दोस्त का ब्रेकअप, कैसे करें मदद

‘‘क्या हुआ, तुम इतनी उदास क्यों बैठी हो,’’ नीता ने पूछा तो नेहा फूट पड़ी, ‘‘अविनाश से मेरा ब्रेकअप हो गया है. काफी समय से हम दोनों साथ थे परंतु उस ने मुझे धोखा दे दिया. आई डोंट नो यार, वह तो हमेशा साथ निभाने की बातें करता था, लेकिन उस के मन में क्या चल रहा था यह मुझे पता नहीं था.’’

‘‘यार नेहा, छोड़ अब इन बातों को और अपनी जिंदगी की नए सिरे से शुरुआत कर,’’ नीता ने नेहा के आंसू पोंछते हुए समझाया.

अकसर देखने में आता है कि ब्रेकअप के बाद युवतियां अपनेआप को काफी हताश महसूस करने लगती हैं साथ ही मानसिक रूप से भी इतनी अधिक कमजोर पड़ जाती हैं कि उन्हें जरूरत होती है ऐेसे दोस्त की जो उन्हें समझ सके.

अगर आप की दोस्त का भी ब्रेकअप हो गया है तो आप अपनी दोस्त को इस मुश्किल घड़ी से निकालने में मदद कर सकते हैं जानिए कैसे :

समझदारी दिखाएं

सब से पहले जरूरी है कि आप उस की बात समझिए आखिर उन के बीच हुआ क्या था? उसे अपने मन की बात बोलने दें, इस से उस का मन हलका होगा और जब आप उस की बात सुनेंगे तो उसे अपनेपन का एहसास भी होगा.

ब्रेकअप के बाद वैसे भी दोनों पार्टनर के मन में काफी कुछ चलता रहता है. दोनों एकदूसरे को दोषी ठहराते नजर आते हैं. ऐसे में आप की दोस्त में भी काफी गुस्सा होना लाजमी है. यदि वह आप को सबकुछ बता देगी तो उस का मन शांत हो जाएगा इसलिए बिना कोई राय दिए उस की पूरी बात सुनें.

अनदेखा करना

कई बार ऐसा होता है कि शुरू में जब आप की दोस्त का दिल टूटा होता है, आप उस की सब बातें सुन लेते हैं, लेकिन थोड़े दिन बाद उसे अनदेखा करने लगते हैं. इस से वह मानसिक तौर पर भी टूट जाती है, क्योंकि जिस से वह प्यार करती थी वह तो दूर चला ही गया अब तो उस के सच्चे दोस्त भी उसे अनदेखा कर रहे हैं.

इसलिए जरूरी है कि इस दौरान जब भी उसे अकेलापन महसूस हो, तो आप उसे खुशी का एहसास कराएं. इस से वह बेहतर तरीके से आप से जुड़ पाएगी और मजबूत होती चली जाएगी. इस के लिए आप उसे ज्यादा से ज्यादा समय दें, जब वह निराश हो तो उस में अपनी पौजिटिव बातों से नई ऊर्जा भरने की कोशिश करें. इस से वह बहुत जल्दी इस गम से उभर पाएगी.

घूमने जाएं

यदि आप उस के साथ कहीं घूमने का प्रोग्राम बनाते हैं तो उसे अच्छा लगेगा, क्योंकि ब्रेकअप के बाद युवतियां काफी तनाव में आ जाती हैं. इस तनाव से उभारने के लिए जरूरी है कि  आप उस का ध्यान किसी और जगह पर लगाएं. सभी पुराने दोस्तों को इकट्ठा करें और कहीं घूमने का प्लान बनाएं. किसी ऐसी जगह, जहां आप सभी ऐंजौय कर सकें. जैसे किसी कौमेडी मूवी को देखने या ऐम्यूजमैंट पार्क आदि जगहों पर वह अपनेआप को बेहतर महसूस करेगी और वैसे भी पुराने दोस्तों के साथ मजा दोगुना हो जाएगा.

विश्वासघात न करें

यदि आप अपनी दोस्त का सच्चा मित्र बनना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप उस से विश्वासघात न करें. जब वह आप के  सामने अपनी बातें शेयर कर रही हो तो जरूरी है कि आप उस की बातों को और कहीं किसी के सामने न बताएं, क्योंकि शायद उस ने अपने ब्रेकअप से पहले की कुछ सीक्रेट बातें आप से कह दी हों, लेकिन ऐसे में आप का फर्ज है कि उन की बातों को अपने तक ही रखें. धीरेधीरे आप उन के सब से भरोसेमंद फ्रैंड बन जाएंगे और वह आप से हर तरह की बात शेयर कर पाएगी.

बौयफ्रैंड की बुराई न करें

आप की दोस्त का बौयफ्रैंड जिस से उस का ब्रेकअप हुआ है, की बुराई न करें. इस से उस का मन और भी दुखी होगा. साथ ही वह बहुत ज्यादा तनाव महसूस करेगी बल्कि कोशिश करें कि  वह इन बातों से उबर सके, क्योंकि जितनी बातें आप उस से ब्रेकअप के बारे में करेंगे या उस के ऐक्स केबारे में करेंगे वह उतनी ही परेशान होगी. यह भी हो सकता है कि वह इरिटेट हो कर आप से बात करना ही छोड़ दे.

मजाक न बनाएं

कई लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों की बातों का मजाक उड़ाते फिरते हैं. यह भी नहीं सोचते कि उस पर क्या गुजर रही है. जरूरी यह है कि आप किसी की भावनाओं को बिना ठेस पहुंचाए उस को ऐसी परिस्थितियों से उबारने की कोशिश करें. मुश्किलें तो हर किसी के जीवन में आती हैं, लेकिन यदि हम सच्चे दोस्त हैं तो जरूरी है कि इस मुश्किल घड़ी में उस का साथ दें.

नए रिश्ते बनाने की सलाह

ब्रेकअप के बाद जब आप की फ्रैंड सिंगल है तो इस का यह मतलब कतई न निकालें कि उसे एक बौयफ्रैंड की सख्त जरूरत है. उसे समझाएं कि उस का ऐक्स बौयफ्रैंड उस के लिए बना ही नहीं था, उसे किसी ऐसे का चुनाव करना चाहिए जो उसे समझ सके. इस से उसे भी लगेगा कि जल्दबाजी में किसी से भी दोस्ती करने का कोई फायदा नहीं होगा.

ऐप्स से करें ‘पीरियड्स लौक’

आज की भागदौड़भरी जिंदगी को अगर पासवर्ड भरी लाइफ कहा जाए तो गलत नहीं होगा. हम अपने जीमेल, फेसबुक, फोन, एटीएम पिन व कई तरह के अन्य पासवर्ड्स को याद रखने में इतना ज्यादा ध्यान देते हैं कि अपनी हर महीने की सब से महत्त्वपूर्ण डेट को ही भूल जाते हैं. जी हां, हम पीरियड्स डेट के बारे में बात कर रहे हैं. अधिकांश युवतियों को अपनी पीरियड्स डेट्स याद नहीं होतीं, वे अंदाज से तारीख बताती हैं. अगर इस महीने की बता भी दें तो पिछले महीने की तारीख नहीं बता पातीं. तारीख याद नहीं रहने की वजह से कई बार उन्हें छोटीछोटी प्रौब्लम्स से भी गुजरना पड़ता है.

लेकिन अब आप को पीरियड्स की तारीख याद रखने की जरूरत नहीं. आप का एक टच आप की पीरियड्स डेट को लौक कर के आप को टैंशन फ्री रखेगा. आप सोच रही होंगी भला कैसे, तो कुछ ऐसे कि आप अपना मोबाइल तो हमेशा अपने पास रखती होंगी. बस, अपने फोन में पीरियड ट्रैकर ऐप्स डाउनलोड कर तारीख याद रखने के झंझट से छुटकारा पा कर अपने पीरियड्स को हैप्पी पीरियड्स बनाइए.

पीरियड ट्रैकर ऐप्स केवल ऐंड्रौयड फोन में ही नहीं चलते बल्कि आईफोन में भी डाउनलोड किए जा सकते हैं. कुछ में एक साधारण सा कलेंडर होता है जबकि कुछ में सर्विकल म्यूकस और शरीर के तापमान को भी मापा जा सकता है. ये ऐप्स केवल पीरियड्स की तारीख ही नहीं बताते बल्कि इन से आप अपनी प्रैग्नैंसी भी प्लान कर सकती हैं. ये ऐप्स आप को बताते हैं कि आप कब कंसीव कर सकती हैं, कब फर्टिलिटी ज्यादा होती है, कब संबंध बनाने से बचना चाहिए. इस में आप पीरियड्स के दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव व फीलिंग्स के नोट्स भी तैयार कर सकती हैं.

ये हैं कुछ पीरियड्स ट्रैकर ऐप्स

पीरियड ट्रैकर लाइट

यह फ्री ऐप है जिसे आप अपने फोन के प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकती हैं. इस ऐप की खास बात यह है कि इस का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है. इस में बस आप को अपने पीरियड के पहले और आखिरी दिन एक क्लिक करना होगा. इस के बाद ऐप आप को इस डाली गई सूचना के आधार पर यह बताता है कि आप का पीरियड साइकिल कितने दिन का होगा, महीने के किन दिनों में कंसीव करने की संभावना अधिक होगी साथ ही रिमाइंडर आप को बताता रहता है कि किस तारीख को आप का पीरियड आने वाला है.

पिंक पैड

यह ऐप पीरियड ट्रैकर होने के साथसाथ महिलाओं से जुड़े कई विषयों पर जरूरी जानकारी भी देता है. इस पीरियड ट्रैकर में पूरी दुनिया की महिलाओं द्वारा लिखे गए पोस्ट भी मिलेंगे, जो फैशन, ब्यूटी और हैल्थ जैसे विषयों पर होते हैं. इस ऐप की खास बात यह है कि इस में पीरियड का काउंटडाउन आप की होम स्क्रीम पर दिखाई देता है जिस से आप को ऐप ओपन कर के यह देखने की भी जरूरत नहीं कि पीरियड्स में कितने दिन बाकी हैं.

क्लू

यह ऐप काफी आकर्षक तरीके से डिजाइन किया गया है. इस में आप को अपने पीरियड की तारीख और सर्कल के बारे में लिखना होता है. कुछ महिलाओं में यह सर्कल 28 दिन का होता है तो कुछ में 30 दिन का. यह ऐप इस सूचना का इस्तेमाल कर आप को अगले महीने की पीरियड तारीख और अंडोत्सर्ग के बारे में बताता है. इस ऐप में आप अपने मूड व शारीरिक बदलाव व हार्मोनल लक्षण के बारे में एक कस्टम टैग भी बना सकती हैं. इस में आप कब सैक्स किया और गर्भ निरोधक दवाओं को खाने का रिमाइंडर भी लगा सकती हैं.

मंथली साइकल्स

इस का इस्तेमाल कर आप आसानी से अपने पीरियड्स को मौनिटर व मैनेज कर सकती हैं. इस कलेंडर में मैंस्ट्रुअल सर्कल को हाईलाइट करने के लिए कलर डौट्स का इस्तेमाल किया जाता है.

साइकल्स

यह ऐप उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जो मूड और अन्य लक्षणों को ट्रैक नहीं करना चाहतीं, सिर्फ यह जानना चाहती हैं कि कब उन का पीरियड आने वाला है.

इस के अलावा माई साइकल्स, पी लौग, फर्टिलिटी फ्रैंड मोबाइल, लव साइकल्स मैंस्ट्रुअल कलेंडर, किंडरा, आई पीरियड, पीरियड फ्री कई ऐप्स हैं जिन्हें डाउनलोड कर के पीरियड्स डेट को लौक किया जा सकता है.

पीरियड ट्रैकर ऐप्स के फायदे

– इन ऐप्स में आप की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाता है.

– जो महिलाएं कंसीव करना चाहती हैं उन्हें यह ऐप महीने के सब से फर्टाइल दिनों की जानकारी देता रहता है, साथ ही जो अपनी प्रैग्नैंसी टालना चाहती हैं उन्हें भी पता चलता है कि कब संबंध बनाना सुरक्षित

नहीं है.

– इस के रिमाइंडर से पता चलता है कि पीरियड्स में कितने दिन बचे हैं, जिस से आप को पैड व हैल्थ हाईजीन प्रौडक्ट्स कैरी करने में आसानी होती है.

– आप को अपने मैंस्ट्रुअल सर्कल के बारे में पता चलता रहता है. अगर कभी पीरियड्स संबंधी कोई समस्या होती है तो आप को अपने पिछले सारे रिकौर्ड्स डाक्टर को बताने में आसानी होती है.

– इन ऐप्स की सहायता से आप ट्रैक कर सकती हैं कि आप का पीरियड सर्कल नौर्मल चल रहा है या नहीं.

प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने जा रही हैं तो पढ़ लें ये टिप्स

दिन-ब-दिन ब़ढ़ती महंगाई, बच्चों की हायर स्टडीज और लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियों के चलते आम आदमी के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करना थोड़ा मुश्किल होता है. वैसे भी प्रॉपर्टी में निवेश करना बहुत जोखिम का काम होता है, लेकिन अपने और अपने परिवार के सुरक्षित भविष्य के लिए यह जोखिम उठाया जा सकता है. प्रॉपर्टी में निवेश करके आप भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर सकती हैं.

योजना बनाएं :

अगर आप प्रॉपर्टी में निवेश करने की सोच रही हैं, तो सबसे पहले योजना बनाएं कि प्रॉपर्टी खरीदने में आपको कितनी अनुमानित राशि खर्च करनी है? प्रॉपर्टी कहां लेनी है? किस बैंक से लोन लेना है? आदि आदि. इन बातों को ध्यान में रखकर योजना बनाएंगी, तो प्रॉपर्टी में निवेश करना आसान होगा. योजना के अनुसार प्रॉपर्टी खरीदने पर खर्चे बजट के अंदर होंगे और आप अतिरिक्त खर्चों के बोझ से भी बचेंगी.

अपना बजट तय करें :

प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाने के बाद दूसरा चरण आता है बजट का. बजट बनाते समय प्रॉपर्टी की अनुमानित कीमत, स्टैंप ड्यूटी, ब्रोकर की फीस, मॉर्गेज इंश्योरेंस (अगर आवश्यक हो तो), मेंटेनेंस चार्जेस आदि खर्चों का ध्यान रखें. इसके अलावा कुछ अन्य खर्चे, जैसे- बैंक से कितना लोन मिल सकता है, फिक्स्ड डिपॉजिट्स आदि से कितना मैनेज हो सकता है. यदि रेनोवेशन, इंटीरियर और होम डेकोर आदि कराना है, तो कितना खर्च आएगा? इन सब बातों को ध्यान में रखकर अपना बजट बनाएं.

लोकेशन का चुनाव करें :

यह भी एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है कि आपको किस एरिया में प्रॉपर्टी खरीदनी है? वहां पर किस-किस तरह की सुविधाएं (बच्चों के लिए पार्क, स्कूल, अस्पताल, मॉल आदि) उपलब्ध हैं? वहां पर भविष्य में विकास की कौन-कौन-सी संभावनाएं हैं? भविष्य में अगर किराए पर देना हो या प्रॉपर्टी बेचनी पड़े, तो मुना़फे की कितनी संभावना है. यदि इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रॉमिसिंग एरिया का चुनाव करेंगी, तो प्रॉपर्टी में निवेश करना आसान होगा.

अनुभवी व योग्य प्रॉपर्टी मैनेजर/रियलटर्स का चुनाव :

प्रॉपर्टी खरीदने के लिए स्थानीय एजेंट की बजाय विश्‍वसनीय, कुशल व योग्य प्रॉपर्टी मैनेजर या रियलटर्स (रियल इस्टेट एजेंट, जिनका संबंध नेशनल एसोसिएशन ऑफ रियलटर्स से होता है और प्रॉपर्टी की खरीद-फरोक्त करते समय वे एसोसिएशन से जुड़े नियमों को फॉलो करते हैं) का चुनाव करें. ये प्रॉपर्टी मैनेजर आपको प्रॉपर्टी संबंधी सही अधिकार और जिम्मेदारियों के बारे में बताएंगे, ताकि डील करते समय आपके साथ किसी तरह की कोई धोखाधड़ी न हो. ये मैनेजर्स आपके बजट और रिक्वायरमेंट के अनुसार प्रॉपर्टी खरीदने में आपकी मदद करेंगे.

मार्केट के उतार-चढ़ाव को जानें :

लोकेशन का चुनाव करने के बाद मार्केट के उतार-चढ़ावों का समझदारी के साथ अध्ययन करें. उस एरिया के प्रॉपर्टी मैनेजर और लोकल एजेंट से मिलकर सारी जानकारियां हासिल करें. लेकिन 1-2 व्यक्तियों से ही नहीं, बल्कि रियल इस्टेट/प्रॉपर्टी के बिजनेस से जुड़े अन्य लोगों से मिलकर उस प्रॉपर्टी के बारे में कुछ जानकारियां हासिल करें. इंटरनेट पर भी आप उस एरिया/लोकेशन की प्रॉपर्टी की कीमत, औसत किराया और अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त नेट पर उनके फ्री कॉन्टैक्ट नंबर भी दिए रहते हैं, जिन पर डायल करके आप उनसे मार्केट और प्रॉपर्टी के बारे में पूछ सकती हैं.

अतिरिक्त खर्चों के बारे में जानकारी हासिल करें :

डील फाइनल करने से पहले प्रॉपर्टी से जुड़े अन्य खर्चों के बारे में सारी जानकारियां प्राप्त कर लें. ये अन्य खर्च हैं- लैंड टैक्स, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट टैक्स, काउंसिल रेट्स, डेवलपमेंट टैक्स और इंश्योरेंस आदि. डील फाइनल होने के बाद इन खर्चों का भुगतान आपको ही करना पड़ेगा. इसलिए प्रॉपर्टी मैनेजर/ब्रोकर से इन अतिरिक्त खर्चों के बारे में सही जानकारी ले लें.

जांच-पड़ताल करें :

यदि आप पुरानी प्रॉपर्टी में निवेश करने की सोच रही हैं, तो खरीदने से पहले प्रॉपर्टी डीलर या मैनेजर से सारी बातें पूछ लें यानी प्रॉपर्टी संबंधी दस्तावेज़ों के बारे में अच्छी तरह जांच-पड़ताल कर लें. हो सकता है प्रॉपर्टी की ओनरशिप (स्वामित्व) लेने से पहले आपको उसे रिपेयर या रिनोवेट कराना पड़े. इसलिए पुरानी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले किसी प्रोफेशनल बिल्डिंग इंस्पेक्टर को हायर करें और उससे बिल्डिंग संबंधी पूरी जानकारी हासिल कर लें. तभी प्रॉपर्टी के पर्चेज कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करें. ऐसा करके आप प्रॉपर्टी पर होनेवाले अनावश्यक खर्चे से बच सकती हैं.

अच्छे बैंक या ब्रोकर की तलाश करें :

यदि आपको प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए किसी फाइनेंसर की जरूरत है, तो उसके लिए अपने एरिया के प्रतिष्ठित बैंक या मॉर्गेज ब्रोकर की तलाश करें, जो लोन दिलाने में आपकी मदद करें. रियलटर्स भी एक बेस्ट ऑप्शन हैं, जो लोन दिलवाने में आपकी मदद करते हैं. इसके अलावा आप किसी अन्य इन्वेस्टर्स या बैंकों से भी फाइनेंशियल मदद (लोन) ले सकती हैं. आजकल नेशनलाइज्ड बैंक ही नहीं, प्राइवेट बैंक भी होम लोन की सुविधा अपने कस्टमर्स को उपलब्ध कराते हैं, वो भी आकर्षक ऑफर्स के साथ.

होमलोन संबंधी जानकारियां :

प्रॉपर्टी के लिए लोन लेने से पहले विभिन्न बैंकों से ब्याज दर, समयावधि, टैक्स बेनीफिट्स आदि के बारे में सारी जानकारियां हासिल कर लें. आजकल बैंक अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए होमलोन पर सस्ती ब्याज दर पर ङ्गस्पेशल स्कीमम जैसे ऑफर देते हैं, जिससे उन्हें टैक्स में भी फायदा मिले.

डीलर से ही नहीं, ऑक्शन साइट्स में जाकर देखें :

अब वह समय बीत गया, जब प्रॉपर्टी खरीदने के लिए खरीददार को प्रॉपर्टी डीलर/एजेंट के कई चक्कर लगाने पड़ते थे. टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव को प्रॉपर्टी के बिजनेस में भी देखा जा सकता है. ऑनलाइन वेबसाइट्स के जरिए भी आप अपनी मनपसंद प्रॉपर्टी खरीद सकती हैं. आजकल कई ऑनलाइन रियल इस्टेट ऑक्शन साइट्स हैं, जो प्रॉपर्टी की खरीद करती हैं. इन साइट्स पर लॉग इन करके आप अपने मनपसंद एरिया/लोकेशन में जाकर सारी आवश्यक जानकारी हासिल कर सकती हैं.

प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले…

– निवेश करने के लिए ऐसी प्रॉपर्टी का चुनाव करें, जिसे भविष्य में यदि बेचना पड़े, तो अच्छा रिटर्न मिलने की पूरी संभावना हो.

– यदि आप दूर-दराज़ के इलाकों में प्रॉपर्टी खरीद रही हैं, तो फ्रॉड से बचने के लिए सारे कागजी दस्तावेजों को अच्छी तरह से जांच-परख लें.

– याद रखें, प्रॉपर्टी के बिज़नेस में कीमतें मार्केट के उतार-चढ़ाव के अनुसार बढ़ती और घटती हैं. इसलिए प्रोफेशनल लोगों से सलाह लिए बिना न तो प्रॉपर्टी में निवेश करें और न ही बेचें.

– प्रॉपर्टी केवल ड्रीम होम ही नहीं होता, बल्कि भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए किया गया निवेश होता है, प्रॉपर्टी खरीदते समय इमोशनल होने की बजाय समझदारी से काम लें.

बिना वीजा घूम आएं विदेश

इस गर्मी आप भी कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे होंगे. तो हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे देश जहां जाने के लिए भारत के लोगों को वीजा की जरूरत नहीं है.

फिजी

फिजी एक परफेक्ट हॉलिडे डेस्टिनेशन है. यहां 333 ट्रॉपिकल आइलैंड हैं. साथ ही फिजी के वर्ल्ड क्लास बीच और स्पाज में भी इंजॉय कर सकते हैं.

इंडोनेशिया

दक्षिणपूर्व एशिया का यह देश भारतीयों को वीजा ऑन अराइवल देता है. बाली के बीचेज पर्यटकों के बीच दुनियाभर में काफी फेमस हैं. साथ ही यहां हजारों वॉलकैनिक आइलैंड भी है.

डॉमिनीका

इस कैरिबियाई आइलैंड देश में नैचरल हॉट स्प्रिंग्स और रेनफॉरेस्ट हैं. आप यहां आकर इस देश की प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं.

थाइलैंड

इस देश में भी पर्यटकों को वीजा ऑन अराइवल दिया जाता है और घूमने फिरने के लिहाज से भी यह देश टूरिस्ट के बीच काफी फेमस है. यहां के ट्रॉपिकल बीच, रॉयल पैलेस और भगवान बुद्ध के मंदिर बेहद खूबसूरत और विश्व प्रसिद्ध हैं.

मालदीव

मालदीव, बॉलीवुड सितारों का फेवरिट हॉलिडे डेस्टिनेशन है. यहां जाने पर टूरिस्ट्स को वीजा ऑन अराइवल दिया जाता है. यहां के बीच और सीनिक ब्यूटी दुनियाभर में मशहूर है.

जमैका

इस कैरिबीयन देश में पहाड़, रेनफॉरेस्ट और रीफ लाइन्ड बीचेज हैं. यहां आकर आप बेहद कम कीमत में नैचरल ब्यूटी को एक्सप्लोर कर सकते हैं. साथ ही जमैका, रेगे म्यूजिक का भी बर्थ प्लेस माना जाता है.

जॉर्डन

यह देश पश्चिम एशिया के अरब साम्राज्य के तौर पर जाना जाता है. यहां घूमने के लिए करीब 1 लाख से भी ज्यादा पुरातत्व संबंधी और पर्यटन की जगह हैं. पेट्रा और जेराश, जॉर्डन का सबसे मशहूर टूरिस्ट अट्रैक्शन है.

इन फलों और सब्जियों को कच्चा ही खाएं

जब हम खाने को पकाते, उबालते या फिर फ्राई करते हैं तो खाने के कुछ पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. जी हां. कुछ सब्जियों को पका कर खाने से उनमें मौजूद विटामिन नष्ट हो जाते हैं. इसलिए अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए आप इन खाद्य पदार्थों को कच्चा खाएं.

ब्रोकली

ब्रोकली में विटामिन सी और कैल्शियम की मात्रा खूब होती है. इसमें सल्फोराफेन नाम का यौगिक होता है जो कि ब्लड प्रेशर कम करने के लिए जाना जाता है. ब्रोकली को उबालने से 70 प्रतिशत सल्फोराफेन खत्म हो जाता है. इसलिए बेहतर है आप इसे कच्चे रूप में खाएं.

शिमला मिर्च

शिमला मिर्च में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होती है. लेकिन अगर शिमला मिर्च को ज्यादा तापमान पर पकाया जाता है तो इसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं.

अमरुद

भारत के कुछ क्षेत्रीय जगहों पर अमरुद को व्यंजन की तरह पकाया जाता है. कही जगह इसकी करी भी बनाई जाती है. हालांकि पकने पर यह स्वादिष्ट लगता है लेकिन इसके अंदर पानी में घुलनशील तत्व नष्ट हो जाते हैं.

अंकुरित अनाज

अंकुरित अनाजों में विटामिन सी, फाइबर, फोलेट, कॉपर और मैंगनीज भारी मात्रा में होते हैं. लेकिन पकाने या फ्राई करने पर इनमें विटामिन सी और फोलेट की मात्रा कम हो जाती है.

सूखे मेवे

मेवों को भूनने से उनमें आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस की मात्रा कम हो जाती है. इसलिए उन्हें भी कच्चा खाया जाये तो ज्यादा सही है.

अपने कपड़े उतारकर मरीजों का इलाज करती है ये लेडी डॉक्टर, वीडियो वायरल

धरती पर डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता हैं, डॉक्टरों को लेकर समाज में एक छवि बनी हुई हैं. लेकिन, अब ये छवि धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही हैं. इलाज के रोज नये-नये तरीके आ रहे हैं. पश्चिमी देशों में चिकित्सीय सुविधायें काफी अच्छी हैं. हालांकि, इसके साथ ही वहां नई-नई बीमारियां सामने आ रही हैं. जिनके इलाज के लिए अलग-अलग तौर-तरीके अपनाये जा रहे हैं. मेडिकल साइंस लगातार तरक्की कर रहा हैं लेकिन, हमारे देश में अस्पतालों की स्थिति को देखकर कहा जाता हैं कि भगवान न करे कि किसी को भी अस्पताल जाना पड़े.

डॉक्टर का जिक्र होने पर आपके मन एक छवि बनती हैं. सफ़ेद कोट पहने हुए एक शख्स जिसके गले में स्टेथोस्कोप लटकता रहता हैं. लेकिन, ये फीमेल डॉक्टर इस छवि के एकदम विपरीत हैं. वह अपने कपड़े उतारकर मरीजों का इलाज करती है.

जी हां, हम आपको ऐसे ही एक डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे है. जिससे मिलने के लिए लोग कतार लगाए खड़े रहते हैं. हो भी क्यों न ये डॉक्टर लोगों का बिना कपड़े पहने इलाज जो कर रही है. अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहने वाली 24 वर्षीय साराह व्हाइट एक डॉक्टर हैं. यह एक मनोचिकित्सक है. ये डॉक्टर अस्तपाल में आए पुरुषों का इलाज करते वक्त निर्वस्त्र हो जाती हैं.

सराह व्हाइट का ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं. वो अपने मरीजों खासकर पुरुष मरीजों का इलाज करते वक्त अपने सारे कपड़े उतार देती हैं. साराह का दावा हैं कि वो इस थेरेपी के जरिये मर्दों की यौन कुंठा बाहर निकालती हैं.

इलाज का ये तरीका मरीजों को खूब पसंद आ रहा हैं. यह डॉक्टर मरीजो की थेरेपी करती है जो मरीजो को काफी पसंद आ रही है और वह एक सेशन की कीमत 7000 रुपए लेती है. यह खबर जबसे फैलने लगी है, उसके बाद से इलाज करवाने के लिए भीड़ जमा होनी शुरू हो गयी है. इस फीमेल डॉक्टर ने इलाज करने का एक नया तरीका अपनाया है.

साराह के मुताबिक वह दुनिया के महान चिकित्सक फ्रायड की थ्योरी के अनुरुप इलाज कर रही हैं. आपको बता दें कि साराह निर्वस्त्र थेरेपी से इलाज ऑनलाइन करती हैं. मरीजों के इलाज के लिए वह वेबकैम का इस्तेमाल करती हैं. मरीज से बात करते-करते वो अपने सारे कपड़े उतार देती हैं. वो दावा करती हैं कि मर्दों के अंदर दबी हुई यौन कुंठा को बाहर निकालती हैं. इस थेरेपी के जरिये वह मरीजों के साथ बहुत जल्द अंतरंग संबंध बना लेती हैं. जिसके कारण मरीज खुलकर अपनी दबी हुई इच्छाओं को जाहिर करते हैं.

हॉट हेयरस्टाइल फॉर हॉट वैदर

खूबसूरत दिखने में हेयरस्टाइल बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. युवतियां हर मौके पर अलगअलग हेयरस्टाइल कैरी करना चाहती हैं, लेकिन इस के लिए जरूरी नहीं कि पार्लर जा कर ही हेयरस्टाइल बनवाया जाए. आप चाहें तो घर पर ही एक अच्छा और नया हेयरस्टाइल ट्राई कर सकती हैं. आइए जानें कैसे :

शादी या फंक्शन में जाने के लिए हेयरस्टाइल

सब से पहले बालों को सुलझा लें. फिर फ्रंट के थोड़े से बालों को सौफ्ट लुक देने के लिए छोड़ दें और बाकी बैक कौंब करते हुए स्प्रे करें. फिर कुछ बालों को ले कर लूप बनाते हुए जूड़ा बनाती जाएं. जूड़े की फाइनल फिनिशिंग जूड़ा पिन से करें. बाद में ज्वैलरी से मैचिंग सिल्वर या गोल्डन ज्वैल्ड फ्लावर्स या पिन्स लगाएं.

गर्लिश लुक हेयरस्टाइल

इस हेयरस्टाइल के लिए बालों को आयरन रोड से सीधा कर लें और आगे के बालों की हलके हाथों से बैक कौंबिंग करते हुए पफ बना लें. बैक कौंबिंग किए बालों को साइड में पिनअप कर लें. इस तरह के हेयरस्टाइल के लिए ज्वैल्ड पिन्स का प्रयोग कर के स्टाइलिश लुक पाया जा सकता है.

बर्थडे गर्ल के लिए क्राउन पोनी

फ्रंट में यानी क्राउन पोर्शन के एक सैक्शन से बाल छोड़ कर पीछे के बालों में बैक कौंबिंग करें और अपनी पसंद के अनुसार हाई या बैक पोनी बना लें. अब आगे के बालों को ले कर अंदर की तरफ फोल्ड कर के पिनअप करें. इस तरह आप का हाई क्राउन तैयार हो जाएगा. अब आप अपनी चेन स्टाइल हेयर ऐक्सैसरीज से उसे डैकोरेट करें.

कालेज फेयरवल पार्टी

अगर आप के बाल छोटे हैं और आप अपने इस खास दिन कुछ अलग लंबे बालों वाला लुक चाहती हैं तो इस के लिए फोरहैड के पास वाले बालों का एक सैक्शन छोड़ कर पीछे के बालों में कौंब कर के पोनी बनाएं. आजकल बाजार में कई वैराइटी में स्टाइलिश ऐक्सटैंशन उपलब्ध हैं. लंबे बालों को ऐक्सटैंशन ले कर पोनी पर अटैच करें. अब आगे के बालों को एकदम सीधा ऊपर की तरफ उठा कर बैक कौंबिग करें. अब इन्हें बनाई गई पोनी के ठीक पास बौबी पिन से अटैच करें और पोनी के बेस में लगाए गए रबड़बैंड पर लपेट दें. बचे हुए एंड्स को जूड़ा पिन से टक करें.

मैसी बन फौर कालेज आउटिंग

अपने अंदर की फंकी साइड को बाहर लाना चाहती हैं तो उस के लिए मैसी बन को जरूर कैरी करें, क्योंकि इसे कैरी कर आप अपने दोस्तों के साथ आउटिंग पर भी जा सकती हैं. इसे बनाना भी बहुत आसान है, इस के लिए आप को कौंब की भी जरूरत नहीं है बस, सारे बालों को हाथ से ही सीधा कर के एक पोनी बनाएं और फोल्ड कर के रबर लगा लें.

पूल पार्टी के लिए हेयरस्टाइल

कुछ नया करने के लिए बालों की जड़ों में वौल्यूमाइजिंग हेयर स्प्रे लगाएं और माथे के ठीक ऊपर के बालों को बैक कौंब कर के मनचाही ऊंचाई दे कर बौबी पिन्स से सैट करें. पूल पार्टी के लिए यह हेयरस्टाइल बुरा नहीं है.

ट्रैंडी व कैजुअल लुक के लिए

ट्रैंडी और कैजुअल लुक के लिए वौल्यूमाइजिंग से बाल धोएं. फिर हलके गीले बालों के अंतिम सिरों पर थोड़ा सा सीरम लगाएं और हथेलियों से नीचे से ऊपर की ओर कुछ देर प्रैस करें. फिर इन्हें नैचुरली सैट होने दें. कौरपोरेट पार्टी अटैंड करने के लिए आप तैयार हैं.

इस तरह आप हौट वैदर में हौट हेयरस्टाइल से सब को फिदा कर सकती हैं. आप के हौट हेयरस्टाइल को देख कर सब वाओ कहे बिना नहीं रहेंगे, जिससे आपका कौन्फिडैंस बूस्टअप होगा.

इसके अलावा गर्मियों के लिए कुछ खास हेयरस्टाइल

पोनीटेल : गर्मियों में पोनीटेल बनाने से अच्छा हेयरस्टाइल कोई हो ही नहीं सकता. इस से एक तरफ आप गरमी से बची रहती हैं दूसरे, पोनीटेल स्टाइलिश और स्पोर्टी लुक भी देती है. इस हेयरस्टाइल में सारे बालों को पीछे की ओर से रबड़बैंड या रिबन से बांध दिया जाता है. पोनीटेल को आकर्षक बनाने के लिए कलरफुल पोनीटेल होल्डर भी लगाया जा सकता है.

शौर्ट लेयर्ड हेयर कट : यह हेयरस्टाइल किसी भी तरह के बालों पर बनाया जा सकता है. कर्ली और स्टेट बालों पर भी यह स्टाइल फबता है. इस में बालों को इस स्टाइल से काटा जाता है कि उस की कई लेयर नजर आती हैं जिन से बाल देखने में हैवी भी लगते हैं.

सुपर स्लीक शौर्ट हेयरस्टाइल : जिन के बाल सिल्की और बिलकुल स्टेट हैं उन पर यह स्टाइल अच्छा लगता है.

बौब हेयरस्टाइल : गरमियों के हिसाब से बौब हेयरकट सब से ज्यादा अच्छा रहता है. इसे किसी भी तरह के चेहरे के अनुरूप काटा जा सकता है. इस शौर्ट हेयरकट में सिर के चारों तरफ बाल सीधे काटे जाते हैं, जोकि लैंथ से थोड़े नीचे रहते हैं. कानों को ढकते हुए इस हेयर कट में बाल पीछे की अपेक्षा आगे से थोड़े लंबे होते हैं. बौब कट में भी कईर् स्टाइल हो सकते हैं जैसे कि अगर इस में बीच से पार्टीशन करते हैं तो एक साइड लंबे रख सकते हैं और दूसरी तरफ छोटे. इस के अलावा बौबकट में ‘चिन लैंथ ट्रैडिशनल बौबकट’, ‘शौर्ट लैयर्ड ब्लांड बौब स्टाइल’ भी ट्राई कर सकती हैं.

क्रौप : इस हेयरस्टाइल में बाल एकदम छोटे रहते हैं व बालों के सिरे ब्रोकन एग स्टाइल में कटे होते हैं जिस से इन्हें संवारने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. यह कट शार्प फीचर वाले फेस पर ज्यादा फबता है.

ब्लांड कर्ली हेयरकट : इस में बालों को घना दिखाने के लिए उन्हें लेयर में काटा जाता है. इस हेयरकट की खासीयत यह है कि इसे लंबे और छोटे दोनों प्रकार के बालों में बनाया जा सकता है. यह हेयरस्टाइल गोल या लंबे किसी भी चेहरे पर अच्छा लगता है.

रोलरकट : लौंग बालों को रोलर्स से पर्म कर के भी डिफरैंट स्टाइल कैरी किया जा सकता है.

स्ट्रेटनिंग  : आप बालों में सीरम या फिर जैल लगा कर भी उन्हें स्ट्रेट कर सकती हैं.

फ्रिंज कट : फ्रिंज हेयरकट भी कई तरह का होता है जैसे कि विस्पी फ्रिंज, थिक व थिन फ्रिंज, लौंग, साइड एवं शौर्ट फ्रिंज स्टाइल. इन में से कोई भी स्टाइल आप अपने बालों के अनुरूप चुन सकती हैं.

स्पाइस हेयरकट : यह अकसर सैलिब्रिटीज के द्वारा बनाया जाने वाला काफी कौमन हेयरस्टाइल है. इस में बाल ऊपर की ओर उठे हुए होते हैं.

फ्लैट टौप हेयरस्टाइल : इस हेयरस्टाइल में बाल फ्रंट से स्ट्रेट व साइड से छोटे होते हैं, जिन में सिर पर सामने के बालों की ऊंचाई 1 इंच से कम होती है और ये सीधे खड़े बाल ऊपर से एकसमान सपाट होते हैं.

– शिखा

वृद्धों में एलर्जी की समस्या

एलर्जी होने का खतरा सिर्फ छोटे बच्चों या फिर किशोरावस्था में ही होने का नहीं होता बल्कि वृद्धावस्था, खासकर 70 वर्ष से ऊपर की अवस्था, में भी पहली बार एलर्जी की शिकायत हो सकती है. अमेरिकन कालेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा ऐंड इम्यूनोलौजी के एक अध्ययन में कहा गया है कि करीब 30 प्रतिशत वयस्कों, विशेषकर वृद्धों, में पहली बार नाक की एलर्जी होने का खतरा रहता है.

ऐसा होने के पीछे कई कारण हैं और एलर्जी वयस्कों में भी उतनी ही सामान्य है जितनी कि शिशुओं और बड़े होते बच्चों में. विशेषज्ञों की राय है कि ऐसा शारीरिक सक्रियता की कमी, कमजोर रोग प्रतिरोधकता, किसी बीमारी, मनोवैज्ञानिक वजह जैसे कि जीवनसाथी या किसी परिजन की मृत्यु, तनाव और चिंता आदि के चलते हो सकता है.

जाहिर है बुजुर्गों को ऐसे शारीरिक व मानसिक लक्षणों का ज्यादा सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि वृद्धों को एलर्जी की शिकायत अपेक्षाकृत ज्यादा होती है. कई बार यह भी देखा गया है कि जैसेजैसे आयु बढ़ती है शरीर में भोजन की पहचान करने की क्षमता क्षीण होने लगती है. ऐसे में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सुपाच्य भोजन और विषाक्त भोजन में भेद नहीं कर पाती और अच्छे भोजन के पहुंचते ही खतरे का संकेत दे देती है, जिस में एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया भी एक है.

वृद्धों में एलर्जी की पहचान

बच्चों की तरह ही वयस्कों और वृद्धों में भी एलर्जी के सामान्य लक्षण नजर आते हैं जैसे कि नाक से द्रव बहने लगना, आंखों में जलन होना, छींकना और आंखें लाल हो जाना आदि. कुछ लोगों में मलत्याग के समय जलन, पेटदर्द, उलटी की इच्छा, चक्कर आना, सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत और नाक के जाम होने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं.

भोजन संबंधी एलर्जी : वृद्धों में सामान्यतया कुछ खास खाद्य पदार्थों, जैसे शैलफिश, पोल्ट्री अंडों और मूंगफली आदि से एलर्जी पाई जाती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि वृद्धावस्था में शरीर कुछ विशेष भोज्य पदार्थों में भेद नहीं कर पाता और श्वेत रक्त कणिकाओं को एकत्रित होने का संकेत दे बैठता है जिस से एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो जाती है.

नासाशोथ : इस अवस्था में वृद्धों में लगातार नाक बहने लगती है. ऐसा श्वसन प्रणाली के ऊपरी हिस्से में संक्रमण होने, जुकाम होने, साइनस होने, किसी रसायन की मौजूदगी या हवा में तैरते प्रदूषकों के कारण हो सकता है. मौसम बदलने पर यह समस्या बढ़ जाती है.

अस्थमा : अकसर देखा गया है कि अधिक उम्र वाले लोग प्रदूषण, धूल और परागकणों के प्रति थोड़े संवेदनशील होते हैं. इन पदार्थों के संपर्क में आने पर इन में से कई को अस्थमा और सांस की ऐसी कुछ तकलीफें होने लगती हैं.

ताप एलर्जी : कम प्रतिरोधक क्षमता और कमजोर शरीर के चलते वृद्धों में ताप से जुड़ी समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जैसे कि हीट स्ट्रोक या आघात. वृद्धों को जल्दी थकान, डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी हो जाती है जो एलर्जी को जन्म दे देती है. उम्र बढ़ने के साथसाथ संवेदनशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है और ऐसे लोगों को त्वचा की एलर्जी हो जाती है. 

एलर्जी से करें मुकाबला

अकसर ऐसा देखने में आया है कि बच्चों को कोई तकलीफ  होने पर तत्काल चिकित्सा उपलब्ध करा दी जाती है, जबकि वृद्धों के मामले में अकसर मर्ज पकड़ में नहीं आता और उन का गलत इलाज होने लगता है. कभी-कभी तो चिकित्सक भी उन की एलर्जी के लक्षणों की अनदेखी कर जाते हैं, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि वृद्धों को एलर्जी से निबटना सिखाया जाए और उन के लक्षणों को देख कर जल्दी से जल्दी उन्हें चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए.

– उन के चिकित्सा परीक्षण नियमित तौर पर होते रहने चाहिए, खासतौर पर एलर्जी का कोई लक्षण सामने आने पर.

– उनकी एलर्जी को समझने के लिए स्क्रैच टैस्ट या एक रक्त परीक्षण सहायक हो सकता है.

– यह भी अत्यावश्यक है कि वातावरण और घर की साफसफाई रखी जाए. घर में परागकणों या प्रदूषकों के प्रवेश के रास्ते बंद किए जाएं. एलर्जी कारक तत्त्वों को घर के वातावरण से पूरी

  तरह से हटा देना एक अच्छा उपाय हो सकता है.

– हाइपोएलर्जिक मैटीरियल और फर्नीचर का प्रयोग कर के भी वृद्धजनों की एलर्जी की समस्या को कम किया जा सकता है.

– उम्र बढ़ने के साथ किस तरह की एलर्जी परेशान करेगी, यह पता लगाना तो मुश्किल है लेकिन बुजुर्गों को एलर्जी से बचाने के लिए एलर्जीकारक तत्त्वों को काबू में रख ही सकते हैं.

– एलर्जी पैदा करने वाले तत्त्वों की जैसे ही पहचान होती जाए, उन्हें वृद्धों से दूर रखा जाए. छोटे से छोटे लक्षण पर गौर कर के वृद्धों को एलर्जी की समस्या से बचाया जा सकता है.

(लेखिका पोर्टिया मैडिकल में एसोसिएट डायरैक्टर हैं.)

कितने भी मंहगे हो सकते हैं बॉलीवुड में तलाक!

किसी से अलग होना किसी को भी झंकझोर देता है. खसकर ऐसे साथी से अलग होना, जिसके साथ किसी ने लंबा वक्त गुजारा हो. किसी से अलग होना या तलाक लेना दिल पर तो भारी पड़ता ही है, लेकिन बॉलीवुड सितारों को इसके लिए जेब से भी भारी कीमत चुकानी पड़ी है.

आइए हम आपको बताते हैं, बॉलीवुड के कुछ चेहरे, जिनके तलाक हैं शायद इनकी शादी से भी महंगे और अब तक शायद ही किसी इंसान ने अपने तलाक के लिए इतना पैसा गंवाया होगा.

करिश्मा कपूर – संजय कपूर

इन दोनों ने साल 2014 में तलाक की अर्जी दी थी और साल 2016 में ये दोनों एक दूसरे से अलग हो गए थे. तलाक के बाद संजय को, अपने पिता का एक घर करिश्मा को देना पड़ा था. इसके अलावा उन्हें बच्चों के लिए 14 करोड़ का बॉन्ड भी खरीद होगा, जिससे 10 लाख हर महीने ब्याज मिलेगा.

फरहान अख्तर – अधुना अख्तर

16 सालों तक साथ रहने के बाद फरहान और अधुना अलग हो गए. फरहान ने अधुना को हर महीने मेन्टेनेन्स देने के बजाय वन टाइम एलिमनी दे रहे हैं. इसके अलावा अधुना ने 10,000 स्क्वायर फीट में बसे बंगले को भी अपने पास रखने की मांग की है. इसके अलावा फरहान अपने बच्चों के भविष्य के लिए भी अच्छी ख़ासी रक़म देंगे.

ऋतिक – सुजैन

साल 2014 में ऋतिक और सुजैन एक दूसरे से अलग हो गए थे. खबरों के अनुसार तलाक के बाद सुजैन ने 400 करोड़ रुपए की मांग की थी और ऋतिक ने 380 करोड़ रुपए दिए हैं.

संजय दत्त – रिया पिल्लई

संजय की दूसरी पत्नी रिया को टेनिस स्टार लिएन्डर पेस से प्यार हो गया था. इसके बाद वो संजय दत्त से अलग हो गईं. संजू बाबा का दिल तो टूटा ही, उन्हें एलिमनी में अपना सी फेसिंग लक्जरी अपार्टमेंट भी देना पड़ा था. इसके अलावा रिया को उन्होंने एक गाड़ी भी दी. आपको जानकर हैरानी होगी कि रिया के बिलों का खर्चा भी कई दिन तक संजू बाबा ही उठाते रहे थे.

लिएन्डर पेस- रिया पिल्लई

अभिनेता संजय दत्त के बाद उनकी पूर्व पत्नी रिया का लिएन्डर पेस के साथ भी रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला और उनसे भी तलाक हो गया. उन्होंने लिएन्डर से 4 लाख रुपए की मांग की थी.

प्रभु देवा – रामलता

एक्टर-डायरेक्टर-कोरियोग्रार की रामलता से शादी हुई थी. इनके दो बच्चे भी हैं. क्या आपको पता है इनके लताक के बाद प्रभु ने रामलता को 10 लाख रुपये, दो महंगी गाड़ियां और 20-25 करोड़ की प्रॉपर्टी भी दी थी.

तो सोनाक्षी के साथ बनेगी ‘सर्कस’

कुछ समय पहले तय हो चुका था कि नृत्य निर्देशक से निर्देशन में कदम रखने जा रहे बॉस्को मार्टिस ने अपनी फिल्म ‘सर्कस’ को हमेशा के लिए बंद कर दिया है. वास्तव में  बॉस्को मार्टिस ने लगभग दो वर्ष पहले सूरज पंचोली और कंगना रानौत के साथ फिल्म ‘सर्कस’ बनाने की घोषणा की थी.

यह एक संगीतमय प्रेम कहानी वाली फिल्म है. लेकिन कंगना ने इस फिल्म से खुद को दूर कर लिया. उसके बाद बॉस्को ने परिणीति चोपड़ा से बात की थी. पहले परिणीति चोपड़ा यह फिल्म करने को तैयार हो गयी थीं लेकिन अचानक परिणीति चोपड़ा ने भी खुद को ‘सर्कस’ से अलग कर लिया था.

उसके बाद खबर आ गयी थी कि बॉस्को ने इस फिल्म को न बनाने का निर्णय ले लिया है. मगर सूत्र दावा कर रहे हैं कि बॉस्को ने हिम्मत नहीं हारी थी. वह अंदर ही अंदर इसकी तैयारी कर रहे थे.

बहरहाल, अब खबर है कि बॉस्को मार्टिस अपनी फिल्म ‘सर्कस’ का निर्माण बहुत जल्द शुरू करने वाले हैं और इसमें सोनाक्षी सिन्हा हीरोईन होंगी. मगर अभी बॉस्को मार्टिस कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

 

 

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