट होने की सोच रहा है. इस बारे में प्रेमी से चर्चा करें. आपसी सहमति से ही किसी दूसरे शहर में शिफ्ट होने का निर्णय लें. कई बार शादी के बाद भी युवा अपने कैरियर से संतुष्ट नहीं होते. ऐसे में जौब छोड़ कर फिर से पढ़ने का मन बना लेते हैं. आप के साथ ऐसा न हो, इस के लिए पार्टनर से इस विषय पर भी बात कर लें.

परखें पार्टनर की नीयत

प्यार में साथी के आकर्षण में खो जाना एक आम बात है. लेकिन आकर्षण में इतना भी न खोएं कि पार्टनर की नीयत को न परख सकें. दरअसल, लड़कियां अधिक भावुक होती हैं. लड़कों की मीठीमीठी बातों में जल्दी फंस जाती हैं. लेकिन कुछ लड़कों में इस के विपरीत गुण होते हैं. वे अपना उल्लू सीधा करने के लिए लड़कियों को अपनी चिकनीचुपड़ी बातों में फंसा लेते हैं. जैसे कानपुर की सोनिया को कौशल ने फंसाया था. दोनों एक ही कालेज में पढ़ते थे. सोनिया पढ़ाई में होशियार थी. उस के घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत थी. कौशल इन सभी बातों को भांप चुका था. सोनिया को अपने प्यार में फंसाने का उस का मकसद केवल उस के पैसों पर जिंदगी भर मजे लूटना था. घर वालों के बहुत समझाने पर भी सोनिया नहीं मानी और कौशल से शादी कर ली. शादी के बाद पति का निकम्मापन सोनिया को खलने लगा. लेकिन अब घर वालों से भी वह कुछ नहीं कह सकती थी. पछताने के सिवा अब उस के पास और कोई चारा न था.

सोनिया जैसी स्थिति का सामना हर उस लड़की को करना पड़ सकता है, जो अपने पार्टनर की नीयत को परखे बिना शादी का फैसला ले लेती है. लेकिन सवाल यह उठता है कि साथी की नीयत को कैसे परखा जाए? चलिए हम बताते हैं:

  1. पैसों को ले कर बौयफ्रैंड का क्या बरताव है, यह भांपने की कोशिश करें. जब आप दोनों साथ घूमते हैं, तो अधिक खर्चा कौन करता है? कहीं पैसे खर्च करने में साथी आनाकानी तो नहीं करता? इन बातों को समझने की कोशिश करें.
  2. भले ही आप की सैलरी आप के बौयफ्रैंड से ज्यादा हो, लेकिन उस के आत्मसम्मान को परखें. यदि वह आप से पैसे लेने में नहीं हिचकता तो जाहिर है कि उस में आत्मसम्मान की कमी है.
  3. यह जानने की कोशिश करें कि आप का साथी शादी के वक्त आप से किनकिन विलासिता की चीजों की डिमांड करता है. जाहिर है यदि वह आप से नक्द या किसी मूल्यवान वस्तु की चाहत रखता है तो उसे आप से नहीं आप के पैसों से प्रेम है.

शादी से पूर्व फाइनैंशियल प्लानिंग

कनासा स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्चर एवं असिस्टैंट प्रोफैसर औफ फैमिली स्टडीज ऐंड ह्यूमन सर्विस की सोनया बर्ट की 4,500 कपल्स पर की गई स्टडी के परिणामस्वरूप पतिपत्नी के रिश्ते में सब से बुरा वक्त तब आता है, जब पैसों को ले कर दोनों में झगड़े होते हैं. स्टडी के मुताबिक इन झगड़ों की वजह से रिश्ता टूटने के कगार पर आ जाता है. इसलिए शादी से पूर्व ही भविष्य में आने वाली आर्थिक जरूरतों पर चर्चा कर लेनी चाहिए.

इस बाबत आर्थिक सलाहकार अरविंद सिंह सेन कहते हैं, ‘‘लव मैरिज में अकसर किसी एक पक्ष के घर वालों को रिश्ते पर आपत्ति होती है. ऐसे में शादी के बाद अपनी सभी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नए जोड़े को अपनी ही आमदनी पर निर्भर होना पड़ता है. ऐसे में सब से अधिक जरूरी होती है सिर छिपाने के लिए एक छत यानी अपना घर और आपातकालीन स्थितियों से निबटने के लिए नक्द पैसा. यदि शादी से पूर्व कुछ निवेश किए गए हों तो इस से काफी मदद मिलती है. ये निवेश इस प्रकार के हो सकते हैं :

पना घर होने के सपने को पूरा करने के लिए शादी से 2-4 साल पहले ही रियल स्टेट स्मौल इन्वैस्टमैंट प्लान लिया जा सकता है. इस प्लान के तहत बिना होम लोन लिए और एकमुश्त डाउनपेमैंट की समस्या से बचने के लिए छोटीछोटी इंस्टौलमैंट्स दे कर अपना घर बुक किया जा सकता है. हां, यह प्लान लेने से पहले कुछ जरूरी बातों पर जरूर गौर कर लें:

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई गाइडलाइन को पढ़ कर ही कोई फैसला लें.

श्वसनीय बिल्डर द्वारा बनाई गई प्रौपर्टी में ही निवेश करें.

चिट फंड कंपनियों द्वारा बनाई प्रौपर्टी में निवेश करने से बचें.

ग्रुप हैल्थ इंश्योरैंस प्लान लें. यदि आप तय कर चुकी हैं कि शादी आप को अपने बौयफ्रैंड से ही करनी है तो अपने और उस के नाम पर इस प्लान को लिया जा सकता है. यह प्लान शादी के बाद सेहत से जुड़ी हर परेशानी में आप का आर्थिक मददगार बनेगा. इस प्लान के तहत छोटीछोटी बीमारियों से ले कर प्रैगनैंसी तक इस प्लान में कवर होते हैं.

अत: भावनाओं में बह कर बनाए गए रिश्ते भविष्य में आने वाली दिक्कतों का सामना करने में कमजोर साबित हो सकते हैं. प्रेम विवाह में अकसर ऐसा ही होता है. लेकिन थोड़ी सी समझदारी, प्लानिंग और साथी को परखने की कला आप की शादीशुदा जिंदगी को सफल बना सकती है.

कैसे बनाएं सुखद मैरिड लाइफ, ये टिप्स जरूर आजमाएं

दिल्ली के दीपक का मानना है कि शारीरिक संबंध तभी बनाया जाए जब इस की भूख हो. भावना और प्यार की इन की सोच में कहीं जगह नहीं है.

ऐसा अकसर देखने में आता है कि पतिपत्नी सहवास के दौरान एकदूसरे की इच्छा और भावना को नहीं समझते. वे बस एक खानापूर्ति करते हैं. लेकिन वे यह बात भूल जाते हैं कि खानापूर्ति से सैक्सुअल लाइफ तो प्रभावित होती ही है, पतिपत्नी के संबंधों की गरमाहट भी धीरेधीरे कम होती जाती है. ऐसा न हो इस के लिए प्यार और भावनाओं को नजरअंदाज न करें. अपने दांपत्य जीवन में गरमाहट को बनाए रखने के लिए आगे बताए जा रहे टिप्स को जरूर आजमाएं.

1. पत्नी की इच्छाओं को समझें

सागरपुर में रहने वाली शीला की अकसर पति के साथ कहासुनी हो जाती है. शीला घर के कामकाज, बच्चों की देखभाल वगैरह से अकसर थक जाती है, लेकिन औफिस से आने के बाद शीला के पति देवेंद्र उसे सहवास के लिए तैयार किए बिना अकसर यौन संबंध बनाते हैं. वे यह नहीं देखते कि पत्नी का मन सहवास के लिए तैयार है या नहीं.

सैक्सोलौजिस्ट डा. कुंदरा के मुताबिक, ‘‘महिलाओं को अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि पति उन की इच्छाओं को बिना समझे सहवास करने लगते हैं. लेकिन ऐसा कर के वे केवल खुद की इच्छापूर्ति करते हैं. पत्नी और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती. आगे चल कर इसी बात को ले कर आपसी संबंधों में कड़वाहट पैदा होती है.

‘‘पति को चाहिए कि सैक्स करने से पहले पत्नी की इच्छा को जाने. उसे सैक्स के लिए तैयार करे. तभी संबंधों में गरमाहट बरकरार रहती है.’’

2. करें प्यार भरी बातें

एक हैल्दी सैक्सुअल लाइफ के लिए बेहद जरूरी है कि यौन संबंध बनाने से पहले पत्नी से प्यार भरी बातें जरूर की जाएं. कोई समस्या हो तो उस का हल निकालें. पत्नी से बातोंबातों में पता करें कि वह सैक्स में क्या सहयोग, क्या नवीनता चाहती है.

जयपुर के संजय और रूपाली का विवाह 2007 में हुआ. शादी के कुछ सालों तक संजय रूपाली के साथ खुल कर यौन संबंध बनाते रहे. लेकिन इधर 1 साल से वे रूपाली के साथ सैक्स संबंध बनाने से कतराने लगे हैं. रूपाली कहती है कि संजय गाहेबगाहे शारीरिक संबंध बनाते तो हैं, लेकिन बाद में उस से अलग हो कर सोने लगते हैं.

दरअसल, संजय की नजरों में यौन संबंध केवल पुरुष की भूख है, इसलिए रूपाली चाह कर भी संजय को भरपूर सहयोग नहीं कर पाती है.

मनोचिकित्सक डा. दिनेश त्यागी का मानना है कि एक अच्छे सहवास सुख के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में सैक्स के दौरान प्यार भरी बातें करें. यदि ऐसा नहीं हो तो पत्नी को लगता है कि पति को केवल सैक्स की ही भूख है, प्यार की नहीं. इसलिए प्यार भरी बातों को नजरअंदाज न करें.

3. स्थान व समय को बदलें

दिल्ली के ही नवीन का कहना है कि यदि वे रोजरोज पत्नी के साथ यौन संबंध नहीं बनाएंगे तो दूसरे दिन औफिस में तरोताजा हो कर काम नहीं कर पाएंगे. लेकिन उन की पत्नी को कोई मजा नहीं आता है, क्योंकि यह रोज के ढर्रे जैसी बात बन गई है. उस में कोई भी नवीनता नहीं रहती.

डा. कुंदरा कहते हैं कि सहवास का भरपूर आनंद उठाने के लिए कभी सोफा, कभी फर्श, कभी कालीन तो कभी छत पर और अगर घर में झूला लगा हो तो झूले पर, नहीं तो लौन पर चटाई बिछा कर सैक्स का आनंद लिया जा सकता है. पत्नियां सैक्स को प्यार से जोड़ती हैं. प्यार के इस अनुभव को वे घर के अलगअलग स्थानों पर अलगअलग समय पर नएनए तरीके से करना चाहती हैं. लेकिन अकसर पति यह बात समझ कर भी नहीं समझते.

4. शुरुआत धीरेधीरे करें

डा. कुंदरा यह भी कहते हैं कि कई पत्नियों की यह शिकायत रहती है कि उन के पति सहवास की शुरुआत धीरेधीरे न कर के उन्हें बिना उत्तेजित किए जल्दीबाजी में करते हैं. जबकि सहवास की शुरुआत धीरेधीरे विभिन्न सैक्स मुद्राओं जैसे गालों को काटना, सैक्स के हिस्सों पर थप्पड़ लगाना आदि को अपना कर ही करनी चाहिए और उस के बाद ही सैक्स सुख का आनंद लेना चाहिए.

5. फोर प्ले का आनंद उठाएं

पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ चुंबन, आलिंगन, उसे सहलाना, केशों में उंगलियां फेरना, अंगों को स्पर्श करना वगैरह की अहमियत को समझे. ऐसा कर के वह पत्नी को उत्तेजित कर के मानसिक और शारीरिक रूप से सहवास के लिए तैयार करे. पत्नी का और्गेज्म तक पहुंचना जरूरी होता है. और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाने के कारण घर में अकसर तनाव का माहौल पैदा हो जाता है, जो आपसी संबंधों में दिक्कतें भी पैदा करता है. एक सर्वे के मुताबिक 55% लोगों का मानना है कि सैक्स के दौरान जो आनंदमयी क्षण आते हैं, उन का अनुभव बेहद महत्त्वपूर्ण है.

6. बराबर का साथ दें

डा. कुंदरा के अनुसार, ‘‘सैक्सुअल लाइफ बेहद रोमांटिक तभी बन पाती है, जब पतिपत्नी सैक्स संबंध बनाते समय बराबर का साथ दें. सहवास के दौरान 70% महिलाएं बिस्तर पर चुपचाप ही पड़ी रहती हैं. पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद नहीं करते. सहवास के दौरान बराबर का साथ पति पसंद करते हैं. यदि पत्नी ऐसा करती है तो सैक्स का आनंद और भी ज्यादा बढ़ जाता है.’’

दिल्ली की जनकपुरी की रेशमा 48 साल की और उन के पति 54 साल के हो गए हैं, लेकिन हफ्ते में 1-2 बार दोनों खुल कर यौन संबंध बनाते हैं. एकदूसरे के लिए रोमांटिक बने रह कर वे खुल कर उस का आनंद उठाते हैं.

7. फालतू बातों को तूल न दें

मैरिज काउंसलर एन.के. सूद कहते हैं कि पतिपत्नी जब भी यौन संबंध बनाएं, पत्नी घर की समस्याओं या शिकायतों का पिटारा खोल कर न बैठे. सारिका जब भी रमेश के साथ सहवास करती थी, कोई न कोई शिकायत ले कर बातें शुरू कर देती थी. इस से रमेश असहज हो जाता था. आगे चल कर इन की समस्या इतनी बढ़ गई कि इन्हें आपसी संबंधों को सहज बनाने के लिए मैरिज काउंसलर की सहायता लेनी पड़ी.

संबंधों में गरमाहट बनी रहे इस के लिए ऐसी बातों को तूल न दे कर सैक्स लाइफ को ऐंजौय करें. पति का साथ दें, उन के साथ बिस्तर पर सक्रिय बनी रहें.

8. सैक्सी कपड़ों में लुभाएं

कोटा में रहने वाली राधा गोरी और खूबसूरत नैननक्श वाली है. लेकिन वह अपने पति महेंद्र के पास उन्हीं कपड़ों में जाती है, जो उस ने सुबह से पहने होते हैं. राधा को तरोताजा न देख कर महेंद्र सहवास में ढंग से सहयोग नहीं कर पाते हैं.

पति को लुभाने व उत्तेजित करने के लिए सैक्सी ड्रैस व हौट लुक में अपने पार्टनर को ऐसा सरप्राइज दें कि यौन संबंधों में नवीनता तो आए ही, सहवास सुखद भी बने. ऐसा होने से पतिपत्नी का आपसी विश्वास व प्यार भी बराकरार रहता है.

9. नएनए प्रयोग करें

डा. कुंदरा कहते हैं कि अकसर पुरुष सैक्स को ले कर ज्यादा ही उत्साहित होते हैं. वे नएनए आसनों का प्रयोग कर सहवास को सुखद बनाते हैं. लेकिन पत्नी यदि किसी तरीके को अनकंफर्टेबल महसूस करे तो पति को बताए जरूर.

बहुत सी महिलाएं यौन संबंध बनाते वक्त नएनए प्रयोगों से घबराती हैं. वे ऐसा न कर के पति के साथ सहवास में प्रयोग करें. उम्र कोई बाधा नहीं, दिलदिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने और वैवाहिक जीवन को सफल बनाने में नए प्रयोग हमेशा मददगार ही साबित होते हैं.

करवा चौथ 2022: इन 26 टिप्स से बढ़ाएं पति-पत्नी का प्यार

प्यार के महकते फूल को बचाए रखने के लिए यह जरूरी है कि बैडरूम को कुरुक्षेत्र नहीं, बल्कि प्रणयशाला बनाया जाए और इस के लिए यह बेहद जरूरी है कि बैडरूम लव की ए टु जैड परिभाषा को कायदे से जाना जाए. तो फिर चलिए प्रणयशाला की क्लास में:

1. अटै्रक्ट-आकर्षित करना

अपने साथी को आकर्षित करना ही प्रणयशाला का प्रथम अक्षर है. पत्नी को चाहिए कि वह पति के आने से पहले ही अपने काम निबटा कर बनावशृंगार कर ले और पतिदेव औफिस के काम का बोझ औफिस में ही छोड़ कर आएं.

2. ब्यूटीफुल-सुंदर

सुंदरता और आकर्षण सिक्के के 2 पहलू हैं. हर सुंदर चीज अपनी ओर देखने वाले को आकर्षित करती ही है, इसलिए शादी के बाद बढ़ते वजन पर लगाम लगाएं और ब्यूटीपार्लर जा कर अपनी सुंदरता को फिर से अपना बनाएं ताकि आप की सुंदरता को देख कर उन्हें हर दिन खास लगे.

3. चेंज-बदलाव

अगर जिंदगी एक ही धुरी पर घूमती रहे तो बेमजा हो जाती है. इसलिए अपनी सैक्स लाइफ में भी थोड़ा चेंज लाएं. मसलन, प्यार को केवल बैडरूम तक ही सीमित न रख कर एकसाथ बाथ का आनंद लें और अगर जौइंट फैमिली में हैं तो चोरीछिपे उन्हें फ्लाइंग किस दें, कभी अपनी प्यार की कशिश का चोरीछिपे आतेजाते एहसास कराएं. यकीन मानिए कि यह प्यार की लुकाछिपी आप की नीरस जिंदगी को प्यार से सराबोर कर देगी.

4. डेफरेंस-आदर

पतिपत्नी को चाहिए कि वे एकदूसरे को उचित मानसम्मान दें. साथ में एकदूसरे के परिवार का भी आदर करें, क्योंकि जिस दर पर आदर व कद्र हो, प्यार भी वहीं दस्तक देता है.

5. ऐलिगैंस-सुघड़ता

अस्तव्यस्त हालत में न तो घर अच्छा लगता है और न ही आप. कहीं ऐसा न हो कि जब आप दोनों बैडरूम में आएं तो पलंग पर सामान ही बिखरा पड़ा हो और बैठने की जगह भी न मिले. फिर प्यार की बात तो भूल ही जाएं. इसलिए घर को हमेशा संवार कर रखें.

6. फौरगेट-भूल जाना

भुलक्कड़पने की आदत वैसे तो बुरी होती है लेकिन बात जहां पतिपत्नी के रिश्ते की हो तो यह आदत अपनाना ही श्रेयस्कर है. मतलब अतीत में मिले जख्मों, शिकवेशिकायतों व लड़ाईझगड़ों को बैडरूम के बाहर ही भूल कर हर रोज अपने रिश्ते की नई शुरुआत करनी चाहिए और भूल कर भी भूली बातों को याद नहीं करना चाहिए.

7. गारमैंट्स-परिधान

यह काफी कौमन प्रौब्लम है कि लेडीज सुबह के पहने हुए कपड़ों में ही रात को सोने पहुंच जाती हैं. नतीजतन उन के कपड़ों से आने वाली सब्जियों, मसालों व पसीने की दुर्गंध बेचारे पतिदेव को व्यर्थ में ही सब्जीमंडी की याद दिला देती है. ऐसे में बेचारे दिल के कोने में दुबका पड़ा प्यार भी काफूर हो जाता है और उस की जगह चिड़चिड़ाहट ले लेती है. इसलिए प्यार के एहसास को तरोताजा करने के लिए खुद भी तरोताजा हो कर साथी के संसर्ग में आएं.

8. हैल्प-मदद

बढ़ती जरूरतों के कारण समयसीमा जिंदगी में छोटी पड़ती जा रही है. लेकिन अगर पतिपत्नी स्वेच्छा से एकदूसरे के काम में अपना सहयोग दें तो भागते समय में से प्यारमुहब्बत के पलों को आसानी से पकड़ा जा सकता है यानी जिम्मेदारियों को मिल कर उठाएं और जिंदगी का भरपूर आनंद लें.

9. इंपेशेंस-अधीरता

प्यार का मतलब सिर्फ जिस्मानी जरूरत से ही नहीं होता, बल्कि प्यार में एकदूसरे की भावना को भी मान देना जरूरी होता है. प्यार का तात्पर्य बेसब्री और अधीरता से प्रणयसंबंध बना कर दूसरी तरफ करवट ले कर सो जाना नहीं होता, बल्कि प्यार भरा आलिंगन प्रेमालाप और प्यार भरी बातों व स्नेहिल स्पर्श के द्वारा भी आप अपने साथी को प्यार से सराबोर कर सकते हैं.

10. जौइन-जोड़ना

अकसर पत्नी की आदत हो जाती है कि वह बैडरूम में आते ही ससुराल वालों की बुराई शुरू कर देती है, जिस से बेवजह माहौल में तनाव आ जाता है. माना कि आप परेशान हैं, लेकिन आप के पति को भी तो औफिस में न जाने कितने काम और टैंशनरही होगी. इन सब बेकार की बातों से आप अनजाने में वे हसीन पल गवां देती हैं, जो आप दोनों को खुशियां दे सकते थे. पतिपत्नी को स्वयं सोचना चाहिए कि जिंदगी में टैंशन तो लगी रहती है, लेकिन दिलों को जोड़ने वाले पल होते ही कितने हैं. इसलिए बैडरूम में दिलों को जोड़ें, न कि तोड़ने का काम करें.

11. किड्स-बच्चे

बच्चे होने के बाद पतिपत्नी के रिश्ते को मजबूत आधार मिलता है. लेकिन कहीं न कहीं पति को प्यार बंटता हुआ भी महसूस होता है, क्योंकि बच्चे होने के बाद पत्नी का ध्यान बच्चों में ज्यादा लगा रहता है जिसे पति अपनी उपेक्षा समझने लगता है. इसलिए बच्चों के साथसाथ अगर पति की भी थोड़ीबहुत फरमाइश पूरी करें तो उन को भी अच्छा लगेगा.

12. लाइक-अच्छा लगना

पतिपत्नी को एकदूसरे के स्वभाव, इच्छाओं आदि को मान देना चाहिए. स्त्री स्वभाव से शर्मिली होती है, इसलिए यह पति का कर्तव्य होता है कि वह चुंबन, आलिंगन, स्पर्श व प्यार भरी बातों से उस की झिझक को दूर करे. उसी तरह पत्नी को भी वह सब करना चाहिए जो पति को अच्छा लगे.

13. मसाज-मालिश

मसाज करने से बौडी और माइंड दोनों रिलैक्स फील करते हैं और ऐसे में यदि आप का पार्टनर ही आप को मसाज थेरैपी दे तो क्या कहने. माना कि वर्किंग डे में ऐसा होना मुश्किल है, लेकिन अगर वीकेंड में इस थेरैपी का इस्तेमाल किया जाए तो यकीन मानिए आप दोनों को ही वीकेंड का ही इंतजार रहेगा.

14. नेवर-कभी नहीं

प्यार को लड़ाईझगड़े में हथियार न बनाएं. फरमाइश पूरी न होने पर, ‘नहीं आज मूड नहीं है’, ‘मुझे सोना है’ और ‘जब देखो तब तुम्हें यही सूझता है’ जैसे संवाद रिश्तों में पड़ने वाली गिरह का काम करते हैं. इसलिए प्यार को सिर्फ प्यार ही रहने दें.

15. ओपिनियन-राय

गृहस्थ जीवन में कई ऐसे मुद्दे होते हैं, जिन में कभीकभी पतिपत्नी दोनों की राय एक होती है, तो कभीकभी दोनों की राय जुदा होती है. ऐसे मौकों पर एकदूसरे की राय को सुनें, उस पर ध्यान दें और मिल कर सही निर्णय लें फिर चाहे मसला जो भी हो.

16. प्लौडिट-प्रशंसा

हर इनसान अपनी प्रशंसा करवाना चाहता है, इसलिए जो बातें आप को एकदूसरे में अच्छी लगती हैं उन्हें निस्संकोच अपने साथी से कहें. सिर्फ इतना ही नहीं, निश्छल रूप से सहवास के आनंददायक पलों में भी बेझिझक उन की तारीफ करें. यह तारीफ आप के साथी में पहले से कई गुना ज्यादा जोश भर देगी.

17. क्वैरी-प्रश्न पूछना

अकसर संबंधों में ठहराव आने की वजह चुप्पी भी होती है, जिसे हम अपने अहं की वजह से ओढ़ लेते हैं. उस के कारण कई बार छोटेछोटे झगड़े बड़ा भयंकर रूप धारण कर लेते हैं. इसलिए चुप्पी की दीवार फांद कर उन से पूछें कि एक छोटी सी बात हमारे प्यार के बीच कब तक रहेगी? पतिपत्नी के रिश्ते में स्वस्थ संवाद होने बेहद जरूरी हैं अन्यथा दिल की धड़कनों को भी चुप्पी लगने में समय नहीं लगता.

18. रेमेंट-पोशाक

प्रेमिका या प्रेमी के रूप में आप ने अपने साथी को आकर्षित करने के लिए कितना कुछ किया, लेकिन शादी के बाद वह प्यार कहीं डब्बे में बंद कर दिया. इसलिए डब्बा खोलें और आप के हमसफर शादी से पहले आप को जिस ड्रैस व रूप में पसंद करते थे वापस उस रूप में आ जाएं.

19. सैटिस्फैक्शन-संतुष्टि

विवाह का एक महत्त्वपूर्ण तथ्य है पतिपत्नी दोनों की यौन इच्छाओं की तृप्ति. लेकिन किसी एक के संतुष्ट न होने पर असंतोष, द्वेष, आक्रोश व हीनता का रूप ले लेता है. इसलिए अपने साथी की जरूरतों को समझें.

20. र्म-शर्तें

पतिपत्नी के रिश्ते में आपसी तालमेल व समझदारी बहुत माने रखती है. लेकिन जब संबंधों के बीच शर्त आने लगे तो वह रिश्ते में घुन का काम करती है. कई महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो प्यार और शर्त को एक ही पलड़े में रखती हैं. जैसे यह कहती हैं कि मुझे सोने का सैट ला कर दोगे तो ही हाथ लगाने दूंगी. नतीजा, पति का मन प्रणय संबंध से खट्टा हो जाता है और वह कहीं और प्यार की तलाश करने लगता है.

21. अनकंसर्न-उदासीन

जिस तरह प्यार में एकदूसरे का साथ जरूरी होता है, उसी तरह एकदूसरे की परवाह करना भी जरूरी होता है. ऐसा न हो कि पतिदेव आएं और आप टीवी या बच्चों में ही उलझी रहें. अगर रिश्ते में नीरसता और उदासीनता ही छाई रहेगी, तो प्यार को हरियाली कैसे मिलेगी, क्योंकि उन के छोटे से दिल में या तो उदासीनता रह सकती है या फिर आप.

22. वैराइटी-विभिन्न प्रकार

जिंदगी एक ढर्रे पर चलती रहे तो बोरिंग लगने लगती है. उसी तरह बैडरूम रोमांस में भी नई जान डालने के लिए रोमांटिक बनें. कभी बाथरूम, कभी ड्राइंगरूम तो कभी किचन रोमांस का लुत्फ उठाएं. प्रणय मिलन के समय अलगअलग रतिक्रीडाओं द्वारा सैक्सुअल लाइफ का भरपूर आनंद उठाएं.

23. व्हीड्ल-लुभाना

प्रणयमिलन का भरपूर लुत्फ उठाना चाहती हैं तो उस की शुरुआत दिन से ही करें. उन्हें फोन पर ‘आई लव यू’ कहें और मैसेज के द्वारा रोमांटिक बातें सैंड करें. उन्हें निस्संकोच बताएं कि आप उन का साथ चाहती हैं. फिर बनसंवर कर शाम को उन का इंतजार करें.

24. जेरौटिक-नीरस

बैडरूम के नीरस माहौल में तबदीली कर के उसे थोड़ा रोमांटिक व सुगंधित बनाएं. साथ में कोई धीमा संगीत चलाएं. माहौल को और ज्यादा रंगीन व खुशनुमा बनाने के लिए कोई रोमांटिक मूवी, मैगजीन या फोटो देखें, जो आप की उमंग भरी कल्पनाओं को हकीकत का रूप दे, साथ में आप की जिंदगी में नया जोश, नई उमंग भर दे.

25. योगा

हैल्दी सैक्स लाइफ के लिए हैल्दी शरीर होना बेहद जरूरी है और उस के लिए योगा यानी व्यायाम से बेहतर कोई और औप्शन नहीं है. यह आप के शरीर को नई स्फूर्ति व ऊर्जा देगा. फिट शरीर के साथ ही आप फिट सैक्स लाइफ पा सकते हैं और अपने साथी व अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं.

26. जेस्ट-मजेदार

जिंदगी मजेदार तभी होती है जब जिंदगी के हर पल का भरपूर आनंद उठाया जाए. सैक्स लाइफ को भी हैल्दी व अपडेट करना चाहते हैं, तो मुख्य सहवास क्रिया से ज्यादा फोरप्ले और आफ्टरप्ले में ध्यान लगाएं, जिस से हसीन लमहों का एहसास आप के साथसाथ आप के साथी को भी भरपूर मिले.

सैक्स फीलिंग्स के ये 5 सीक्रेट्स जानती हैं आप

ज्यादातर महिलाएं चाहती हैं कि उन के कुछ सैक्स सीक्रेट्स उन के पतियों को खुद जानने चाहिए. नौर्थवैस्टर्न यूनिवर्सिटी इलिनौयस की सैक्सुअलिटी प्रोग्राम की थेरैपिस्ट पामेला श्रौक कहती हैं कि ज्यादातर विवाहित पुरुष अपनी पत्नी की सैक्सुअल प्राथमिकताओं और चाहतों को नहीं समझते. पामेला ने इस विषय पर पत्नियों के मन में झांकने की कोशिश की तो उन्हें कुछ ऐसे सैक्स सीक्रेट्स का पता चला, जिन्हें महिलाएं अपने पति से कहना तो चाहतीं, पर कह नहीं पातीं.

महिलाओं के लिए अच्छा सैक्स सिर्फ इंटरकोर्स नहीं:

महिलाओं को आनंददायक सैक्स के लिए सिर्फ इंटरकोर्स ही नहीं, बल्कि पति के साथ दिन के अन्य क्षणों में भी अच्छी फीलिंग्स और अनुभव की जरूरत होती है. महिलाओं को यह बात कतई अच्छी नहीं लगती कि पति दिन भर सिर्फ अपने ही काम में व्यस्त रहे, रात को घर लौट कर खाना खा देर तक टीवी देख कर फिर बिस्तर पर आते ही पत्नी को दबोच ले. इस से पत्नी के मन में खुद को औब्जैक्ट समझने की भावना आती है. वह अपने पति को बेहद स्वार्थी और खुद को भोग की वस्तु समझने लगती है. हर पत्नी चाहती है कि उस का पति उसे सिर्फ बिस्तर पर ही नहीं बिस्तर के बाहर भी उतना ही प्यार करे, उस पर ध्यान दे, उस के साथ अपनी बातें शेयर करे, प्रेमपूर्वक बातें करे, उस की भावनाओं को जानने की कोशिश करे आदि.

समाजशास्त्री डालिया चक्रवर्ती कहती हैं, ‘‘पत्नियां अपनी जिंदगी के हर पहलू को एकदूसरे से जोड़ कर देखती हैं जबकि पति समझते हैं कि स्ट्रैस और झगड़ों को सैक्स के वक्त एक तरफ रख देना चाहिए और इन चीजों को सैक्स के साथ नहीं जोड़ना चाहिए. सच यह है कि सैक्स का असली मजा अफैक्शन के कारण ही आता है. मानसिक रूप से अपनापन, प्यार और नजदीकियां होती हैं तभी सैक्स संबंध सही माने में उत्तेजनापूर्ण होता है. जब कोई पति अपनी पत्नी को समयसमय पर छोटेमोटे उपहार देता है, बीवीबच्चों को घर से बाहर ले जाता है, परिवार का खयाल रखता है और बीवी को स्पैशल फील करवा कर घर का माहौल खुशनुमा रखता है, तो सैक्स का मजा कई गुना बढ़ जाता है.

महिलाओं को टर्नऔन करने के लिए प्रेम भरी बातें चाहिए:

रात के भोजन के वक्त मीठीमीठी छेड़छाड़, रोमांटिक बातें और गुदगुदाने वाले किस्से पत्नियों को भीतर तक भिगो देते हैं. इस से उन का मूड बन जाता है. इसी तरह सैक्स के दौरान पत्नी की प्रशंसा, उस के साथ प्यार का इजहार और उस का नाम लेना पत्नी को उत्तेजना से भर देता है. सैक्स थेरैपिस्ट लिन एटवाटर कहती हैं, ‘‘महिलाओं की शारीरिक संबंधों से ज्यादा दिलचस्पी मानसिक उत्तेजना और मानसिक संबंधों में होती है.’’

यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया मैडिकल स्कूल की साइकोलौजिस्ट लोनी बारबच कहती हैं, ‘‘अकसर घरेलू कामों, बच्चों की देखभाल, पति के हजार काम और फिर औफिस वर्क के दबाव के बीच किसी पत्नी को सब से ज्यादा जरूरत सहानुभूति और प्रेमपूर्ण बातों की होती है. उसे शरीर सहलाने से जितना मजा आता है उस से कहीं ज्यादा उस का मन सहलाने से आनंद मिलता है. हर पत्नी चाहती है कि उस का पति उस के साथ रोमांटिक बातें करे.’’

महिलाओं में भी होती है परफौर्मैंस ऐंग्जाइटी:

कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि सिर्फ 60% ऐसी पत्नियां हैं, जिन्होंने जितनी बार संभोग किया उस से कम से कम आधी बार चरम आनंद का अनुभव किया. लेकिन उन्हें पति को खुश करने के लिए सैक्स के दौरान चरम आनंद का दिखावा करना पड़ा. कई बार तो उन के मन में अपराधबोध आ जाता है कि कहीं उन्हीं में तो कोई कमी नहीं.

पत्नियों में भी अपने अंगों की बनावट, आकार और साफसफाई को ले कर तुलनात्मक हीनता की भावना होती है. इसीलिए वे अंधेरे में ही निर्वस्त्र होना चाहती हैं. ऐसे में वे अपने पति से प्रोत्साहन, अपने शारीरिक अंगों की प्रशंसा और सौंदर्य के बखान की अपेक्षा रखती हैं. कई पति तो अपनी पत्नी की प्रशंसा करना ही नहीं जानते और कई सैक्स के दौरान उस के अंगों में भी मीनमेख निकालने लगते हैं. पत्नी को मोटी, थुलथुल आदि न जाने क्याक्या कहने लगते हैं. ऐसे में पत्नी के मन का बुझ जाना, उस का तनावग्रस्त हो जाना स्वाभाविक है. ऐसी पत्नी अपने पति के साथ सैक्स संबंध बनाने से कतराने लगती है.

जाहिर है, इन का यौन जीवन नीरस और आनंदविहीन हो जाता है. झूठी बढ़ाई की जरूरत नहीं, लेकिन समझदार पति वही है जो अपनी पत्नी की त्वचा की कोमलता, आंखों या उस का जो कुछ भी अच्छा लगे उस की सराहना कर के पत्नी का आत्मविश्वास बढ़ाए और हंसीठिठोली करे ताकि पत्नी ऐंग्जाइटी से ग्रस्त न हो.

सैक्स के बाद भी चाहिए अटैंशन:

कई पति पत्नी के साथ अंतरंग क्षणों का जम कर आनंद उठाते हैं और फिर चरम पर पहुंच कर स्खलित होते ही ऐसे मुंह फेर कर सो जाते हैं जैसे उन्हें पत्नी से कोई लेनादेना ही नहीं. ऐसे में पत्नी खुद को बेहद अकेली, उपेक्षित समझने लगती है. उसे लगता है कि बस पति का यही अंतिम उद्देश्य था. पत्नी चाहती है कि सैक्स और स्खलन के बाद भी पति उसे सहलाए, चूमे उस के अंगों को छेड़े. साथ ही उसे धन्यवाद दे व प्यार जताए. ऐसा करतेकरते ही पत्नी को बांहों में भरे हुए उसे नींद आ जाए. इस से पत्नी को बड़ा आत्मसंतोष महसूस होता है.

नौनसैक्सुअल टच: पत्नियों को यह बात बिलकुल अच्छी नहीं लगती है कि दिन भर में पति उन्हें एक बार भी न छुए या चूमे. बस बिस्तर पर फोरप्ले के लिए ही उन के हाथ बढ़ते हैं. वे चाहती हैं कि दिन में भी पति उन्हें छूएं, लेकिन यह टच नौनसैक्सुअल हो. वे छेड़छाड़ या हंसीमजाक के लिए अथवा अपनापन जताने के लिए छूएं. कभी बालों को सहलाएं या पीठ पर हाथ फेरें, गालों को चूमें, गालों को थपथपाएं. मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि पति और पत्नी के संबंध सिर्फ और सिर्फ सैक्स के लिए ही नहीं होने चाहिए. सैक्स के अलावा भी दुनिया में और बहुत कुछ ऐंजौय करने को होता है. संबंधों में प्रगाढ़ता और केयरिंग होना ज्यादा जरूरी है. पत्नी की कुकिंग को सराहते हुए उस के हाथों को चूम लेना, उस की ड्रैसिंग सैंस की प्रशंसा करना, बात करने के तरीके को सराहना आदि उस के मन को गहराई तक छू लेता है. रिश्तों में मजबूती के लिए यह बेहद जरूरी है. पत्नी को जताएं कि आप उसे सिर्फ सैक्स के लिए ही नहीं चाहते.

इन 5 वजहों से गर्लफ्रेंड से दूरी बनाते हैं बौयफ्रैंड

गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड के रिश्ते में हल्की फुल्की नोंक झोंक तो चलती ही रहती है. ये नोंक-झोंक प्यार को और मजबूत बनाती है. लेकिन कभी-कभी झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है. वैसे तो झगडे में कोई एक जिम्मेदार नहीं होता गलती दोनों तरफ से ही होती है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे वो बातें जिससे ब्वॉयफ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड से दूरी बनाने लगता है.

1. शक

महिलाएं अक्सर बहुत जल्द शक करने लगती हैं. उनका ब्वॉयफ्रेंड कहां है और क्या कर रहे हैं. इसे जानने के लिए सभी प्रकार की मुखर्तापूर्ण व्यवहार करने लगती हैं. महिलाओं द्वारा किए जाने वाले इस व्यवहार को मर्द बिल्कुल पसंद नहीं करते.

2. जरूरत से ज्यादा खर्चा

ज्यादार गर्लफ्रेंड अपने ब्वॉयफ्रेंड का वॉलट अनावश्यक रूप से शॉपिंग करके खाली करवा देती हैं. गर्लफ्रेंड द्वारा जरूरत से ज्यादा खर्चा करवाए जाने को ज्यादातर ब्वॉयफ्रेंड पसंद नहीं करते. ऐसी स्थिति में भी ब्वॉयफ्रेंड इस रिश्ते से दूरी बनाने लगता है.

3. पर्सनल स्पेस

गर्लफ्रेंड द्वारा पर्सनल स्पेस ना दिए जाने के कारण भी ब्वॉयफ्रेंड को अपनी गर्लफ्रेंड पर गुस्सा आना लगता है. ज्यादातर लड़कियां अपने ब्वॉयफ्रेंड को अपने दोस्ते के साथ टाइम बिताने नहीं देती है. ऐसी स्थिति किसी भी रिश्ते के लिए सही नहीं होती है.

4. मजाक नहीं पसंद

ब्वॉयफ्रेंड को यह कतई पसंद नहीं आता कि उनकी गर्लफ्रेंड किसी और सामने उनका मजाक बनाएं. महिलाओं अक्सर अपनी सहेलियों और दोस्तों के सामने अपने ब्वॉयफ्रेंड का मजाक बनाने से नहीं चूंकती. बता दें कि ब्वॉयफ्रेंड ऐसा चीजे बिल्कुल पसंद नहीं करते और धीरे-धीरे इस रिश्ते से दूरी बनाने लगते हैं.

5. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा

ज्यादातर लड़किया छोटी-छोटी बातों को लेकर अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ झगड़ा करती रहती हैं.वे भूल जाती है उनका द्वारा किया जा रहा यह मूर्खतापूर्ण व्यवहार उनके अच्छे लाइफ पार्टनर को कितनी परेशानी में डाल सकता है.

इसीलिए जरुरी है कि गर्लफ्रैंड औऱ बौयफ्रेंड के रिश्ते की डोर को संभाल कर रखा जाए ताकि एक छोटे से झटके रिश्ता ना टूट जाए.

न बनाएं लाइफ को फास्ट

आज के युवावर्ग को आमिर खान से सीखने की जरूरत है, क्योंकि आज के युवाओं में धैर्य की कमी है. उन्हें हर काम में जल्दबाजी होती है. खाना खाना हो तो जल्दी, कहीं जाना हो तो जल्दी, सड़क पर गाड़ी चलाना हो तो जल्दी, गर्लफ्रैंडबौयफ्रैंड बनाना हो तो जल्दी, ब्रेकअप करना हो तो जल्दी. वे समय दे कर काम खत्म करने की बजाय फटाफट करना चाहते हैं. उन्हें लगता है जिस तरह से एक क्लिक में गूगल पर हर सवाल का जवाब मिल जाता है, उसी तरह लाइफ में भी हर काम फटाफट करो और ऐंजौय करो. सोचनासमझना तो पुरानी पीढ़ी का काम है. वे तो यंग जैनरेशन हैं. अगर किसी बात के लिए पेरैंट्स कुछ कहते भी हैं तो उन का जवाब होता है कि किस के पास इतना समय है कि बैठ कर सोचे. अगर आगे बढ़ना है तो तेज भागना होगा.

जल्दबाजी में युवा भले ही काम तुरंत खत्म कर लेते हैं, पर वे इस बात को नहीं समझ पाते कि जल्दबाजी में किए गए काम में कुछ न कुछ कमी अवश्य रह जाती है.

आइए जानते हैं जल्दबाजी में किसकिस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है:

जल्दबाजी में होती है कन्फ्यूजन: जो लोग जल्दबाजी में होते हैं वे जल्दीजल्दी बोलते हैं, सामने वाले को बात खत्म करने का मौका नहीं देते, बीच में ही टोकते रहते हैं, किसी की बात ध्यान से नहीं सुनते और जब उन्हें कोई काम दिया जाता है तो उसे वे कर नहीं पाते. तब उन्हें कन्फ्यूजन होती है कि क्या करें और क्या नहीं. कई बार तो सामने वाले की बात में हामी भर देते हैं और बाद में अफसोस करते हैं कि क्यों हामी भरी.

निर्णय लेने की क्षमता में कमी: जल्दबाजी में यह समझना मुश्किल होता है कि किस सिचुएशन में क्या करना चाहिए और इसी वजह से कठिन हालात का सामना करते समय चिड़चिड़े हो जाते हैं. सिचुएशन हैंडल नहीं कर पाते और कुछ ऐसा कह देते हैं जिस की वजह से महत्त्वपूर्ण रिश्ते खो देते हैं.

एकाग्रता में कमी: जब आप जल्दबाजी में होते हैं तब आप किसी भी काम में अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते. आप का ध्यान भटकता रहता है. आप को लगता है कि जल्दी से काम खत्म कर के दूसरा काम शुरू कर दें. अगर किसी काम में ज्यादा समय लगता है तो वह काम बोझ लगने लगता है और आप बिना मन के काम खत्म कर देते हैं.

असफलता का सामना: हड़बड़ी में आप अपना शतप्रतिशत नहीं दे पाते और जब सफल नहीं होते तो उसे छोड़ कर दूसरा काम करना शुरू कर देते हैं. जल्दीजल्दी में समझ नहीं पाते कि क्या सही है और क्या गलत. इस से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार तो असफलता की वजह से गलत रास्ते का चुनाव करने से भी नहीं कतराते.

विश्वास कायम करने में असफल: आप सोचते होंगे कि आप जल्दीजल्दी काम कर के दूसरों पर अपना प्रभाव डालने में सफल होंगे. लेकिन एक सचाईर् यह भी है कि आप जल्दीजल्दी काम कर के सामने वाले पर अपना प्रभाव नहीं डाल सकते. जरा सोचिए एक ड्राइवर आप को बैठा कर गाड़ी बहुत तेजी से चला कर समय से पहले पहुंचाता है तो दूसरा सही स्पीड पर गाड़ी चला कर समय पर पहुंचाता है. आप दोनों में से किस ड्राइवर पर ज्यादा विश्वास करेंगे? यकीनन दूसरे पर. ठीक इसी तरह लाइफ में भी आप धैर्र्य व संयम से दूसरों पर प्रभाव डालने में सफल होते हैं.

हैल्थ के लिए नुकसानदायक: आज के युवाओं को वही खाना अच्छा लगता है जो फटाफट बन जाए. उन्हें लगता है कि कौन खाना बनाने में घंटों मेहनत करे. फटाफट बनाओ और फटाफट खाओ.  यही नहीं कहीं पर भी कुछ भी खा लेते हैं. यही कारण है कि उन्हें कम उम्र में कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है.

कैरियर में जल्दबाजी करना पड़ता है महंगा: युवा काम सही तरीके से सीखने की बजाय जौब स्वीच करने में विश्वास करते हैं. अगर किसी दिन बौस या फिर अन्य कोईर् सीनियर उन के काम में कोई कमी निकाल दे तो घर आ कर बवाल खड़ा कर देते हैं कि मुझे इस कंपनी में काम नहीं करना. मैं इतना काम करता हूं, लेकिन मुझे कभी क्रैडिट नहीं मिलता वगैरहवगैरह. अगर कभी किसी बात पर जौब छोड़नी भी पड़े तो आगेपीछे की नहीं सोचते और जौब छोड़ देते हैं. लेकिन आप का ऐसा करना आप के कैरियर के लिए ठीक नहीं है. भले ही आप को एक जगह से काम छोड़ कर दूसरी जगह जौइन करने पर पैसे ज्यादा मिलें, लेकिन ऐसा कर के आप किसी भी काम में मास्टर नहीं बन पाते. आप को हर काम की थोड़ीथोड़ी नौलेज ही मिल पाती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने काम को बेहतर बनाने की कोशिश करें.

यही नहीं हर काम में जल्दबाजी दिखाने की वजह से आप को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. स्ट्रैस लैवल बढ़ता है. हारमोनल बदलाव आते हैं. आप के पर्सनल रिलेशन भी प्रभावित होते हैं. यह ठीक है कि आप सफल होना चाहते हैं, जीवन में आगे

बढ़ना चाहते हैं, लेकिन हर काम में जल्दबाजी दिखाने की बजाय अपने काम में थोड़ा परफैक्शन लाने का प्रयास करें, टाइम मैनेजमैंट का गुण सीखें. किसी काम को समय देने का अर्थ यह नहीं है कि आप आलसी या लेटलतीफ हैं, बल्कि इस का मतलब यह है कि आप सिस्टेमैटिक तरीके से काम करते हैं. इसलिए अब आप को कोई काम मिले तो उसे फटाफट खत्म करने के बजाय थोड़ा समय दे कर करने का प्रयास करें.

उन से करें मन की बात

शादी करने जा रही, जस्ट मैरिड लड़कियों के लिए खासतौर से और सभी पत्नियों के लिए आमतौर से ‘मन की बात’ इसीलिए करनी पड़ रही है क्योंकि पहले जो तूतू, मैंमैं, जूतमपैजार, सिर फुटव्वल एकडेढ़ साल बाद होते थे, अब 4-5 महीनों में हो रहे हैं. ऐडवांस्ड जमाना है भई सबकुछ फास्ट है.

पतियों से बहुत प्रौब्लम रहती है हमें. उन की बात तो होती रहती है. क्यों न एक बार अपनी बात कर लें हम?

– शादी हुई है, ठीक है, अकसर सब की होती है. तो खुद को पृथ्वी मान कर और पति को सूर्य मान कर उस की परिक्रमा मत करने लगो. न यह शकवहम पालो कि उस के सौरमंडल में अन्य ग्रह या चांद टाइप कोई उपग्रह होगा ही होगा. दिनरात उसी के आसपास मंडराना, अपनी लाइफ उसी के आसपास इतनी फोकस कर लेना कि उसे भी उलझन होने लगे, ऐसा मत करो, गिव हिम अ ब्रेक (यहां स्पेस पढि़ए). अपने लिए भी एक कोना रिजर्व रखना हमेशा.

– अपने अपनों को, दोस्त, सखीसहेलियों को छोड़ कर आने का दुख क्या होता है तुम से बेहतर कौन जानता है. तो उस से भी एकदम उस के पुराने दोस्तों और फैमिली मैंबर्स से कटने को मत कहो. बदला क्यों लेना है आखिर अपना घर छोड़ने का? ‘तुम तो मुझे टाइम ही नहीं देते.’ का मतलब ‘तुम बस मुझे टाइम दो’ नहीं होता समझो वरना हमेशा बेचारगी और उपेक्षा भाव में जीयोगी.

– जो काम हाउसहैल्प/घर के अन्य सदस्य कर रहे हों उन्हें जबरदस्ती हाथ में लेना यह सोच कर कि इन से परफैक्ट कर के दिखाओगी, कतई समझदारी नहीं है. अगर सास का दिल जीतने टाइप कोई मसला न हो तो इन से गुरेज करें, क्योंकि पुरुष

आमतौर पर इन मसलों में बौड़म होते हैं और आप को जब वे ताबड़तोड़ तारीफें न मिलें जो आप ने ऐक्सपैक्ट कर रखी हैं, तो डिप्रैशन होगा. बिना बात थकान और वर्कलोड अलग बढ़ेगा. तो जितने से काम चल रहा हो उतने से ही चलाओ.

– लीस्ट ऐक्सपैक्टेशंस पालो. जितनी कम अपेक्षाएं उतना सुखी जीवन. अगर ऐक्सपैक्टेशन या बियौंड ऐक्सपैक्टेशन कुछ मिल गया तो बोनस.

– न अपने खुश रहने का सारा ठेका पतिपरमेश्वर को दे दो न अपने दुखी होने का ठीकरा उस के सिर फोड़ो. अपनी खुशियां खुद ढूंढ़ो. अपनी हौबीज की बलि मत चढ़ाओ और न अपनी प्रतिभा को जंग लगाओ. बिजी रहोगी, खुश रहोगी तो वह भी खुश रहेगा. याद रखो तुम उस के साथ खुश हो, यह मैटर करेगा उसे. उसी की वजह से खुश हो नहीं. मैं कैसी दिख रही हूं, कैसा पका रही हूं, सब की अपेक्षाओं पर खरी उतर रही हूं, कहीं इन का इंट्रैस्ट मुझ में कम तो नहीं हो रहा ये ऐसी चीजें हैं, जिन में कई औरतें मरखप कर ही बाहर निकल पाती हैं, जबकि पतियों के पास और भी गम होते हैं जमाने के.

– शक का इलाज हकीम लुकमान के पास भी नहीं था. उम्मीद है ऐसी सर्जरी जो ब्रेन के उस हिस्से को काट फेंके जो शक पैदा करता है, जल्दी फैशन में आ जाए. तब तक ओवर पजैसिव और इनसिक्योर होने से बचो. कहीं का टौम क्रूज नहीं है वह जो सब औरतें पगलाती फिरें उस के पीछे. हो भी तो तुम्हारे खर्चे पूरा कर ले वही बहुत है. फिर फैमिली का भी तो पालन करना है. औलरैडी टौम है, तो बेचारे की संभावनाओं के कीड़े औलमोस्ट मर ही चुके समझो.

– लड़ाईझगड़े, चिड़चिड़ाना कौमन और एसैंशियल पार्ट हैं मैरिड लाइफ के. फिर बाद में वापस सुलह हो जाना भी उतना ही कौमन और एसैंशियल है. बस करना यह है कि जब अगला युद्ध हो तो पिछले के भोथरे हथियारों को काम में नहीं लाना है. पिछली बार भी तुम ने यही किया/कहा था, तुम हमेशा यही करते हो, रिश्तों में कड़वाहट घोलने में टौप पर हैं. जो बीत गई सो बात गई.

– हम लोग परेशान होने पर एकदूसरे से शेयर कर के हलकी हो लेती हैं, जबकि पुरुषों को ज्यादा सवालजवाब नहीं पसंद. कभी वह परेशान दिखे और पूछने पर न बताना चाहे तो ओवर केयरिंग मम्मा बनने की कोशिश मत करो. बताओ मुझे, क्या हुआ, क्यों परेशान हो, क्या बात है, मैं कुछ हैल्प करूं, प्यार नहीं खीझ बढ़ाते हैं. बेहतर है उसे एक कप चाय थमा कर 1 घंटे को गायब हो जाओ. फोकस करेगा तो समाधान भी ढूंढ़ लेगा. लगेगा तो बता भी देगा परेशानी की वजह. दोनों का मूड सही रहेगा फिर.

– कितनी भी, कैसी भी लड़ाई हो, शारीरिक हिंसा का एकदम सख्ती और दृढ़ता से प्रतिरोध करो. याद रखो एक बार उठा हाथ फिर रुकेगा नहीं. पहली बार में ही मजबूती से रोक दो. साथ ही बेइज्जती सब के सामने, माफीतलाफी अकेले में, यह भी न हो. अपनी सैल्फ रिस्पैक्ट को बरकरार रखो, हमेशा हर हाल में ईगो और सैल्फ रिस्पैक्ट के फर्क को समझते हुए.

– आदमी चेहरा और ऐक्सप्रैशंस पढ़ने में औरतों की तरह माहिर नहीं होते. इसलिए मुंह सुजा कर घूमने, भूख हड़ताल आदि के बजाय साफ बताओ क्या दिक्कत है.

– किसी भी मतलब किसी भी पुरुष से स्पष्ट और सही उत्तर की अपेक्षा हो तो सवाल एकदम सीधा होना चाहिए, जिस का हां या न में जवाब दिया जा सके. 2 उदाहरण हैं-

पहला

‘‘क्या हम शाम को मूवी चल सकते हैं?’’

‘‘हम्म, ठीक है, कोशिश करूंगा, जल्दी आने की, काम ज्यादा है.’’

दूसरा

‘‘क्या हम शाम को मूवी चलें? आ जाओगे टाइम पर?’’

‘‘नहीं, मीटिंग है औफिस में, लेट हो जाऊंगा तो चिढ़ोगी स्टार्टिंग की निकल गई. कल चलते हैं.’’

जब पुरुष का मस्तिष्क ‘सकना’ टाइप के कन्फ्यूजिंग शब्द सुनता है तो उत्तर भी कन्फ्यूजिंग देता है. अब पहली स्थिति में उम्मीद तो दिला दी थी. तैयार हो कर बैठने की मेहनत अलग जाती, टाइम अलग वेस्ट होता और पति के आने पर घमासान अलग. कभी किसी पुरुष को कहते नहीं सुना होगा कि क्या तुम मुझ से प्यार कर सकती हो या मुझ से शादी कर सकती हो? वे हमेशा स्पष्ट होते हैं, डू यू लव मी, मुझ से शादी करोगी? तो स्पष्ट सवाल की ही अपेक्षा भी करते हैं.

लास्ट बट नौट लीस्ट, अगर वह आप के साथ खड़ा है जिंदगी के इस सफर में, आप का साथ दे रहा है, तो यह सब से जरूरी बात है. आप इसलिए साथ नहीं हैं कि बुढ़ापे में अकेले न पड़ जाओ, न इसलिए कि इन प्यारेप्यारे बच्चों के फ्यूचर का सवाल है, बस इसलिए साथ हैं कि दोनों ने एकदूसरे का साथ चुना है, आखिर तक निभाने को…

डा नाजिया नईम

सैक्स लाइफ में इनकी नो ऐंट्री

दिलीप ने जब रुही से यह कहा कि वह बिस्तर पर अब पहले जैसा साथ नहीं देती, तो वह यह सुन कर परेशान हो उठी. फिर रुही ने सैक्स ऐक्सपर्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा से संपर्क किया.

डा. कुंदरा के मुताबिक, सैक्स सफल दांपत्य जीवन का महत्त्वपूर्ण आधार है. इस की कमी पतिपत्नी के रिश्ते को प्रभावित करती है. पतिपत्नी की एकदूसरे के प्रति चाहत, लगाव, आकर्षण खत्म होने के कई कारण होते हैं जैसे शारीरिक, मानसिक, लाइफस्टाइल. ये सैक्स ड्राइव को कमजोर बनाते हैं.

तनाव: औफिस, घर का वर्कलोड, आर्थिक समस्या, असमय खानपान आदि का सीधा असर तनाव के रूप में नजर आता है, जो हैल्थ के साथसाथ सैक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है.

डिप्रैशन: यह सैक्स का सब से बड़ा दुश्मन है. यह पतिपत्नी के संबंधों को प्रभावित करने के साथसाथ परिवार में कलह को भी जन्म देता है. डिप्रैशन के कारण वैसे ही सैक्स की इच्छा में कमी आ जाती है. ऊपर से डिप्रैशन की दवा का सेवन भी कामेच्छा को खत्म करने लगता है.

नींद पूरी न होना: 4-5 घंटे की नींद से हम फ्रैश फील नहीं कर पाते, जिस से धीरेधीरे हमारा स्टैमिना कम होने लगता है. इतना ही नहीं सैक्स में भी हमारा इंट्रैस्ट नहीं रहता है.

गलत खानपान: वक्तबेवक्त खाना और जंक फूड व प्रोसैस्ड फूड का सेवन भी सैक्स ड्राइव को खत्म करता है.

टेस्टोस्टेरौन की कमी: शरीर में मौजूद यह हारमोन हमारी सैक्स इच्छा को कंट्रोल करता है. इस की कमी से पतिपत्नी दोनों ही प्रभावित होते हैं.

बर्थ कंट्रोल पिल्स: बर्थ पिल्स महिलाओं में टेस्टोस्टेरौन लैवल को कम करती हैं, जिस से महिलाओं में सैक्स संबंधों को ले कर विरक्ति हो जाती है. पतिपत्नी का दांपत्य जीवन तभी सफल होता है, जब सैक्स में दोनों एकदूसरे को सहयोग करें. सैक्स एक दोस्त की तरह भी जीवन में रंग भर देता है. शादीशुदा जिंदगी से प्यार की कशिश और इश्क का रोमांच खत्म होने लगा है तो सावधान हो जाएं.

यदि आप की सैक्स लाइफ अच्छी है तो इस का सकारात्मक प्रभाव आप की सेहत पर भी पड़ता है.

जानिए, सैक्स के सेहत से जुड़े कुछ फायदे:

शारीरिक तथा मानसिक पीड़ा में राहत दिलाता है: सैक्स के समय शरीर में हारमोन पैदा होते हैं, जो दर्द की अनुभूति कम करते हैं. भले ही कुछ समय के लिए.

सर्दीजुकाम के असर को कम करता है: सैक्स गरमी, सर्दीजुकाम के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देता है. अमेरिका स्थित ओहियो यूनिवर्सिटी के अध्ययन बताते हैं कि चुंबन एवं प्यारदुलार करने से रक्त में बीमारियों से लड़ने वाले टी सैल्स की तादाद बढ़ जाती है.

मानसिक तनाव को कम करता है: सैक्स मन को शांति देने के साथसाथ मूड को भी बढि़या बनाने वाले हारमोन ऐंडोर्फिंस के उत्पादन में वृद्धि करता है. इस के मानसिक तनाव कम हो जाता है.

मासिकधर्म के पूर्व की कमी को कम करता है: सैक्स में लगातार गरमी के चलते ऐस्ट्रोजन स्तर काफी हद तक कम होता है. इस दौरान शरीर में थकान कम महसूस होती है.

दिल के रोग और दौरों की आशंका कम होती है: अकसर दिल के मरीजों को सैक्स संबंध बनाने से दूर रहने की सलाह दी जाती है. मगर अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ,  डा. के.के. सक्सेना के अनुसार, पत्नी के साथ सैक्स संबंध बनाने से पूरे शरीर का समुचित व्यायाम होता है, जिस से दिमाग तनावरहित हो जाता है. दिल के दौरों की आशंका कम हो जाती है. सैक्स संबंध बनाने से धमनियों में रक्त का प्रवाह और हृदय की मांसपेशियों की क्षमता बढ़ती है.

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