पिछला भाग- ज़िंदगी-एक पहेली: भाग-3
अविरल सुमि से काफी जुड़ाव महसूस करता था. पर जैसा की हम जानते हैं की समाज की निगाह में एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. तो बहन का रिश्ता तो बहुत दूर की बात है. स्कूल change होने के बाद अविरल और सुमि एक दूसरे से मिलना तो दूर बात भी नहीं कर पाते थे. अविरल और सुमि कभी- कभी अमित के घर पर मिलते थे. अब आगे-
सुमि आसू से नफरत करती थी. इसका शायद एक कारण यह भी था कि अविरल ही सुमि को आसू के बारे में सब कुछ बता चुका था जैसे कि आसू की गुंडागर्दी, उसके कई अफेयर और ब्रेकअप. सुमि अविरल को आसू की propose करने वाली बात बताकर उसे दुखी नहीं करना चाहती थी. इसलिए उसने यह बात अविरल से नहीं बताई.
सारी बातों से अनभिज्ञ अविरल को अब आसू का साथ अच्छा लगने लगा था. अब वह अपना कॉलेज बंक करके आसू के साथ ही घूमता रहता. वह अनु से भी बातें छुपाने लगा. अनु से अविरल थोड़ा दूर होने लगा. अनु को दुःख तो होता था लेकिन वह यह देखकर खुश होती कि अविरल अब घर से बाहर भी खुश रहने लगा. अब अविरल थोड़ा सा खुलने लगा था, उसका हकलापन भी अब पहले से थोड़ा कम हो गया था. लेकिन अगर अविरल नर्वस होता तो उसका हकलापन कई गुना बढ़ जाता.
आसू का बर्ताव अब धीमे धीमे बदलने लगा था. वह लड़कियों से दूर रहने लगा था. कुछ अनमना सा रहता था आशू. अविरल ने कई बार आसू से कारण पूंछा लेकिन हर बार वह बहाना बनाकर चला गया. लेकिन एक दिन अविरल ने बहुत जिद की तो आसू ने बुरा न मानने का promise लेकर बता दिया कि वह सुमि से मोहब्बत करने लगा है. अविरल के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी. उसे आसू की मोहब्बत पर विश्वास नहीं हुआ. उसे लगा कि आसू दूसरी लड़कियों की तरह ही सुमि के साथ भी फ्रॉड करेगा. अविरल वहां से उठा और बिना कुछ बोले वहां से चला गया. आसू को भी कहीं न कहीं ये शक था कि कहीं अविरल भी तो सुमि को प्यार नहीं करता.
अविरल अपने घर चला गया और रात दिन इसी बारे में सोचता रहा. अविरल को आसू के बदलते रवैये को लेकर उसके प्यार में कुछ सच्चाई तो नजर आई लेकिन वह कंफ्यूज था. उसने अमित के घर में सुमि से इस बारे में बात की तो सुमि ने सारी बात बताई. यह जानकर अविरल को बड़ा आश्चर्य हुआ कि ये बात 1 महिना पुरानी है और आसू जैसा बिगड़ा हुआ लड़का दोबारा सुमि के पास नहीं गया. अब अविरल को आसू की बातों पर विश्वास हो चला था.
कुछ दिनों तक अविरल आसू के घर नहीं गया. एक दिन आसू के पापा अविरल के घर आए. उन्होंने बताया कि काफी दिनों से आसू की हालत ठीक नहीं है उसका किसी चीज में मन नहीं लगता है. उसका खाना-पीना भी बहुत कम हो गया था. अभी कुछ दिनों पहले ही उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी तो उसे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था और एक दिन पहले ही आसू डिस्चार्ज होकर घर आया है. अविरल आसू से मिलने आसू के घर पहुंचा तो उसे आसू के कमरे से रोने की आवाज़ सुनाई दी. वह खिड़की के बाहर से छुपकर देखने लगा. आसू अन्दर सुमि की फोटो लेकर बुरी तरह रो रहा था . तभी जाकर अविरल ने उसका हाथ पकड़ लिया. आसू अविरल के गले लग बुरी तरह रोते हुए बोला ,“मैं सारी बुरी आदतें छोड़ दूंगा, प्लीज मेरी मदद करो”.
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आसू ने अविरल को बताया कि वह हर समय सुमि को देखने के लिए सुमि के घर के रास्ते में बैठा रहता और छुपकर उसे देखता रहता. जिस भी दिन सुमि नहीं दिखती, कहीं भी उसका मन नहीं लगता. अविरल को आसू पर बहुत दुख हुआ और अविरल ने उसका साथ देने का निश्चय किया.
अविरल ने सुमि से आसू के बारे में बात की लेकिन सुमि तो आसू से नफरत करती थी तो सुमि ने साफ-साफ अविरल से बोल दिया कि मेरे सामने आसू की बात मत करना. अविरल अब अपने आप को बीच में फंसा हुआ महसूस कर रहा था. उसका मन बिल्कुल भी पढ़ाई में नहीं लगता था. अनु जब भी उसे कोई question पूछती, उसके बारे में अविरल को कुछ भी पता नहीं होता. अनु थोड़ा गुस्सा भी होती और उसे समझाती भी, लेकिन अब अनु की बातें अविरल को अच्छी नहीं लगती थी. अब अविरल अनु की बाते अनसुनी करने लगा था. वह अपनी कोचिंग में एक्सट्रा क्लास का बहाना बना कर अपनी कोचिंग 1 घंटे पहले ही चला जाता और 1 घंटे बाद आता था. बाकी का सारा समय वह आसू और उसके दोस्तों के बीच बिताने लगा.
अविरल ने आसू के बारे में पल्लवी से बात की और पल्लवी से सुमि को समझाने के लिए बोला. अब अविरल और पल्लवी अक्सर सुमि से आसू की बातें बताते रहते . ऐसा होते होते 6 माह और बीत गए. और कहते हैं ना कि पत्थर पर बार-बार रस्सी घिसने से पत्थर पर भी निशान बन जाता है तो सुमि तो इंसान थी.
अब सुमि को भी लगने लगा था कि शायद आसू बदल गया है. आसू हर दिन उसके कोचिंग आने और जाने का इंतजार करता और जैसे ही सुमि दिखती वह छुप जाता था. सुमि को उसकी यह हरकत देखकर मन ही मन बहुत हंसी आती .
शायद अब सुमि के मन में कहीं ना कहीं आसू के लिए जगह बनने लगी थी. अब वो भी जब आते जाते आसू को देख लेती तो आंखें झुका कर निकल जाती थी. पल्लवी और सोनी का घर आसपास ही था तो वे दोनों रोज मिलती थी और उन दोनों के बीच में रोज ही आसू की बातें होती थी. अब सुमि को आसू की बातें अच्छी लगने लगी थी. इसका एहसास पल्लवी और अविरल को भी हुआ. अविरल ने खुशी होकर आसू को सारी बात बताई. आसू भी बहुत खुश हुआ.
आसू अब एनसीसी में सीनियर हो चुका था था तो उसने अविरल का एडमिशन भी एनसीसी में करा लिया. अविरल अब केवल खाने और सोने के लिए ही घर पर रहता था. अनु को अविरल की इन हरकतों से बहुत दुख होता था. अनु ने अविरल को बैठा कर उससे बात की तो अविरल को भी एहसास हुआ कि वह क्या कर रहा है? लेकिन अब अविरल के लिए काफी देर हो चुकी थी. अविरल का फाइनल एक्जाम आने वाला था. और कुछ समय बाद अविरल का फाइनल रिजल्ट आया जो कि बहुत ही खराब था. अविरल ने आसू की मदद से एक फर्जी रिजल्ट बनवाया और घर में दिखाया. लेकिन अनु को इस बात पर शक था क्योंकि वह जानती थी कि अविरल ने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की है.
अनु भी मेडिकल की तैयारी कर रही थी और उसका सेलेक्शन MBBS में हो गया. घर में सभी लोग बहुत खुश थे. अनु के पापा और अनु काउंसलिंग के लिए दिल्ली गए और अनु का एडमिशन करा दिया गया. एडमिशन के बाद अनु और उसके पापा वापस देहरादून आ गए. अनु को 15 दिन बाद हॉस्टल जाना था. अविरल को जब यह बात पता चली उसे बहुत दुख हुआ. वह अनु से बोला कि, “दीदी यही पढ़ाई कर लो ना”.
अनु का भी दिल्ली जाने का मन नहीं था तो उसने अपने पापा से बात की. अनु के पापा अपने बच्चों की भावना समझते थे तो उन्होंने बड़े प्यार से बच्चों को समझाया कि अनु को देश का सबसे अच्छा कॉलेज मिला है. बहुत समझाने के बाद अविरल और अनु मान तो गए लेकिन उनका मन बेचैन था.
अगले भाग में हम जानेंगे की अविरल के जीवन में अब कौन सा बड़ा तूफान उसका इंतज़ार कर रहा था ?