लिव इन कपल्स के लिए फाइनेंशियल टिप्स

भारत में लिव-इन रिलेशन का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है. खास कर मेट्रो शहरों में स्‍टूडेंट और वर्किंग एग्जीक्‍यूटिव के लिए यह इमोशनली और फाइनेंशियली सुविधाजनक रहता है. सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को मान्‍यता दी है. अगर आप लिव-इन में रहते हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि लिव-इन कपल के तौर पर आपके फाइनेंशियल राइट्स क्‍या हैं. भारत में रहने वाले लिव-इन कपल कई मामलों में मैरिड कपल से अलग हैं और बतौर लिव-इन कपल इन लोगों को कई तरह की दिक्‍कतों का भी सामना करना पड़ता है.

लिव-इन पार्टनर को बैंक अकाउंट में बना सकते हैं नॉमिनी

अगर आप लिव-इन रिलेशनशिप में हैं और आप बैंक में अकाउंट खोलते हैं तो आप अपने पार्टनर को अकाउंट में नॉमिनी बना सकते हैं.

आपको नहीं मिलेगा फैमिली इन्‍श्‍योरेंस कवर

अगर आप लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं तो बीमा कंपनी आपको फैमिली प्रोटेक्‍शन प्‍लान या फैमिली हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस कवर नहीं देगी. आप इंडीविजुअल प्‍लान ले सकते हैं. लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे कपल फैमिली प्‍लान नहीं ले सकते हैं क्‍योंकि लिव-इन रिलेशनशिप अभी डिफाइंड रिलेशन में नहीं आता है.

प्रॉपर्टी का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि अगर दो लोग शादी किए बिना लंबे समय तक पति और पत्‍नी के तौर पर रहते हैं तो दोनों को कानूनी तौर पर मैरिड माना जाएगा. ऐसे में अगर लिव-इन में रहने वाली महिला के पार्टनर की मौत हो जाती है तो उसे अपने पार्टनर की प्रॉपर्टी मिलेगी.

लिव-इन पार्टनर के तौर पर वीजा मिलने में होगी मुश्किल

अगर आप लिव-इन में रह रहे हैं और आपके पार्टनर को विदेश में जॉब मिल गई है और आपका पार्टनर विदेश में सेटल होना चाहता है तो आप उसके साथ लिव-इन पार्टनर के तौर पर विदेश में सेटल नहीं हो पाएंगे. आपको वीजा मिलने में दिक्‍कत आएगी क्‍योंकि आप को वीजा के लिए आवेदन करते समय आपको वैवाहिक स्थिति बतानी होगी. अभी तक भारत में लिव-इन रिलेशनशिप को डिफाइंड रिलेशन में नहीं माना जाता है. ऐसे में इसके आधार पर आपका वीजा नहीं बनेगा.

गमले में लगायें सोलर प्लांट

सर्दीयों का मौसम है पर बिजली की कमी तो हमेशा ही खलती है. बैकअप पर बिजली मिल तो जाती है लेकिन इतनी महंगी कि बल्ब जलाने में भी डर लगता है. इस डर को दूर करने का सबसे बेहतरीन विकल्प है सोलर एनर्जी.

आप सोच रहे होंगे कि सोलर पैनल लगाने के लिए तो काफी जगह की जरूरत होगी और आज के समय में जगह की ही तो सबसे ज्यादा कमी है. पर अब घबराने की जरूरत नहीं है. आप चाहें तो गमले के साइज में भी सोलर पैनल लगा सकते हैं. या यूं कहें कि सोलर ट्री उगा सकते हैं. डेढ़ फुट के गमले में आप ये सोलर ट्री आसानी से उगा सकते हैं.

यूं तो सोलर पैनल लगाने के लिए काफी जगह चाहिए होती लेकिन नई तकनीक की मदद से आप कम जगह में ज्यादा एनर्जी प्राप्त कर सकते हैं.

ये हैं वो वजहें जिनसे कम जगह में मिलती है ज्यादा एनर्जी:

– आमतौर पर पारंपरिक सौर ऊर्जा की एक SPV (solar photo voatic) प्लेट लगाने में प्रति किलो वॉट के लिए 100-125 स्क्वायर फीट जमीन की जरूरत होती है. इतनी जमीन की कीमत करोड़ों रुपये होती है. जबकि इस सोलर प्लांट को 1.5X1.5 फुट की जगह में ही फिट किया जा सकता है.

– पारंपरिक सोलर पार्क में एक किलोवाट ऊर्जा के लिए प्लेट लगाने की लागत 75 से 80 हजार रुपये आती है. हालां‍कि सोलर ट्री की लागत करीब एक लाख पंद्रह हजार से सवा लाख रुपये तक आती है लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि इससे करोड़ों रूपये की जमीन की बचत होती है. जिसे दूसरे कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

– इसका रखरखाव काफी आसान है. इसे बनाने वालों ने इस पेड़ के मूल तने पर एक फव्वारा भी लगाया है. इसे पानी के पाइप से जोड़ देने पर फुहारें सभी प्लेटों की सफाई भी कर देती हैं.

अजय की बेटी संग रोमांस करेंगे कपिल शर्मा

कॉमेडियन कपिल शर्मा के फैन्स के लिए खुशखबरी है. जी हां, आपके चहेते कॉमेडियन कपिल, डेब्यू फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ के बाद अब एक दूसरी बॉलीवुड फिल्म में नजर आने वाले हैं.

फिल्म का नाम है ‘फिरंग’, जिसमें वह न सिर्फ लीड एक्टर होंगे बल्कि फिल्म को को-प्रड्यूस भी करेंगे. खास बात यह है कि इस फिल्म में कपिल की हिरोइन होंगी, अजय देवगन की ऑनस्क्रीन बेटी इशिता दत्ता.

जी हां, कपिल अपनी अगली फिल्म में इशिता के साथ रोमांस करते नजर आएंगे. बता दें कि इशिता, पूर्व मिस इंडिया और बॉलीवुड ऐक्ट्रेस तनुश्री दत्ता की बहन हैं और उन्होंने फिल्म ‘दृश्यम’ में अजय की बेटी का किरदार निभाया था.

बॉलीवुड के गलियारों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस फिल्म की शूटिंग 25 नवंबर से शुरू हो सकती है. यही वजह है कि कपिल की टीम इन दिनों कॉमिडी शो के अडवांस शूटिंग में व्यस्त है.

अब देखना ये होगा कि पिछली फिल्म में तीन ऐक्ट्रेसेज के साथ रोमांस करने वाले कपिल, इस बार सिर्फ एक हिरोइन के साथ पर्दे पर कैसा जादू चलाते हैं.

सोनू सूद की फिल्म को मिला ऑस्कर का टिकट

एक्टर और अब प्रड्यूसर बन चुके सोनू सूद ने हाल ही में जिस चाइनीज फिल्म में काम किया था, उसे चीन की ओर से ऑस्कर में भेजे जाने की अनाउंसमेंट हुई है. इससे सोनू सूद बेहद खुश हैं और इसे अपने करियर और सिनेमा के लिए बड़ा सम्मान मानते हैं.

सोनू सूद ने इस फिल्म में हर्षवर्धन नाम के भारतीय राजा का रोल किया है. ‘जुआजांग’ नाम की इस फिल्म में सोनू सूद के साथ-साथ नेहा शर्मा और बिग बॉस फेम मंदाना करीमी ने भी काम किया है. इस फिल्म की शूटिंग भारत में भी हुई है.

पिछले साल सोनू ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में इस फिल्म की शूटिंग में हिस्सा लिया था. फिल्म में सोनू के साथ एक्शन स्टार जैकी चेन भी है जिससे उन्होंने काफी कुछ सीखने को मिला. सोनू ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘तूतक तूतक तूतिया’ में काम भी किया था और उन्होंने ही इसे प्रड्यूस भी किया.

अपनी फिल्म की सफलता से खुश सोनू ने कहा कि जब वह इस फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तभी उन्हें ऐसा लगा कि ये फिल्म कुछ बड़ा करने वाली है. सोनू ने बताया कि उनकी मां इतिहास की टीचर रही हैं और बचपन में उन्होंने राजा हर्षवर्धन के बारे में काफी पढ़ा था.

गेम नहीं घर से बाहर हुए स्वामी ओमजी

बिग बॉस के घर में एक ट्विस्ट देखने को मिला है. स्वामी ओमजी को बिग बॉस ने सीक्रेट रूम में रखा है, जहां से वह सभी घरवालों की गतिविधियों को देख सकते हैं. उधर घरवालों को लग रहा है कि ओमजी गेम से बाहर हो गए हैं. अब यह देखना मजेदार होगा कि जब ओमजी घर में वापस आते हैं, तो क्या होता है.

वैसे अभी ओमजी के घर से जाने के बाद घरवाले उन्हें खासा मिस कर रहे हैं. यही कारण है कि मनु पंजाबी और मनवीर गुर्जर को स्वामी के जाने के बाद फूट-फूटकर रोते हुए देखा गया, जबकि बाकी घर वाले भी अपने स्तर पर ओमजी की बात कर उन्हें याद कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक तो स्वामी को एक खुफिया कमरे में भेज दिया गया है.

यहां पर बैठे-बैठे ओम स्वामी सभी घर वालों पर नजर बनाए रखेंगे. मतलब यह हुआ कि अभी बाबा घर से बाहर नहीं हुए हैं. वो तो कुछ दिन बाद फिर से घर में एंट्री मारेंगे. ऐसे में ट्विस्ट आना बाकी है.

देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में घर वालों के बीच क्या समीकरण बनते हैं. ओमजी के घर से बाहर जाने के पहले तक गौरव चोपड़ा-मोनालिसा, बानी और लोपामुद्रा के बीच का विवाद सुर्खियां में रहा है. यह कितनी आगे जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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हुमा कुरैशी ने छोड़ दी ‘गुलाब जामुन’

हुमा कुरैशी देखने में जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही दमदार उनकी एक्टिंग भी है और यह बात उन्होंने ‘गैग्स ऑफ वासेपुर’, ‘बदलापुर’, ‘डेढ़ इश्किया’ और ‘हाईवे’ जैसी फिल्मों से साबित भी की है. वहीं आने वाले समय में भी उनकी कई अच्छी फिल्में आने वाली हैं, जिनमें अक्षय कुमार के साथ ‘जॉली एलएलबी 2’ भी शामिल है.

हालांकि खबर है कि हुमा ने एक मजेदार फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया है, जिसमें पहले उन्होंने दिलचस्पी दिखाई थी और मजेदार फिल्म इसलिए क्योंकि इसका टाइटल ही है ‘गुलाब जामुन’. अब सोचिए जब टाइटल इतना मजेदार है तो फिल्म कितनी मजेदार होगी. अब चलिए बताते हैं वो वजह, जिसके कारण हुमा ने कथित तौर पर यह फिल्म छोड़ दी.

दरअसल, इस फिल्म की शूटिंग जून में ही शुरू होने वाली थी, मगर अब तक इसका कुछ अता-पता नहीं है. रिपोर्टों के मुताबिक, स्क्रिप्ट पर अच्छे से काम करने की जरूरत थी, जिसकी वजह से शूटिंग में देरी हो गई. ऐसे में अब चर्चा है कि हुमा ने और इंतजार करने की बजाय सर्वेश मेवारा की इस फिल्म को छोड़ने का फैसला कर लिया, जो कि बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म होगी.

सोनपुर का प्रसिद्ध पशु मेला

भारत में हर छोटी-बड़ी घटनायें किसी त्यौहार से कम नहीं होती. चाहे किसी की चुनावी जीत हो या पशुओं का मेला. त्यौहारों की खासियत भी यह है कि चाहे कोई व्यक्ति उनसे जुड़ा हो या न हो पर उनसे अछुता नहीं रह सकता. बिहार के सोनपुर में लगने वाला पशु मेला भी कुछ ऐसा ही है. यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है. हर साल यह नवंबर-दिसंबर के बीच लगता है.

देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पशु प्रेमी इस मेले में हिस्सा लेने के लिए आते हैं. मेले में कुत्ते, भैंस, टट्टू, फारसी घोड़े, ऊंट, हाथी आदि जैसे जानवरों की प्रदर्शनी लगती है. इन सबके अलावा पर्यटक मेले में अनेक प्रकार की वस्तुयें भी खरीद सकते हैं. मेले में कई सारी चीजें जैसे कपड़े, गहने, बर्तन,खिलौने आदि के दुकान सजते हैं.  कुछ लोग मेले में करतब और खेल दिखा कर भी मेले में आए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं.

यह अद्वितीय पर्व कार्तिक पूर्णिमा के समय प्रारम्भ होता है और दो सप्ताह तक चलता है. सोनपुर गंगा और गंडक नदी का संगम स्थल है, मेले के अलावा कई भक्त यहां इस समय गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए भी आते हैं. इस मेले को ‘हरिहरक्षेत्र मेला’ के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे ‘छत्तर मेला’ पुकारते हैं.

यह मेला पहले हाजीपुर में लगता था. सिर्फ हरिहर नाथ की पूजा सोनपुर में होती थी लेकिन बाद में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश से मेला भी सोनपुर में ही लगने लगा. सोनपुर हाजीपुर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो बिहार के सबसे प्रगतिशील क्षेत्रों में से एक है. हाजीपुर में कई आकर्षक पर्यटक स्थल स्थित हैं. विश्व विख्यात गांधी सेतु जो गंगा नदी पर बनाया गया है हाजीपुर में ही है.  

सोनपुर कैसे पहुंचें?

सोनपुर सड़क मार्ग और रेलमार्ग द्वारा आराम से पहुंचा जा सकता है. बिहार की राजधानी पटना से यह सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो हवाईमार्ग, रेलमार्ग और सड़कमार्ग से आसानी से जुड़ा हुआ है. अगर आप हाजीपुर पहुंच रहे हैं तो वहां कोई भी लोकल टैक्सी या ऑटो रिक्शा बुक कर आराम से सोनपुर पहुंच सकते हैं.

तो इस नवंबर तैयार हो जाइए एशिया के सबसे बड़े पशु मेले का साक्षी बनने के लिए और दुनिया के अलग रंगों और संस्कृति का अनुभव करने के लिए.

स्वीट एंड टेस्टी काजू कतली

काजू कतली का नाम सुनते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है. क्या आपने कभी अपने घर पर काजू कतली बनाया है? नहीं. तो घर पर कुछ ऐसे बनाएं सबका फेवरिट काजू कतली…

सामग्री

400 ग्राम काजू पाउडर

50 मिलीलीटर पानी

थोड़ा सा इलायची पाउडर

15 ग्राम घी

जरूरतानुसार सिल्वर फौइल

100 ग्राम चीनी.

विधि

एक पैन में पानी और चीनी डाल कर पकाएं. इस में इलायची पाउडर और घी डाल कर चाशनी तैयार करें. चाशनी में काजू पाउडर डाल कर थोड़ा गाढ़ा होने तक पकाएं. तैयार मिश्रण को औयल से ग्रीस की गई ट्रे में निकालें. मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसे फ्लैट कर के सिल्वर फौइल से सजाएं और मनचाहे आकार में काट कर परोसें.

महिलाओं में दिल की बीमारी का जोखिम

दिल की बीमारी का जोखिम महिलाओं और पुरुषों में बराबर ही रहता है. हालांकि पुरुषों और महिलाओं में कार्डियोलौजी अलग तरह से काम करता है. पुरुषों और महिलाओं में कार्डियोवैस्क्युलर बीमारियों के साझे जोखिम कारकों (डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, खून में कोलैस्ट्रौल का बढ़ा स्तर और धूम्रपान) के अलावा और भी ऐसे कारक हैं, जो महिलाओं में कार्डियोवैस्क्युलर बीमारी का जोखिम बढ़ा देते हैं.

ऐसे में महिलाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि किन किन कारणों से हार्ट डिजीज होने का खतरा रहता है.

रजोनिवृत्ति और ऐस्ट्रोजन की हानि

महिलाओं के शरीर में बनने वाला हारमोन ऐस्ट्रोजन हृदय की बीमारियों से प्राकृतिक सुरक्षा मुहैया कराता है. उम्र बढ़ने के साथसाथ प्राकृतिक ऐस्ट्रोजन की कमी से उन में रजोनिवृत्ति के बाद हृदय की बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है. अगर रजोनिवृत्ति का कारण गर्भाशय या अंडाशय निकालने की सर्जरी की गई हो, तो जोखिम और बढ़ जाता है.

गर्भनिरोधक गोलियां

गर्भनिरोधक गोलियां खाने वाली कुछ गोलियां हृदय की बीमारी का जोखिम पैदा कर सकती हैं खासकर उन महिलाओं में जो धूम्रपान करती हैं या जिन्हें उच्च रक्तचाप रहता है.

तनाव, मोटापा और अवसाद

तनाव, मोटापा और अवसाद अच्छे खासे जोखिम कारणों में हैं, जो तुलनात्मक रूप से महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करते हैं.

डायबिटीज

डायबिटीज की शिकार महिलाओं की कार्डियोवैस्क्युलर बीमारी से मौत का जोखिम डायबिटीज वाले पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है. गर्भावस्था के दौरान अस्थायी डायबिटीज भी महिलाओं में जोखिम बढ़ा देती है.

हृदय की कई तरह की बीमारियां महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा आम हैं. जैसे स्ट्रोक, हाइपरटैंशन, ऐंडोथेलियल डिसफंक्शन और कंजैस्टिव हार्ट फेल्योर.

आज हैल्थकेयर समाज में सब से चर्चित विषय है. अत: महिलाओं को इस बात के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे अपने लक्षणों पर ध्यान दें और समय पर रोगनिदान हेतु उपचार का चुनाव करें.

कार पामिस्ट्री से वधू का चयन

पहलेजमाने में लड़केलड़की का विवाह कुंडली मिलान पर निर्भर करता था. पंडितजी कुंडली से लड़केलड़की के गुणों का मिलान करते थे. अगर ज्यादातर गुण मिल जाते थे तो दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ जाती थी कि अरे 34 गुण मिल रहे हैं. चलो अब पूरा रास्ता आगे के लिए साफ है. फिर गोद भराई, फलदान, सगाई आदि रस्मों की तिथि तय कर दी जाती थी. मगर इतने सारे गुणों के मिलने के बावजूद हर स्त्रीपुरुष में कुछ अवगुण या कहें कमियां तो होती ही हैं, जिन के कारण पतिपत्नी में मतभेद हो जाते हैं. यदि ये मतभेद बढ़तेबढ़ते मनभेद बन जाएं तो फिर अलगावरूपी नफरत व घृणारूपी अलाव में दोनों जलने लगते हैं और फिर जिंदगी की लौ बुझने की बेला आने तक यह अलगाव का अलाव जलता रहता है.

मगर अब नए दौर में कुंडली देख कर गुण मिलाने का चलन कम होता जा रहा है. अब तो दूसरी चीजें देखी जाती हैं. अब सब से बड़ा गुण लड़की की शिक्षा है और उस के ऊपर भी वह कितनी कमाऊ  है. लड़के में भी यही चीजें देखी जाती हैं. कमाऊ  लड़की बाकी गुणों के नाम से कितनी भी उबाऊ क्यों न हो वह सहर्ष पसंद कर ली जाती है. इस सब के बावजूद रिश्ते में अलगाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मातापिता क्या करें कि ऐसा रिश्ता, ऐसी लड़की मिल जाए जिस से कि जिंदगी भर निभ जाए? वैसे अब निकट भविष्य में इस बात पर भी आश्चर्य प्रकट किया जाएगा… न कहो ऐसे लोगों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाने लगे.

गंगू के पास एक लेटैस्ट तरकीब है. काफी मेहनत व अभ्यास के बाद यह विकसित हुई है. व्यक्तित्व का अनुमान लगाने के लिए हमारे यहां सैकड़ों तरीके हैं जैसे कोई किसी की हैंडराइटिंग देख कर व्यक्तित्व का अनुमान लगाता है, कोई नंबर के आधार पर यह काम करता है, तो कोई फूल देख कर, सूंघ कर पर्सनैलिटी व भविष्य बताता है. कोई किसी और आधार पर. लेकिन आजकल यह तकनीक भावी वधू के चयन में शतप्रतिशत कामयाब हो रही है. वैसे आजकल उलटा भी होने लगा है कि वधू वर को पसंद करने लगी है.

इस नई तकनीक में आप को ज्यादा कुछ नहीं करना है बस यह वाच करना है कि प्रोस्पैक्टिव वधू कार कैसे चलाती है? इस के पीछे भी एक कहानी है. एक दिन सुबहसुबह गंगू के वाक पर जाते समय बाजू से एक कार निकली. इस में क्या खास है? खास तब होता जब कार के स्टेयरिंग पर किसी खूसट के नहीं वरना एक खूबसूरत लड़की के कोमल हाथ होते.

सामने से एक कार आ रही थी. सड़क संकरी थी, लेकिन उस खूबसूरत मुहतरमा ने अपनी गाड़ी सड़क से नहीं उतारी, बल्कि सामने वाले को गाड़ी सड़क के नीचे उतारने के लिए मजबूर कर दिया. बस यहीं से यह विधा शुरू हुई. गंगू ने अब इस का अध्ययन करना शुरू कर दिया कि लड़कियां कार किस परिस्थिति में और कैसे चलाती हैं? इस में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. कई बार कार का पीछा करना पड़ा. पिटनेकुटने तक की भी नौबत आई. लेकिन 6 माह की कड़ी मेहनत के बाद कुछ तथ्य सामने आए हैं, जो आप के लाभार्थ पेश हैं. इसी से ‘कार पामिस्ट्री’ नामक व्यक्तित्व पढ़ने की एक नई विधा का जन्म भी हो गया है.

पहला तथ्य यह कि यदि आप इस तरह की लड़की को अपने घर की बहू बनाने की सोच रहे हैं, तो समझ लें कि यह पैट्रीआर्कल  नहीं मैट्रीआर्कल प्रकार के परिवार में विश्वास करने वाली है. भावी वर पर यह बम पर्सनैलिटी हावी होने की कोशिश हरदम करेगी. पति को कंट्रोल करने की चाबी कार की चाबी की तरह हमेशा इस के पास रहेगी. दूसरा यदि कार ट्रैफिक में फंसी है, आगे कारों का रेला है उस के बाद भी पीछे की कार में बैठी लड़की यदि तेज हौर्न लगातार बजा रही है, तो आप को वार्न किया जाता है कि यह बेहद तेज स्वभाव की लड़की है. यह इंतजार नहीं कर सकती. जो चाहती है वह उसे तुरंत चाहिए. यहां अंधेर चलेगा, लेकिन देर नहीं.

तीसरा कार का गियर बदलते समय यदि लड़की कार को झटका सा देती है तो मान कर चलिए कि इस में आत्मविश्वास की कुछ कमी है. कुछ किया तो किया नहीं किया तो नहीं किया. लेकिन वह ऐसा नहीं सोचती, वह समझती है कि वह शहर की सब से अच्छी कार चलाने वाली है. अत: ऐसी लड़की यदि रसोई में कोई डिश बनाती है और स्वाद में वह आप की विश से कम है, तो कमी का कमैंट न करने की सलाह है. घुमाफिरा कर बात करें वरना वह बुरा मान जाएगी. सचाई हमेशा कड़वी लगती है.

चौथा जो लड़की यह जान कर भी कि थोड़ी ही दूरी पर ट्रैफिक बहुत है या मोड़ अथवा स्पीड ब्रेकर है. जहां कार धीमे करनी ही होगी तो भी कार तेजी से चलाती हो तो मान कर चलिए कि यह सेव ऐनर्जी के सिद्धांत पर विश्वास नहीं करती. घर की लाइट, पंखे, एसी आदि बंद करने के लिए आप को एक आदमी अलग से रखना पड़ेगा या आप का लाड़ला यह काम करने का मन पक्का कर ले अथवा आप को बत्ती कनैक्शन वालों की तरह बिजली मुफ्त में मिलती हो तो चिंता की बात नहीं है.

5वां यदि लड़की कार बैक करते समय पीछे न देख कर यह मान कर चलती है कि पीछे वाला अपनेआप देख कर हट जाएगा, क्योंकि सब को अपनी जान प्यारी होती है तो यह बेपरवाह व्यक्तित्व की निशानी है. यह किसी की चिंताविंता नहीं करेगी. यदि घर में बै्रड के 2 ही पीस व 1 एग बचा है तो यह उन्हें गटक लेगी और यह सोचेगी कि जिसे जरूरत पड़ेगी अपनेआप और ले आएगा.

छटा इसे सुन कर तो आप को छटी का दूध याद आ जाएगा? यदि लड़की बहुत तेज स्पीड से कार चलाती है. फिर चाहे गलीमहल्ला हो या बाजार अथवा हाईवे, तो आप मान कर चलिए कि यह तनावयुक्त पर्सनैलिटी के लक्षण हैं, कोई काम सुकून से न करने की आदत की पहचान है. हमेशा टैंशन में जीने को फैशन मानने वाली है.

7वां यदि लड़की कार चलाते समय गड्ढों में भी तेज गति से कार डाल देती है, तो इस का मतलब है कि वह बिंदास स्वभाव की है, यदि मौल में आप के साथ जाएगी तो आप की जेब का सारा माल खत्म हो जाएगा? ऐसे में लड़के क्रैडिट कार्ड साथ न रखें वरना कंगाल हो जाएंगे. यदि बंगाल के हो कर दिल्ली में काम कर रहे हैं, तो वापस बंगाल जाना पड़ेगा, क्योंकि वह जानती है कि ऐसा करने से कार की मैंटेनैंस का बिल बढ़ेगा, लेकिन कौन कार धीमी करे. लेकिन इस का दूसरा पक्ष भी है कि ऐसी लड़की बोल्ड होती है. कहीं मौका आने पर साहस दिखाने के मामले में पति महोदय भले ही क्लीनबोल्ड हो जाएं, लेकिन वह हो सकता है चैन स्नैचर की तबीयत से धुलाई कर उसे फटीचर बना दे, क्योंकि जोखिम लेने में इसे आनंद आता है.

8वां पीछे से पौंपौं करती किसी गाड़ी को यदि यह तुरंत साइड दे दे तो यह ऐडजस्टिंग नेचर की है कि जाजा तू ही बड़े बाप का है. जल्दी से निकल जा और यदि पीछे से पौंपौं करती कार के पौ बजा दे यानी उसे साइड न दे तो यह आसानी से ऐडजस्ट न करने वाली है.

अब अगर आप भी अपने कपूत या सपूत का रिश्ता तय करने की सोच रहे हैं, तो लड़की देखनेदिखाने के दौरान और चीजों पर समय बरबाद न कर केवल लड़की से कार चलवा कर देख लें.

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