फैशन फॉर समर : चुने खास रंग

तो! गर्मियों का मौसम आ गया है. घरों में पंखे क्या कूसर और एसी तक चलने शुरू हो चुके हैं, सर्दियों के तमाम स्‍वेटर्स, जैकेट, शोल्‍स सब पैक होकर रखे जा चुके हैं और गर्मियों के कपड़ें, टॉप्‍स, हील्‍स निकल चुके हैं.

आमतौर पर गर्मियों में ठंडे रंग पहनना काफी मजेदार होता है, एक तो इनमें गर्मी नहीं लगती, दूसरा ये ठंडक का एहसास भी देते हैं. तो आब तक आपने भी इन ठंडे रंगों को अपने वार्डरोब में शामिल कर लिया होगा. इन सबके बीच कुछ कलर ऐसे होते हैं, जो गर्मियों में खासे पसंद किये जाते हैं. तो आइए जानते हैं गर्मियों में सर्दी का एहसास कराने वाले इन रंगों के बारे में…

ठंडक का एहसास है ग्रीन : ग्रीन कलर के कई शेड आपको मार्केट में मिल जाएंगे, लेकिन ग्रीन कलर का ये अंदाज वाकई काफी ठंडक देने वाला है. गर्मियों में ये कलर न सिर्फ आपको अपनी ड्रेसेज में बल्कि स्लीपर्स और पर्स में भी खूब देखने को मिलते हैं.

गर्मियों में पिंक का है हर कोई दिवाना : वैसो तो गर्मी हो या सर्दी, स्‍टाइलिश दिखने वालों को पिंक कलर जरूर पसंद होता है. और गर्मी के मौसम में तो ये न केवल आपको ठंडक देता है बल्कि स्‍टाइलिश लुक भी देता है.

ऑरेंज है जरा हट के : किसी दिन आपको ऐसा लगे कि आज आपका ऑउटफिट काफी बोरिंग हो रहा है. ऐसे में क्‍या किया जाना चाहिए कि इस तेज गर्मी के मौसम मे आप स्‍टाइलिश भी दिखें और स्‍मार्ट भी, साथ ही साथ आपको गर्मी भी महसूस न हो. इसके लिए आपको ऑरेंज कलर ट्राई करना चाहिए. ऑरेंज कलर के स्‍टाइलिश पर्स या स्‍लीपर्स लें. ऑरेंज पहनने का बाद देंखे कैसे लोगों की निगाहें आपकी ओर घूमती हैं.

कूल है ब्‍लू  : अगर आप इस गर्मी के मौसम में आप अपने आपको एक परफेक्‍ट बीच लुक देना चाहते हैं, तो ब्‍लू रंग के अलग-अलग शेड्स की हेट्स, शर्ट्स, स्‍लीपर्स ट्राई करें और देखें कैसे आपको ठंडा- ठंडा कूल-कूल फील होता है.

येल्‍लो है सबसे अलग : पीला रंग काफी सुकून और ठंडक देता है. इससे आपको देखने वाले लोगों को भी कूल-कूल महसूस होगा. ऐसे में इस रंग के स्‍कार्फ या फिर कॉटन की कुर्ती गर्मी के लिए एकदम परफेक्‍ट है.

इन निवेशों से बचाएं सेविंग्स और टैक्स

अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है. अगर अप्रैल में कुछ जरूरी काम कर लेते हैं तो आप नए फाइनेंशियल ईयर में न सिर्फ लाखों की सेविंग कर सकते हैं बल्कि आप की टैक्‍स प्‍लानिंग भी हो जाएगी. ऐसे में आपकी इनकम पर टैक्‍स कटने की गुंजाइश बहुत कम हो जाएगी. आपको ऐसे ही 5 काम कर लेंगे तो आपको बहुत फायदा हो सकता है.

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) अकाउंट खोलें

अगर आप निवेश शुरू करना चाहते हैं तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पीपीएफ बेहतर ऑप्‍शन है. अप्रैल से जून तिमाही के लिए इस पर 7.9 फीसदी रिटर्न मिल रहा है. भारत सरकार की गारंटी के साथ इसमें कोई रिस्‍क नहीं है. अगर आप अप्रैल में पीपीएफ अकाउंट खुलवाते हैं तो आपको लगभग पूरे फाइनेंशियल ईयर का रिटर्न मिलेगा. पीपीएफ पर मिलने वाला इंटरेस्‍ट टैक्‍स फ्री है. इसके अलावा आप पीपीएफ में साल भर में 1.5 लाख रुपए निवेश कर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्‍स छूट भी क्‍लेम कर सकते हैं.

रिटायरमेंट फंड के लिए एनपीएस में करें निवेश

आप रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों के लिए एक बड़ा फंड बनाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्‍टम में निवेश करना शुरू कर सकते हैं. एनपीएस के तहत जमा किया गया पैसा स्‍टॉक, बॉड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है. लंबी अवधि के निवेश के साथ एनपीएस आकर्षक रिटर्न दे सकता है. आप हर माह 1,000 रुपए से भी इसमें निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके बाद आप अपनी इनकम के हिसाब में इसमें निवेश बढ़ा सकते हैं. आप साल में 50,000 रुपए तक निवेश कर इस पर टैक्‍स छूट भी ले सकते हैं.

रिटायरमेंट से पहले 25 फीसदी रकम की निकासी

पहले एनपीएस के साथ लिक्विडिटी को लेकर समस्‍या थी. लेकिन अब यह समस्‍या काफी हद तक खत्‍म हो गई है. अब आप जरूरत पड़ने पर रिटायरमेंट से पहले भी कुल एनपीएस फंड का 25 फीसदी निकाल सकते हैं और इस पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा.

टैक्‍स सेविंग फंड में करें निवेश

टैक्‍स बचाने के लिहाज से टैक्‍स सेविंग फंड निवेश तेजी से बढ़ रहा है. इसे इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम्‍स के नाम से जाना जाता है. आप सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लानिंग एसआईपी के जरिए टैक्‍स सेविंग फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं. इससे आप शेयर बाजार में किसी भी तरह के उतार चढ़ाव से काफी हद तक सुरक्षित रहेंगे.

सुकन्‍या समृदि्ध योजना

सुकन्‍या समृदि्ध योजना लड़कियों के भविष्‍य को बेहतर बनाने के मकसद से शुरू की गई है. आप अपनी बेटी के नाम से सुकन्‍या समृदि्ध योजना के तहत अकाउंट खुलवा कर सालाना पैसा जमा कर सकते हैं. इस पर मौजूदा समय में 8.4 फीसदी रिटर्न मिल रहा है. इस पर मिलने वाला रिटर्न टैक्‍स फ्री है. इस स्कीम में जमा किए गए पैसे पर भी आप टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकते हैं.

खरीदें लाइफ इंश्‍योरेंस और हेल्‍थ इंश्योरेंस

अप्रैल खत्म होने में अभी काफी समय है. ऐसे में आप लाइफ इंश्‍यारेंस की जरूरत और आपके लिए कितना कवर जरूरी होगा इस पर जानकारी जुटा कर लाइफ इंश्‍योरेंस कवर खरीद सकते हैं. इससे आपका परिवार किसी तरह की अनहोनी की स्थिति में वित्‍तीय रूप से काफी हद तक सुरक्षित रहेगा. वहीं हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कवर खरीद कर आप मेडिकल इमरजेंसी का बेहतर तरीके से सामना कर सकेंगे.

खूबसूरत बाथरूम के लिए ये हैं उपयोगी

अक्सर लोग घर की साफ-सफाई से लेकर सजावट पर अच्छी-खासी रकम खर्च कर देते हैं. लेकिन, बाथरूम की सजावट का शायद उन्हें एक बार भी ख्‍याल नहीं आता या फिर वो इसकी जरूरत नहीं समझते.

अगर आपका ध्यान भी बाथरूम के रखरखाव पर नहीं जाता, तो घर को खूबसूरत दिखाने की सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है. मेहमानों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ सकता है.

बाथरूम को अच्छा बनाने के लिए उसमें कुछ चीजें जरूर रखें.

बाथरूम में ये हैं जरूरी

जैसे कि माउथ वॉश की बोतल, साफ हैंड-टॉवल का सेट और एक बड़ी टॉवल, फेशियल टिश्यू आदि का बाथरूम में होना बहुत जरूरी है.

हैंड वॉश

इसके अलावा हाथ धोने के लिए हैंड लोशन और मॉश्चराइजर होने से आपके मेहमानों के ऊपर अलग इंप्रेसन पड़ेगा.

मैट

टब और शावर एरिया में नॉन-स्किड मैट जरूर होना चाहिए, ताकि बाथरुम की फिसलन किसी को चोटिल न बना दे.

ब्रश

ब्रश बहुत से होते हैं तो बाथरूम में हेयर ड्रायर, साफ-सुथरा हेयर-ब्रश और कुछ बिना इस्तेमाल किए हुए कुछ टुथ-ब्रश भी रख सकते हैं. ताकी आपके मेहमानों को इन छोटी-छोटी चीजों के लिए परेशान न होना पड़े.

आईना

आईना बाथरूम को अलग लुक देता है. एक बड़े वॉल मिरर के अलावा एक छोटा आईना भी आप बाथरूम में रख सकते हैं.

बाथरूम प्रोडक्टस

बाथरूम में टॉयलेट पेपर रोल और एक डस्टबिन रखना गलती से भी न भूलें. इसके अलावा खास फीमेल गेस्ट की सहूलियत के लिए हिडन हाईजीन प्रोडक्ट जरूर रखें. इन्हें ऐसी जगह रखें, जहां से इन्हें ढूंढने में बहुत परेशानी न हो.

हजारों करोड़ में बनी हैं ये 10 फिल्में

ये बात तो आपको पती ही है कि बॉलीवुड और हॉलीवुड में बहुत फर्क है. दोनों ही इंडस्ट्री में बनने वाली फिल्मों के बजट में भी बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलते हैं.

क्या आप ये बात जानते हैं कि बॉलीवुड की अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म पीके है, जिसने दुनियाभर में लगभग 792 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था, लेकिन यहां आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कई हॉलीवुड फिल्मों का बजट ही इससे कहीं ज्यादा रहा है.

आज यहां हम आपको अब तक की 10 सबसे महंगी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं…

1. पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन : एट वर्ल्डस एंड

साल 2007 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन’ को बनाने में लगभग 2003 करोड़ रुपये, लगभग 300 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे.

इस फिल्म में खास स्टारकास्ट थे, अभिनेता जॉनी डेप, ऑर्लैंडो ब्लूम, कायरा नाइटी और ज्यॉफ्री रश. इस फिल्म की वर्ल्डवाइड कमाई करीब 6435 करोड़ रुपए रही थी.

2. जॉन कार्टर

साल 2012 में अमेरिकी सिनेमा घरों में आई फिल्म ‘जॉन कार्टर’ का कुल बजट 1761 करोड़, यानि कि 263.7 मिलियन डॉलर था. इस फिल्म के स्टारकास्ट, जेम्स प्योरफॉय, टेलर किच, लीन कॉलिंस, थॉमस हैडन और मार्क स्ट्रॉन्ग थे.

इस फिल्म की वर्ल्डवाइड कमाई 1900 करोड़ रुपए है.

3. टैंगल्ड

साल 2010 में आई फिल्म टैंगल्ड के बनने में 1736 करोड़ रुपये, 260 मिलियन डॉलर लगे थे. इस फिल्म में मैंडी मूर, जैच्री लेवी और रॉन मर्फी जैसे कलाकारों ने काम किया था.

इस फिल्म द्वारा वर्ल्डवाइड पर 3953 करोड़ रुपये की कमाई की गई थी.

4. स्पाइडरमैन 3

1723 करोड़ रुपये बजट की ये फिल्म साल 2007 में आई थी. इस फिल्म में टॉबी मगुर, क्रिस्टन डंस्ट, जेम्स फ्रांको, थॉमस हैडन चर्च और टोफेर ग्रेस ने काम किया था. इस फिल्म की वर्ल्डवाइड कमाई लगभग 5951 करोड़ रुपये थी.

5. हैरी पॉटर एण्ड हॉफ ब्लड प्रिंस

बहुत ही चर्चित और दर्शकों की पसंदीदा फिल्मों से एक है, हैरी पॉटर सीरीज की फिल्में. इसी श्रृंखला में, साल 2009 में आई, डेनियल रेडक्लिफ, रुपर्ट ग्रिंट, एमा वाटसन और हेलेना बोंहम अभिनीत फिल्म ‘हैरी पॉटर एण्ड हॉफ ब्लड प्रिंस’ का बजट 1670 करोड़ रुपये था. हैरी पॉटर की अन्य फिल्मों की तरह ही इस फिल्म ने दुनिया भर में अच्छी कमाई की थी. इस फिल्म की वर्ल्डवाइड कमाई कुल 6241 करोड़ रुपये थी.

6. पायरेट्स ऑफ कैरेबियन्स : ऑन स्ट्रेंजर टाइड्स

साल 2011 में रिलीज की गई फिल्म ‘पायरेट्स ऑफ कैरेबियन्स : ऑन स्ट्रेंजर टाइड्स’ का बजट 250 मिलियन डॉलर यानि कि 1670 करोड़ रुपये था. इस फिल्म में काम करने वाले कलाकार जॉनी डेप, पेनेलोप क्रूज, इआन मैकशेन और केविन मैकनैली थे.

अगर बात करें फिल्म की कमाई के, तो इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड, 6985 करोड़ रुपये कमाए थे.

7. डार्क नाइट राइजेस

1670 करोड़ रुपये बजट की ये फिल्म साल 2012 में स्टारकास्ट क्रिस्चियन बाले, माइकल कीन, एने हैथवे और टॉम हार्डी ग्रे के साथ आई थी. इस फिल्म की वर्ल्डवाइड कमाई करीब 7246 करोड़ रुपये थी.

8. दि होबिट : बैटल ऑफ दि फाइव आर्मीज

इस फिल्म का बजट भी लगभग 1670 करोड़ रुपये था. इस फिल्म में काम करने वाले कलाकार इआन मैककलेन, मार्टिन फ्रीमैन, रिचर्ड आर्मितेज, ली पेस और ल्यूक इवांस थे.

इस फिल्म ने भी वर्ल्डवाइड, 6386 करोड़ रुपये की अच्छी खासी और भारी-भरकम कमाई की थी.

9. ऐवेंजर्स : अेज ऑफ अल्ट्रान

वर्ल्डवाइड 9387 करोड़ रुपये जैसी रिकार्ड तोड़ कमाई करने वाली हॉलीवुड फिल्म ‘ऐवेंजर्स : अेज ऑफ अल्ट्रान’ को बनाने में 1670 करोड़ रुपये का खर्चा आया. यह फिल्म साल 2014 में आई थी. इस फिल्म में रॉबर्ट डाउनी, जूनियर क्रिस हेमवर्थ, मार्क रफेलो और क्रिस इवांस ने काम किया है.

10. बैटमैन vs सुपरमैन

बीते साल यानि कि 2016 में आई फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन का बजट 1670 करोड़ रुपये था. रे फिशर, हेनरी केविल, बेन एफ्लेक, गेल गडोत और जेसी ईसानबर्ग अभिनीत इस फिल्म ने

वर्ल्डवाइड 5833 करोड़ रुपये की कमाई की है.

रक्तचाप नियंत्रित रखता है पालक

आज के इस प्रतिस्पर्धी युग में आप कई तरह की आधुनिक बीमारियों के शिकार आसानी से हो जाते हैं. काम का बोझ, अनियमित दिनचर्या और अस्वस्थ्य और अव्यवस्थित खान-पान आपको तनाव और थकान से ग्रसित कर देते हैं.

बढ़ता तनाव कई तरह की बीमारियां लाता है. इनमें से ब्लड प्रेशर प्रमुख और बहुत ही आम रोग है. आप अपने खान-पान से ब्लड प्रेशर को कम रख सकते हैं. अगर आप अपनी डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल करें, तो बल्ड प्रेशर पर नियंत्रण रखा जा सकता है.

सोयाबीन में काफी ज्यादा मात्रा में पोटेशियम होता है. इसलिए वह शरीर में खून के दबाव को बढ़ने से रोकने में मदद करता है, वहीं दूसरी ओर पालक की पत्तियों में मैग्नीशियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये दोनों ही, शरीर में ब्लडप्रेशर के लेवल को सामान्य बनाए रखने और कम करने में मदद करते हैं, इसलिए आप अपनी डाइट में जितना हो सके, पालक शामिल करें.

इसके अलावा नाश्ते में केले का सेवन करना भी लाभकारी है. नाश्ते में या शाम को एक केला जरूर खाएं. इससे आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहेगा. स्किम्ड या बिना मलाई वाले दूध में कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन डी होता है, जो मिलकर ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करते हैं और आपको स्वस्थ्य रखते हैं.

इस साल बॉक्स ऑफिस पर टकराएंगी ये बड़ी फिल्में

बॉलीवुड में जब भी दो फिल्में एक साथ रिलीज की जाती हैं तो इसका असर बॉक्स ऑफिस पर साफ पता चलता है. साल 2017 की शुरुआत ही दो बड़े स्टार्स की फिल्मों के टकराव से हुई थी और ऐसा लगता है कि ये साल बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों के क्लैश की तारीखें साथ ले कर आया है.

तो आइए जानते हैं इस साल बॉक्स ऑफिस पर कौन-कौन से स्टार टकराने वाले हैं.

आमिर-रजनीकांत

आमिर खान की फिल्म ‘सी‍क्रेट सुपरस्टार’ और सुपरस्टार रजनीकांत की मेगाबजट फिल्म ‘रोबोट 2.0’ दीवाली पर आमने सामने होंगी.

आमिर खान ने अपनी अगली फिल्म ‘सीक्रेट सुपर’ स्टार की रिलीज 11 अगस्त से आगे बढ़ा दी क्योंकि उस डेट को अक्षय कुमार की ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’ और शाहरुख-अनुष्का स्टारर फिल्म पहले से टकाराने को तैयार हैं.

इसके बाद उन्होंने फिल्म की रिलीज डेट दिवाली कर दी और अब उनकी फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ रजनीकांत की फिल्म ‘2.0’ के साथ बॉक्स ऑफिस पर भिड़ेगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि दोनों बड़े स्टार्स में से किसी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कब्जा जमाने में कामयाब होती है.

अक्षय-शहरुख

इस साल का सबसे बड़ा टकराव 11 अगस्त को रिलीज हो रही फिल्मस के बीच है. अक्षय कुमार की ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’ और इम्त‍ियाज अली के निर्देशन में बनी रही शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा स्टारर फिल्म होंगी. नेशनल अवॉर्ड विनर अक्षय की टॉयलेट कैसे देती है किंग खान को टक्कर ये देखना वाकई दिलचस्प होगा.

श्रद्धा-सैफ-श्रीदेवी

14 जुलाई को रिलीज अपूर्वा लाखिया की गैंगस्टर बेस्ड फिल्म ‘हसीना’ जिसमें लीड रोल में श्रद्धा कपूर और सिद्धांत कपूर नजर आएंगे के साथ एक्टर सैफ अली खान की फिल्म ‘शेफ’ आमने सामने होंगी. इन दोनों फिल्मों के कड़ी टक्कर देने के लिए श्रीदेवी की फिल्म ‘मॉम’ भी इसी दिन रिलीज होने को तैयार है. देखना ये है कि दो बड़े नाम वाले स्टार्स के सामने न्यू कमर श्रद्धा कपूर क्या बॉक्स ऑफिस पर राज कर पाएंगी.

आयुषमान-परिणीता-अमिताभ-इरफान

12 मई को यशराज बैनर की परिणीता चोपड़ा और आयुषमान खुराना स्टारर फिल्म ‘मेरी प्यारी बिंदू’ और रामगोपाल वर्मा की अमिताभ बच्चन स्टारर ‘सरकार’ सीरीज की तीसरी फिल्म के साथ ही एक्टर इरफान खान की हल्की-फुल्की कॉमेडी ‘हिंदी मीडियम’ भी इस रेस में शामिल है.

फरहान अख्तर-कंगना

15 सिंतबर को फरहान अख्तर स्टारर ‘लखनऊ सेंट्रल’ और बॉलीवुड क्वीन कंगना रनोट की फिल्म ‘सिमरन’ में कड़ी टक्कर होगी. जहां एक तरफ ‘लखनऊ सेंट्रल’ का निर्माण निखिल आडवाणी और निर्देशन रणजीत तिवारी कर रहे हैं तो वहीं ‘सिमरन’ का निर्देशन हंसल मेहता ने किया है जो पहले भी ‘शाहिद’ और ‘अलीगढ़’ जैसी ऑफबीट फिल्मों से लोगों का दिल जीत चुके हैं.

देखना दिलचस्प होगा कि इन फिल्मों की टक्कर होगी या इनमें सो कोई अपनी रिलीज डेट दूसरे के डर से आगे बढ़ा लेगा.

ये हैं मशहूर कॉमेडियन्स की खूबसूरत पत्नियां

टीवी स्टार्स की बात की जाए तो टीवी में कई कॉमेडियन स्टार्स है जिनकी कॉमेडी लोगों को काफी पसन्द आती है. हम आपको उन कॉमेडियन की पत्नियों के बारे में बताएंगे क्योंकि इन कॉमेडियन्स की पर्सनल जिन्दगी के बारे में बेहद ही कम लोगों को मालूम है. आपको बता दें की टीवी के बहुत से कॉमेडियन शादीशुदा है हालांकि कपिल नहीं है लेकिन बाकी और भी है, जो ऑडियंस के बीच काफी मशहूर है. आइए जानते है इनकी पत्नियों के बारे में.

सिद्दीका असगर – अली असगर

अली असगर को आप पहचानते ही होंगे. उन्होंने छोटे पर्दे के कई शो किए हैं. फिलहाल वो कपिल शर्मा के शो में नानी बनकर लोगों को हंसाते हैं. इनकी पत्नी का नाम सिद्दीका असगर हैं. अली ने साल 2005 में इनसे निकाह किया था दोनों के दो बच्चे हैं, अदा और नूयान असगर.

प्रियंका शारदा – कीकू शारदा

कीकू कपिल के शो के बम्पर हैं. उनका टैलेंट आप FIR शो में देख चुके होंगे. कीकू सबके चेहरे पर मुस्कान लाते हैं. और उनके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं उनकी पत्नी प्रियंका शारदा. दोनों की जोड़ी रियलिटी शो ‘नच बलिये सीजन-6’ में साथ नजर आई थी. इन्होंने साल 2003 में शादी की. इनके दो बच्चे हैं, जिनका नाम शौर्या और आर्यन शारदा है.

आरती ग्रोवर – सुनील ग्रोवर

‘डॉक्टर मशहूर गुलाटी’ के नाम से मशहूर सुनील ग्रोवर ने इंटीरियर डिजाइनर आरती से शादी की. इनके दो बच्चे हैं. उन्होंने एक बार इंटरव्यू में कहा था कि जिन जोक्स को मैं पब्लिक के सामने बोलता हूं, उससे पहले मैं उन्हें अपनी पत्नी के सामने कहता हूं. अगर वह उन पर हंसी, तो ही मैं उन्हें जनता तक ले जाता हूं. अगर नहीं हंसी तो उन्हें मैं पीछे ही छोड़ देता हूं.

कश्‍मीरा शाह – कृष्णा अभिषेक

कृष्णा और कश्‍मीरा की जोड़ी बेहद पॉपुलर है. दरअसल, कश्‍मीरा एक मॉडल और अभिनेत्री हैं. दोनों ने गुपचुप ही शादी कर ली थी. कृष्णा जाने माने कॉमेडियन होने के साथ-साथ मशहूर एक्टर गोविंदा के भांजे भी हैं. और हां, कृष्णा का डांस उनके मामा से मिलता जुलता है.

नंदनी खन्ना – चंदन प्रभाकर

कपिल शर्मा शो से मशहूर हुए चंदन प्रभाकर कई कॉमेडी शो में काम कर चुके हैं. उनका मासूम सा किरदार लोगों को गुदगुदाता है. चंदन की लाइफ में नंदनी साल 2015 में आईं. दोनों की शादी पंजाबी रिती रिवाजों से हुई थी. चंदन पंजाबी फिल्मों के डायरेक्टर और स्क्रि‍प्ट राइटर भी हैं.

शिखा श्रीवास्तव – राजू श्रीवास्तव

‘मैं प्रेम की दीवानी हूं’ फिल्म में राजू श्रीवास्तव की ‘भैयाजी’ का किरदार लोगों को बेहद रास आया था. और उन्होंने टीवी पर भी कई कॉमेडी शो में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. इनकी देसी कॉमेडी कई चेहरों पर मुस्कान लाती है. राजू ने अपनी लाइफ शिखा के साथ गुजारने का फैसला किया और उनसे शादी की. दोनों के दो बच्चे हैं, जिनका नाम अंतरा और आयुष्मान है.

रचना कुरैशी – एहसान कुरैशी

कुरैशी सहाब का अपना अलग अंदाज है. उनके जोक्स लय में बहार लाते हैं और दर्शकों के दिलों को छू उनके पेट में दर्द कर देते हैं. इन्होंने फिल्म में भी काम किया है. उनकी पत्नी रचना एक लेखक हैं, उन्होंने हिंदी में एमए किया है. इतना ही नहीं रचना की गजल भी वुमेन मैगजीन में पब्लिश हुई है.

सरिता – सुनिल पॉल

सुनिल पॉल फिलहाल टीवी पर दिखाई नहीं देते, लेकिन उन्होंने लोगों को बेहद हंसाया है. उनका नशीला अंदाज आपको अब भी याद होगा? सुनील ‘ग्रेट इंडियन लाफटर चैलेंज’ के वि‍नर रह चुके हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कई किरदारों को अपनी आवाज भी दी है. उन्होंने सरिता से शादी की जिससे उनके दो बच्चे हैं. एक का नाम प्रबल और दूसरे का नाम सरल है.

हीरोइन को सफेद साड़ी में देख रोने लगा था ये डायरेक्टर

70-80 के दशक में फिल्मी इंडस्ट्री पर राज करने वाली आशा पारेख के करोड़ों दीवाने थे. लेकिन उनका एक दीवाना ऐसा भी था जो उनके दुखी होने पर दुखी हो जाता था और मन ही मन उनसे प्यार करता था. लेकिन उस वक्त तो यह दीवाना फूट फूटकर रोने लगा जब इसने अपनी पसंदीदा आशा पारेख को सफेद साड़ी में लिपटे देखा.

ये और कोई नहीं बल्कि फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली हैं जो आशा पारेख पर फिदा थे और मानते थे कि आशा पारेख ने उनकी हीरोइन बनने के लिए ही जन्म लिया था लेकिन वो ही दुनिया में लेट आए. आशा पारेख से जुड़े भंसाली के इस किस्से का जिक्र आशा पारेख की ऑटोबायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में किया गया है.

फिल्म ‘कटी पतंग’ में आशा पारेख को सफेद साड़ी में देख संजय लीला भंसाली फूट फूटकर रोए थे. वो परदे पर था लेकिन भंसाली मानने को तैयार नहीं थे और ऐसे रोए कि ना जाने उनकी हीरोइन को क्या हो गया हो? फिल्म में आशा पारेख का गमगीन अंदाज भंसाली बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे.

भंसाली आशा पारेख से तब प्यार करने लगे जब उन्होंने उनकी फिल्म ‘प्यार का मौसम’ देखी और वो भी मुंबई के अपने पसंदीदा इंपीरियल थियेटर में. कटी पतंग के गाने ‘ना कोई उमंग है’ में आशा पारेख को सफेद साड़ी में देख संजय खुब रोए.

भंसाली ना सिर्फ आशा पारेख की खूबसूरती और सादगी के कायल थे बल्कि उनके गहने, उनके पहनावे तक पर भंसाली का दिल आ गया था. उनकी ऑरेंज लिपस्टिक तक के भंसाली दीवाने थे. लेकिन एक फिल्म में आशा पारेख के साथ जो हुआ उसने भंसाली को अरुणा ईरानी से नफरत करने पर मजबूर कर दिया.

संजय लीला भंसाली को आज भी इस बात का मलाल है कि वह आशा पारेख को अपनी किसी फिल्म में कास्ट नहीं कर पाए.

कहीं धूप न चुरा ले बालों का रूप

इन दिनों कलर्ड बाल बहुत ज्यादा ट्रैंड में हैं. कुछ महिलाएं अपने बालों को पूरी तरह कलर करना पसंद करती हैं, तो वहीं कुछ ऐसी भी हैं, जो सिर्फ बोल्ड कलर्स से हाईलाइट करना पसंद करती हैं.
कलर्ड हेयर हमारे लुक को पूरी तरह चेंज कर देते हैं और खुशी की बात यह है कि आजकल महिलाएं इस बारे में काफी जागरूक भी हो गई हैं कि उन का हेयर प्रोडक्ट अमोनिया फ्री हो ताकि उन के बालों को कोई नुकसान न हो, लेकिन क्या आप जानती हैं कि बस इतना ही काफी नहीं होता है, क्योंकि धूप आप के कलर्ड बालों पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है. आइए, इस बारे में जानते हैं विस्तार से :

खतरनाक है धूप का असर

जब हम धूप में निकलते हैं तो सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों का न सिर्फ हमारी त्वचा पर कुप्रभाव पड़ता है, वरन वे बालों की खूबसूरती पर भी ग्रहण लगा देती हैं. इतना ही नहीं, अगर आपने बालों को कलर कर रखा है तो, ये बालों के लिए और अधिक हानिकारक साबित होती हैं.

वैसे तो सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों के हानिकारक प्रभाव से हम सभी वाकिफ हैं, लेकिन बालों पर रंग अच्छा आए, इसके लिए उन पर कलर करने से पहले ब्लीच का प्रयोग जरूर करें, जिससे आपके जब भी बाल अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आएंगे, तो वे बहुत ही जल्दी रूखे व बेजान हो जाने से बचे रहें और उन की खूबसूरती न खोए.

कैसे करें बचाव…

हौट औयल ट्रीटमैंट : समय समय पर कलर्ड बालों पर हौट ऑयल ट्रीटमैंट करती रहें, क्योंकि कलर्ड बालों को नौर्मल बालों की तुलना में अधिक मौइश्चराइजर की जरूरत पड़ती है. यह धूप में बालों को डैमेज होने से रोकता है.

अल्कोहल फ्री प्रोडक्ट : आजकल बहुत सारे ऐसे प्रोडक्ट्स मार्केट में आ गए हैं, जो कलर्ड बालों को धूप के हानिकारक प्रभाव से बचाते हैं. आप अपने बालों के टाइप के अनुसार उन का चुनाव कर सकती हैं, लेकिन उन्हें खरीदते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि वे सभी अमोनिया और अल्कोहल फ्री हों, वरना बालों को फायदे की जगह नुकसान हो सकते हैं.

स्कार्फ का प्रयोग : धूप में निकलने से पहले अपने बालों को हैट या स्कार्फ से कवर कर लें. इससे आप के बाल धूप के संपर्क में आने से बचेंगे और उन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना भी कम हो जाएगी.

सही प्रोडक्ट का चुनाव : हमेशा बालों पर ऐसे प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें, जिन्हें खासतौर पर कलर्ड बालों के लिए बनाया गया हो, क्योंकि इन प्रोडक्ट्स का निर्माण इस तरह से किया जाता है कि वे आप के कलर्ड बालों को न सिर्फ धूप के प्रभाव से बचाते हैं, बल्कि और भी कई प्रकार की समस्याओं से दूर रखते हैं.

खुले न हों बाल : जब भी धूप में जाएं तो बालों को खुले रखने के बजाय पोनीटेल या बन बना लें. इस से बालों के डैमेज होने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि सारे बाल एकसाथ धूप के संपर्क में नहीं आते.

स्विमिंग के दौरान रखें ध्यान : जब भी स्विमिंग के लिए जाएं तो हमेशा किसी अच्छे हेयर प्रोटैक्शन सीरम का प्रयोग जरूर करें, क्योंकि जब भी सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावौयलेट किरणें पानी पर पड़ती हैं तो उन का हानिकारक प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है.

स्टाइलिंग न पड़ जाए महंगी : कभी हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट का प्रयोग कर के धूप में न जाएं, क्योंकि यह बालों को बुरी तरह डैमेज कर देता है.

– डा. विवेक मेहता, डर्मैटोलॉजिस्ट, पुलत्स्या कैडल स्किन केयर सैंटर

कैश दो कैश लो

नवंबर खत्म हो रहा था और सर्दी दस्तक दे चुकी थी, इसलिए सोसाइटी की औरतों का घर के बाहर चारपाई और कुरसियां डाल कर बैठना भी शुरू हो गया था. एक तरफ जहां उन के हाथ मूंगफली और रेवड़ी मुंह में डालते रहते, वहीं दूसरी ओर साग काटने का सिलसिला भी चलता रहता. बहुत सारी औरतें जब घर का काम निबटा धूप सेंकने के बहाने एकत्र होंगी तो जाहिर सी बात है घरघर की बातें होंगी. कौन आया, कौन गया से ले कर किस की लड़की का चक्कर किस के साथ चल रहा है और बहुओं की कामचोरी तक, आज क्या बना और महंगाई कितनी बढ़ गई है से ले कर अपनेअपने पति और सास की बातें तक.

उस दिन भी कमलेश अपना बहू पुराण ले कर बैठी थीं कि अपने मोटे, थुलथुल शरीर को ठेलती हुई हांफती सी मिसेज वर्मा कुरसी पर धम से बैठ गईं. पलभर के लिए सब को देखा और फिर पूरी टोली की ओर एक नजर डाली. उन के आने पर एक क्षण के लिए सब का ध्यान उन की ओर गया बेशक था, पर जब कमलेश फिर से अपनी बहू का रोना ले कर बैठ गईं तो सब उन्हें सुनने लगीं.

‘‘अरे कमलेश बहनजी, क्या बहू की बुराइयों में टाइम खराब कर रही हो? यहां सोसाइटी में 2 फ्लैट बिक गए हैं, वह भी एचआईजी,’’ यह सुन सारी औरतों के चेहरे पर हैरानी तैर गई. खबर थी भी चटपटी. मिसेज वर्मा को पता चल गया था जबकि वे सब बेखबर थीं.

मूंगफली को वापस प्लेट में डालते हुए मिसेज नारंग ने पूछा, ‘‘अरे, कब? पता नहीं चला. कौन से 2 फ्लैट बिके?’’ मिसेज नारंग का घर सोसाइटी में घुसते ही था. इसलिए उन्हें हर बात की खबर रहती थी और जो पता नहीं चलता उस की खबर वे गार्ड से ले लेती थीं. उन्हें अफसोस इस बात का था कि इतनी बड़ी चूक उन से आखिर हो कैसे गई.

‘‘पीछे के जीने से जो 2 फ्लैट खाली थे न अगलबगल, वे ही बिके हैं,’’ मिसेज वर्मा ऐसे बता रही थीं मानो उन्होंने किसी बहुत बड़े रहस्य को उजागर कर कोई बहुत बड़ी फतह हासिल की हो.

‘‘बड़ी बात यह है कि एक फ्लैट तो मार्केट रेट पर ही बिका पर दूसरा काफी ऊंचे दाम पर बिक गया है. मेरे पति बता रहे थे कि जिस ने यह फ्लैट खरीदा है उसे अगलबगल ही फ्लैट चाहिए थे और कहीं मिल नहीं रहे थे, इसलिए मार्केट रेट से ज्यादा कीमत दी.’’

उस के बाद तो हर किसी की जबान से उन 2 फ्लैटों की ही चर्चा होने लगी. हर कोई यह जानने को उत्सुक था कि आखिर वह कौन है जिस ने ये फ्लैट खरीदे हैं. इस सोसाइटी में ग्राउंडफ्लोर पर एचआईजी, सेकंडफ्लोर पर एमआईजी और थर्डफ्लोर पर एलआईजी फ्लैट थे. ये दोनों फ्लैट फर्स्टफ्लोर पर थे. अब सब की नजर उन 2 फ्लैटों पर ही लगी रहती. हफ्ते बाद उन फ्लैटों में तोड़फोड़ और मरम्मत होनी आरंभ हो गई. कभी सीमेंट आता तो कभी ईंटें और रोड़ी. बीचबीच में एक आर्किटैक्ट चक्कर लगा जाता. पूरे फ्लैट के रंगरोगन से ले कर अलमारियां और रसोई तक तोड़ कर दोबारा बनाई जा रही थी. हर दिन कोई न कोई सामान आता ही रहता. पूरे दिन लेबर उन फ्लैटों पर लगे रहते. फर्श पर लगने वाली टाइलों के डब्बे जीने में इकट्ठे हो गए थे. बिजली की फिटिंग भी नए सिरे से हो रही थी. हालांकि इस दौरान सिवा आर्किटैक्ट के किसी और को वहां आते किसी ने देखा नहीं था. मिसेज वर्मा का घर तो उन फ्लैटों के एकदम सामने था, इसलिए उन की नजर तो बराबर बनी रहती.

6-8 महीने तक मरम्मत का काम चलता रहा. फिर एक दिन सामान से लदे 4-5 ट्रक आ कर खड़े हो गए. सामान देख सोसाइटी की औरतों ने अपने दांतों तले उंगली दबा ली. एक से बढि़या एक सामान ट्रकों से उतारा जा रहा था. फर्नीचर एकदम नया और स्टाइलिश था. मार्बल की डाइनिंग टेबल, बड़ेबड़े लेटैस्ट डिजाइन के बड़े कारपेट. यहां तक कि इलैक्ट्रौनिक की सारी चीजें भी नई थीं. एकदम डब्बाबंद, पैक्ड.

एकदो बार सब ने एक बड़ी सी गाड़ी को आते देखा. उस में से एक छरहरी काया की शिफौन की साड़ी पहने महिला उतरती. अपनी आंखों पर लगे रेबेन के सनग्लास को बड़ी अदा से उतारती और फ्लैटों का मुआयना कर के चली जाती. उस की शान देख किसी की हिम्मत ही नहीं होती कि जा कर उस से परिचय करे.

‘जरूर कोई मोटी आसामी है, सारी चीजें एक्सपैंसिव हैं. घर का पूरा इंटीरियर कितने खास ढंग से करवाया है,’ सोसाइटी में फुसफुसाहटें लगातार बढ़ती जा रही थीं. ‘और नहीं तो क्या, वरना घर के बाहर जीने तक कोई टाइल्स लगवाता है?’ रमा शर्मा ने अपनी समझ दिखाई.

उसे न सिर्फ अपने गोरेपन पर घमंड था, बल्कि सोसाइटी में सब से शिक्षित होने पर भी वह इतराती थी. एक साल पहले ही उस की शादी हुई थी और खुद को वह मौडर्न समझती थी, इसलिए बाहर चारपाई डाल कर बैठने पर उसे आपत्ति होती थी. वह घर पर रहना पसंद करती थी, पर इस बार इतनी बड़ी खबर को जानने के बाद वह अपने को रोक नहीं पाई थी और उस के अनुसार जो ‘टिपिकल औरतें’ थीं, उन की टोली में वह शामिल हो गई थी.

‘‘बहुत ऐक्सक्लूसिव टेस्ट लगता है, इस पार्टी का,’’ रमा की बात पर सब ने सिर हिला कर मानो सहमति दी. 2 दिन तक सामान को लगाने की उठापटक के बाद वह महिला एक व्यक्ति के साथ, जिसे सब ने उसे पति ही माना, वहां आई और रहने लगी. सोसाइटी की औरतों की लगातार उत्सुकता बढ़ती ही जा रही थी कि कैसे उस के बारे में और कुछ पता चले. उस के ठाटबाट से अब तक हर औरत प्रभावित हो चुकी थी और चाहती थी कि किसी तरह उस से दोस्ती हो जाए.

कुछ दिनों बाद सब के घर गार्ड के हाथों हाउस वार्मिंग पार्टी का कार्ड पहुंचा. गार्ड ने सब को यह संदेश भी दिया कि मैडम ने कहा है कि परिचय न होने के कारण उन के लिए एकएक के घर आना मुश्किल है, लेकिन वे पार्टी में सब के आने की प्रतीक्षा करेंगी.

सोसाइटी के गार्डन में पार्टी का आयोजन किया गया. मजे की बात तो यह थी कि वहां पार्टी करने के लिए कोई पैसे नहीं देने पड़ते पर उन्होंने सैके्रटरी को यह कह कर 50 हजार रुपए थमा दिए कि उन्हें इस बात की खबर नहीं थी और अब इसे डोनेशन समझ कर ले लें और सोसाइटी के काम में लगा लें. चाहें तो गेट बदलवा लें.

सोसाइटी के सारे परिवार पार्टी में पहुंचे. बड़ीबड़ी गाडि़यां सोसाइटी के बाहर खड़ी थीं. बहुत सारे लोग थे और सिक्योरिटी का भी प्रबंध था. इतना तामझाम और डैकोरेशन देख फुसफुसाहटें एकदूसरे के कान से इधरउधर जा रही थीं.

पार्टी होस्ट करने वाली मिसेज तान्या गुप्ता सब से गर्मजोशी से मिलीं. शिफौन की साड़ी और डायमंड सैट में सजी वे बला की खूबसूरत लग रही थीं. उन के डिजाइनर ब्लाउज और सैंडिल पर से नजरें हटना ही नहीं चाहती थीं. होंगी कोई वे 45 वर्ष की, पर क्या मेंटेन किया हुआ था अपने को. उन के पति भी सब से बहुत दिल से मिले. वे भी काफी स्मार्ट थे.

मिसेज गुप्ता ने सोसाइटी की सारी औरतों को अपने विजिटिंग कार्ड थमाए और उन के मोबाइल नंबर तेजी और पूरी उत्सुकता के साथ अपने मोबाइल में फीड किए. फोटो भी खिंचवाए. बढि़या सा डिनर कर के और लाजवाब डिशों का स्वाद ले कर निकलती सोसाइटी की हर औरत ने उन को अपने घर आने का निमंत्रण दिया. तब वे अपने चेहरे पर हंसी बिखेरते और अपने पल्लू को झुलाती हुई बोलीं, ‘‘अरे क्यों नहीं. आप जिस दिन कहेंगी, मैं आ जाऊंगी. आखिर आप लोगों के साथ ही रहना है अब.’’

फिर सोसाइटी में कुछ दिनों तक पार्टी की चर्चा चली और सब कहने लगीं, हमें नहीं लगता कि वे हमारे घर आएंगी. आभा चतुर्वेदी ने एक दिन उन्हें फोन कर बुला लिया. वे चाकलेट का डब्बा और बुके ले कर आ पहुंचीं. आभा की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा था. उसे लग रहा था कि जैसे उस ने बाजी मार ली हो. दोनों लगभग हमउम्र ही थीं, बड़ी देर तक वे गपें मारती रहीं.

‘‘आप ने 2 फ्लैट क्यों खरीदे?’’ आभा पूछने से अपने को रोक नहीं पाई. वैसे भी सोसाइटी की हर औरत यह बात जानने को बेताब थी. तान्या गुप्ता बोलीं, ‘‘हम ने सोसाइटी में 2 फ्लैट इसलिए खरीदे क्योंकि हमारे पास सामान ज्यादा था. असल में पहले हम बहुत बड़ी कोठी में रहते थे. बच्चे हैं नहीं और पति ज्यादातर बिजनैस टूर पर रहते हैं और कईकई महीने विदेश में रहते हैं.

‘‘पति के साथ मैं भी बिजनैस देखती हूं. बड़ी कोठी को संभालना आसान नहीं होता, फिर सुरक्षा का भी सवाल था. वहां अकेले रहतेरहते मैं बोर हो जाती थी और डर भी लगता था. तब हम ने सोचा कि किसी सोसाइटी में फ्लैट ले लेते हैं. यहां गेट पर गार्ड तैनात होते हैं और सुरक्षा रहती है. अब दूर कहीं लेते जैसे नोएडा, गुड़गांव तो बगल वाला कोई झांकता नहीं. यहां कम से कम आप लोगों से बातचीत तो हो सकती है. हालांकि मुझे पसंद नहीं कि कोई फालतू में घर आए या मेरे जीवन में दखल दे. अच्छा आभा, चलती हूं. आना शाम को घर, खाली हूं मैं.’’

उन का आभा के घर आना सब को हैरान कर गया और सब यही सोचने लगीं कि हमें भी उन्हें अपने घर बुलाना चाहिए.

चौथे दिन की बात होगी, मिसेज वर्मा, रमा और मिसेज शर्मा पहुंच गईं उन के घर. 2 मिनट ही हुए होंगे कि एक आदमी ब्रीफकेस में रखे 5 लाख रुपए देते हुए उन से रखने के लिए कहने लगा. वे लगातार मना कर रही थीं पर वह बहुत झिकझिक कर रहा था कि चाहे ब्याज कम दे देना पर आप इन्हें रख लें. तान्या गुप्ता थोड़ी रुखाई से बोलीं, ‘‘हमारे पास बहुत पैसा है, आप इसे ले जाइए.’’

अब तो सारी औरतें यह अटकलें लगाने लगीं कि आखिर चक्कर क्या है. एक हफ्ते बाद तान्या गुप्ता ने मिसेज नारंग को घर आने का न्योता दिया. वे पहुंचीं तो एक आदमी फिर आ गया. इस बार वह 10 लाख रुपए लाया था. तब तान्या गुप्ता बोलीं, ‘‘बगैर बताए यहां मत आया करो. फोन कर के आया करो.’’

उस आदमी के जाने के बाद वे बताने लगीं, ‘‘आप हैरान हो रही होंगी न, मिसेज नारंग. असल में हमारा बिजनैस ही ऐसा है. लोगों ने इस में बहुत सारा पैसा लगा रखा है. हम मना भी करते हैं पैसे लेने से, पर वे कहते हैं कि आप ज्यादा ब्याज देती हैं.’’

मिसेज नारंग के पेट में कहां बात पचने वाली थी, सब को बता दिया कि वे पैसा ले कर मार्केट से दोगुना ब्याज देती हैं. मिसेज नारंग ने यह भी कहा, ‘‘मैं तो सोच रही हूं, कुछ पैसे मैं भी दे दूं. ब्याज मिलेगा तो आमदनी हो जाएगी. पर मेरे पति मानेंगे नहीं. मेरी मां जो कैश मुझे देती रहती हैं न, वही छिपा कर रखा हुआ है उन से. उन्हें बिना बताए दे दूंगी.’’

उस के बाद तो अधिकतर औरतों ने ठान लिया कि वे भी ऐसा करेंगी. पति से छिपा कर पैसा एकत्र करने में सब लग गईं. कुछ ने सेविंग बैंक से पैसे निकाल लिए तो किसी ने एफडी तुड़वा ली.

‘‘देखिए, हमारे बिजनैस में तो पहले ही बहुत पैसा लगा हुआ है. लेकिन आप पड़ोस में रहती हैं, मेरी दोस्त भी बन चुकी हैं. मैं आप लोगों को मना नहीं कर सकती, लेकिन प्लीज और लोगों को यह बात नहीं बताइएगा, सिक्योरिटी की वजह से. अधिकतर मैं अकेली रहती हूं यहां. हर महीने मैं खुद ब्याज की रकम ले कर आप के घर आ जाऊंगी. यहां मेरे घर पर कोई न कोई आया ही रहता है. अपने कर्मचारियों के सामने मैं लेनदेन नहीं करना चाहती. लेकिन हम छोटीमोटी रकम नहीं लेते हैं. आखिर अपनी हैसियत का भी ध्यान रखना पड़ता है. फिर हम तो मानते हैं कि दूसरों का भला करना चाहिए. एक बार कैश दो, बारबार कैश लो, यही हमारी पौलिसी है.’’

तान्या गुप्ता अपनी बात की पक्की निकलीं. हर महीने लिफाफा पकड़ा जातीं. कोई भी एकदूसरे को यह बताने को तैयार नहीं था कि उस ने कितने पैसे ब्याज पर चढ़ाए हैं. यह तो अंदाजा था ही सब को कि किसी ने 5-10 लाख से कम तो नहीं दिए होंगे. आखिर वे भी तान्या के आगे अपने को कमतर साबित नहीं कर सकती थीं. सब को लगता था कि कहीं घर में बात न पता चल जाए या उन की बचत के बारे में दूसरी न जान ले.

रमा भाईदूज पर मायके गई हुई थी, इसलिए लिफाफा समय पर उन के घर पहुंचा नहीं. तब तान्या गुप्ता ने फोन किया कि यह ठीक बात नहीं है, मैं समय पर पैसे देने में विश्वास करती हूं. लौटते ही आप लिफाफा ले जाइएगा.

4 महीनों में सब को यकीन हो गया था कि वे बहुत ही विश्वसनीय और ईमानदार महिला हैं और उन लोगों के पैसे सुरक्षित हैं. वैसे भी ब्याज में मिलने वाली राशि उस के बारे में कुछ गलत सोचने ही नहीं देती थी. ब्याज के पैसे हाथ आने लगे तो औरतों ने जम कर खर्च करना आरंभ कर दिया. उन को मानो पर लग गए. किसी ने नई साड़ी खरीदी तो किसी ने अपने मकान में पेंट करवा लिया, तो किसी ने घर का फर्नीचर बदल डाला.

मिसेज नारंग को अपनी मारुती अब खटकने लगी थी. उन्हें लगा कि वह उन की हैसियत के अनुकूल नहीं है इसलिए आई 20 कार खरीद ली. आखिर ईएमआई चुकाने की टैंशन जो अब खत्म हो गई थी. ब्याज की रकम के साथ निश्ंिचतता आ गई थी. मिसेज नारंग की देखादेखी मिसेज वर्मा और रमा ने भी अपनी गाडि़यां बदल डालीं. हर किसी को, जिस ने तान्या गुप्ता को पैसे दिए थे, लग रहा था कि उस के दिन बदल गए हैं. इसलिए खर्चने में अगर उन का हाथ खुल गया था तो उन की सोच भी लंबी उड़ान भरने लगी थी.

एक दिन सब ने तय किया कि तान्या गुप्ता उन के लिए इतना कुछ कर रही हैं तो उन्हें मिल कर एक शानदार पार्टी देनी चाहिए. फिर क्या था, सोसाइटी के लौन में पार्टी का आयोजन किया गया. तान्या गुप्ता उस में चीफगैस्ट बन कर घूम रही थीं और बाकी औरतें उन के आगेपीछे. हर किसी को लग रहा था कि उस की ओर से कोई कमी नहीं रह जानी चाहिए. इस बीच, एकाध बार उन के पति को देखा गया था, पर तान्या गुप्ता से इस बारे में पूछ कर कोई उन से अपने रिलेशन खराब नहीं करना चाहता था.

इस तरह 6 महीने बीत गए. हर महीने की पहली तारीख को ब्याज के लिफाफे, जिस में कैश होता था, सब के घर पहुंच जाते. वे कभी चैक से पेमेंट नहीं करती थीं. उन का मानना था कि जब कैश लेती हूं तो कैश ही दूंगी. अगर कभी खुद नहीं आ पातीं तो ड्राइवर आ कर लिफाफा पहुंचा जाता, लेकिन इस क्रम में कभी बाधा नहीं आई.

सोसाइटी की और भी औरतें अब तान्या के पास आ कर पैसे देने लगी थीं. आखिर उन की विश्वसनीयता जो कायम हो चुकी थी. यह भी तय था कि हर कोई ज्यादा से ज्यादा रकम देती थी ताकि अधिक ब्याज मिल सके. 6 महीने में ही उन के पास अच्छीखासी ब्याज की राशि आ गई थी.

नया महीना आरंभ हो गया था और औरतें अपनेअपने प्लान बना लिफाफा आने की प्रतीक्षा कर रही थीं कि तभी मिसेज वर्मा बदहवासी की हालत में मिसेज नारंग के घर पहुंचीं और बोलीं कि तान्या गुप्ता के दोनों फ्लैट खाली पड़े हैं. रातोंरात तान्या गुप्ता गायब हो गई थीं. उन के पति को तो खैर एकाध बार से ज्यादा किसी ने देखा तक नहीं था. सैके्रटरी ने पुलिस को खबर दी तो पता लगा कि दोनों फ्लैट किराए पर थे और सारा फर्नीचर और बाकी का सामान भी उधार पर लिया गया था. कुछ औरतों के मुंह से घबराहट में पतियों के सामने बात निकल गई पर वे फिर भी सच छिपा गईं कि कितने पैसे दिए थे. 10-20 हजार रुपए दिए थे, कह कर बात छिपा गईं. पुलिस को भी उन्होंने कुछ नहीं बताया. आश्चर्य की बात यह भी थी कि उस महिला का कोई पुलिस रिकौर्ड भी नहीं था.

केवल रमा ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उस के 10 लाख रुपए तान्या गुप्ता ले उड़ी है. 2 दिन बाद ही उसे 10 लाख रुपए का ड्राफ्ट मिल गया. पुलिस ने बहुत चाहा कि सोसाइटी की अन्य औरतें भी बयान दें और रिपोर्ट लिखवा दें, पर ऐसा कुछ न होने पर कोई शिकायत बनी ही नहीं. केस वहीं बंद करना पड़ा. अफसोस और लुट जाने की लकीरें हर किसी के चेहरे पर खिंची हुई थीं, पर वे बेबस थीं, क्योंकि उन के लालच को कैश कर तान्या गुप्ता तो कब की रफूचक्कर हो चुकी थीं. मजे की बात यह थी कि औरतें अभी भी यह हिसाब लगाने में असमर्थ थीं कि ब्याज की रकम जो उन्हें मिलती थी उस की तुलना में तान्या करोड़ों रुपए का उन्हें चूना लगा गई थीं.

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