DIWALI 2019: लो कैलोरी स्वीटनर्स से फेस्टिवल बनाएं हेल्दी

भारत एक ऐसा देश है जो अपने हर त्यौहार को खूब धूम-धाम  से मनाना पसंद करता है. भारत देश में हर त्यौहार खूब ख़ुशी- उल्लास और उत्साह से मनाया जाता आ रहा है.  हर “ग्रेट इंडियन फेस्टिवल” के लिए ज़रूरी होता है की हम त्यौहार के दिन कुछ मीठा और सवादिष्ट भोजन बनाए जिससे की त्यौहार का उत्साह दो गुना हो जाता है, हर  त्यौहार में हम कोई न कोई पारंपरिक भारतीय मिठाइयाँ हम ज़रूर बनाते है. और यह  मिठाइयां आपको पारंपरिक मिठाइयों की दुकानों के साथ-साथ घरों में भी तैयार की जाती है.  भारतीय लोगों को अपनी पसंदीदा मिठाइयों को खाने के लिए किसी भी कारण की आवश्यकता नहीं है,बल्कि यह त्यौहारों के समय में और ज्यादा खाई और बनाई जाती है.  त्यौहार के समय में इसके बिक्री और खपत काफी उच्च स्तर पर पहुंच जाती है.

हालांकि, हम सभी यह बात अच्छे से जानते है की इन मिठाइयों में मिठास के लिए चीनी का इस्तेमाल किया जाता है , और बात किसी से भी छिपी नहीं है की हम मिठाइयों में चीनी का इस्तेमाल खूब करते है और हम सब यह भी जानते है की ज्यादा मात्रा में मीठा खाने से हमे डायबिटीज जैसे समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. त्यौहार के सीजन में मिठाइयों की खपत ज्यादा होती है , और अधिक मात्रा में मीठे का का सेवन करने से डायबिटीज सहित विभिन्न  बीमारियों  का उत्पन हो सकता है. और मीठे की वजह से उत्सव का आनंद  कम नहीं होना चाहिए, क्यूंकि आज मार्किट में कई अन्य तरह के लौ कैलोरी स्वीटनेस  (एल सी एस ) आसानी से उपलब्ध है.

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लौ कैलोरी स्वीटेर्न्स: लाभ

कुछ साल पहले तक, लौ  कैलोरी स्वीटनेस की मांग काफी ज्यादा बढ़ गयी थी , जिन लोगो को चाय और कौफ़ी पीना बेहद पसंद वे लोग लौ कैलोरी स्वीटनेस का इस्तेमाल कर सकते है. लौ कैलोरी स्वीटनर्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल और सेवन लगभग  90% डायबिटीज के मरीज़ो द्वारा ही किया जाता है. इसके अलावा, मध्यम वर्ग के लोग केवल 2% ही इसके सेवन करते है और उच्च आय वर्ग के 70% लोगो द्वारा इसका सेवन व इस्तेमाल किया जाता है. समय के साथ साथ यह लोगो में ज्यादा प्रिय हो गया है और अब ज्यादातर लोग नार्मल चीनी की जगह  लौ कैलोरी स्वीटनेस का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे है.  जेईसीएफए (ज्वाइंट डब्ल्यूएचओ-एफएओ एक्सपर्ट कमेटी ऑन फूड एडिटिव्स) द्वारा किए गए स्टडी के अनुसार,लौ कैलोरी स्वीटनेस डायबिटीज और हाइपर टेंशन जैसे मरीज़ो के लिए फायदेमंद साबित हुई है. यह ने केवल मरीज़ो के लिए फायदेमंद है बल्कि इसके सेवन नार्मल वयक्ति के लिए भी काफी फायदेमंद है,लौ  कैलोरी स्वीटनेस से आपका वजन नियंत्रण और मोटापे से जुड़े  अन्य समस्या में आपकी मदद करता है. लौ कैलोरी स्वीटनेस हर तरह से बेहतर है क्यूंकि इसकी गुणवत्ता  की जांच अच्छे से की गयी है, इसलिए हमें इसकी सुरक्षा पर संदेह नहीं करना चाहिए.

लौ कैलोरी स्वीटनेस से बने खान-पान की बढ़ती मांग

लौ कैलोरी स्वीटनेस से बानी मिठाई व अन्य चीज़ो की मांग बढ़ती जा रही है. डायबिटीज, मोटापा और हाइपर टेंशन जैसी  बीमारियों  के लिए यह बहुत लाभकारी मन जा रहा है.  प्रभावित होने से बचने के लिए, उपभोक्ता सुरक्षित विकल्पों की तलाश में रहते है, न केवल मरीज़ बल्कि आज कल आम लोग भी लौ कैलोरी स्वीटनेस की मांग कर रहे है, वह भी लौ कैलोरी  से बानी चीज़ें खाना पसंद कर रहे है. इससे लौ कैलोरी से बानी मिठाइयों की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

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भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अपनी मनपसंदीदा मिठाई को छोड़ना आसान नहीं है, लेकिन लौ कैलोरी स्वीटनेस में भी आपको अपनी मनपसंदीदा मिठाई खाने को मिल सकती है जिससे आपको न कोई नुकसान होगा और न ही आपको अपने स्वाद के साथ समझौता करना पड़ेगा. लेकिन इन सभी मिठाई  को हम कैलोरी-फ्री नहीं बना सकते, क्योंकि इन मिठाइयों में अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं जैसे कि नट, घी, बटर जैसी अन्य चीज़े जो की कैलोरी से भरपूर होती हैं.  इसके साइड-इफेक्ट से बचने के लिए हमे इसकी  खपत व सेवन पर नियंत्रण रखना होगा.

DIWALI 2019: फैमिली के साथ ऐसे मनाएं फेस्टिवल

रोशनी का त्योहार दीवाली हो या कोई और उत्सव, जब तक 10-20 लोग मिल कर धूम न मचाएं आनंद नहीं आता. सैलिब्रेशन का मतलब ही मिल कर खुशियां मनाना और मस्ती करना होता है. पर मस्ती के लिए मस्तों की टोली भी तो जरूरी है.  आज बच्चे पढ़ाई और नौकरी के लिए घरों से दूर रहते हैं. बड़ेबड़े घरों में अकेले बुजुर्ग साल भर इसी मौके का इंतजार करते हैं जब बच्चे घर आएं और घर फिर से रोशन हो उठे. बच्चों से ही नहीं नातेरिश्तेदारों और मित्रों से मिलने और एकसाथ आनंद उठाने का भी यही समय होता है.

सामूहिक सैलिब्रेशन बनाएं शानदार

पड़ोसियों के साथ सैलिब्रेशन:  इस त्योहार आप अपने सभी पड़ोसियों को साथ त्योहार मनाने के लिए आमंत्रित करें. अपनी सोसाइटी या महल्ले के पार्क अथवा खेल के मैदान में पार्टी का आयोजन करें. मिठाई, आतिशबाजी और लाइटिंग का सारा खर्च मिल कर उठाएं. जब महल्ले के सारे बच्चे मिल कर आतिशबाजी का आनंद लेंगे तो नजारा देखतेही बनेगा. इसी तरह आप एक शहर में रहने वाले अपने सभी रिश्तेदारों और मित्रों को भी सामूहिक सैलिब्रेशन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.

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डांस पार्टी:  भारतीय वैसे भी डांस और म्यूजिक के शौकीन होते हैं तो क्यों न प्रकाशोत्सव के मौके को और भी मस्ती व उल्लास भरा बनाने के लिए मिल कर म्यूजिक डांस और पार्टी का आयोजन किया जाए.  पूरे परिवार के साथसाथ पड़ोसियों को भी इस में शरीक करें ताकि यह उत्सव यादगार बन जाए. बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों के चाहें तो अलगअलग ग्रुप बना सकते हैं ताकि उन के मिजाज के अनुसार संगीत का इंतजाम हो सके. बुजुर्गों के लिए पुराने फिल्मी गाने तो युवाओं के लिए आज का तड़कताभड़कता बौलीवुड डांस नंबर्स, अंत्याक्षरी और डांस कंपीटिशन का भी आयोजन कर सकते हैं.

स्वीट ईटिंग कंपीटिशन

प्रकाशोत्सव सैलिब्रेट करने का एक और बेहतर तरीका है कि तरहतरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं. मसलन, स्वादिष्ठ मिठाईयां बनाने की प्रतियोगिता, कम समय में ज्यादा मिठाई खाने की प्रतियोगिता, खूबसूरत रंगोली बनाने की प्रतियोगिता आदि. आप चाहें तो जीतने वाले को इनाम भी दे सकते हैं. इतना ही नहीं, कौन जीतेगा यह शर्त लगा कर गिफ्ट की भी मांग कर सकते हैं.

वन डे ट्रिप

आप त्योहार का आनंद अपने मनपसंद  शहर के खास टूरिस्ट स्थल पर जा कर भी ले सकते हैं. सभी रिश्तेदार पहले से बुक किए गए गैस्ट हाउस या रिजौर्ट में पहुंच कर अलग अंदाज में त्योहार मनाएं और आनंद उठाएं. त्योहार मनाने का यह अंदाज आप के बच्चों को खासतौर पर पसंद आएगा.

तनहा लोगों की जिंदगी करें रोशन 

आप चाहें तो त्योहार की शाम वृद्घाश्रम या अनाथालय जैसी जगहों पर भी बिता सकते हैं और अकेले रह रहे बुजुर्गों या अनाथ बच्चों की जिंदगी रोशन कर सकते हैं. पटाखे, मिठाई और कैंडल्स ले कर जब आप उन के बीच जाएंगे और उन के साथ मस्ती करेंगे तो सोचिए उन के साथसाथ आप को भी कितना आनंद मिलेगा. जरा याद कीजिए ‘एक विलेन’ फिल्म में श्रद्घा कपूर के किरदार को या फिर ‘किस्मत कनैक्शन’ फिल्म में विद्या बालन का किरदार. ऐसे किरदारों से आप अपनी जिंदगी में ऐसा ही कुछ करने की प्रेरणा ले सकते हैं. इनसान सामाजिक प्राणी है. अत: सब के साथ सुखदुख मना कर ही उसे असली आनंद मिल सकता है.

सामूहिक सैलिब्रेशन के सकारात्मक पक्ष

खुशियों का मजा दोगुना

जब आप अपने रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के साथ सामूहिक रूप से त्योहार मनाते हैं तो उस की खुशी अलग ही होती है. घर की सजावट और व्हाइटवाशिंग से ले कर रंगोली तैयार करना, मिठाई बनाना, शौपिंग करना सब कुछ बहुत आसान और मजेदार हो जाता है. हर काम में सब मिल कर सहयोग करते हैं. मस्ती करतेकरते काम कब निबट जाता है, पता ही नहीं चलता. वैसे भी घर में कोई सदस्य किसी काम में माहिर होता है तो कोई किसी काम में. मिल कर मस्ती करते हुए जो तैयारी होती है वह देखने लायक होती है.

मानसिक रूप से स्वस्थ त्योहारों के दौरान मिल कर खुशियां मनाने का अंदाज हमारे मन में सिर्फ उत्साह ही नहीं जगाता वरन हमें मानसिक तनाव से भी राहत देता है.  यूनिवर्सिटी औफ दिल्ली की साइकोलौजी की असिस्टैंट प्रोफैसर, डा. कोमल चंदीरमानी कहती हैं कि त्योहारों के समय बड़ों का आशीर्वाद और अपनों का साथ हमें ऊर्जा, सकारात्मक भावना और खुशियों से भर देता है. समूह में त्योहार मनाना हमारे मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. इस से हमारा सोशल नैटवर्क और जीवन के प्रति सकारात्मक सोच बढ़ती है, जीवन को आनंद के साथ जीने की प्रेरणा मिलती है.  हाल ही में अमेरिका में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों का समाजिक जीवन जितना सक्रिय होता है उन के मानसिक रोगों की चपेट में आने की आशंका उतनी ही कम होती है. शोध के अनुसार, 15 मिनट तक किया गया सामूहिक हंसीमजाक दर्द को बरदाश्त करने की क्षमता को 10% तक बढ़ा देता है.  अपने होने का एहसास: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अकसर हमें अपने होने का एहसास ही नहीं रह जाता. सुबह से शाम तक काम ही काम. मिल कर त्योहार मनाने के दौरान हमें पता चलता है कि हम कितने रिश्तेनातों में बंधे हैं. हम से कितनों की खुशियां जुड़ी हैं. तोहफों के आदानप्रदान और मौजमस्ती के बीच हमें रिश्तों की निकटता का एहसास होता है. हमें महसूस होता है कि हम कितनों के लिए जरूरी हैं. हमें जिंदगी जीने के माने मिलते हैं. हम स्वयं को पहचान पाते हैं. जीवन की छोटीछोटी खुशियां भी हमारे अंदर के इनसान को जिंदा रखती हैं और उसे नए ढंग से जीना सिखाती हैं.

बच्चों में शेयरिंग की आदत

आप के बच्चे जब मिल कर त्योहार मनाते हैं तो उन में मिल कर रहने, खानेपीने और एकदूसरे की परवाह करने की आदत पनपती है. वे बेहतर नागरिक बनते हैं.

बच्चे दूसरों के दुखसुख में भागीदार बनना सीखते हैं. उन में नेतृत्व की क्षमता पैदा होती है. घर के बड़ेबुजुर्गों को त्योहार पर इकट्ठा हुए लोगों को अच्छी बातें व संस्कार सिखाने और त्योहार से जुड़ी परंपराओं और आदर्शों से रूबरू कराने का मौका मिलता है.

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गिलेशिकवे दूर करने का मौका 

उत्सव ही एक ऐसा समय होता है जब अपने गिलेशिकवों को भूल कर फिर से दोस्ती की शुरुआत कर सकता है. त्योहार के नाम पर गले लगा कर दुश्मन को भी दोस्त बनाया जा सकता है. सामने वाले को कोई तोहफा दे कर या फिर मिठाई खिला कर आप अपनी जिंदगी में उस की अहमियत दर्शा सकते हैं. सामूहिक सैलिब्रशन के नाम पर उसे अपने घर बुला कर रिश्तों के टूटे तार फिर से जोड़ सकते हैं.

कम खर्च में ज्यादा मस्ती

जब आप मिल कर त्योहार मनाते हैं, तो आप के पास विकल्प ज्यादा होते हैं. आनंद व मस्ती के अवसर भी अधिक मिलते हैं. इनसान सब के साथ जितनी मस्ती कर सकता है उतनी वह अकेला कभी नहीं कर सकता. एकल परिवारों के इस दौर में जब परिवार में 3-4 से ज्यादा सदस्य नहीं होते, उन्हें वह आनंद मिल ही नहीं पाता जो संयुक्त परिवारों के दौर में मिलता था. सामूहिक सैलिब्रेशन में मस्ती और आनंद ज्यादा व खर्च कम का फंडा काम करता है.

FESTIVAL 2019: इस दीवाली फैमिली में कड़वाहट को ऐसे करें दूर

रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है. कभी-कभी न चाहते हुए भी इन में दूरियां आ जाती हैं. ऐसे में त्यौहार रिश्तों में आई दूरियों को मिटाने के लिए बेहतरीन मौका साबित हो सकते हैं और वैसे भी त्यौहारों और संबंधियों का रिश्ता गहरा होता है. त्यौहारों में संबंधी साथ न हों तो वे बेहद फीके लगते हैं, उनका मजा अधूरा ही रहता है.

1. रिश्तों में ताजगी लाते त्यौहार

त्यौहार हमें खुशी मनाने का मौका देते हैं, रूटीन लाइफ से अलग करते हैं. खुशी के ये ऐसे मौके होते हैं जिन्हें सगेसंबंधियों के साथ ऐंजौय करने से रिश्तों की खोई ताजगी को भी वापस लाया जा सकता है. परी अपना अनुभव बताती हैं, ‘‘मेरे पति और मेरे बीच अकसर इस बात को ले कर झगड़ा होता था कि वे अपने परिवार को समय नहीं देते. मैं जब भी उन से यह शिकायत करती कि वे मेरे साथ ऐंजौय क्यों नहीं करते तो हमारी बहस शुरू हो जाती, जिस की वजह से हमारा वैवाहिक जीवन बहुत ही नीरस होता जा रहा था. ‘‘लेकिन दीवाली के दिन तब हमारे सारे गिलेशिकवे दूर हो गए जब उन्होंने मुझे बिना बताए मेरी बहन और भाई को हमारे घर बुलाया और जब मैं सुबह सो रही थी तो उन सभी ने मुसकरा कर मुझे दीवाली की मुबारकबाद दी. मैं ने अपने पति, बहन और भाई के साथ बहुत ऐंजौय किया. उन के इस सरप्राइज ने तो मेरे सारे मूड को ही बदल दिया.’’

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2. करीब लाते हैं त्यौहार

समय के अभाव में एकदूसरे के साथ वक्त बिताना आज एक मुश्किल काम है. ऐसे में त्यौहार इस का अच्छा उपाय हैं. त्योहारों पर सभी की छुट्टी रहती है, इसलिए इन्हें सगेसंबंधियों के साथ मिलजुल कर मनाना चाहिए. इस से रिश्ते मजबूत होते हैं.

3. अपनों को न भूलें

अरुण एम.बी.ए. करने के लिए अमेरिका गया था. लेकिन हर त्यौहार पर अपने सभी रिश्तेदारों व दोस्तों को बधाई जरूर देता. उन्हें मैसेज और ईमेल भेजता. यानी वह दूर होते हुए भी सभी रिश्तेदारों, मित्रों से जुड़ा रहता. एकदूसरे से मेलमिलाप बढ़ाने का त्योहारों से अच्छा माध्यम और कोई नहीं हो सकता. बस जरूरत है, इन्हें याद रखने की चाहे आप अपनी जिंदगी में कितने भी व्यस्त क्यों न रहते हों अथवा दूर. त्यौहारों पर अपनों को याद करने पर आप यकीनन उन के दिलों में एक खास जगह बना लेंगे.

4. उपहार भेजें

त्योहारों के खास मौकों पर मार्केट में बहुत सुंदरसुंदर उपहार उपलब्ध होते हैं. उपहार छोटा हो या बड़ा, यह माने नहीं रखता. आप को दिखावा नहीं करना है, बल्कि उपहारों के जरिए करीबियों के प्रति अपनी भावनाएं दर्शानी हैं.

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5. बधाई अवश्य दें

अगर आप मिल कर मिठाई या गिफ्ट नहीं दे पाए तो कम से कम बधाई तो अवश्य दें. त्यौहार पर किया गया एक मैसेज या फोन भी आप के भावों को दर्शाने का अच्छा तरीका होता है. बधाई भरे मैसेज हर किसी के चेहरे पर मुसकान बिखेर जाते हैं.

6. सरप्राइज दें

त्यौहार के दिन बिना बताए ही संबंधियों व दोस्तों के घर उन की मनपसंद मिठाई ले कर पहुंच जाएं और उन्हें चौंका दें. यह निमंत्रण दे कर बुलाने से कहीं ज्यादा ऐक्साइटिंग तरीका बन जाता है. प्लानिंग से ऐंजौयमैंट करने से ज्यादा मजा चौंकाने में है.

उनकी जरूरत आपका उपहार और बहुत सारा प्यार

कोई हमारी जिंदगी में कितना महत्वपूर्ण है इसे हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते, क्योंकि अहसासों की जुबां नहीं होती. उन्हें तो बस महसूस किया जाता है एकदूसरे के प्रति लगाव और विश्वास के जरीए. आप कितना खयाल रखते हैं किसी का, कितनी शिद्दत से याद करते हैं इसे जताने का एक खूबसूरत मौका होता है त्योहार. खासकर दीवाली वह समय है जब आप दिल के रिश्तों को प्यार की रोशनी से संवार सकते हैं.

दीवाली जानी जाती है आतिशबाजी और रोशनी की बहार के साथसाथ दिलों को जोड़ते उपहारों के लिए. उपहार न हो तो बात नहीं बनती. दीवाली के मौके पर आप अपने करीबियों, रिश्तेदारों, मित्रों, पड़ोसियों को उपहार दे कर अपने रिश्ते की नींव मजबूत बनाते हैं. दीवाली का उपहार देते वक्त सामने वाले की जरूरत का खास खयाल रखना जरूरी होता है.

1. जब चुनना हो गिफ्ट

बजट तय करें-  उपहार का चुनाव करने से पहले जरूरी है उस के लिए अपना बजट तय करना. जरूरी नहीं कि बेहद कीमती तोहफा ही अच्छा हो. उपहार में देने वाले की भावना ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है. इसलिए अपनी जेब के अनुसार ही तोहफे का चुनाव करें. बेकार की चीजें उपहार में देने की मात्र औपचारिकता निभाने से बेहतर है कि 2-3 लोगों के बजट को मिला कर कोई अच्छा और उपयोगी उपहार दिया जाए. या फिर सस्ती, मगर काम की चीज गिफ्ट की जाए.

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2. उम्र के अनुसार हो उपहार

छोटे बच्चों को सौफ्ट टौएज पसंद आते हैं तो थोड़ा बड़े बच्चे इलैक्ट्रौनिक टौएज से खेलना पसंद करते हैं. इसी तरह कालेज जाने वाली लड़कियों को उपहार में कोई मेकअप प्रोडक्ट, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, स्टोल या सनग्लासेज दिए जा सकते हैं तो किसी शादीशुदा दोस्त को परफ्यूम सैट, पिक्चर फ्रेम या घर का कोई सजावटी सामान उपहार में देना अच्छा रहेगा. हर उम्र की अपनी पसंदनापसंद और जरूरतें होती है.

3. उस की रुचि में हमारी खुशी

हर व्यक्ति की अपनी अलग पसंद होती है. अपने उपहार को खास बनाने के लिए जरूरी है कि आप सामने वाले की पसंदनापसंद और रुचि के अनुसार ही उपहार चुनें. ध्यान दें कि वह अकसर कौन से रंग पहनना पसंद करता है, उस की पसंदीदा गतिविधियां क्या हैं, उस के घर की सजावट कैसी है, उस का पसंदीदा साहित्य या खेल कौन सा है, उसी हिसाब से आप उस के लिए उपहार का चुनाव करें.

4. समझते हैं आप की जरूरत

आप यदि रिश्तों में मिठास और प्यार बढ़ाना चाहती हैं तो दीवाली से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता. पत्नीबच्चे और मांबाप हों या फिर दोस्त या रिश्तेदार, किसी की कोई तकलीफ या कमी यदि आप लंबे समय से महसूस कर रहे हैं तो दीवाली के दिन वह चीज उपहार में दे कर रिश्तों में नई रोशनी फैला सकती हैं. इस से सामने वाला यह समझ पाएगा कि आप उस की कितनी परवाह करती हैं और वह भावनात्मक जुड़ाव महसूस करने लगेगा.

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फेस्टिवल में ट्राय करें ये फैशन टिप्स

सौजन्य- बीबा

प्रिंटेड कुरतियों के स्टाइलिश फैशन और मैचिंग फुटवियर के साथ उठाएं फैस्टिवल्स का लुत्फ.

यलो कलर की कुरती के साथ फ्लौवर प्रिंटेड पैरलल हो या लौंग कुरतियों के साथ पैंट और लैगिंग्स का जलवा, परफैक्ट लुक फौर फैस्टिव ओकेजन.

fashion-tips

ब्राइट कलर की प्रिंटेड कुरतियां पैरलल्स और लैगिंग्स के साथ. दुपट्टे का वर्क ड्रैस को दे रहा है फैस्टिव लुक.

लौंग स्लीव स्टाइलिश कुरतियां जो देंगी आप के रूप को नैचुरल ग्लो.

फैमिली के साथ ऐसे स्पेशल बनाएं फेस्टिवल

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में फेस्टिवल ही हमें हंसी-खुशी से सराबोर करते हैं पर आजकल फेस्टिवल पर महंगी चीजें खरीदने, महंगी चीजों से घर की सजावट करने और महंगे गिफ्टों के आदानप्रदान को ही अपनी शान समझा जाने लगा है. इन्हीं बेजान वस्तुओं में लोग अपनी खुशी ढूंढ़ने लगे हैं जबकि यह खुशी क्षणिक होती है. ऐसे में अपने परिवार के साथ फेस्टिवल को कैसे मनाया जाए ताकि वह आप और आप के परिवार के लिए यादगार बन जाए और उस की अनुभूति हमेशा आप को गुदगुदाती रहे. आइए हम बताते हैं:

प्राथमिकताओं पर अमल

इस फेस्टिवल पर आप यह जानने की कोशिश करें कि अब तक आप अपनी प्राथमिकताओं पर अमल करने में सफल रहे या नहीं. अगर नहीं तो इस फेस्टिवल पर सब कुछ छोड़ कर अपने परिवार के साथ रहें. इस अवसर पर परिवार को ज्यादा से ज्यादा समय दें. परिवार की इस भावना को समझें कि वह बजाय किसी महंगी वस्तु के केवल और केवल आप का साथ चाहता है.

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त्योहारों पर प्रियजनों के साथ समय बिताना बहुत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि अपने परिवार से प्यारा और कुछ नहीं होता है. जिन्हें हम दिल से प्यार करते हैं उन के साथ कनैक्ट होने का यह सब से बैस्ट समय होता है. जब हम सारे गिलेशिकवे भुला कर एकसाथ फेस्टिवल मनाते हैं तो उस का आनंद ही कुछ और होता है.

पुरानी यादों को दें नया रंग

पेरैंट्स अपने बच्चों की बचपन की तसवीरों का अलबम बना कर इस फेस्टिवल पर उन्हें भेंट करें. इस से वे अपनी पुरानी यादों से जुड़ेंगे. इस से उन्हें जो खुशी होगी वह आप को और खुशी प्रदान करेगी.

इसी तरह बच्चे भी अपने पेरैंट्स की पुरानी तसवीरों को खोजें. फिर उन्हें फ्रेम करवा कर उन्हें गिफ्ट करें. इस फेस्टिवल पर पेरैंट्स के लिए इस से अच्छा और कोई उपहार नहीं. ऐसे उपहार ही एकदूसरे को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं.

यादों को संजोएं कुछ ऐसे

अपने बच्चों के पहले खिलौने से ले कर उन के रिपोर्ट कार्ड व कपड़ों तक को संजोएं. फिर उन्हें रैप करा कर बच्चों को गिफ्ट करें. माना कि गुजरा समय भले लौट कर न आता हो. पर आप इन छोटीछोटी चीजों से अपने बच्चों को फ्लैशबैक में पहुंचा कर सुखद अनुभूति दे सकते हैं कि वे बचपन में इन खिलौने से खेलते थे. ये कपड़े पहनते थे, उन के ऐसे मार्क्स आते थे.

बच्चों को उन के पूर्वजों से रूबरू करवाएं

आजकल एकल परिवारों के चलते बच्चे अपने पूर्वजों से अनजान रहते हैं. ऐसे में आप का फर्ज बनता है कि आप इस फेस्टिवल पर उन्हें अपने पूर्वजों से रूबरू होने का मौका दें खास कर बेटा, बहू, दामाद, बेटी, पोतीपोते को कि वे कैसे दिखते थे, उन में क्या खासीयत थी. इस के लिए आप पुरानी तसवीरों को अपडेट कर के उन्हें दें और उन्हें उन की बातें बताएं. अगर कोई पूर्वज अभी जीवित है, तो उन से इन्हें मिलाएं. इस से बच्चे तो खुश होंगे ही. उन से मिल कर बुजुर्गों को भी बहुत खुशी होगी. ऐसा करने से बच्चे भी परिवार के अन्य लोगों से मिल कर उन्हें जान सकेंगे कि हमारे परिवार में कौनकौन है.

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ईट टुगैदर

अपने परिवार के साथ लंच या डिनर का प्रोग्राम ऐसी जगह बनाएं, जो परिवार के सभी सदस्यों को पसंद हो. ऐसे माहौल में हंसीखुशी के अलावा और कोई बात न हो. एकदूसरे की बातों को सुनें, समझें, रुचियों के बारे में जानें. ऐसा करने से अपनेपन की भावना तो जगेगी ही, साथ ही इन सब बातों के बीच खाने का मजा भी बढ़ जाएगा.

लौंगड्राइव पर जाएं

इस फेस्टिवल पर अपनी खुशियों को आप अपने परिवार को लौंगड्राइव पर ले जा कर पूरी कर सकते हैं. इस से आप का भरपूर मनोरंजन होगा. पूरे परिवार का एकसाथ सफर करना यादगार ट्रिप बन जाएगा, क्योंकि ऐसे मौके कम ही आते हैं जब पूरी फैमिली एकसाथ कहीं जाए.

इस तरह यह फेस्टिवल आप और आप के परिवार के लिए यादगार बन जाएगा और आप इन सुनहरी यादों में सालोंसाल खोए रहेंगे.

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10 टिप्स: मेकअप करते समय रखें इन बातों का ध्यान

फेस्टिवल हो या पार्टी हर किसी को मेकअप करना बेहद पसंद होता है, लेकिन मेकअप से जुड़ी कुछ बातें ऐसी हैं, जिसकी अगर हम ख्याल नहीं रखें तो ये हमारी स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. प्रौफेशन की टिप्स की माने तो डौ निववेदिता की कुछ बातें ऐसी है, जिसके लिए मेकअप करते समय सावधानी रखना जरूरी है. ताकि आपकी स्किन को कोई नुकसान न हो.

मेकअप में इन बातों का भी रखें खास खयाल

1. आई मेकअप करने से पहले अपने हाथों को वाश करना न भूलें. इससे आप बैक्टीरिया व जर्म्स के संपर्क में आने से बच पाएंगी.

2. कोई भी प्रोडक्ट खरीदने व इस्तेमाल करने से पहले उनकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें वरना आपकी स्किन पर साइड इफ़ेक्ट हो सकता है. अपनी मेकअप किट से एक्सपायरी प्रोडक्ट्स को आउट करें.

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3. मेकअप प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने के बाद उन्हें टाइटली बंद कर दें , वरना उनके सूखने का डर बना रहता है.

4. लिपस्टिक, लाइनर, मसकारा व काजल जैसे प्रोडक्ट्स को किसी के साथ शेयर नहीं करें. क्योकि इससे इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है.

5. अगर आपके मेकअप प्रोडक्ट का कलर चेंज हो गया है या फिर वह थिक हो गया है तो भूल कर भी उसमें पानी डालकर उसे सही करने की कोशिश न करें. क्योंकि इससे भी इन्फेक्शन हो सकता है.

6. अपने मेकअप प्रोडक्ट्स को सेफ रखने के लिए उन्हें हीट वाली जगहों पर न रखें. बल्कि आप उन्हें ड्राई व ठंडी जगहों पर रखें.

7. अपने स्किन टाइप को ध्यान में रखकर ही हमेशा मेकअप प्रोडक्ट्स खरीदें. क्योंकि इससे जब हम स्किन टाइप के हिसाब से मेकअप प्रोडक्ट्स खरीदते हैं तो उसका रिजल्ट अच्छा आ पाता है.

8. रात में मेकअप लगाकर न सोएं. बल्कि मेकअप रिमूवर की मदद से मेकअप को हटाएं.

9. हैल्थी बालों के लिए औयलिंग करना न भूलें. हफ्ते में 3-4 बार औयलिंग जरूर करें. इनर के साथसाथ अपनी आउटर पर्सनालिटी को बढ़ाने के लिए पोस्टिक डाइट लें.

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10. अवसर के हिसाब से ही मेकअप करें. दिन के लिए लाइट और रात के लिए डार्क मेकअप ही करना सही रहता है.

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