आइये अब जानते हैं अविरल की आने वाली जिंदगी के बारे में-
अविरल और अनु के फ़ाइनल एक्जाम के रिज़ल्ट काफी अच्छे आए थे . 4th के एक्जाम टॉप करने के बावजूद अविरल खुश नहीं थी. उसकी खुशी कहीं गुम सी हो गयी थी.वह हर समय उदास रहने लगा. कोई नहीं समझ पा रहा था की अविरल क्यों उदास है पर अनु को अविरल की उदासी का कारण साफ-साफ समझ आ रहा था . अनु उसे समझाती की भले ही उनके स्कूल अलग-अलग हो पर वो हर कंडिशन में उसके साथ है.वह उसे बहुत समझाने कि कोशिश करती. अविरल को थोड़ी देर तो समझ आता लेकिन फिर वो उदास हो जाता. एड्मिशन का टाइम आ चुका था. अनु का एड्मिशन दूसरे स्कूल में हो गया.
अविरल को आज पहले दिन अकेले स्कूल जाना था. उसका मन भरा हुआ था .अनु भी बहुत उदास थी पर क्या करती . अविरल अब स्कूल में एकदम शांत हो गया. बच्चे उसे “ए हकले – ए हकले” कहकर चिढ़ाते लेकिन वह कुछ न बोलता. बस वहाँ से चला जाता. अविरल स्कूल के दरवाजों की तरफ बार बार देखता जहां से अनु हर पीरियड के बाद आती थी.
अब वो अपने आपको बहुत अकेला महसूस करने लगा था. अब अविरल का मन पढ़ाई में भी कम लगता था. कुछ दिनो में अविरल का टूर फिर से जाने वाला था लेकिन इस बार अनु के बिना टूर पर जाने का उसका मन नहीं था. लेकिन माता- पिता और अनु के समझाने पर वह चला गया.
अविरल को अनु ने समझा-बुझा कर टूर पर तो भेज दिया लेकिन कहीं न कहीं उसका मन बहुत बेचैन होने लगा था. उसका किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था .वो रात दिन उसका इंतज़ार करती थी.
और हाँ यह बात 1995 कि है जब फोन नहीं हुआ करते थे. टूर में बच्चों ने अविरल का खूब मज़ाक बनाया. यहाँ तक की उसका सूटकेस भी तोड़ दिया. वह रोने लगा . वह जल्दी से घर पहुँचने कि राह देखने लगा. यहाँ अनु भी अविरल कि जगह तकिया लगाकर सोती. उसने खेलने कि जगहों पर कई बार लिखा-“भैया कब आओगे, जल्दी आओ न”.
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10 दिनों बाद अविरल वापस आ गया. समय बीतने लगा. माता पिता को लगता था कि अविरल का हकलापन समय के साथ ठीक हो जाएगा लेकिन अब अविरल डिप्रेशन में जाने लगा था. वह लोगों से दूर रहने लगा. कुछ समय बाद उसकी दोस्ती अमित से हो गयी. अमित की दोस्ती ने अविरल को एक सहारा तो दिया लेकिन कहीं न कहीं उसकी पढ़ाई पर असर भी डाला . 5th क्लास का रिज़ल्ट कुछ खास अच्छा नहीं आया. दो तीन साल और बीत गए. अब अविरल के स्कूल में भी कोएड एडुकेशन स्टार्ट हो गयी.
अमित की चचेरी बहन पल्लवी और उसकी दोस्त सुमि का एड्मिशन भी उसी स्कूल में हो गया. अमित, अविरल और पल्लवी तीनों अच्छे दोस्त बन गए और बाद में पल्लवी की दोस्त सुमि भी अविरल से बात करने लगी. इनमे से कोई भी कभी अविरल का मज़ाक नहीं बनाता था. सभी उससे बोलते थे कि जब तुम्हें आन्सर आता है तो तुम क्लास में बताते क्यूँ नहीं. अविरल कुछ नहीं बोलता था. अविरल के दोस्तों को अविरल का भोलापन देखकर बहुत दुख होता.
अविरल को दोस्त तो मिल गए थे लेकिन उसकी कमी उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी. जब वह औरों से अपनी तुलना करता तब वह अपने हकलापन को अपनी सबसे बड़ी कमी समझता . उसका रिज़ल्ट भी साल दर साल खराब होता चला गया. अविरल सुमि को अपनी दूसरी बहन मानने लगा था जो कि स्कूल में हमेशा उसके साथ रहती. वो अनु की तरह ही अविरल को समझाती और उसकी बात सुनती थी. देखते ही देखते 10th का रिज़ल्ट भी आ गया. अविरल का रिज़ल्ट बहुत खराब आया. अविरल के माता पिता बहुत गुस्सा हुए लेकिन अनु ने सबको समझा लिया.
अब अविरल को लगने लगा कि वो न ढंग से बोल पाता है, न पढ़ाई में अच्छा है तो उसका मर जाना ही अच्छा है. उसने कई बार सुसाइड करने की कोशिश की लेकिन अनु का रोता हुआ चेहरा याद आता और वह रुक जाता.
10th के बाद अविरल का एड्मिशन दूसरे कॉलेज में हो गया. वहाँ भी लड़के उसे चिढ़ाते थे ।अब अविरल को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा था . एक बार तो वह जाकर लड़कों से भिड़ गया जहां उसे काफी चोटें भी आई. जब घरवालों ने उससे चोट के बारें में पूछा तो उसने बहाना बनाकर बात टाल दी.
लेकिन हर बार की इन्सल्ट उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी . एक दिन वह अपने चचेरे भाई आसू के पास गया जो की लड़ाई झगड़े में लगा रहता था. उसने सारी बातें आसू को बताई ।अगले दिन अविरल और आसू कुछ लड़कों के साथ गए और जो अविरल को चिढ़ाते थे उनसे खूब मारपीट की. आज अविरल बहुत खुश था. धीरे- धीरे अविरल गलत संगत में पड़ने लगा. उसे यह सब अच्छा लगने लगा .अनु काफी हद तक उसे समझा कर रखती. लेकिन अविरल अब बड़ा हो रहा था उसे अपने आगे किसी की बात समझ नहीं आती थी.
अविरल ने एक बार आसू को बताया कि उसकी क्लास में एक लड़की (सुमि) है जिसे वह अपनी बहन मानता है उसे कुछ लड़के घर आते- जाते परेशान करते हैं. अगले दिन अविरल और आसू कुछ लड़कों के साथ सुमि के पीछे- पीछे चलने लगे. जैसे ही कुछ लड़के सुमि को परेशान करने आए, आसू अपने दोस्तों के साथ वहाँ लड़ने पहुँच गया. उसके बाद वो लड़के कभी सुमि को परेशान करने नहीं आए.
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आसू मन ही मन सुमि से प्यार करने लगा. लेकिन सुमि उसे बिलकुल पसंद नहीं करती थी. वह अविरल से भी कहती कि आसू से अलग रहे, लेकिन अविरल नहीं मानता. आसू ने 1 बार राश्ते में सुमि को प्रपोज़ किया लेकिन सुमि ने डांटते हुए कहा कि “मैं तुमसे नफरत करती हूँ, अगली बार मेरे पास मत आना”.
आसू दुखी होकर घर लौट गया.
अगले भाग में हम जानेंगे कि क्या सुमि आसू को पसंद करेगी और क्या अविरल उनकी हेल्प करेगा?